01-08-2019, 03:29 AM
साहित्य
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.

Incest हाए भैय्या,धीरे से, बहुत मोटा है
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