Thread Rating:
  • 5 Vote(s) - 2 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica अनोखी ताक़तों का मालिक।
#7
राहुल को कॉलेज से पैदल आना पड़ता था। वो कोई 2.30 बजे घर पहुंचा, कपड़े बदले और खाना खाने के लिए रसोई में चला गया।
रमा वहाँ बर्तन साफ़ कर रही थी, राहुल को देखते ही रमा ने अपने हाथ धोये और राहुल को खाना निकाल कर दिया।

राहुल को अजीब तो लग ही रहा था कि न उसे रात में उठाया गया, न सुबह… फिर दिन के बर्तन भी माँ ने खुद ही धो लिए, उसे पक्का यकीन हो गया कि रमा उससे नाराज़ है।
‘माँ तुम मुझसे नाराज़ हो?’ राहुल ने खाना खाते हुए पूछा।
‘मैं क्यों नाराज़ होने लगी भला?’
‘वो कल मैं टयूशन से लेट आया था न!’

‘हा हा… सही कहते हैं लोग, तू बहुत भोला है… इतनी छोटी सी बात पे मैं क्यों नाराज़ होने लगी!’
‘माँ अगर तुम नाराज़ नहीं हो तो फिर तुम सारा काम खुद क्यों कर रही हो? पहले तो मुझे भी अपनी मदद करने देती थी!’

राहुल की भोली भाली बातें सुन रमा की आँखों में आँसू आ गए, वो सोच रही थी कि उसके अपने बच्चों ने भी उसकी इतनी फ़िक्र नहीं की और ये जिसे वो नौकरों की तरह रखती थी, उसका कितना ख्याल रखता था।
रमा ने आँखें पौंछी और राहुल को बेटे की तरह अपनी बाँहों के आगोश में ले लिया.
माँ का प्यार पा राहुल भी रो पड़ा।
दोनों को एक दूसरे की ज़रुरत थी पर दोनों के मन में एक दूसरे के असीम प्यार भी पैदा हो गया था।

राहुल की टयूशन का टाइम हो रहा था, उसने जल्दी से खाना खत्म किया और टयूशन भागा।
शेफाली ने आज सब बच्चों की छुट्टी कर रखी थी, ऊपर से घर पर कोई नहीं था, वो जानती थी कि इससे अच्छा मौका उसे नहीं मिलेगा.
उसने सिर्फ नाइटी पहन रखी थी ताकि कोई ताम झाम न हो कपड़े उतारने में!

राहुल टाइम से पहले ही पहुँच गया। शेफाली ने उसे जल्दी से अंदर खींचा और दरवाजे को कुण्डी लगा दी।
शेफाली को नाइटी में देखते ही राहुल का लंड पूरी तरह तन गया।

‘राहुल जल्दी से दिखाओ कि तुम्हारा तम्बूरा कितना स्ट्रांग हुआ है?’ उसने राहुल के अंदर घुसते ही कहा।
राहुल भी अपने लंड को और स्ट्रांग बनवाने के लिए तड़प रहा था तो बिना शरमाये उसने अपनी पैंट उतार दी.
‘हाय राम, कितना मूसल लंड है!’ शेफाली के मुंह से ये निकल गया।
‘दीदी आपको मेरा लंड अच्छा लगता है?’ राहुल ने मासूमियत से पूछा
‘अच्छा नहीं बहुत अच्छा लगता है!’ शेफाली ने जवाब दिया।

‘अच्छा ये बता राहुल दुद्दू पियेगा?’ शेफाली ने अपनी नाइटी उतार के अपने मम्मों को हिलाते हुआ पूछा.
‘हाँ दीदी पियूँगा… आपके दुद्दू कितने गोल गोल हैं.’
‘ठीक है, मैं तुझे दुद्दू पीने दूंगी पर पहले तुझे मेरी चूत को स्ट्रांग बनाना है, याद है न?’ शेफाली ने अपनी चूत को सहलाते हुए कहा।
‘याद है दीदी मैं ज़रूर आपकी चूत को स्ट्रांग बनाऊंगा… पर ये चूत होती क्या है?’ राहुल ने जवाब दिया।
‘अरे मेरे भोले शेर, ये जो छोटा सा छेद है न इसे कहते हैं चूत!’ शेफाली ने उसे अपनी बिना बालों वाली चूत को अपनी उँगलियों से खोल के दिखाते हुए कहा।
‘ओह दीदी ये तो बहुत छोटी है ये कैसे स्ट्रांग बनेगी?’ राहुल ने शेफाली के छोटे से छेद को हैरानी से देखते हुए पूछा।

राहुल के इस मासूम सवाल पर शेफाली की हँसी छूट गई- राहुल चूत जितनी छोटी हो, उतनी ही अच्छी होती है! अब जल्दी से मेरी टाँगों के बीच आजा और मेरी चूत की ख़ुशबू लेकर देख!
राहुल उसकी टाँगों के बीच चला गया और उसने धीरे-2 अपना चेहरा उसकी चूत की पास किया और फिर एक गहरी साँस ली ताकि वो ख़ुशबू को सूंघ सके। चूत की खट्टी-2 ख़ुशबू उसे अच्छी भी लगी और अजीब भी!

‘राहुल, अब अपनी जीभ से इसे धीरे-2 चाट… जैसे तू कुल्फी को चाटता है.’ शेफाली ने उसे थोड़ी सख्त आवाज़ में हुक्म देते हुए कहा ताकि राहुल इन्कार न कर सके।
राहुल ने उसकी बात सुनते ही अपनी जीभ निकाल ली और शेफाली की चूत को चाटने लगा जैसे वो अपने खाने की प्लेट को चाटता था, जब कभी उसे अच्छा खाना मिलता था।
‘आह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह… ओह राहुल ऐसे ही हाँ… माँ… आह रुक मत बस चाटता रह आह…’ शेफाली आनन्द से सराबोर लम्बी-2 आहें लेते हुए कहती जा रही थी।

‘दीदी आप ठीक तो हो ना?’ राहुल ने पूछा.
‘हाँ मेरे चोदू… मैं ठीक हूँ, तू रुक मत, चाट मेरी मुनिया… मन लगा के चाट… अच्छे से चाटेगा तो मैं तुझे बड़ी सी चॉकलेट दूँगी!’

चॉकलेट की बात सुनते ही राहुल जोश से भर गया और शेफाली को खुश करने के लिए पूरी रफ़्तार से चाटने लगा। चूत से निकलता पानी उसकी जीभ से उसके मुँह में जा रहा था इस अजीब से द्रव का स्वाद राहुल को और भी उत्तेज़ित करता जा रहा था… उसने शेफाली की मुलायम सुडौल टांगों को कस के पकड़ लिया और पूरी रफ़्तार से बुर को चाटने लगा।

शेफाली अब अपने चर्म पर पहुँचती जा रही थी और अह… अह… के सिवा उसके मुँह से कुछ नहीं निकल रहा था. उसका बदन कांपने लगा था, उसने राहुल के मुँह को पकड़ के ज़ोर से अपनी चूत पर लगा दिया और उसके मुँह में ही झड़ गई।
उसकी चूत से निकला रस इतना ज्यादा था कि न चाहते हुए भी राहुल उसका काफी रस निगल गया।

शेफाली निढाल होकर बिस्तर पर लेट गई। वो राहुल तने हुए तम्बूरे को देख रही थी जो किसी नागराज की तरह राहुल की टाँगों के बीच झूल रहा था। उसने सोचा तो था कि पहले वो राहुल को चुदाई लायक बनाएगी, उसे सिखाएगी की चुदाई कैसे होती होती है पर अब उसके तने हुए लौड़े को देखकर उसने डायरेक्ट एक्शन करने की सोच ली।

शेफाली ने राहुल को बिस्तर पर लेटने को कहा और खुद खड़ी हो गई और टेबल पर रखी वैसलीन की डिब्बी में से उसने अच्छी खासी वैसलीन निकाली राहुल मूसल लंड पर मल दी ताकि मूसल उसकी चूत में आसानी से जा सके।
‘राहुल अब मैं अपनी चूत को ताकतवर बनाऊँगी, तुझे थोड़ा दर्द हो सकता है पर तू आवाज़ मत निकालना, ठीक है न?’
‘ठीक है!’ राहुल ने मासूमियत से कहा।

शेफाली ने राहुल के मूसल को नजर भर के देखा जो अब पहले से भी बड़ा और मोटा लग रहा था और फिर शेफाली अपनी टाँगें खोल कर खड़ी हो गई, अब उसकी चूत के बिल्कुल नीचे राहुल का मूसल लंड 90 डिग्री के कोण पर तना हुआ था।
वो धीरे धीरे नीचे हुई और अपनी चूत को राहुल के लंड के मोटे टोपे पर सेट कर लिया और फिर उस पर आहिस्ता-2 बैठती चली गई।

पर लंड कुछ ज्यादा ही बड़ा था, चूत में आसानी से घुसने का नाम ही नहीं ले रहा था। पर शेफाली इतने बड़े लौड़े को लेने का थ्रिल मिस नहीं करना चाहती थी इसिलए उसने अपना पूरा वजन डाल दिया और आखिर लंड उसके अंदर वैसे ही घुसने लगा जैसे केक के अंदर तेज़ धार चाकू घुसता है। दर्द से शेफाली बिलबिला उठी पर उसने खुद पर काबू रखा और वजन डालती गई. उसे लग रहा था जैसे कोई लोहे का खम्बा उसकी चूत में डाल दिया गया हो।

किसी तरह पूरा लंड लेने के बाद शेफाली ने उठक-बैठक निकालनी शुरू की जब भी वो ऊपर उठती तो उसे ऐसा लगता कि उसकी चूत ही उलट के बाहर आ जायेगी पर उसे एक अनोखे आनन्द की अनुभूति हो रही थी इसिलए वो बेसुध सी उठक बैठक करती जा रही थी और हर गुज़रते पल के साथ उसकी आहें तेज़ और तेज़ होती जा रही थी। उसे इस बात की भी होश नहीं थी कि बेचारे राहुल पर क्या गुज़र रही होगी… ‘आह… आह..’ करते हुए वो अपनी चुदाई खुद कर रही थी.

इधर राहुल को शेफाली का वजन भी महसूस हो रहा था और दर्द भी हो रहा था, उसे लग रहा था कि शेफाली दीदी आज उसका लंड तोड़ ही देंगी पर दीदी का मज़ा खराब नहीं करना चाहता था सो बिना कुछ बोले चुपचाप पड़ा रहा जैसे वो इंसान नहीं कोई सेक्स डॉल हो।
राहुल की उत्तेजना डर और दर्द बढ़ते जा रहे थे.

तभी अचानक उसे एक मर्द की आवाज़ सुनाई दी- राहुल… राहुल..’
राहुल ने हैरानी से इधर उधर देखा पर कमरे उसके और उसके लंड पर ऊपर नीचे होती शेफाली के अलावा कोई नहीं था।
आवाज़- मैं तुम्हारे मन की आवाज़ हूँ, मुझे सिर्फ तुम सुन सकते हो। और तुम्हें अगर कुछ भी पूछना हो तो मन में ही पूछना मैं समझ जाऊंगा।
 horseride  Cheeta    
Like Reply


Messages In This Thread
RE: अनोखी ताक़तों का मालिक। - by sarit11 - 06-01-2019, 07:06 PM



Users browsing this thread: 8 Guest(s)