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Adultery Kamini Ki Vasna
#7
तभी अचानक कामिनी को घंटी बजने की आवाज़ आई उसने तुरंत घड़ी की ओर देखा और पाया कि रात के 3 बजे थे। वो एकदम विचलित हो गई और उसे लगा कहीं। उसका पति वापस तो नहीं आ गया। यह सोचते हुए उसने अपनी नाइटी उठा कर पहन ली, और दरवाज़े की तरफ भागी दरवाज़ा खोलते ही जो उसने देखा तो उसके होश ही उड़ गए।
सामने भीम बारिश में भीगा हुआ बिल्कुल नंगा सा खड़ा था। कामिनी ने अपनी फटी हुई आँखों से देखा कि उसने कमर पर एक सफेद रंग का काफ़ी पतला पूरा पारदर्शी कई गजह से छेद वाला, काफ़ी ऊँचा और छोटा सा गमछा बँधा हुआ था।
गमछा कमर के बाईं तरफ से बँधा था और उसकी बाईं जाँघ कमर तक लंबाई में आधी खुली हुई थी। यानी बाईं साइड पर उसके शरीर पर केवल गमछे की गाँठ मात्र थी। यही नहीं गमछा दाईं तरफ़ से भी फटा हुआ था, जिस वजह से दाईं जाँघ भी कमर से 10 अंगुल नीचे से लंबाई में आधी खुली हुई दिख रही थी।
अब क्योंकि गमछा सफेद पारदर्शी और गीला था। भीम के भीमकाय लंड का आकार भी साफ दिख रहा था। भीम का लंड और गमछे का किनारा दोनों एक ही जगह ख़त्म हो रहे थे।
इतना सब कुछ कामिनी ने केवल कुछ ही पलों में देख लिया था। लेकिन वो इस बात पर ज़्यादा अचम्भित थी कि रात के 3 बजे भीम उसके दरवाज़े पर ऐसी अवस्था में कैसे आ गया?
इससे पहले कि वो कुछ बोल पाती, भीम ने उससे कहा- आज दोपहर में उसे किसी काम से दूसरे शहर जाना था। इस वजह से वो जल्दी आ गया।
कामिनी यह सुन कर उसके लण्ड को देखने लगी।
तभी भीम बोला- बीबी जी, आप कहीं यह तो नहीं सोच रहीं कि मैं आज धोती पहन कर क्यों नहीं आया? तो मैं आपको बता दूँ कि मेरे पास दो ही धोती हैं और मेरी सूखी हुई धोती आज उड़ कर गोबर में गिर गई। अब क्योंकि आज दोनों ही धोती गीली थीं, तो मैंने गमछा ही पहन लिया। रास्ते में बारिश होने से मैं भीग गया हूँ।
भीम अपनी बातों को कहते हुए कल की तरह ही उकडूं बैठ गया। ऐसा करने से उसका गमछा गीले होने और तनाव के कारण दाईं जाँघ की फटे हुए छोर से 5 अंगुल और फट गया। अब उसकी बाईं जाँघ तो बिल्कुल नंगी थी। दाईं जाँघ भी काफ़ी हद तक नंगी हो गई थी। यह सब इतनी जल्दी हुआ कि कामिनी खड़ी की खड़ी रह गई।
तभी भीम ने कहा- बीबी जी, दूध का बर्तन ले आइए।
कामिनी उसकी बात सुन कर स्तब्ध अवस्था में रसोई की ओर चल दी। उसने यह भी नहीं सोचा कि भीम ने भी उसे उसकी सेक्सी नाइटी में पूरा नंगा देख लिया होगा। कल की तरह ही वो अंदर जाते वक्त से लेकर वापस आने तक केवल भीम के बदन के बारे में ही सोचती रही।
और फिर उसने भीम की तरह ही बैठते हुए दूध का बर्तन भीम को सौंप दिया। उसके पश्चात उसकी नज़रें भीम के लटकते मध्यम आकार वाले अमरूदों जैसे आंडों और 6 इंच लंबे 4 इंच गोलाई वाले लंड पर गईं। जो कि इस वक्त गमछे के ऊपर हो जाने की वजह से पूरे नंगे दिख रहे थे।
इस वक्त भीम उसके सामने, इतने पास पूरा का पूरा नंगा बैठा था। जिस वक्त कामिनी यह सब देख रही थी, उसे नहीं पता था कि उसकी चिकनी चूत भी भीम के सामने बिल्कुल नंगी थी।
यही नहीं उसके वक्ष भी नाइटी के लटकने से पूरे के पूरे साफ नंगे दिख रहे थे। और कल की तरह ही, आज भी भीम ने उसे अपने लंड को देखते हुए देख लिया था। वो बिना कुछ बोले उसी अवस्था में काफ़ी देर तक बैठा रहा। पर क्योंकि आज कामिनी भी उसके सामने नंगी थी, सो उसके लंड ने हरकत करना चालू कर दिया था। अब वो फूल कर बड़ा हो रहा था। ऊपर-नीचे हिल रहा था।
लंड की हरकत से कामिनी को एहसास हुआ कि वो वहाँ दूध लेने के लिए बैठी थी। उसकी नज़रें भीम से चार हो गईं। भीम ने कल की तरह ही उसे प्यार भरी मुस्कान दी। कामिनी एकदम से खड़ी हो गई। उसने भीम के हाथ से दूध का बर्तन ले लिया और मुड़ कर अंदर जाने लगी।
तभी भीम भी जल्दी से खड़ा हो गया और उसने कहा- बीबी जी, अगर आपके पास कोई दूसरा गमछा हो, तो मुझे दे दो क्योंकि मेरा गमछा पूरा गीला हो गया है।
यह सुन कर कामिनी मुड़ी और उसने देखा कि भीम का लंड हवा में तन गया है। गमछा उसके पीछे लटक रहा है।
कामिनी यह देख कर फिर कुछ पलों के लिए वहीं खड़ी रह गई, पर जैसे ही लंड ने फिर से हरकत की, उसने अपनी आँखें बंद कीं और भीम के सवाल के बारे में सोचा।
फिर उसने कहा- तुम रूको, मैं आती हूँ।
और वो अंदर रसोई में चली गई। अंदर जाने के बाद कामिनी ने सोचा कि अगर आज वो बेशर्म नहीं हुई तो उसे कभी सेक्स का सुख नहीं मिलेगा। उसने सोचा कि अब तो वो भीम के साथ सेक्स ज़रूर करके रहेगी।
यही सोचते हुए वो बाहर आ ही रही थी कि उसने कपड़े के फटने की आवाज़ सुनी। उसने देखा कि भीम वहाँ बिल्कुल नंगा, तने हुए लण्ड के साथ, हाथ में गमछा लिए खड़ा था। वो गमछे को लंड के सामने कुछ ऐसे खड़ा था कि लंड ढक कम, दिख ज़्यादा रहा था।
इससे पहले कि कामिनी कुछ बोलती, भीम खुद ही बोल पड़ा- बीबी जी, गमछा गीला होने के कारण पूरा फट गया।
कामिनी को उसकी बात पर यकीन तो नहीं हुआ पर उसे यह समझ में आ गया कि शायद भीम ने यह सब कुछ जानबूझ कर किया है।
तभी कामिनी ने बनते हुए कहा- अरे कोई बात नहीं, तुम अगर मेरी मदद कर दो तो, मैं तुम्हारे लिए गमछा निकाल देती हूँ।
यह सुन कर भीम ने कहा- क्यों नहीं बीबी जी।
“क्या मैं अंदर आ जाऊँ?”
तो कामिनी ने कहा- क्या तुम बाहर खड़े हुए ही मेरी मदद कर सकते हो?
यह कह कर उसने भीम को प्यारी सी आमंत्रण देती हुई मुस्कान दी। भीम भी समझ गया कि शायद बीबी जी को उसकी चालाकी का आभास हो गया है।
उसने दूध का बर्तन उठा कर दरवाज़े के अंदर प्रवेश किया और बाजू में रख कर उसने दरवाजा बंद कर दिया। वो अभी भी शराफ़त का नाटक करते हुए गमछे को लंड के सामने लेकर खड़ा था।
यह देख कामिनी ने भी उसे बोतल में उतारने की सोची और उसने कहा- गमछा बेडरूम के ऊपर की अलमारी में पड़ा है।
और भीम को उसके पीछे आने को कहा। बेडरूम की ओर जाते वक़्त कामिनी को अपने सेक्सी नाइटी और खूबसूरत बदन के प्रदर्शन का अहसास हुआ, और उसमें एक अलग सा आत्मविश्वास पैदा हुआ।
कमरे में पहुँचने के बाद उसने भीम से कहा- घर में कोई सीढ़ी नहीं है इसलिए तुमको मुझे अपने कंधों पर उठाना पड़ेगा।
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Messages In This Thread
Kamini Ki Vasna - by Charlie987 - 30-07-2019, 04:00 PM
RE: Kamini Ki Vasna - by Charlie987 - 30-07-2019, 04:01 PM
RE: Kamini Ki Vasna - by Theflash - 30-07-2019, 05:04 PM
RE: Kamini Ki Vasna - by Charlie987 - 30-07-2019, 09:51 PM
RE: Kamini Ki Vasna - by sneh - 31-07-2019, 09:28 AM
RE: Kamini Ki Vasna - by Charlie987 - 01-08-2019, 09:33 AM
RE: Kamini Ki Vasna - by Charlie987 - 01-08-2019, 09:38 AM
RE: Kamini Ki Vasna - by Suryahot123 - 01-08-2019, 10:48 AM
RE: Kamini Ki Vasna - by Charlie987 - 01-08-2019, 01:29 PM
RE: Kamini Ki Vasna - by Charlie987 - 02-08-2019, 07:51 PM
RE: Kamini Ki Vasna - by Prince - 02-08-2019, 08:14 PM
RE: Kamini Ki Vasna - by LovelyLover00 - 17-08-2022, 12:16 PM



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