Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Badlte Rishte with photos
#15
रामू के चले जाने के बाद सुगंधा और लाला दोनों,,, खेत के किनारे ऊंची पगडंडी पर खड़े थे तभी लाला बोला,,,।


मालकिन यहां धूप ज्यादा है आइए पेड़ के नीचे चलते हैं,,,। 
( लाला की बात सुनकर सुगंधा पेड़ के नीचे छांव में एक बड़े से पत्थर पर बैठ गई,,, लाला सुगंधा के पास ही खड़ा हो गया और उसे फसल की कटाई की सारी बातें बताने लगा जिस तरह से काम चल रहा था उसे देखते हुए सुगंधा काफी खुश थी,,, और इस बार गेहूं की फसल कुछ ज्यादा ही हुई थी,,,।,,, )


मालकिन पिछले साल से ज्यादा इस साल गेहूं की फसल ज्यादा हुई है।,,, और अभी भी अपने गोदाम में ढेर सारा गेहूं भरा पड़ा है मैं तो कहता हूं मालकिन कि सारा का सारा गेहूं मार्केट में बेच दो,, आपकी तिजोरी धन से छलक उठेगी,,,,।

लालाजी आप मुझे मालकिन मालकिन ना कहा करीए,,, मैं आपकी बेटी के समान हूं आप सीधे मेरा नाम ले सकते हैं या तो बिटिया बुला सकते हैं,,,,।

जानता हूं बिटिया लेकिन क्या करूं शुरु से आदत जो पड़ चुकी है,,,,,,। ( और इतना कहने के साथ ही वह जमीन पर बैठने चला कि तभी उसे सुगंधा रोकते हुए बोली,,, ।)

अरे अरे यह आप क्या कर रहे हैं,,, इस तरह से नीचे क्यों बैठ रहे हैं।,,,,,,, मैं आपसे कितनी बार कहीं हूं कि आप मेरे पिता के समान हैं और इस तरह से व्यवहार कर के मुझे लज्जित ना करें,,,,।
( इतना कहते हुए सुगंधा खड़ी हो गई और लाला का हाथ पकड़ कर उसे उठाने की कोशिश करने लगी लेकिन लाला प्यार से हाथ छुड़ाते हुए बोला,,,।)

मैं जानता हूं लेकिन क्या करूं आदत से मजबूर हूं मैं तुम्हारे बराबर नहीं देख सकता आखिरकार मालिक और नौकर में कुछ तो फर्क होता है,,,,,।


आपसे कोई बातों में नहीं जीत पाएगा,, (इतना कहते हुए सुगंधा फिर से बैठ गई,,, दोनों के बीच कुछ देर तक खामोशी छाई रही उसके बाद लाला खामोशी को तोड़ते हुए बोला,,,।)

मालकिन मैं तमाम उम्र इस घर का वफादार रहा हूं काफी अरसा गुजर गया मुझे एक घर के लिए नौकरी करते हुए लेकिन जिस तरह से आप सारा काम धंधा संभाल लेगा इस तरह से किसी ने भी आज तक नहीं संभाला था मुझे तो मालिक की हालत देखते हुए लगता ही नहीं था कि जमीदारी ज्यादा दिन तक टिक पाएगी लेकिन जिस तरह से बड़ी मालकीन ने आपको सारा कारोबार जमीदारी की जिम्मेदारी सोच कर गई है उनकी उम्मीद से कई गुना ज्यादा बेहतरीन तरीके से अपने सारा जमीदारी का काम संभाल ली है,,,,।
( लाला जी की बातें सुनकर सुगंधा कुछ बोल नहीं रही थी बल्कि चारों तरफ अपनी नजरें दौड़ाकर खेतों को ही देख रही थी क्योंकि वह जानती थी कि इस बारे में बहस करने से कोई फायदा नहीं खा रही बात बड़े मालिक की तो अब सुगंधा को भी अपने पति से बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी। शादी करके जब वह घर में आई थी तो उसे इस बात की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि 1 दिन ऐसा आएगा कि उसे ही सब कुछ संभालना होगा,,,,,,, 
सुगंधा को खामोश देखकर लाला को लगा कि सुगंधा के पति का जिक्र छेड़ कर, उसने गलत कर दिया इसलिए वह बात को बदलते हुए गेहूं की फसल और आम के बगीचे के बारे में बातें करने लगा,,,,। जहां नजरे जा रही थी वहां तक सुगंधा के हीं खेत और बगीचे नजर आ रहे थे,,, कुछ देर तक लाला वही बैठा रहा और इसके बाद,,, उठते हुए बोला,,,।

आप यहीं बैठे रहिए मालकिन मैं काम देख कर आता हूं वरना गेहूं की कटाई आज पूरी नहीं हो पाएगी,,,, ( इतना कहकर लाला वहां से खेतों में चला गया सुगंधा चारों तरफ नजरे दौड़ाते हुए अपने बारे में सोच रही थी,,,की उसे जिंदगी में,,,
क्या मिला कुछ भी नहीं,,,, धन-धान्य से परिपूर्ण होते हुए भी उसकी जिंदगी में कुछ अधूरा था, वह मन ही मन में सोच रही थी कि,,, जिसने हैं प्यार अपनापन पाने के लिए शादी के लिए वह सपना देख रही थी,,, और यही स्नेह दुलार पाने के लिए उसने शादी भी की थी लेकिन उसे ना तो अपने पति की तरफ से अपनापन ही मिला और ना ही स्नेह प्यार की उष्मा ही प्राप्त हुई,,, पति होते हुए भी ना के बराबर ही था। सुगंधाको अपने पति से केवल स्नेह और प्यार की ही अपेक्षा थी वह सारीरीक तौर पर किसी भी प्रकार की सुख की अपेक्षा नहीं रखती थी। वह तन सुख की प्यासी नहीं थी बल्कि मनका सूख चाहती थी सुगंधा पेड़ के छांव के नीचे बैठे बैठे अपने आप को सबसे गरीब औरत और गरीब पत्नी समझ रही थी क्योंकि जमीदारी के सुख और रुआब के सिवा उसकी झोली में कुछ भी नहीं था।,,,,,, कुछ देर तक वहीं बैठे बैठे अपने मन से मनो मंथन करती रही,,,,।
दिन चढ़ चुका था गर्मी का मौसम था। ऐसे तेज धूप में हवाएं भी गर्म चल रही थी,,,,। धीरे धीरे सुगंधा के माथे पर पसीने की बूंदे उपसने लगी प्यास से उसका गला सूखने लगा,,,, उसे प्यास लगी थी इधर उधर नजर दौड़ाई तो कुछ ही दूरी पर ट्यूबवेल मैसे पानी निकल रहा था जो कि खेतों में जा रहा था,,,। ट्यूबवेल के पाइप में से निकल रहे हैं पानी को देख कर सुगंधा की प्यास और ज्यादा भड़कने लगी,,, वह अपनी जगह से उठी और ट्यूबेल की तरफ जाने लगी,, तेज धूप होने के कारण सुगंधा,,, पल्लू को हल्के से दोनों हाथों से ऊपर की तरफ उठा कर जाने लगी,,, दोनों हाथ को ऊपर की तरह हल्कै से उठाकर जाने की वजह से सुगंधा कीचाल और ज्यादा मादक हो चुकी थी,,, हालांकि समय सुगंधा पर किसी की नजर नहीं पड़ी थी लेकिन इस समय किसी की भी नजर उस पर पड़ जाती तो उसे स्वर्ग से उतरी हुई अ्प्सरा देखने को मिल जाती,,, बेहद ही कामोत्तेजना से भरपुर नजारा था। इस तरह से चलने की वजह से सुगंधा की मद मस्त गोलाई लिए हुए नितंब कुछ ज्यादा ही उभरी हुई नजर आ रही थी,,, कुछ ही देर में सुगंधा ट्यूबवेल के पास पहुंच गई और दोनों हाथ आगे की तरफ करके पानी पीने लगी,,, शीतल जल को ग्रहण करने से उसकी तष्णा शांत हो गई,,,। पानी पीने के बाद वहां मन ही मन में सोच रही थी कि काश जिंदगी भी ऐसी होती कि कुछ भी चाहती तो हाथ आगे बढ़ा कर पूरी कर लेती लेकिन ऐसा हो पाना संभव नहीं था।,,,,,,, 
सुगंधा कुछ देर वहीं रुक कर अपने चेहरे पर ठंडे पानी के छींटे मार कर अपने आप को तरोताजा करने का प्रयास करने लगी,,,,। 
ट्यूबवेल के पास ही,,, झोपड़ी नुमा कच्चा मकान बना हुआ था जहां से खुसर फुसर की आवाज आ रही थी,,,। सुगंधाको कुछ अजीब सा लगा वह 
मन ही मन में सोच रही थी कि इतनी दोपहर में और इस टूटे हुए कच्चे मकान में कौन हो सकता है।,,, सुगंधा धीरे-धीरे अपने पांव अागेे बढ़ा रही थी।,,,,

सुगंधा धीरे धीरे पैर रखते हुए टूटे हुए मकान की तरफ बढ़ रही थी जैसे जैसे वह टूटे हुए मकान की तरफ आगे बढ़ रही थी वैसे-वैसे अंदर से आ रही कसूर कसूर की आवाज तेज हो रही थी लेकिन क्या बात हो रही है यह उसके समझ से परे थी। लेकिन उसे इतना तो समझ पड़ गया था कि,,, टूटी हुई झोपड़ी में 2 लोग थे क्योंकि रह रह कर हंसने की भी आवाज आ रही थी और हंसने की आवाज से उसे ज्ञात हो चुका था कि टूटी हुई छोकरी ने एक औरत और एक आदमी थे,,
सुगंधा धीरे धीरे आगे बढ़ते हुए सोच रही थी कि इस तरह से देखना अच्छी बात नहीं है क्योंकि हो सकता है कि उसके ही मजदूर ऊस टूटी हुई झोपड़ी में आराम कर रहे हो यह सोचकर वह कुछ देर ऐसे ही खड़ी रही,,,, लेकिन औरतों का मन हमेशा उत्सुकता से भरा ही रहता है वह जानना चाहती थी कि इतनी खड़ी दोपहरी में,,, खेतों का काम छोड़ कर इस टूटी हुई झोपड़ी में क्या करें यही जाने के लिए वह फिर से अपने कदमों को आगे बढ़ाने लगी,, जैसे-जैसे झोपड़ी के करीब जा रही थी वैसे वैसे अंदर से हंसने और खुशर फुसर की आवाज तेज होती जा रही थी,,,
जिस तरह से अंदर से औरत की हंसने की आवाज आ रही थी एक औरत होने के नाते सुगंधाको इसका एहसास हो चुका था कि, टूटी हुई झोपड़ी के अंदर एक मर्द और औरत के बीच कुछ हो रहा था जिसे देखना तो नहीं चाहिए था लेकिन सुगंधा की उत्सुकता उसे अंदर झांकने के लिए विवश कर रही थी।
Like Reply


Messages In This Thread
Badlte Rishte with photos - by Kumba - 03-08-2019, 02:51 AM
RE: Badlte Rishte with photos - by Kumba - 03-08-2019, 03:05 AM
RE: Badlte Rishte with photos - by Kumba - 03-08-2019, 03:08 AM
RE: Badlte Rishte with photos - by Ravi0909 - 03-08-2019, 11:05 AM
RE: Badlte Rishte with photos - by Boob420 - 03-08-2019, 11:32 AM
RE: Badlte Rishte with photos - by Raja156 - 03-08-2019, 12:08 PM
RE: Badlte Rishte with photos - by Kumba - 03-08-2019, 12:19 PM
RE: Badlte Rishte with photos - by Kumba - 03-08-2019, 12:18 PM
RE: Badlte Rishte with photos - by Kumba - 03-08-2019, 01:03 PM
RE: Badlte Rishte with photos - by Kumba - 03-08-2019, 04:03 PM
RE: Badlte Rishte with photos - by Raja156 - 03-08-2019, 05:33 PM
RE: Badlte Rishte with photos - by jonny khan - 03-08-2019, 08:30 PM
RE: Badlte Rishte with photos - by Kumba - 04-08-2019, 01:24 AM
RE: Badlte Rishte with photos - by Kumba - 04-08-2019, 01:27 AM
RE: Badlte Rishte with photos - by Kumba - 04-08-2019, 01:28 AM
RE: Badlte Rishte with photos - by Kumba - 04-08-2019, 01:29 AM
RE: Badlte Rishte with photos - by Kumba - 04-08-2019, 01:30 AM
RE: Badlte Rishte with photos - by Kumba - 04-08-2019, 01:36 AM
RE: Badlte Rishte with photos - by Kumba - 04-08-2019, 01:38 AM
RE: Badlte Rishte with photos - by Kumba - 04-08-2019, 02:00 AM
RE: Badlte Rishte with photos - by Kba1981 - 04-08-2019, 12:41 PM
RE: Badlte Rishte with photos - by Missing - 04-08-2019, 03:44 PM
RE: Badlte Rishte with photos - by Kba1981 - 06-08-2019, 07:58 PM
RE: Badlte Rishte with photos - by NEIL2025 - 11-08-2019, 11:24 PM
RE: Badlte Rishte with photos - by Deva53611 - 12-08-2019, 10:44 AM
RE: Badlte Rishte with photos - by RangilaRaaj - 08-08-2023, 10:56 PM



Users browsing this thread: