04-08-2019, 01:36 AM
अंदर कमरे में सुगंधा अपनी हालत को देखकर शर्म सार हुए जा रही थी,, कमरे में आते ही वह दरवाजे को बंद करके अपनी साड़ी कमर तक उठा दी थी और,,,
![[Image: 5d42e15517bd5.jpg]](https://i.ibb.co/qmT3psK/5d42e15517bd5.jpg)
उसकी नजर अपनी पैंटी की तरफ गई तो वह पूरी तरह से गीली हो चुकी थी ऐसा लग रहा था जैसे उस पर पानी के छींटे पड़े हो और ऊतना भाग पूरी तरह से गिला हो चुका था,,, सुगंधा अपनी हालत पर गौर करते हुए शर्मिंदगी का एहसास कर रही थी उसे इस बात को लेकर ज्यादा शर्म आ रही थी कि वह किस तरह से चोरी चोरी टूटी हुई झोपड़ी में अंदर झांक रही थी,,,
और वह भी क्या झांक रही थी,,, एक औरत को 1 आदमी से चुदवाते हुए देख रही थी,,, वह तो उसे इस बात से राहत की कोई नहीं उसे इस हालत में देख नहीं लिया वरना अगर कोई यह देख लेता कि गांव की जमीदारीन,,, चोरी चोरी टुटी हुई झोपड़ी के पास खड़ी होकर तेज धूप में भी झोपड़ी के अंदर चुदाई कर रहे औरत और आदमी को देख रही थी तो,,, क्या होता सारे गांव में उसकी थु थु होती बदनामी हो जाती,,,,
सब ऊसे गंदी औरत के नजरिए से देखने लगते ऊसकी इज्जत माटी में मिल जाती,,,, सुगंधा मन ही मन भगवान का शुक्रिया अदा करने लगी थी अच्छा हुआ किसी ने उसे उस हालत में देखा नहीं,,,,
क्या सोचते हुए सुगंधा अपनी शाड़ी को एक हाथ से थामे हुए दूसरे हाथ से पेंटी को नीचे की तरफ सरकाने लगी,,,,,,
और बाहर रोहन व्याकुल हुए जा रहा था। हालांकि रोहन अभी तक कुछ भी ज्यादा देखा नहीं था बस बेला के अधखुले नारंगिया और अपनी मां के गोलाइयों का स्पर्श अपनी छातियों पर महसूस किया था,,,, बस इतने मात्र से ही रोहन बेहाल हुए जा रहा था इसलिए वह कमरे के अंदर झांकने के लिए विवश हो रहा था।।
सुगंधा अपनी
शाड़ी को एक हाथ से थामे हुए
दूसरे हाथ से पेंटी को
नीचे की तरफ
सरकाने लगी,,,,,,
और बाहर रोहन व्याकुल हुए जा रहा था।
हालांकि रोहन अभी तक कुछ
भी ज्यादा देखा नहीं
था बस बेला के अधखुले नारंगिया और
अपनी मां के गोलाइयों का स्पर्श
अपनी छातियों पर महसूस किया
था,,,, बस इतने मात्र से ही
रोहन बेहाल हुए जा रहा था इसलिए वह
कमरे के अंदर झांकने के लिए विवश हो रहा
था।,,,,,
![[Image: 5d31d06fb0889.jpg]](https://i.ibb.co/VSVRNtb/5d31d06fb0889.jpg)
सुगंधाको जहां तक याद था उसकी बुर पहली बार अत्यधिक गिली हुई थी,,,, और ऐसा होना भी लाजमी था बरसों से जिस औरत ने शारीरिक सुख को महसूस ना किया हो,,,, नाही इस तरह के संभोग वाले दृश्य देखी हो तो ऐसी औरतों के सामने अगर इस तरह का गरमा गरम नेत्री से पेश हो जाए तो उसका भी वही हाल होगा जो इस समय सुगंधा का हो रहा था,,,,,
सुगंधा धड़कते दिल के साथ अपनी पैंटी को नीचेकी तरफ सरका ते हुए,,,, उसे घुटनों से नीचे कर दी अब वह आराम से अपनी पूरी हुई बुर को देखने लगी सुगंधा काफी दिनों बाद अपनी खूबसूरत बुरको निहार रही थी,,,, सुगंधा के चेहरे पर मासूमियत फेली हुई थी,,, ठीक वैसी ही मासूमियत देसी मासूमियत एक मां अपने छोटे से बच्चे को देखते हुए महसूस करती है। अपनी खूबसूरत गरम रोटी की तरह फुली हुई बुर को देखकर वह मन ही मन सोचने लगी कि,,,,,
Roti ki trh fuli Hui choot
https://ibb.co/fpqGX5j
कुछ भी तो नहीं बदला आज भी वैसी ही दिखती है जैसे कि जब वह कुंवारी थी तब दिखती थी बस हल्के हल्के बालों का झुरमुट सा बन गया है और वह भी साफ कर दे तो आज भी 18 साल की सुगंधा ही लगेगी,,, सुगंधा से रहा नहीं गया और वह हल्के से अपना हाथ नीचे की तरफ बढ़ा कर हथेलियों से अपनी बुर को सहलाने लगी,,, ऐसा करने पर सुगंधा को आनंद की अनुभूति हो रही थी वह हल्के हल्के अपनी फुली हुई बुर पर झांटों के झुरमुटों के ऊपर से ही सहलाना शुरू कर दी,,,,, सुगंधा अपनी ही हरकत की वजह से कुछ ही पल में उत्तेजित होने लगी उसकी सांसे तेज चलने लगी,,,, हथेली का दबाव बुर के ऊपरी सतह पर बढ़ने लगा लेकिन अपनी बढ़ती हुई और तेज दौड़ती हुई सांसो पर गौर करते ही वह अपने आप को संभाल ली जैसे कि अब तक अपने आप को संभालती अा रही थी।,,,, वह अपनी स्थिति पर काबू ना पानी की कमजोरी को अच्छी तरह से जानती थी वह जानती थी कि अगर वह कमजोर हो गई तो आगे बढ़ती ही जाएगी और फिर बदनामी के सिवा कुछ नहीं मिलने वाला है क्योंकि अपने पति से तो उसे अब किसी भी प्रकार की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी और अपनी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने का मतलब था किसी गैर मर्द का सहारा लेना और ऐसा करने पर पूरे खानदान की बदनामी और जमीदारी का रूआब भी जाने का डर बना हुआ था।,,,,
इसलिए सुगंधा पल भर में ही अपने आप पर काबू पाकर घुटनों के नीचे फंसी हुई पेंटी को पैरों का सहारा लेकर अपने लंबे गोरे पैराे से बाहर निकाल दी,,,,
यह नजारा बेहद कामुक लग रहा था एक हाथ से सुगंधा अपनी सारी को संभाले हुई थी और कमर के नीचे का भाग पूरी तरह से संपूर्ण नग्नावस्था में था।
भरावदार सुडोल खुली हुई गांड का गोरापन दूध की मलाई की तरह लग रहा था,,, साथ ही मोटी चिकनी जांगे केले के तने की समान चमक रही थी।,,,, सुगंधा वैसे ही हालत में एक हाथ से अपनी साड़ी को पकड़े हुए अलमारी की तरफ बढ़ी अपने कदम धीरे-धीरे आगे बढ़ाने की वजह से उसकी भारी भरकम नितंबों का लचक पन बेहद ही मादक लग रहा था। इस स्थिति में अगर कोई भी सुगंधा के दर्शन कर ले तो उसका जन्म सफल हो जाएं।,,,
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और वह भी क्या झांक रही थी,,, एक औरत को 1 आदमी से चुदवाते हुए देख रही थी,,, वह तो उसे इस बात से राहत की कोई नहीं उसे इस हालत में देख नहीं लिया वरना अगर कोई यह देख लेता कि गांव की जमीदारीन,,, चोरी चोरी टुटी हुई झोपड़ी के पास खड़ी होकर तेज धूप में भी झोपड़ी के अंदर चुदाई कर रहे औरत और आदमी को देख रही थी तो,,, क्या होता सारे गांव में उसकी थु थु होती बदनामी हो जाती,,,,
सब ऊसे गंदी औरत के नजरिए से देखने लगते ऊसकी इज्जत माटी में मिल जाती,,,, सुगंधा मन ही मन भगवान का शुक्रिया अदा करने लगी थी अच्छा हुआ किसी ने उसे उस हालत में देखा नहीं,,,,
क्या सोचते हुए सुगंधा अपनी शाड़ी को एक हाथ से थामे हुए दूसरे हाथ से पेंटी को नीचे की तरफ सरकाने लगी,,,,,,
और बाहर रोहन व्याकुल हुए जा रहा था। हालांकि रोहन अभी तक कुछ भी ज्यादा देखा नहीं था बस बेला के अधखुले नारंगिया और अपनी मां के गोलाइयों का स्पर्श अपनी छातियों पर महसूस किया था,,,, बस इतने मात्र से ही रोहन बेहाल हुए जा रहा था इसलिए वह कमरे के अंदर झांकने के लिए विवश हो रहा था।।
सुगंधा अपनी
शाड़ी को एक हाथ से थामे हुए
दूसरे हाथ से पेंटी को
नीचे की तरफ
सरकाने लगी,,,,,,
और बाहर रोहन व्याकुल हुए जा रहा था।
हालांकि रोहन अभी तक कुछ
भी ज्यादा देखा नहीं
था बस बेला के अधखुले नारंगिया और
अपनी मां के गोलाइयों का स्पर्श
अपनी छातियों पर महसूस किया
था,,,, बस इतने मात्र से ही
रोहन बेहाल हुए जा रहा था इसलिए वह
कमरे के अंदर झांकने के लिए विवश हो रहा
था।,,,,,
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सुगंधाको जहां तक याद था उसकी बुर पहली बार अत्यधिक गिली हुई थी,,,, और ऐसा होना भी लाजमी था बरसों से जिस औरत ने शारीरिक सुख को महसूस ना किया हो,,,, नाही इस तरह के संभोग वाले दृश्य देखी हो तो ऐसी औरतों के सामने अगर इस तरह का गरमा गरम नेत्री से पेश हो जाए तो उसका भी वही हाल होगा जो इस समय सुगंधा का हो रहा था,,,,,
सुगंधा धड़कते दिल के साथ अपनी पैंटी को नीचेकी तरफ सरका ते हुए,,,, उसे घुटनों से नीचे कर दी अब वह आराम से अपनी पूरी हुई बुर को देखने लगी सुगंधा काफी दिनों बाद अपनी खूबसूरत बुरको निहार रही थी,,,, सुगंधा के चेहरे पर मासूमियत फेली हुई थी,,, ठीक वैसी ही मासूमियत देसी मासूमियत एक मां अपने छोटे से बच्चे को देखते हुए महसूस करती है। अपनी खूबसूरत गरम रोटी की तरह फुली हुई बुर को देखकर वह मन ही मन सोचने लगी कि,,,,,
Roti ki trh fuli Hui choot
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कुछ भी तो नहीं बदला आज भी वैसी ही दिखती है जैसे कि जब वह कुंवारी थी तब दिखती थी बस हल्के हल्के बालों का झुरमुट सा बन गया है और वह भी साफ कर दे तो आज भी 18 साल की सुगंधा ही लगेगी,,, सुगंधा से रहा नहीं गया और वह हल्के से अपना हाथ नीचे की तरफ बढ़ा कर हथेलियों से अपनी बुर को सहलाने लगी,,, ऐसा करने पर सुगंधा को आनंद की अनुभूति हो रही थी वह हल्के हल्के अपनी फुली हुई बुर पर झांटों के झुरमुटों के ऊपर से ही सहलाना शुरू कर दी,,,,, सुगंधा अपनी ही हरकत की वजह से कुछ ही पल में उत्तेजित होने लगी उसकी सांसे तेज चलने लगी,,,, हथेली का दबाव बुर के ऊपरी सतह पर बढ़ने लगा लेकिन अपनी बढ़ती हुई और तेज दौड़ती हुई सांसो पर गौर करते ही वह अपने आप को संभाल ली जैसे कि अब तक अपने आप को संभालती अा रही थी।,,,, वह अपनी स्थिति पर काबू ना पानी की कमजोरी को अच्छी तरह से जानती थी वह जानती थी कि अगर वह कमजोर हो गई तो आगे बढ़ती ही जाएगी और फिर बदनामी के सिवा कुछ नहीं मिलने वाला है क्योंकि अपने पति से तो उसे अब किसी भी प्रकार की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी और अपनी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने का मतलब था किसी गैर मर्द का सहारा लेना और ऐसा करने पर पूरे खानदान की बदनामी और जमीदारी का रूआब भी जाने का डर बना हुआ था।,,,,
इसलिए सुगंधा पल भर में ही अपने आप पर काबू पाकर घुटनों के नीचे फंसी हुई पेंटी को पैरों का सहारा लेकर अपने लंबे गोरे पैराे से बाहर निकाल दी,,,,
यह नजारा बेहद कामुक लग रहा था एक हाथ से सुगंधा अपनी सारी को संभाले हुई थी और कमर के नीचे का भाग पूरी तरह से संपूर्ण नग्नावस्था में था।
भरावदार सुडोल खुली हुई गांड का गोरापन दूध की मलाई की तरह लग रहा था,,, साथ ही मोटी चिकनी जांगे केले के तने की समान चमक रही थी।,,,, सुगंधा वैसे ही हालत में एक हाथ से अपनी साड़ी को पकड़े हुए अलमारी की तरफ बढ़ी अपने कदम धीरे-धीरे आगे बढ़ाने की वजह से उसकी भारी भरकम नितंबों का लचक पन बेहद ही मादक लग रहा था। इस स्थिति में अगर कोई भी सुगंधा के दर्शन कर ले तो उसका जन्म सफल हो जाएं।,,,