02-08-2019, 08:35 AM
दो-चार दिन बाद उसका गृह-प्रबंधक उसके पास आया और बही-खाता खोल कर उसे सारी स्थिति बताने के बाद उससे बोला, आप ने इस थोड़े ही समय में बहुत अधिक खर्च कर दिया है। आपके स्वामिभक्त सेवकों से आपकी यह बरबादी नहीं देखी जाती। इसलिए उनमें से बहुत-से लोग काम छोड़ कर चले गए हैं। यही हाल रहा तो मैं भी अधिक दिनों तक आपकी सेवा नहीं कर सकूँगा। या तो आप अपने अपव्यय को रोकिए या मेरा हिसाब साफ कर मुझे विदा कीजिए।
प्रबंधक के लाख समझने पर भी नूरुद्दीन ने अलल्ले-तलल्ले नहीं छोड़े। उसके मित्र उसे पहले से अधिक लूटने लगे। कभी कोई आता और कहता, आपका अमुक बाग और उसमें बना मकान मुझे बहुत भा गया है। आपको तो कोई कमी नहीं, आप उसे मुझे दे दीजिए। और मूर्ख नूरुद्दीन उसके नाम वह बाग और उसके अंदर का मकान लिख देता। इसी प्रकार कोई उसके अरबी घोड़े या विशालकाय हाथी की प्रशंसा करता और नूरुद्दीन उसे भी दे डालता। कुछ ही दिनों में यह हाल हो गया कि उसके पास अपने रहने के महल के अलावा और कुछ नहीं रहा।
प्रबंधक के लाख समझने पर भी नूरुद्दीन ने अलल्ले-तलल्ले नहीं छोड़े। उसके मित्र उसे पहले से अधिक लूटने लगे। कभी कोई आता और कहता, आपका अमुक बाग और उसमें बना मकान मुझे बहुत भा गया है। आपको तो कोई कमी नहीं, आप उसे मुझे दे दीजिए। और मूर्ख नूरुद्दीन उसके नाम वह बाग और उसके अंदर का मकान लिख देता। इसी प्रकार कोई उसके अरबी घोड़े या विशालकाय हाथी की प्रशंसा करता और नूरुद्दीन उसे भी दे डालता। कुछ ही दिनों में यह हाल हो गया कि उसके पास अपने रहने के महल के अलावा और कुछ नहीं रहा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.