04-08-2019, 03:30 AM
दोनों काफी देर से एक दुसरे के जिस्म से खेल रही थी | रीमा को बाथरूम जाना था | रीमा और रोहिणी के सब्र का बांध अब टूटने लगा था दोनों ने केले की तरह तेजी से बचे हुए कपड़े अपने जिस्म से निकाल फेंके | अब दोनों पूरी तरह से नंगी हो गयी थी | पूरी तरह से मतलब पूरी तरह से | दोनों के गोरे दमकते बदनों पर कपड़े के रेशे का एक भी टुकड़ा नहीं था | अभी न कोई लाज थी न कोई शर्म थी न कोई हया थी न कोई चिंता थी न किसी का डर था | दोनों कौन है दोनों का रिश्ता क्या है सब बेईमानी था | अब बस वासना की आग थी उसमे जलते दो बदन थे जो अपने अपने तरीके से पुरजोर कोशिश में लगे थे अपने जिस्मो की आग बुझाने में | इससे पहले रीमा को रोहिणी अपने बांहों में समां लेती रीमा ने उंगली से बाथरूम जाने का इशारा किया | उसने तेजी से अपना गाउन पहना और कमरे से निकल गयी | उसकी अलमारी खुली हुई थी और जाने से पहले वो एक गाउन निकाल कर रोहिणी को दे गयी | रोहिणी भी पूरी तरह से नंगी थी रीमा के जाने के बाद उसने भी गाउन पहन लिया | गाउन के नीचे दोनों बिलकुल प्राकृतिक अवस्था में थी | बाथरूम से जल्दी ही रीमा बाहर आ गयी | वो फ्रिज से पानी पीकर बस वापस जाने को मुड़ी ही थी की रोहिणी के आकर उसे पकड़ लिया |
रोहिणी - मै भी प्यासी हूँ मेरी कट्टो रानी, इन सूखे ओंठो की भी प्यास नहीं बुझाओगी |
रोहिणी के अचानक से किचन में आने से रीमा एक दम चौक गयी थी - आपने तो मुझे डरा ही दिया था दीदी |
रोहिणी फिर कामुक आवाज में - बहुत प्यासी हूँ मेरी रानी |
रीमा भी उसी कामुकता भरी आवाज में - तो बुझा लो न प्यास |
रोहिणी - कैसे बुझाऊ, झरना तो तुमने छिपा रखा है |
रीमा रोहिणी की तरफ पानी की बोतल बढ़ाती हुई - तो बोतल से पीकर बुझा लो, हमेशा झरने से प्यास नहीं बुझाई जाती |
रोहिणी - जब प्यास झरने की हो तो बोतल से कैसे बुझेगी |
रीमा पसोपेश - अब झरना कहाँ से लाऊ |
रोहिणी - जरना तो तेरे अन्दर ही है बस टी उसे छिपाकर रखी | रीमा ने रोहिणी के पानी पीने के बाद बोतल फ्रिज में रखी और कमरे की तरफ चलने को हुई | तभी रोहिणी के रीमा को पीछे थाम लिया और उसकी पतली गोरी गर्दन पर अपने गरम ओंठो को चिपका दिया | उसके कान के नीचे चूमने लगी | रीमा का वो सेक्स पॉइंट था, रीमा मदहोश होने लगी | रोहिणी की गरम गरम सांसे रीमा के कानो में घुसने लगी | रीमा ने अपने हाथ पीछे करके रोहिणी के चूतड़ों को थाम लिया और मसलने लगी | रोहिणी ने एक हाथ रीमा की गर्दन पर रखकर उसके गर्दन को चूमने लगी | उसने हलके से रीमा के गाउन को ढीला करके कंधे से खिसका दिया | उसके बगाउन वैसे भी बस अटका ही रखा था | रोहिणी के हाथ लगाते ही आधा गाउन खुल गया | रीमा की छाती की उठी हुई उन्नत पहाड़ी साफ़ साफ़ बाहर झाँकने लगी | रोहिणी ने उसे हाथो में भर लिया और उसके स्तन को मसलने लगी थी
रीमा रोहिणी के चूतड़ों को मसल रही थी और रोहिणी रीमा के स्तन को मसल रही थी उसकी गर्दन और कान के बीच में रोहिणी के जादुई गुलाबी ओंठो का गीला गीला गुलाबी स्पर्श रीमा को पागल बनाये दे रहा था | वह वासना में पूरी तरह से नहाई डूबी हुई जा रही थी उसके मुंह से निकलने वाली मादक कराहे बता रही थी कि अब वह वासना में पूरी तरह से डूब चुकी है इसी बीच में रोहिणी ने रीमा को दीवार से सटा दिया और उसके आगे आकर उसको बाहों में भर लिया और उसको चूमने लगी रीमा ने भी रोहिणी के बालों को पकड़ कर उसको अपने मुंह से सटा लिया रोहिणी के हाथ हाथ रीमा के कमर पर थे और रीमा के साथ रोहिणी की कमर पर पर से फिसलते हुए उसके चुताड़ो की मालिश करने जा रहे थे | धीरे से रीमा ने रोहिणी का नाइट गाउन नीचे गिरा दिया उसके बड़े बड़े स्तन नुमाया हो गए उसका गाउन उसके हाथों में फंस करके उसकी कमर पर लटकने लगा था रोहिणी अपनी कमर के ऊपर पूरी तरह से नंगी हो गई थी उसकी गोरी चिकनी पीठ उसके बड़ी बड़ी छातियों सब कुछ साफ-साफ नुमाया हो रहा था रीमा का हाथ रोहिणी के बड़े-बड़े चूतड़ों पर फिसल रहा था और रोहिणी के गुलाबी मदमस्अत अधर रीमा के गुलाबी होठों का रसपान कर रहे थे दोनों के अंदर वासना की जबरदस्त गर्मी छाई हुई थी इसी बीच में दोनों ने कुछ खेल में मस्ती करने की सूझी और रोहिणी ने रीमा की जीभ से जीभ टकरानी शुरू कर दी रीमा जल्दी ही समझ गई कि रोहिणी क्या करना चाह रही है उसने भी रोहिणी की जीभ से जीभ लड़ानी शुरू कर दी | दोनों मुंह खोल कर एक दूसरे से जीभ लड़ा रही थी इधर ही रीमा के हाथ रोहिणी के बड़े-बड़े भारी भरकम मांसल चुताड़ो की मालिश कर रहे थे | उधर रोहिणी रीमा की पीठ पर अपने हाथ जमाये हुए थी | और उसकी नाजुक नरम गोरी पीठ को सहला रही थी | उनकी जवानी आपस में कबड्डी खेल रही थी और दोनों एक दूसरे की हरकतें देखकर अंदर ही अंदर गदगद हो रही थी, खिलखिला रही थी | दोनों एक दूसरे से जीभ लड़ाते लड़ाते एक दूसरे के मुंह में अपनी जीभ घुसेड़ने लगी |
जब रीमा अपनी जीभ रोहिणी के मुहँ में घुसेद्ती तो रोहिणी उसका रस पान करती और जब रोहिणी अपनी जीभ रीमा के मुहँ में घुसेद्ती तो रीमा उसका रस पान करती | रीमा ने अपनी पूरी जीभ बाहर निकाल कर रोहिणी के मुंह में घुसा दी उधर रोहिणी ने रीमा की पूरी जीभ को अपने मुंह में भर लिया और चूसती चली गई | कुछ देर बाद रोहिणी ने भी ऐसा किया उसने भी अपनी पूरी जीभ को रीमा के मुंह में घुसा दी और रीमा उसकी जीभ को अपने होंठों के सख्त गिरफ्त में लेकर चूसती चली गयी | दोनों के दुसरे में गुथाम्गुत्था होकर अपने बेडरूम की तरफ बढ़ चली | दोनों ने न एक दुसरे को चूमना बंद किया न सहलाना बंद किया | ग़जब की वासना थी गजब का जिस्मानी खेल था | ऐसा लग रहा था जैसे दोनों वर्षो से एक दुसरे के प्यार में हो और आज मिलन हुआ हो | दोनों एक पल को भी एक दुसरे से अलग होने को तैयार नहीं थी | रोहिणी भी मर्दों से बहुत बार चुदी थी इसलिए उसे अब उस चुदाई में बोरियत महसूस होती थी |
रोहिणी का औरतो के साथ भी अनुभव था लेकिन ये कुछ लगा ही हटकर था | ये जादुई था उर इसके सम्मोहन में रोहिणी पूरी तरह से बांध चुकी थी | दोनों एक दुसरे को छेड़ते, चिकोटी काटते बेडरूम पहुंचे | रोहिणी ने दरवाजा लॉक किया और खिड़की भी बंद कर दी | तेजी से आकर फिर से रीमा से लिपट गयी | दोनों के गाउन छिलके की तरह से बदन से उतर गए | अब बस दो वासना की गर्मी में झुलसते दो नंगे बदन थे, उनके बीच कुछ नहीं था कपडे का एक रेशा तक नहीं था | दोनों के नंगे पसीने के गीलेपन की चमक बिखेरते बदन फिर से एक दुसरे से चिपक गए | दोनों गुथाम्गुत्था हो गयी, एक दुसरे को चूमने लगी |
कुछ देर तक चूमा चाटी होती रही फिर रीमा का रोहिणी की पीठ पर फिसलता हाथ रोहिणी के चूतड़ पर फिसलने लगा | चूतड़ पर फिसलते फिसलते उसकी उंगलिया रोहिणी के गांड के छेद पर तैरने लगी | रोहिणी के मुहँ से आह निकल गयी | रीमा चौक गयी | उसे नहीं समझ आया ये क्या था | उसने कुछ अप्ररत्याशित ना हो इस डर से जल्दी से अपने हाथ को नीचे की ओर बढ़ा दिया | रीमा की उंगलिया अब रोहिणी की चूत घाटी में थी | बिलकुल अनावृत चूत घाटी | उसके मोटे मोटे गुलाबी कसे हुए ओंठ और उसकी पतली सी चूत दरार , उसका मोटा सा चूत दाना | सब कुछ अलग था रोहिणी का | रीमा उसकी चूत के ओंठो पर अपनी उंगलिया फिराने लगी | उसके स्तन को मुहँ में भरकर उसका रस पान करने लगी | रोहिणी तो रीमा के उन्नत छातियों का रस पी चुकी थी लेकिन रोहिणी का स्वाद अभी तक रीमा ने नहीं चखा था | रीमा ने रोहिणी के ओंठो का रसपान बंदकर उसकी गर्दन को चूमती हुई नीचे खिसक गयी और रोहिणी की सुडौल बड़ी बड़ी छातियों से खेलने लगी | उसने एक हाथ से रोहिणी के स्तन को थम और उसकी चूची पर अपनी गीली जीभ फिराने लगी | आह क्या स्पर्श था | तपता बदन, उन्नत तनी हुई चोटियाँ उस पर किसी का खुरदुरा गीला रसीला स्पर्श | रोहिणी आनंद से सरोबर हो गयी | रीमा उसके निप्पल को मुहँ में लेकर चूसती, उसे अपनी जीभ से सहलाती उसकी मालिश करती और फिर मुहँ में लेकर छोटे बच्चे की तरह चूसने लगती | रोहिणी के स्तन बड़े थे और उनमें उम्र के हिसाब से लटकन भी थी | लेकिन रीमा की गुलाबी गीली जीभ और उसके गुलाबी तो जादू ही किये हुई थी | वो रोहिणी के अन्दर का सारा रस जैसे आज ही निचोड़ लेना चाहते हो |
रोहिणी के बस में सिसकारियां निकालने के अलवा कुछ और नहीं था | वो सिसकारियां निकल रही थी | रीमा अपनी पूरी सआत्मा तन मन से लगी हुई थी रोहिणी के स्तनों का मर्दन चूषण करने में | वो बार रोहिणी के स्तन को अपने मुंह में भर चुस्ती, उन्हें सहलाती, उनकी घुंडियो को मसलती और रोहिणी की मदहोश आँखों में झांककर देखती की उसे मजा आ रहा है या नहीं |
उसके सतनो को अपने ओंठो और जीभ के स्पर्श से आनंद्तिरेक करने के बाद रीमा रोहिणी के पेट और नाभि पर अपना जादू बिखरती हुई उसकी चूत घाटी में उतार गयी | रीमा ने रोहिणी का चूत दाना आपनी उंगलियों के कब्जे में ले लिया और उसे मसलने गयी | चूत दाने पर रीमा की उंगलियों का नरम स्पर्श पड़ते ही रोहिणी शरीर में उठने वाली वासना की कामुक तरंगो से कसमसाने लगी | रीमा ने रोहिणी के चूत दाने को कसकर 8 - १० बार रगडा और फिर अपने गुलाबी ओंठ उसके जिस्म में वासना की आग दावानल बनाने वाले हिस्से पर रख दिए | रोहिणी को तो जैसे ४४० वोल्ट का तेज झटका लगा हो, वो वासना की तरंग से नाह गयी - आआआआआअह्हह्हह्हह्ह्हह |
उसके चूत की दीवारों में तेजी से तरंगे दौड़ने लगी और वहां से निकलकर ऊपर की तरफ उसकी नाभि से होते हुए उसके दिलो दिमाग सबको को कम्पित करने लगी | रीमा ने रोहिणी के चूत दाने को अपने गुलाबी ओंठो को सख्त जकड़न में ले लिया था | उसके पता था एक औरत को अगर एक औरत सुख दे सकती है तो उसका सबसे महत्वपूर्ण केंद्र ये चूत दाना है | अपनी खुदुरी जीभ और सख्त ओंठो से रीमा बेतहाशा रोहिणी का चूत दाना चूमे जा रही थी | रोहिणी के मुहँ से बस कराहे ही निकल रही थी जीतनी बुरी तरह रीमा उसके चूत दाने को चूस रही थी उतनी तेज ही उसके मुहँ से कामुक सिसकारियां फुट रही थी |
रोहिणी के मुहँ से बस - आआअह्ह्ह्ह ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआआआह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह | की आवाजे ही निकल रही थी |
रीमा किसी भूखी शेरनी की तरह रोहिणी के चूत दाने पर टूट पड़ी थी, वो बेतहाशा उसे चुसे जा रही थी और रोहिणी के मुंह से भी उसी तरह से सिसकारियां की बौछारे लगातार फुट रही थी
इस तरह से कसकर चूत दाने को चूसने से रोहिणी की उत्तेजना बहुत बढ़ गई थी और वह तेजी से कराहने लगी थी | उसकी चूत पानी का झरना बन गयी थी | चूत की दीवारे लगातार पानी छोड़ रही थी और उसकी चूत की बारिश की हल्की फुहारों के बीच रीमा अपने तपते बदन की गरमी दूर कर रही थी | रोहिणी की चूत से बहते पानी को देख रीमा और जोश में आ गयी | उसने चूत दाने को छोड़ रोहिणी चूत पर अपनी गीली जुबान फिरनी शुरू कर दी | रीमा ने रोहिणी की जांघे थोडा और फैलाई| उसकी चूत के ओंठो को उंगलियों से खोला और उसकी गुलाबी सुरग के कपाट खुलते ही उसकी गुलाबी मखमली सुंग का रास्ता साफ़ दिखने लगा | रीमा ने रोहिणी की गुलाबी चूत के बहारो ओंठो को खीचकर फैलाया और उसकी मखमली सुरंग में अपनी नुकीली खुरदुरी गुलाबी जीभ घुसेड़ दी | रोहिणी की मक्खन की तरफ नरम गीली चूत पर गीली जीभ का स्पर्श होते ही रोहिणी आनंद के सागर में गोते लगाने लगी |
रीमा अपनी जुबान से रोहिणी की गुलाबी चूत की मालिश करने लगी | रोहिणी की चूत का छेद खुलने लगा और रीमा की जुबान भी उसके चूत के गुलाबी घोसले में घुसने लगी | रीमा ने अपनी जुबान बाहर निकाली और अपनी जुबान से रोहिणी की चूत को जैसे कि लंड से चूत को चोदने के लिए अंदर बाहर होता है उसी तरह से उसकी चूत में अपनी जुबान को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था रीमा अपनी जीभ से रोहणी की चूत को चोद रही थी और रोहिणी रीमा की गुलाबी जीभ से चुदने के कारण स्वर्ग के सुख का आनंद ले रही थी औरतों औरतों के बीच का सेक्स कुछ अलग ही होता है यहां पर लंड रीमा भी वही कर रही थी इससे पहले ये सब रीमा ने कभी नहीं किया था | न ही कभी किसी चूत के साथ इस तरह से खेलने का कोई अनुभव था लेकिन जैसे ही उसकी नजर रोहिणी की गुलाबी चूत पर पड़ी रीमा से रहा ना गया और आकर रोहिणी की चूत चूसने लगी | न केवल चूसने लगी बल्कि अपनी खरखरी जीभ से रोहिणी की चूत को चोदने भी लगी थी | ये न तो कभी किसी को बताया था ना ही यह कभी किसी ने सिखाया था ना हीरीमा ने ये सब पहले किया था उसने कुछ वीडियो में पहले देखा था ........रीमा ने जो वीडियो में देखा था वही कर रही थी रोहिणी को भी अंदाजा नहीं था कि रीमा इस तरह से किसी औरत के साथ में एक्सपर्ट की तरह पेश आएगी | रोहिणी को लग रहा था कि उसे रीमा को बताना पड़ेगा लेकिन यहां तो रीमा रोहिणी को हैरान किये हुए थी अब तो रोहिणी को लग रहा था कि उसे तो रीमा से सीखना चाहिए था | कहां वो रीमा को सिखाने चली थी यहां तो अब खुद रीमाँ से सीखने की नौबत आ गई थी हालांकि जिस तेजी और बेतहाशा अंदाज में रीमा रोहिणी की गीली चूत को चूस रही थी चोद रही थी उससे रोहिणी की हालत खराब होने लगी थी वह नहीं चाहती थी कि इतनी जल्दी वो निपट जाये, उसका चरम आ जाये वो पनी चूत से अभी बहुत पानी बहाना चाहती थी उसके बाद कही जाकर अपने चरम को हाशिल करना चाहती थी |
ये अहसास होते ही उसने झट से अपने आप अपनी रीमा से अलग किया और खुद नीचे रहते हुए भी खुद ही बिस्तर पर उसने रीमा को १८० डिग्री पर घुमा दिया | रीमा रोहिणी के ऊपर तो थी लेकिन बिलकुल उल्टा | रीमा के मुहँ के सामने रोहिणी की चूत थी और रोहिणी के सामने रीमा की चूत थी | रीमा की गुलाबी चूत देखते ही रोहिणी तो जैसे सम्मोहित हो गयी | चिकना साफ़ सुथरा चूत घाटी का इलाका , दोनों गुलाबी ओंठ एक दुसरे से सटे हुए, उसके शुरूआती हिस्से में किसी मणि की तरह लगा उसका चूत दाना | पीछे मांसल चुताड़ो की की ऊँची उठान के बीच बनी तीखी गहरी घाटी में हलका गुलाबी रंगत वाला अपनी मजबूत फौलादी जकड़न लिए उसकी गाड़ का खूबसूरत छेद | रोहिणी ने रीमा की गुलाबी घाटी में अपनी उंगलियों का जादू बिखेरना शुरू कर दिया था | उसने रीमा की जांघे अपने दोनों कंधो की तरफ फैला दी | उसकी गुलाबी चूत के बाहरी ओंठ उसकी जांघो के फैलाते ही खुल गए | उसकी चूत पूरी तरह से गीली थी और उसके चूत के ओंठ चूत रस से पूरी तरह से भीगे हुए थे | उसकी चूत के अंदरूनी ओंठ जो एक दुसरे से चिपके हुए थे रोहिणी के उंगली लगाते ही खुल गए | दोनों ओंठ पूरी तरह से चूत रस से सने हुए थे और रीमा के जिस्म की भीनी भीनी खुसबू से सरोबार थे | रोहिणी ने अपनी दो उंगलियों को रीमा की चूत पर लगाया और उसकी चूत की गुलाबी मखमली सुरंग का दरवाजा खुल गया |
रीमा की गुलाबी चूत की सुरंग का दरवाजा रोहिणी की आंखों के सामने नुमाया हो गया क्या चूत थी | रोहिणी तो एक बरगी को एक बार तो हैरान रह गई थी, उसने इतने करीब में रीमा की चूत कभी नहीं देखि थी | ऊपर से रीमा की चूत से निकलने वाले रस की गंध ने रोहिणी को पहले ही मदहोश कर रखा था | रीमा के खूबसूरत बदन की तरह रीमा की चूत भी बहुत खूबसूरत थी और रोहिणी जानती थी कि इतनी खूबसूरत चूत बहुत ही कम औरतों की होती है | जैसे रीमा के बदन के घुमाव, कटाव, उभार और जादुई बनावट थी वैसे ही उसकी चूत की बनावट थी | रोहिणी भी बिना तारीफ के रह नहीं पाई |
उसने भी रीमा से बोला - रीमा तू तो सच में बहुत ही खूबसूरत है भगवान ने तुझे फुर्सत में बनाया है और तेरे बदन से ज्यादा खूबसूरत तेरी चूत है | इतनी खूबसूरत है की मर्दों की तो छोड़ ही दो जो औरत देख ले वो औरत इसकी दीवानी हो जाए तेरी चूत बहुत ही प्यारी है और बहुत ही खूबसूरत है मन करता है इसे मुहँ से लेकर गप्प गप्प कर खा जाऊ | हाय क्या बला की खूबसूरत बनावट है |
रोहिणी - मै भी प्यासी हूँ मेरी कट्टो रानी, इन सूखे ओंठो की भी प्यास नहीं बुझाओगी |
रोहिणी के अचानक से किचन में आने से रीमा एक दम चौक गयी थी - आपने तो मुझे डरा ही दिया था दीदी |
रोहिणी फिर कामुक आवाज में - बहुत प्यासी हूँ मेरी रानी |
रीमा भी उसी कामुकता भरी आवाज में - तो बुझा लो न प्यास |
रोहिणी - कैसे बुझाऊ, झरना तो तुमने छिपा रखा है |
रीमा रोहिणी की तरफ पानी की बोतल बढ़ाती हुई - तो बोतल से पीकर बुझा लो, हमेशा झरने से प्यास नहीं बुझाई जाती |
रोहिणी - जब प्यास झरने की हो तो बोतल से कैसे बुझेगी |
रीमा पसोपेश - अब झरना कहाँ से लाऊ |
रोहिणी - जरना तो तेरे अन्दर ही है बस टी उसे छिपाकर रखी | रीमा ने रोहिणी के पानी पीने के बाद बोतल फ्रिज में रखी और कमरे की तरफ चलने को हुई | तभी रोहिणी के रीमा को पीछे थाम लिया और उसकी पतली गोरी गर्दन पर अपने गरम ओंठो को चिपका दिया | उसके कान के नीचे चूमने लगी | रीमा का वो सेक्स पॉइंट था, रीमा मदहोश होने लगी | रोहिणी की गरम गरम सांसे रीमा के कानो में घुसने लगी | रीमा ने अपने हाथ पीछे करके रोहिणी के चूतड़ों को थाम लिया और मसलने लगी | रोहिणी ने एक हाथ रीमा की गर्दन पर रखकर उसके गर्दन को चूमने लगी | उसने हलके से रीमा के गाउन को ढीला करके कंधे से खिसका दिया | उसके बगाउन वैसे भी बस अटका ही रखा था | रोहिणी के हाथ लगाते ही आधा गाउन खुल गया | रीमा की छाती की उठी हुई उन्नत पहाड़ी साफ़ साफ़ बाहर झाँकने लगी | रोहिणी ने उसे हाथो में भर लिया और उसके स्तन को मसलने लगी थी
रीमा रोहिणी के चूतड़ों को मसल रही थी और रोहिणी रीमा के स्तन को मसल रही थी उसकी गर्दन और कान के बीच में रोहिणी के जादुई गुलाबी ओंठो का गीला गीला गुलाबी स्पर्श रीमा को पागल बनाये दे रहा था | वह वासना में पूरी तरह से नहाई डूबी हुई जा रही थी उसके मुंह से निकलने वाली मादक कराहे बता रही थी कि अब वह वासना में पूरी तरह से डूब चुकी है इसी बीच में रोहिणी ने रीमा को दीवार से सटा दिया और उसके आगे आकर उसको बाहों में भर लिया और उसको चूमने लगी रीमा ने भी रोहिणी के बालों को पकड़ कर उसको अपने मुंह से सटा लिया रोहिणी के हाथ हाथ रीमा के कमर पर थे और रीमा के साथ रोहिणी की कमर पर पर से फिसलते हुए उसके चुताड़ो की मालिश करने जा रहे थे | धीरे से रीमा ने रोहिणी का नाइट गाउन नीचे गिरा दिया उसके बड़े बड़े स्तन नुमाया हो गए उसका गाउन उसके हाथों में फंस करके उसकी कमर पर लटकने लगा था रोहिणी अपनी कमर के ऊपर पूरी तरह से नंगी हो गई थी उसकी गोरी चिकनी पीठ उसके बड़ी बड़ी छातियों सब कुछ साफ-साफ नुमाया हो रहा था रीमा का हाथ रोहिणी के बड़े-बड़े चूतड़ों पर फिसल रहा था और रोहिणी के गुलाबी मदमस्अत अधर रीमा के गुलाबी होठों का रसपान कर रहे थे दोनों के अंदर वासना की जबरदस्त गर्मी छाई हुई थी इसी बीच में दोनों ने कुछ खेल में मस्ती करने की सूझी और रोहिणी ने रीमा की जीभ से जीभ टकरानी शुरू कर दी रीमा जल्दी ही समझ गई कि रोहिणी क्या करना चाह रही है उसने भी रोहिणी की जीभ से जीभ लड़ानी शुरू कर दी | दोनों मुंह खोल कर एक दूसरे से जीभ लड़ा रही थी इधर ही रीमा के हाथ रोहिणी के बड़े-बड़े भारी भरकम मांसल चुताड़ो की मालिश कर रहे थे | उधर रोहिणी रीमा की पीठ पर अपने हाथ जमाये हुए थी | और उसकी नाजुक नरम गोरी पीठ को सहला रही थी | उनकी जवानी आपस में कबड्डी खेल रही थी और दोनों एक दूसरे की हरकतें देखकर अंदर ही अंदर गदगद हो रही थी, खिलखिला रही थी | दोनों एक दूसरे से जीभ लड़ाते लड़ाते एक दूसरे के मुंह में अपनी जीभ घुसेड़ने लगी |
जब रीमा अपनी जीभ रोहिणी के मुहँ में घुसेद्ती तो रोहिणी उसका रस पान करती और जब रोहिणी अपनी जीभ रीमा के मुहँ में घुसेद्ती तो रीमा उसका रस पान करती | रीमा ने अपनी पूरी जीभ बाहर निकाल कर रोहिणी के मुंह में घुसा दी उधर रोहिणी ने रीमा की पूरी जीभ को अपने मुंह में भर लिया और चूसती चली गई | कुछ देर बाद रोहिणी ने भी ऐसा किया उसने भी अपनी पूरी जीभ को रीमा के मुंह में घुसा दी और रीमा उसकी जीभ को अपने होंठों के सख्त गिरफ्त में लेकर चूसती चली गयी | दोनों के दुसरे में गुथाम्गुत्था होकर अपने बेडरूम की तरफ बढ़ चली | दोनों ने न एक दुसरे को चूमना बंद किया न सहलाना बंद किया | ग़जब की वासना थी गजब का जिस्मानी खेल था | ऐसा लग रहा था जैसे दोनों वर्षो से एक दुसरे के प्यार में हो और आज मिलन हुआ हो | दोनों एक पल को भी एक दुसरे से अलग होने को तैयार नहीं थी | रोहिणी भी मर्दों से बहुत बार चुदी थी इसलिए उसे अब उस चुदाई में बोरियत महसूस होती थी |
रोहिणी का औरतो के साथ भी अनुभव था लेकिन ये कुछ लगा ही हटकर था | ये जादुई था उर इसके सम्मोहन में रोहिणी पूरी तरह से बांध चुकी थी | दोनों एक दुसरे को छेड़ते, चिकोटी काटते बेडरूम पहुंचे | रोहिणी ने दरवाजा लॉक किया और खिड़की भी बंद कर दी | तेजी से आकर फिर से रीमा से लिपट गयी | दोनों के गाउन छिलके की तरह से बदन से उतर गए | अब बस दो वासना की गर्मी में झुलसते दो नंगे बदन थे, उनके बीच कुछ नहीं था कपडे का एक रेशा तक नहीं था | दोनों के नंगे पसीने के गीलेपन की चमक बिखेरते बदन फिर से एक दुसरे से चिपक गए | दोनों गुथाम्गुत्था हो गयी, एक दुसरे को चूमने लगी |
कुछ देर तक चूमा चाटी होती रही फिर रीमा का रोहिणी की पीठ पर फिसलता हाथ रोहिणी के चूतड़ पर फिसलने लगा | चूतड़ पर फिसलते फिसलते उसकी उंगलिया रोहिणी के गांड के छेद पर तैरने लगी | रोहिणी के मुहँ से आह निकल गयी | रीमा चौक गयी | उसे नहीं समझ आया ये क्या था | उसने कुछ अप्ररत्याशित ना हो इस डर से जल्दी से अपने हाथ को नीचे की ओर बढ़ा दिया | रीमा की उंगलिया अब रोहिणी की चूत घाटी में थी | बिलकुल अनावृत चूत घाटी | उसके मोटे मोटे गुलाबी कसे हुए ओंठ और उसकी पतली सी चूत दरार , उसका मोटा सा चूत दाना | सब कुछ अलग था रोहिणी का | रीमा उसकी चूत के ओंठो पर अपनी उंगलिया फिराने लगी | उसके स्तन को मुहँ में भरकर उसका रस पान करने लगी | रोहिणी तो रीमा के उन्नत छातियों का रस पी चुकी थी लेकिन रोहिणी का स्वाद अभी तक रीमा ने नहीं चखा था | रीमा ने रोहिणी के ओंठो का रसपान बंदकर उसकी गर्दन को चूमती हुई नीचे खिसक गयी और रोहिणी की सुडौल बड़ी बड़ी छातियों से खेलने लगी | उसने एक हाथ से रोहिणी के स्तन को थम और उसकी चूची पर अपनी गीली जीभ फिराने लगी | आह क्या स्पर्श था | तपता बदन, उन्नत तनी हुई चोटियाँ उस पर किसी का खुरदुरा गीला रसीला स्पर्श | रोहिणी आनंद से सरोबर हो गयी | रीमा उसके निप्पल को मुहँ में लेकर चूसती, उसे अपनी जीभ से सहलाती उसकी मालिश करती और फिर मुहँ में लेकर छोटे बच्चे की तरह चूसने लगती | रोहिणी के स्तन बड़े थे और उनमें उम्र के हिसाब से लटकन भी थी | लेकिन रीमा की गुलाबी गीली जीभ और उसके गुलाबी तो जादू ही किये हुई थी | वो रोहिणी के अन्दर का सारा रस जैसे आज ही निचोड़ लेना चाहते हो |
रोहिणी के बस में सिसकारियां निकालने के अलवा कुछ और नहीं था | वो सिसकारियां निकल रही थी | रीमा अपनी पूरी सआत्मा तन मन से लगी हुई थी रोहिणी के स्तनों का मर्दन चूषण करने में | वो बार रोहिणी के स्तन को अपने मुंह में भर चुस्ती, उन्हें सहलाती, उनकी घुंडियो को मसलती और रोहिणी की मदहोश आँखों में झांककर देखती की उसे मजा आ रहा है या नहीं |
उसके सतनो को अपने ओंठो और जीभ के स्पर्श से आनंद्तिरेक करने के बाद रीमा रोहिणी के पेट और नाभि पर अपना जादू बिखरती हुई उसकी चूत घाटी में उतार गयी | रीमा ने रोहिणी का चूत दाना आपनी उंगलियों के कब्जे में ले लिया और उसे मसलने गयी | चूत दाने पर रीमा की उंगलियों का नरम स्पर्श पड़ते ही रोहिणी शरीर में उठने वाली वासना की कामुक तरंगो से कसमसाने लगी | रीमा ने रोहिणी के चूत दाने को कसकर 8 - १० बार रगडा और फिर अपने गुलाबी ओंठ उसके जिस्म में वासना की आग दावानल बनाने वाले हिस्से पर रख दिए | रोहिणी को तो जैसे ४४० वोल्ट का तेज झटका लगा हो, वो वासना की तरंग से नाह गयी - आआआआआअह्हह्हह्हह्ह्हह |
उसके चूत की दीवारों में तेजी से तरंगे दौड़ने लगी और वहां से निकलकर ऊपर की तरफ उसकी नाभि से होते हुए उसके दिलो दिमाग सबको को कम्पित करने लगी | रीमा ने रोहिणी के चूत दाने को अपने गुलाबी ओंठो को सख्त जकड़न में ले लिया था | उसके पता था एक औरत को अगर एक औरत सुख दे सकती है तो उसका सबसे महत्वपूर्ण केंद्र ये चूत दाना है | अपनी खुदुरी जीभ और सख्त ओंठो से रीमा बेतहाशा रोहिणी का चूत दाना चूमे जा रही थी | रोहिणी के मुहँ से बस कराहे ही निकल रही थी जीतनी बुरी तरह रीमा उसके चूत दाने को चूस रही थी उतनी तेज ही उसके मुहँ से कामुक सिसकारियां फुट रही थी |
रोहिणी के मुहँ से बस - आआअह्ह्ह्ह ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआआआह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह | की आवाजे ही निकल रही थी |
रीमा किसी भूखी शेरनी की तरह रोहिणी के चूत दाने पर टूट पड़ी थी, वो बेतहाशा उसे चुसे जा रही थी और रोहिणी के मुंह से भी उसी तरह से सिसकारियां की बौछारे लगातार फुट रही थी
इस तरह से कसकर चूत दाने को चूसने से रोहिणी की उत्तेजना बहुत बढ़ गई थी और वह तेजी से कराहने लगी थी | उसकी चूत पानी का झरना बन गयी थी | चूत की दीवारे लगातार पानी छोड़ रही थी और उसकी चूत की बारिश की हल्की फुहारों के बीच रीमा अपने तपते बदन की गरमी दूर कर रही थी | रोहिणी की चूत से बहते पानी को देख रीमा और जोश में आ गयी | उसने चूत दाने को छोड़ रोहिणी चूत पर अपनी गीली जुबान फिरनी शुरू कर दी | रीमा ने रोहिणी की जांघे थोडा और फैलाई| उसकी चूत के ओंठो को उंगलियों से खोला और उसकी गुलाबी सुरग के कपाट खुलते ही उसकी गुलाबी मखमली सुंग का रास्ता साफ़ दिखने लगा | रीमा ने रोहिणी की गुलाबी चूत के बहारो ओंठो को खीचकर फैलाया और उसकी मखमली सुरंग में अपनी नुकीली खुरदुरी गुलाबी जीभ घुसेड़ दी | रोहिणी की मक्खन की तरफ नरम गीली चूत पर गीली जीभ का स्पर्श होते ही रोहिणी आनंद के सागर में गोते लगाने लगी |
रीमा अपनी जुबान से रोहिणी की गुलाबी चूत की मालिश करने लगी | रोहिणी की चूत का छेद खुलने लगा और रीमा की जुबान भी उसके चूत के गुलाबी घोसले में घुसने लगी | रीमा ने अपनी जुबान बाहर निकाली और अपनी जुबान से रोहिणी की चूत को जैसे कि लंड से चूत को चोदने के लिए अंदर बाहर होता है उसी तरह से उसकी चूत में अपनी जुबान को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था रीमा अपनी जीभ से रोहणी की चूत को चोद रही थी और रोहिणी रीमा की गुलाबी जीभ से चुदने के कारण स्वर्ग के सुख का आनंद ले रही थी औरतों औरतों के बीच का सेक्स कुछ अलग ही होता है यहां पर लंड रीमा भी वही कर रही थी इससे पहले ये सब रीमा ने कभी नहीं किया था | न ही कभी किसी चूत के साथ इस तरह से खेलने का कोई अनुभव था लेकिन जैसे ही उसकी नजर रोहिणी की गुलाबी चूत पर पड़ी रीमा से रहा ना गया और आकर रोहिणी की चूत चूसने लगी | न केवल चूसने लगी बल्कि अपनी खरखरी जीभ से रोहिणी की चूत को चोदने भी लगी थी | ये न तो कभी किसी को बताया था ना ही यह कभी किसी ने सिखाया था ना हीरीमा ने ये सब पहले किया था उसने कुछ वीडियो में पहले देखा था ........रीमा ने जो वीडियो में देखा था वही कर रही थी रोहिणी को भी अंदाजा नहीं था कि रीमा इस तरह से किसी औरत के साथ में एक्सपर्ट की तरह पेश आएगी | रोहिणी को लग रहा था कि उसे रीमा को बताना पड़ेगा लेकिन यहां तो रीमा रोहिणी को हैरान किये हुए थी अब तो रोहिणी को लग रहा था कि उसे तो रीमा से सीखना चाहिए था | कहां वो रीमा को सिखाने चली थी यहां तो अब खुद रीमाँ से सीखने की नौबत आ गई थी हालांकि जिस तेजी और बेतहाशा अंदाज में रीमा रोहिणी की गीली चूत को चूस रही थी चोद रही थी उससे रोहिणी की हालत खराब होने लगी थी वह नहीं चाहती थी कि इतनी जल्दी वो निपट जाये, उसका चरम आ जाये वो पनी चूत से अभी बहुत पानी बहाना चाहती थी उसके बाद कही जाकर अपने चरम को हाशिल करना चाहती थी |
ये अहसास होते ही उसने झट से अपने आप अपनी रीमा से अलग किया और खुद नीचे रहते हुए भी खुद ही बिस्तर पर उसने रीमा को १८० डिग्री पर घुमा दिया | रीमा रोहिणी के ऊपर तो थी लेकिन बिलकुल उल्टा | रीमा के मुहँ के सामने रोहिणी की चूत थी और रोहिणी के सामने रीमा की चूत थी | रीमा की गुलाबी चूत देखते ही रोहिणी तो जैसे सम्मोहित हो गयी | चिकना साफ़ सुथरा चूत घाटी का इलाका , दोनों गुलाबी ओंठ एक दुसरे से सटे हुए, उसके शुरूआती हिस्से में किसी मणि की तरह लगा उसका चूत दाना | पीछे मांसल चुताड़ो की की ऊँची उठान के बीच बनी तीखी गहरी घाटी में हलका गुलाबी रंगत वाला अपनी मजबूत फौलादी जकड़न लिए उसकी गाड़ का खूबसूरत छेद | रोहिणी ने रीमा की गुलाबी घाटी में अपनी उंगलियों का जादू बिखेरना शुरू कर दिया था | उसने रीमा की जांघे अपने दोनों कंधो की तरफ फैला दी | उसकी गुलाबी चूत के बाहरी ओंठ उसकी जांघो के फैलाते ही खुल गए | उसकी चूत पूरी तरह से गीली थी और उसके चूत के ओंठ चूत रस से पूरी तरह से भीगे हुए थे | उसकी चूत के अंदरूनी ओंठ जो एक दुसरे से चिपके हुए थे रोहिणी के उंगली लगाते ही खुल गए | दोनों ओंठ पूरी तरह से चूत रस से सने हुए थे और रीमा के जिस्म की भीनी भीनी खुसबू से सरोबार थे | रोहिणी ने अपनी दो उंगलियों को रीमा की चूत पर लगाया और उसकी चूत की गुलाबी मखमली सुरंग का दरवाजा खुल गया |
रीमा की गुलाबी चूत की सुरंग का दरवाजा रोहिणी की आंखों के सामने नुमाया हो गया क्या चूत थी | रोहिणी तो एक बरगी को एक बार तो हैरान रह गई थी, उसने इतने करीब में रीमा की चूत कभी नहीं देखि थी | ऊपर से रीमा की चूत से निकलने वाले रस की गंध ने रोहिणी को पहले ही मदहोश कर रखा था | रीमा के खूबसूरत बदन की तरह रीमा की चूत भी बहुत खूबसूरत थी और रोहिणी जानती थी कि इतनी खूबसूरत चूत बहुत ही कम औरतों की होती है | जैसे रीमा के बदन के घुमाव, कटाव, उभार और जादुई बनावट थी वैसे ही उसकी चूत की बनावट थी | रोहिणी भी बिना तारीफ के रह नहीं पाई |
उसने भी रीमा से बोला - रीमा तू तो सच में बहुत ही खूबसूरत है भगवान ने तुझे फुर्सत में बनाया है और तेरे बदन से ज्यादा खूबसूरत तेरी चूत है | इतनी खूबसूरत है की मर्दों की तो छोड़ ही दो जो औरत देख ले वो औरत इसकी दीवानी हो जाए तेरी चूत बहुत ही प्यारी है और बहुत ही खूबसूरत है मन करता है इसे मुहँ से लेकर गप्प गप्प कर खा जाऊ | हाय क्या बला की खूबसूरत बनावट है |