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Adultery रीमा की दबी वासना



दोनों ही बुरी तरह हांफ रहे थे, रीमा का सांसे धौकनी की तरह चल रही थी वही हाल रोहित का था | रीमा की लार से उसका चेहरा सीना गला सब सन गया था और जोरदार मुहँ चुदाई चल रही थी | ऐसी चुदाई जिसके बारे में रीमा ने सपने में भी नहीं सोचा था | र्रीमा रोहित का पूरा लंड भी घोट चुकी थी, हालाँकि वो तकलीफ देह था | फिर भी अभी जिस स्पीड से वो मुहँ में इतना मोटा लंड ले रही थी वो भी उसकी कल्पना से परे था | रोहित लंड ठेले जा रहा था और रीमा उसको चुसे जा रही थी |

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रोहित को अपने शरीर में तनाव महसूस होने लगा था उसने रीमा के सर को कसकर जकड लिया ताकि वो हिलने न पाए और बेतहाशा उसके मुहँ में लंड पेलकर उसके मुहँ को चोदने लगा | रीम अभी समझ गयी रोहित झड़ने वाला है उसने भी होंठ फैला दिया, ताकि ज्यादा से ज्यादा लंड उसके मुहँ में जा सके | उसके हाथ भी रोहित के लंड पर तेजी से फिसलने लगे थे | अब सिर्फ मुहँ चुदाई हो रही थी वो भी अपनी फुल स्पीड में | रोहित अपने चरम पर पंहुच पता नहीं क्या क्या बडबडा रहा है – आह रीमा मै झाड़ने वाला हूँ, मेरा लावा बस निकलने वाला ही है | त्तुम पियोगी ना मेरा गरम लंड रस |  

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रीमा भी उसी वासना की आग में तपती हुई – हाँ उड़ेल दो सारा मेरे मुहँ, भर दो मेरा मुहँ लंड रस से | बुझा दो मेरे ओठो की प्यास , टार कर दो मेरा गला अपनी पिचकारियो से |
रोहित – हाँ बस पिचकारी निकने वाली ही है तुमरियो सारी प्यास आज मै बुझा दूगां, युमारी बरसो की प्यास मै आज मिटा दूगां | भर दूगां तुमारा पूरा मुहँ अपनी पिचकारी से |
रीमा – भर दो न मेरा मुहँ अपने गरम लावे से | सालो साल इसी का तो मैंने इन्तजार किया है | पिला दो न सफ़ेद गरम लंड रस, सीच दो आज बरसो से पड़ी सुखी जमीन को |

दोनों ही अपनी उत्तेजना में न जाने क्या क्या बडबडा रहे थे |
रोहित ने झड़ने से पहला आखिर झाका दिया | रोहित ने पूरी ताकत लगाकर अपने लंड को रीमा के गले तक ठेल दिया | उसकी जांघे कपने लगी, शरीर अकड़ गया, उसके चुतड अपने आप ही सिकुड़ने फैलने लगे | उसकी गोलियों से तेज बहाव लंड की तरफ आता महसूस हुआ |

रोहित  – रीम्म्म्मम्म्मा मै तो गया आआआआआ आआआआआआआआआआ| रोहित के लंड से पिचकारियाँ छुटने लगी |

हाहाकारी भारी भरकम मोटे मुसल लंड के आक्रमण से जलते गले में एक गरम पिचकारी लगी, और सीधे पेट में उतर गयी | रोहितका सफ़ेद गरम लंड रस बह निकला | 

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जलते गले में गीले गरम पिचकारी लगने से रीमा के शरीर में एक झुनझुनी सी दौड़ गयी | गरम सफ़ेद लंड रस के स्पर्श से ही उसे हल्का सा ओर्गास्म हो गया | फिर लंड ने पिचकारी की झड़ी लगा दी, रोहित  ने थोड़ा लंड बाहर खीचा और मुहँ में झाड़ने लगा ताकि रीमा उसका सफ़ेद गाढ़ा लंड रस का स्वाद ले सके | 
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काफी देर तक रोहित की कमर हिलती रही, रीमा के मुहँ में वो झड़ता रहे, रीमा उनके लंड रस की एक एक बूंद गटकती चली गयी | रोहित की गोलिया खाली हो गयी, आखिरी बची कुछ बुँदे उसके लाल फूले सुपाडे पर आकर अटक गयी जिन्हें रीमा के अपनी जीभ से चाट लिया | उसके बात रीमा रोहित के लंड को चाटती रही और तब तक चाटती रही जब तक उसमे से एक भी बूंद की गुंजाईश बनी रही | 
[Image: 16754528.jpg?site=sex&user=cyberslug]

उसने अपने मुहँ पर इधर उधर छिटक कर जाकर गिरे लंड रस को चाट लिया | और गपगप  करके गटक गयी | 



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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 16-01-2019, 07:31 PM



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