02-08-2019, 08:40 AM
नूरुद्दीन ने कहा, सूएखाकान हमारे कुटुंब का पुराना दुश्मन है। मुझे यह बिल्कुल मंजूर नहीं कि किसी भी कीमत पर उसके हाथों अपनी प्रिय दासी बेचूँ। दलाल ने कहा, वैसे तो वही उसके कुछ अधिक दाम लगा सकता है और मैं उसके हाथ दासी बेचने को विवश हो जाऊँगा। लेकिन अगर तुम वास्तव में उसे किसी दाम पर न बेचना चाहो तो सिर्फ एक तरकीब है। मैं उसे वजीर के हाथ में देने लगूँ तो तुम उसी समय आ जाना और दासी के मुँह पर झूठ-मूठ का थप्पड़ मार कर उसे अपनी ओर घसीट लेना और कहना कि मुझे एक बात पर इस दासी पर क्रोध आ गया था और मैंने प्रतिज्ञा की थी कि बाजार में खड़े-खड़े तेरा सौदा कर दूँगा। वह सौदा हो गया और मेरी प्रतिज्ञा पूरी हो गई। अब मैं इसे बेचना नहीं चाहता और किसी दाम पर भी इसे नहीं बेचूँगा। नूरुद्दीन ने दलाल की बात बड़ी खुशी से मंजूर कर ली और चुपके-चुपके उसके पीछे दास-दासियों के बाजार में पहुँच गया।
जिस समय दलाल दासी का हाथ सूएखाकान के हाथ में देने लगा तभी नूरुद्दीन बीच में आ गया। हुस्न अफरोज का दूसरा हाथ पकड़ कर उसने अपनी ओर उसे खींचा और उसके मुँह पर दो तमाचे हलके से मार कर कहा, तू जाती कहाँ है? वह तो तेरी बदतमीजी और आज्ञा न मानने पर मैंने तूझे बेच देने को कहा था। अब तेरी बिक्री हो चुकी। तू सीधी तरह से घर चल। यह कह कर नूरुद्दीन उसे घसीटता हुआ अपने घर की ओर ले चला। सूएखाकान कुछ देर तक इस आकस्मिक घटना के कारण स्तंभित-सा रहा क्योंकि उसे यह भी नहीं मालूम था कि लौंड़ी नूरुद्दीन की संपत्ति है। फिर वह अपमान के कारण क्रोध में जल उठा और घोड़ा दौड़ा कर उसने रास्ते में नूरुद्दीन को जा पकड़ा।
जिस समय दलाल दासी का हाथ सूएखाकान के हाथ में देने लगा तभी नूरुद्दीन बीच में आ गया। हुस्न अफरोज का दूसरा हाथ पकड़ कर उसने अपनी ओर उसे खींचा और उसके मुँह पर दो तमाचे हलके से मार कर कहा, तू जाती कहाँ है? वह तो तेरी बदतमीजी और आज्ञा न मानने पर मैंने तूझे बेच देने को कहा था। अब तेरी बिक्री हो चुकी। तू सीधी तरह से घर चल। यह कह कर नूरुद्दीन उसे घसीटता हुआ अपने घर की ओर ले चला। सूएखाकान कुछ देर तक इस आकस्मिक घटना के कारण स्तंभित-सा रहा क्योंकि उसे यह भी नहीं मालूम था कि लौंड़ी नूरुद्दीन की संपत्ति है। फिर वह अपमान के कारण क्रोध में जल उठा और घोड़ा दौड़ा कर उसने रास्ते में नूरुद्दीन को जा पकड़ा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.