28-07-2019, 05:21 PM
Update - 6 ( एक मजबूत शुरुआत भाग - 3 ) फिर कुछ समय बाद हवेली में करीना का आज उपवास था और उसे पूजा करने मंदिर जाना था पर परेशानी यह थी कि उसको जिस मन्दिर जाना था वो मन्दिर गाँव से थोड़ा बहार था और उसको पूजा करने में भी थोड़ा समय लगना ही था। इसलिए वो खुद गाड़ी को ड्राइव करके नही जाना चाहती थी।फिर उसने अपने ड्राइवर को बुलाया और कहा कि गाड़ी बहार लगा दे। करीना ठाकुर हॉट और सेक्सी सी साड़ी और बैकलेस रेड कलर का ब्लाउज़ पहन कर मन्दिर जाने के लिए गेट से बाहर निकल रही थी तभी उसके पास एक लड़की आयी जो करीब 24 साल की होगी नाम था प्रियल पाण्डे जो मंदिर के पुजारी श्री दामोदर दास पाण्डे की बेटी थी। प्रियल को हवेली के अंदर तो आने नही मिला पर उसकी बात करीना ठाकुर से हो गयी और उसने बताया कि उसको कुछ काम है जिसके लिए उसे मंदिर जाना है और करीना ठाकुर ने उसे अपने साथ ले लिया। जहा सभी हवेली की कारे और एस यू वी गाड़िया खड़ी रहती थी वही इक़बाल आकर खड़ा था उसे भी रहीम चाचा से मिलने जाना था पर वहाँ का रास्ता दूर था। अब इक़बाल कोई राका जेसा तो नही था जिसको खुद की गाड़ी मिले हवेली से। इसलिए पार्किंग में बैठा था। ऐसा भी नही था कि इक़बाल को कही जाना है पर हवेली से कार ना मिले पर हवेली की सारी करे बहुत महँगी और ठाकुरो के नाम वाली थी। अगर इक़बाल को कोई कार चाहिए तो उसे सिधे ठाकुर रघुवीर से बात करनी पड़ती जो उसके जैसे आदमी के लिये काफी मुश्किल था। पर जब उसने देखा कि एक सफेद कलर की बी एम डब्ल्यू कर में एक ड्राइवर बैठा है तो वो उसके पास गया और बोला कि कहा जा रहे हो मिया। ड्राइवर बोला कि मैडम करीना जी ठाकुर को लेकर पुराने लाल मन्दिर ले जा रहा हू ये सुनते ही इक़बाल खुश हो गया और बोला कि कितने जाने है वो बोला मुझको नही पता। फिर कुछ सोच कर वो कार के आगे वाली सीट पर बैठ गया और ड्राइवर भी कुछ नही बोला। कार जैसे है गेट नम्बर 1 के पास आयी और करीना ठाकुर और प्रियल दोनों बैठने लगे। तभी करीना बोली कि इक़बाल भाई आप आज कैसे आगये तो इक़बाल बोला बस युही आज आपके बॉडीगार्ड बन जाते है फिर एक घटीया सी हँसी देते हुए बोला कि मुझको थोड़ा काम है मैडम और वो काफी जरूरी है इसलिए हम आपके साथ आ रहे है हमको जिससे काम है वो रास्ते मे ही मिल जायेंगे। करीना को इच्छा तो हुई कि इस बेकार , मोटे और काले से इक़बाल को उसकी मेहँगी कार में से बाहर निकाल दे पर उसने सोचा कि ऐसे भी जगह थोड़ी सुनसान है और आते समय ये प्रियल भी नही रहेगी इसलिये वो कुछ नही बोली। और गाड़ी चल पड़ी हवेली से। रास्ते मे चलते हुए इक़बाल कार के आगे वाले शीशे पर लगे बैक मिरर से करीना को देखने लगा उसके बड़े बड़े निपल्स को जो ब्लाउज़ से आधे बाहर और आधे अन्दर हो रहे थे। फिर करीना ठाकुर ने इक़बाल को ऐसे देखते हुए देख लिया और तुरन्त अपनी साड़ी ठिक करी ओर अपने बैकलेस ब्लाउज़ पर साड़ी का पल्लू ढकने की कोशिश करने लगी। इसके बाद इक़बाल प्रियल को देखने लगा प्रियल भी काफी सुन्दर ओर गोरी थी हो भी क्यो ना महान पंडित श्री दामोदर दास की बेटी जो थी । प्रियल ने कोई खास कामुक कपड़े नही पहने हुए थे उसने अपनी और मंदिर की मर्यादाओ के हिसाब से एक लाल कलर का साधारण सा कुर्ता पहना हुआ था जो उसके शरीर को पूरा कवर कर रहा था। इक़बाल जनता था कि प्रियल और करीना ठाकुर के सामने उसकी दाल गलने वाली नही है। फिर गाड़ी लाल मन्दिर के पास आकर रुक गयी ओर करीना ठाकुर अपनी पूजा की थाली लेकर मन्दिर चल पड़ी प्रियल भी उसके साथ चल पड़ी। इक़बाल वही ड्राइवर के साथ कार के पास खड़ा हो गया। फिर करीब 35 मिनट बाद करीना ठाकुर पूजा करके वापस अपनी कार में आ गयी। ओर बोली कि कार को पुरानी बावड़ी के पास लेलो। बावड़ी यानी कि जहाँ एक बड़ा सा खड्डा खोद कर उसके तीन साइड बहुत सारी सीढ़िया बनायी जाती है और एक साइड बहुत से छज्जे बनाये जाते है जहाँ बारिश का पानी स्टोर या संभाला जाता है। फिर कार बावड़ी के पास आकर रुक गयी ओर करीना ठाकुर हाथो में पूजा की थाली लेकर चल दी। इस बार इक़बाल भी करीना ठाकुर का बॉडीगार्ड बनकर उसके साथ पिछे चल दिया। क्योंकि पुरानी बावड़ी थी यहां पर लोगो का आना जाना भी काफी कम था ओर कोई जानवर हो ने का भी खतरा था इसलिए। करीना ठाकुर यहा बावड़ी का पुराना ओर साफ पानी भरने आयी थी उसको पंडित जी ने कहा था कि जाते समय अपने हाथों से इस चाँदी के लोटे में पानी भर ले ओर हवेली के पूजा स्थल पर रख दे। फिर करीना अपनी सेक्सी चाल के साथ गान्ड मटकाते हुए चल रही थी और इक़बाल उसके पिछे था एक दम पिछे एकदम बॉडीगार्ड की तरह। करीना ने हाईहील वाले सैंडल पहन रखे थे जिससे उसको पत्थर की बनी चिकनी और खुरदरी सीढियो पर चलने में तकलीफ हो रही थी करीना जेसे ही अपनी उचे हील वाली सैण्डल निकलने गयी उसका बैलेंस बिगड़ गया ओर वो चिकनी सीढियो से घिरने लगी तभी इक़बाल ने पिछे से करीना को पकड़ने गया पर इक़बाल करीना का एक हाथ ही पकड़ पाया ओर करीना का एक कन्धा जाकर एक सीढ़ी से टकरा गया । करीना के कंधे से खून तो नही निकल पर हलकी सी मोच जरूर आ गयी। करीना को थोड़ा दर्द होने लगा ओर इक़बाल बोला ओहो मैडम आज तो आप बच गयी अगर में ना होता तो आप घिर ही जाती और हो सकता है आपका खून भी निकल सकता था करीना थोड़ा कंधे के दर्द से तकलीफ में दिख रही थी तो इक़बाल ने हिम्मत करते हुए बोला कि मैडम आपको दर्द ज्यादा हो रहा है क्या। करीना बोली हा बस मोच सी आ गयी है। इक़बाल ने फिर हिम्मत करते हुए बोला कि करीना मेडम ज्यादा दर्द हो तो में मालिश कर दु। ये सुनते ही करीना को थोड़ा अजीब लगा की उसने एक तो ब्लाउज़ भी काफी छोटा और बैकलेस पहन रखा है और इस इक़बाल काले सांड के हाथ भी काफी सख्त और बड़े है। फिर करीना को थोड़ा दर्द भी हो रहा था फिर उसने बोलै ठिक है करदो मालिश पर थोड़ा आराम से ओर आज तक कभी मालिश करी है तुमने। इक़बाल थोड़ा शैतानी हँसी के साथ बोला की ऐसे चोटे और मोच पता नही कितनी बार मुझको आती है और कोई होता भी नही तो में खुद ही कर देता हूं। फिर करीना ठाकुर ने कहा ठीक है। ये सुनते ही इक़बाल खुश हो गया पर एक डर भी था कि कही कुछ उल्टा हो गया ठाकुर रघुवीर उसकी जान लेले गा। क्योकि करीना ठाकुर की बहन है कोई कोठे की रण्डी नही है जो वो जो चाहे वो कर सके। फिर इक़बाल ने कापते हुए हाथ से करीना ठाकुर के कंधे को छुआ एक करेंट सा दौड़ गया इक़बाल के शरीर में उसके अंदर का सोया हुआ मर्द अचानक जाग गया आज तक इक़बाल ने इतनी कोमल और नरम चीज को हाथ नहीं लगाया था ।
एकदम मखमल की तरह कोमल और चिकना था करीना का कंधा उसके हाथ मालिश करना तो जैसे भूल ही गये थे वो तो उस एहसास में ही खो गया था जो कि उसके हाथों को मिल रहा था वो चाह कर भी अपने हाथों को हिला नहीं पा रहा था बस अपनी उंगलियों को उसके कंधे पर हल्के से फेर रहा था और उसका नाज़ुकता का एहसास अपने अंदर भर रहा था वो अपने दूसरे हाथ को भी करीना ठाकुर के कंधे पर ले गया और दोनों हाथों से वो करीना के कंधे को बस छूकर देख रहा था । और उधर करीना का तो सारा शरीर ही आग में जल रहा था जैसे ही इक़बाल का हाथ उसके कंधे पर टकराया उसके अंदर तक एक गर्मी ओर सेक्स की लहर दौड़ गई उसके पूरे शरीर के रोंगटे खड़े हो गये और शरीर काँपने लगा था उसे ऐसे लग रहा था कि वो बहुत ही ठंडी में बैठी है, जेसे पूरा माहौल ही ठंडा हो गया हो वो किसी तरह से ठीक से बैठी थी पर उसका शरीर उसका साथ नहीं दे रहा था वो ना चाहते हुए भी थोड़ा सा तनकर बैठ गई उसकी दोनों चूचियां अब सामने की ओर बिल्कुल कोई माउंटन पीक की तरह से खड़ी थी और सांसों के साथ ऊपर-नीचे हो रही थी उसकी सांसों की गति भी बढ़ गई थी इक़बाल के सिर्फ़ दोनों हाथ उसके कंधे पर छूने जैसा ही एहसास उसके शरीर में वो आग भर गया था जो कि आज तक करीना ने अपने पूरे शादीशुदा जिंदगी में महसूस नहीं किया था
करीना अपने आपको संभालने की पूरी कोशिश कर रही थी पर नहीं संभाल पा रही थी वो ना चाहते हुए भी इक़बाल खान से टिकने की कोशिश कर रही थी वो पीछे की ओर होने लगी थी ताकि इक़बाल से अच्छे से टिक सके
करीना के इस तरह से पीछे आने से इक़बाल भी थोड़ा आगे की ओर हो गया अब इक़बाल का पेट से लेकर जाँघो तक करीना ठाकुर टिकी हुई थी उसका कोमल और नाजुक बदन इक़बाल के आधे शरीर से टीके हुए उसके जीवन काल का वो सुख दे रहे थे जिसकी कि कल्पना इक़बाल ने नहीं सोची थी इक़बाल के हाथ अब पूरी आजादी से करीना के कंधे पर घूम रहे थे वो उसके बालों को हटा कर उसकी गर्दन को अपने सख्त , काले और मजबूत हाथों से स्पर्श कर करीना के शरीर का ठीक से अवलोकन कर रहा था वो अब तक करीना के शरीर से उठ रही खुशबू में ही डूबा हुआ था और उसके कोमल शरीर को अपने हाथों में पाकर नहीं सोच पा रहा था कि आगे वो क्या करे पर हाँ… उसके हाथ करीना के कंधे और बालों से खेल रहे थे करीना भी पीछे की ओर होती जा रही थी अगर इक़बाल उसे पीछे से सहारा ना दे तो वो धम्म से सीढियो पर गिर जाए वो लगभग नशे की हालत में थी और करीना के मुख से धीमी धीमी सांसें चलने की आवाज आ रही थी करीना के नथुने फूल रहे थे और उसके साथ ही उसकी छाती भी अब कुछ ज्यादा ही आगे की ओर हो रही थी करीना उस बावड़ी वाली जगह में अपने आप को काफी गरम और उत्तेजित पा रही थी। इक़बाल खड़ा-खड़ा इस नज़ारे को देख भी रहा था और अपनी जिंदगी के हँसीन पल को याद करके खुश भी हो रहा था की उसके हाथों में
ठाकुर रघुवीर की बहन करीना ठाकुर जो है। वो अपने हाथों को करीना की गर्दन पर फेरने से नहीं रोक पा रहा था अब तो उसके हाथ उसके गर्दन को छोड़ उसके गले को भी स्पर्श कर रहे थे करीना ठाकुर जो कि नशे की हालत में थी कुछ भी सोचने और करने की स्थिति में नहीं थी वो बस आखें बंद किए इक़बाल के हाथों को अपने कंधे और गले में घूमते हुए महसूस कर रही थी और अपने अंदर उठ रहे ज्वार को किसी तरह नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रही थी उसके छाती आगे और आगे की ओर हो रहे थे सिर इक़बाल के पेट पर टच हो रहा था कमर नितंबों के साथ पीछे की ओर हो रही थी । बस इक़बाल इसी तरह उसे सहलाता जाए या फिर प्यार करता जाए यही करीना सोच रही थी बस रुके नहीं उसके अंदर की ज्वाला जो कि अब किसी तरह से इक़बाल को ही शांत करना था वो अपना सब कुछ भूलकर इक़बाल का साथ देने को तैयार थी और इक़बाल जो कि पीछे खड़े-खड़े कामया की स्थिति का अवलोकन कर रहा था और जन्नत की किसी अप्सरा के हुश्न को अपने हाथों में पाकर किस तरह से आगे बढ़े ये सोच रहा था वो अपने आप में नहीं था वो भी एक नशे की हालत में ही था नहीं तो करीना ठाकुर जो कि उसके मालिक की बहन थी उसके साथ आज इस तरह इस पुरानी बावड़ी मे इस तरह खड़े होने की कल्पना तो दूर की बात सोच से भी परे थी उसके पर आज वो करीना के साथ जो कि सिर्फ़ एक सेक्सी सा ब्लाउस और लाल कलर की साड़ी डाले उसके शरीर से टिकी हुई बैठी थी और वो उसके कंधे और गले को आराम से सहला रहा था अब तो वो उसके गाल तक पहुँच चुका था कितने नरम और चिकने गाल थे करीना के और कितने नरम होंठ थे अपने अंगूठे से उसके होंठों को छूकर देखा था इक़बाल थोड़ा सा और आगे की ओर हो गया ताकि वो करीना के होंठों को अच्छे से देख और छू सके इक़बाल के हाथ अब करीना की गर्दन को छू कर करीना के गालों को सहला रहे थे करीना भी नशे में थी सेक्स के नशे में और कामुकता तो उसपर हावी थी ही इक़बाल अब तक अपने आपको करीना के हुश्न की गिरफ़्त में पा रहा था वो अपने को रोकने में असमर्थ था वो अपने सामने इतनी सुंदर स्त्री को पाकर अपना सूदबुद खो चुका था उसके शरीर से आवाजें उठ रही थी वो करीना को छूना चाहता था और चूमना चाहता था सबकुछ छूना चाहता था इक़बाल ने अपने हाथों को करीना ठाकुर के सर को थोड़ा सा ऊपर की ओर किया ताकि वह उसके होंठों को ठीक से देख सके करीना भी ना नुकर ना करते हुए अपने सिर को उँचा कर दिया ताकि इक़बाल जो चाहे कर सके बस उसके शरीर को ठंडा करे । करीना ठाकुर अपने पति के साथ रोज सेक्स नही कर पाती थी क्योंकि उसका पति अपने बिजनेस में बिजी रहता था और करीना अपने काम मे।करीना बस यह चाहती थी कि इक़बाल उसके शरीर की सेक्स की भूख को ठंडा कर दे उसकी कामाग्नी को ठंडा करे इक़बाल उसको इस तरह से अपना साथ देता देखकर और भी गरमा गया था उसके कपडे के बने पेन्ट के अंदर उसका पुरुष की निशानी अब बिल्कुल तैयार था अपनी मर्दानगी को दिखाने के लिए इक़बाल अब सबकुछ भूल चुका था उसके हाथ अब करीना के गालों को छूते हुए होंठों तक बिना किसी झिझक के पहुँच जाते थे वो अपने हाथों के सपर्श से करीना ठाकुर की स्किन का अच्छे से छूकर देख रहा था उसकी जिंदगी का पहला एहसास था वो थोड़ा सा झुका हुआ था ताकि वो करीना को ठीक से देख सके करीना भी चेहरा उठाए चुपचाप इक़बाल को पूरी आजादी दे रही थी कि जो मन में आए करो और जोर-जोर से सांस ले रही थी इक़बाल की कुछ और हिम्मत बढ़ी तो उसने करीना के कंधों से उसकी साड़ी के पल्लू को उतार फैका और फिर अपने हाथों को उसके कंधों पर घुमाने लगा उसकी नजर अब करीना के ब्लाउज के अंदर की ओर थी पर हिम्मत नहीं हो रही थी एक हाथ एक कंधे पर और दूसरा उसके गालों और होंठों पर घूम रहा था । इक़बाल की उंगलियां जब भी करीना के होंठों को छूती तो करीना के मुख से एक सिसकारी निकलजाति थी उसके होंठ गीले हो जाते थे इक़बाल की उंगलियां उसके थूक से गीले हो जाती थी इक़बाल भी अब थोड़ा सा पास होकर अपनी उंगली को कामया के होंठों पर ही घिस रहा था और थोड़ा सा होंठों के अंदर कर देता था । इक़बाल की सांसें जोर की चल रही थी उसका लिंग भी अब पूरी तरह से करीना की पीठ पर घिस रहा था किसी खंबे की तरह था वो इधर-उधर हो जाता था एक चोट सी पड़ती थी करीना की पीठ पर जब वो थोड़ा सा उसकी पीठ से दायां या लेफ्ट में होता था तो उसकी पीठ पर जो हलचल हो रही थी वो सिर्फ़ करीना ठाकुर ही जानती थी पर वो इक़बाल को पूरा समय देना चाहती थी इक़बाल की उंगली अब करीना के होंठों के अंदर तक चली जाती थी उसकी जीब को छूती थी करीना भी उत्तेजित तो थी ही झट से उसकी उंगली को अपने होंठों के अंदर दबा लिया और चूसने लगी थी करीना का पूरा ध्यान इक़बाल की हरकतों पर था वो धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था वो अब नहीं रुकेगा हाँ… आज वो इक़बाल के साथ अपने शरीर की आग को ठंडा कर सकती है वो और भी सिसकारी भरकर थोड़ा और उँचा उठ गई इक़बाल के हाथ जो की कंधे पर थे अब धीरे-धीरे नीचे की ओर उसकी बाहों की ओर सरक रहे थे करीना ओर भी उत्तेजित होकर इक़बाल की उंगली को चूसने लगी इक़बाल भी अब खड़े रहने की स्थिति में नहीं था । ◆★◆
वो झुक कर अपने हाथों को करीना की बाहों पर घिस रहा था और साथ ही साथ उंगलियों से उसकी चुचियों को छूने की कोशिश भी कर रहा था पर करीना के उत्तेजित होने के कारण वो कुछ ज्यादा ही इधर-उधर हो रही थी तो करीना ने वापस अपना हाथ उसके कंधे पर पहुँचा दिया और वही से धीरे से अपने हाथों को उसके गले से होते हुए उसकी चुचियों पहुँचने की कोशिश में लग गया उसका पूरा ध्यान करीना पर ही था उसकी एक ना उसके सारी कोशिश को धूल में मिला कर रख सकती थी और वो नही चाहता था कि इस लोटरी यानी की ठाकुर की बहन और शोर्यगढ़ जेसे बड़े गाँव के ठाकुर की बड़ी बहू यानी करीना ठाकुर को अपने हाथों से जाने दे इसलिए वो बहुत ही धीरे धीरे अपने कदम बढ़ा रहा था करीना का शरीर अब पूरी तरह से इक़बाल की हरकतों का साथ दे रहे थे वो अपनी सांसों को कंट्रोल नहीं कर पा रही थी तेज और बहुत ही तेज सांसें चल रही थी उसकी उसे इक़बाल के हाथों का अंदाजा था कि अब वो उसकी चूची या निपल्स की ओर बढ़ रहे है उसके ब्लाउज के अंदर एक ज्वार आया हुआ था उसके सांस लेने से उसके ब्लाउज के अंदर उसकी चूचियां और भी सख़्त हो गई थी निपल्स तो जैसे तनकर पत्थर की तरह ठोस से हो गये थे वो बस इंतजार में थी कि कब इक़बाल उसकी चूचियां छुए और तभी इक़बाल की हथेली उसकी चुचियों के उपर थी बड़ी बड़ी और कठोर हथेली उसके ब्लाउज के उपर से उसके अंदर तक उसके हाथों की गर्मी को पहुँचा चुकी थी करीना थोड़ा सा चिहुक कर और भी तन गई थी इक़बाल जो कि अब करीना की गोलाईयों को हल्के हाथों से टटोल रहा था ब्लाउज के उपर से और उपर से उनको देख भी रहा था और अपने आप पर यकीन नहीं कर पा रहा था कि वो करीना ठाकुर या शोर्यगढ़ की बड़ी बहू के साथ ये सब कर रहा था सपना था कि हकीकत था वो नहीं जानता था पर हाँ… उसकी हथेलियों में करीना की गोल गोल ठोस और कोमल और नाजुक सी रूई के गोले के समान चुचियाँ थी जरूर वो एक हाथ से करीना की चुचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही टटोल रहा था या कहिए सहला रहा था और दूसरे हाथ से करीना के होंठों में अपनी उंगलियों को डाले हुए उसके गालों को सहला रहा था वो खड़ा हुआ अपने लिंग को करीना की पीठ पर रगड़ रहा था और करीना भी उसका पूरा साथ दे रही थी कोई ना नुकर नहीं था उसकी तरफ से करीना का शरीर अब उसका साथ छोड़ चुका था अब वो इक़बाल के हाथ में थी उसके इशारे पर थी अब वो हर उस हरकत का इंतजार कर रही थी जो इक़बाल करने वाला था । इक़बाल अपना सुध बुध खोया हुआ अपने सामने इस सुंदर काया को अपने हाथों का खिलोना बनाने को आजाद था वो चुचियों को तो ब्लाउज के ऊपर से सहला रहा था पर उसका मन तो उसके अंदर से छूने को था उसने दूसरे हाथ को करीना के गालों और होंठों से आजाद किया और धीरे से उसके ब्लाउज के गैप से उसके अंदर की डाल दिया मखमल सा एहसास उसके हाथों को हुआ और वो बढ़ता ही गया
जैसे-जैसे उसका हाथ करीना ठाकुर के ब्लाउज के अंदर की ओर होता जा रहा था वो करीना से और भी सटताजा रहा था अब दोनों के बीच में कोई भी फासला या गैप नहीं था करीना इक़बाल से पूरी तरह टिकी हुई थी या कहिए अब पूरी तरह से उसके सहारे थी उसकी जाँघो से टिकी अपने पीठ पर इक़बाल के लिंग का एहसास लेती हुई करीना एक अनोखे संसार की सैर कर रही थी उसके शरीर में जो आग लगी थी अब वो धीरे-धीरे इतनी भड़क चुकी थी कि उसने अपने जीवन काल में इस तरह का एहसास नहीं किया था ।करीना ठाकुर के पति ने कभी भी करीना के साथ रफ सेक्स नही किया था। करीना अपने को भूलकर इक़बाल के हाथ को अपने ब्लाउस में घुसने में थोड़ा मदद की वो थोड़ा सा आगे की ओर हुई अपने कंधों को आगे करके ताकि इक़बाल के हाथ आराम से अंदर जा सके इक़बाल की कठोर और सख्त हथेली जब उसकी स्किन से टकराई तो वो और भी सख्त हो गई उसका हाथ अपने आप उठकर अपने ब्लाउज के ऊपर से इक़बाल के हाथ पर आ गया एक फिर दोनों और फिर इक़बाल का हाथ ब्लाउज के अंदर रखे हुई थी वो और भी तन गई अपने चूचियां को और भी सामने की और करके वो थोड़ा सा सिटी से उठ गई थी । इक़बाल ने भी करीना के समर्थन को पहचान लिया था वो समझ गया था कि करीना अब ना नहीं कहेगी वो अब अपने हाथों का जोर उसके चुचियों पर बढ़ने लगे थे धीरे-धीरे इक़बाल उसकी चुचियों को छेड़ता रहा और उसकी सुडोलता को अपने हाथों से तोलता रहा और फिर उसके उंगलियों के बीच में निपल को लेकर धीरे से दबाने लगा
उूुुुुुउऊह्ह करीना के मुख से एक लंबी सी सिसकारी निकली
करीना ठाकुर - ऊऊह्ह पल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लीीआआआआअसस्स्स्स्स्स्सीईईई आआआआआह्ह
इक़बाल को क्या पता क्या बोल गई थी करीना पर हाँ उसके दोनों हाथों के दबाब से वो यह तो समझ ही गया था कि करीना क्या चाहती थी उसने अपने दोनों हाथों को उसके ब्लाउज के अंदर घुसा दिया इस बार कोई ओपचारिकता नहीं की बस अंदर और अंदर और झट से दबाने लगा पहले धीरे फिर थोड़ा सा जोर से इतनी कोमल और नरम चीज आज तक उसके हाथ में नहीं आई थी वो अपने आप पर विश्वास नहीं कर पा रहा था वो थोड़ा सा और झुका और अपने बड़े और मोटे-मोटे होंठों को करीना के चिकने और गुलाबी गालों पर रख दिया और चूमने लगा चूमने क्या लगा सहद जैसे चाटने लगा था पागलो जैसी स्थिति थी इक़बाल की अपने हाथों में ठाकुर की बहन और शोर्यगढ़ कि बड़ी बहू को वो शारिरिक रूपसे कामवासना सेवा कर रहा था और करीना ठाकुर भी उसका पूरा समर्थन दे रही थी कंधे का दर्द कहाँ गया वो तो पता नहीं हाँ पता था तो बस एक खेल की शुरुआत हो चुकी थी और वो था सेक्स का खेल्ल शारीरिक भूख का खेल एक दूसरे को सन्तुष्ट करने का खेल एक दूसरे को समर्पित करने का खेल करीना तो बस अपने आपको खो चुकी थी इक़बाल के झुक जाने की वजह से उसके ब्लाउज के अंदर इक़बाल के हाथ अब बहुत ही सख़्त से हो गये थे वो उसके ब्लाउज के ऊपर के दो तीन बाट्टों को टाफ चुके थे दोनों तरफ के ब्लाउज के साइड लगभग अब उसका साथ छोड़ चुके थे कारीना का ब्लाउज़ अब बस किसी तरह नीचे के कुछ एक दो या फिर तीन हुक के सहारे थे वो भी कब तक साथ देंगे पता नहीं पर करीना को उससे क्या वो तो बस अपने शरीर की भूख की शांत करना चाहती थी करीना शांत थी और अपने हाथों का दबाब इक़बाल के हाथों पर और जोर से कर रही थी वो इक़बाल के झुके होने से अपना सिर इक़बाल के कंधे पर टिकाए हुए थी करीना ठाकुर अपने पैरों को नीचे रखे हुए और सिर को इक़बाल के कंधे पर टिकाए हुए अपने को हवा में उठा चुकी थी । वो नजर एक दम कामुक था।
इक़बाल तो अपने होंठों को करीना के गालों और गले तक जहां तक वो जा सकता था ले जा रहा था अपने हाथों का दबाब भी वो अब बढ़ा चुका था करीना के चूचियां पर जोर जोर-जोर से और जोर से की करीना के मुख से एक जोर से चीत्कार जब तक नहीं निकल गई
करीना - ईईईईईईईईईईईई आआआआआअह्ह उूुुुउउफफफफफफफफफफफफ्फ़
और झटक से करीना के ब्लाउसने भी करीना का साथ छोड़ दिया अब उसकी ब्लाउस सिर्फ़ अपना अस्तितवा बनाने के लिए ही थे उसके कंधे पर और दोनों पाट खुल चुके थे अंदर से उसकी महीन सी पतली सी स्ट्रॅप्स के सहारे कामया के कंधे पर टीके हुए ओर ब्लाउज़ के अंदर इक़बाल बके मोटे-मोटे हाथ उसके उभारों को दबा दबा के निचोड़ रहे थे इक़बाल भूल चुका था की करीना शोर्यगढ़ की बड़ी बहू
ओर ठाकुर रघुवीर की बहन है कोई गॉव की देहाती लड़की नही या फिर कोई देहात की खेतो में काम करने वाली नीची जाति की औरत नहीं है पर वो तो अपने हाथों में रूई सी कोमल और मखमल सी कोमल नाजुक औरत को पाकर पागलो की तरह अब उसे रौंदने लगा था वो अपने दोनों हाथों को करीना ठाकुर की चुचियों पर रखे हुए उसे सहारा दिए हुए उसके गालों और गले को चाट और चूम रहा था ।
उसका थूक करीना के पूरे चेहरे को भिगा चुका था वो अब एक हाथ से इक़बाल की गर्दन को पकड़ चुकी थी और खुद ही अपने गालों और गर्दन को इधर-उधर या फिर उचका करके इक़बाल को जगह दे रही थी कि यहां चाटो या फिर यहां चुमो उसके मुख और नाक से सांसें अब के चेहरे पर पड़ रही थी इक़बाल की उत्तेजना की कोई सीमा नहीं थी वो अधखुली आखों से करीना ठाकुर की ओर देखता रहा और अपने होंठों को उसके होंठों की ओर बढ़ाने लगा । फिर दोनों के बीच एक लम्बी किस या चुम्बन हुआ जो तकरीबन 5 मिनट तक चला। करीना ऊपर से इक़बाल के होंठों से जुड़ी हुई अपने हाथों को वो भी इक़बाल के शरीर पर चला रही थी उसके हाथों में बालों का गुछा आ रहा था जहां भी उसका हाथ जाता बाल ही बाल थे और वो भी इतने कड़े कि काँटे जैसे लग रहे थे पर करीना के नंगे शरीर पर वो कुछ अच्छे लग रहे थे यह बाल उसकी कामुकता को और भी बढ़ा रहे थे इक़बाल की आखें बंद थी पर करीना ने थोड़ी हिम्मत करके अपनी आखें खोली तो इक़बाल के नंगे पड़े हुए शरीर को देखती रह गई कसा हुआ था मास पेशिया कही से भी ढीली नहीं थी हा थुलथुला पन था कही भी उसके पति की तरह इक़बाल में कोई कोमलता भी नहीं थी कठोर और बड़ा भी था बालों से भरा हुआ और उसके हाथ तो बस उसकी कमर के चारो और तक जाते थे कुछ जाँघो के बीच में गढ़ रहा था अगर उसका लिंग हुआ तो बाप रे इतना बड़ा भी हो सकता है करीना का मन अब तो इक़बाल के लिंग को आजाद करके देखने को हो रहा था वो अपने को इक़बाल पर जिस तरह से घिस रही थी उसका पूरा अंदाज़ा इक़बाल को था वो जानता था कि करीना अब पूरी तरह से तैयार थी पर वो क्या करे उसका मन तो अब तक इस हसीना के बदन से नहीं भरा था वो चाह कर भी उसे आजाद नहीं करना चाहता था पर इसी उधेड़ बुन में कब करीना उसके नीचे चली गई पता भी नहीं चला और वो कब उसके ऊपर हावी हो गया नहीं पता वो करीना की पीठ को जकड़े हुए उसके होंठों को अब भी चूस रहा था । करीना के शरीर पर अब वो चढ़ने की कोशिश कर रहा था करीना की पैंटी में एक हाथ ले जाते हुए उसको उतारने लगा उतारने क्या लगभग फाड़ ही दी उसने बची कुची उसके पैरों से आजाद करदी पेटीकोट तो कमर के चारो और था ही जरूरत थी तो बस अपने साहब को आजाद करने की इक़बाल होंठों से जुड़े हुए ही अपने हाथों से अपने पेन्ट को अलग करके अपने बड़े से अंडरवेयार को भी खोल दिया और अपने लिंग को आजाद कर लिया और फिर से गुथ गया करीना पर अब उसे कोई चिंता नहीं थी वो अब अपने हर अंग से करना को छू रहा था ।
अपने लिंग को भी वो करीना की जाँघो के बीच में रगड़ रहा था उसके लिंग की गर्मी से तो करीना और भी पागल सी हो उठी अपने जाँघो को खोलकर उसने उसको जाँघो के बीच में पकड़ लिया और इक़बाल से और भी सट गई अपने हाथों को इक़बाल की पीठ के चारो ओर करके इक़बाल को अपनी ओर खींचने लगी और करीना ठाकुर की इस हरकत से इक़बाल और भी खुल गया जैसे अपनी पत्नी को ही भोग रहा हो वो झट से करीना के शरीर पर छा गया और अपनी कमर को हिलाकर करीना के अंदर घुसने का ठिकाना ढूँडने लगा करना भी अब तक सहन ही कर रही थी पर इक़बाल के झटको ने उसे भी अपनी जाँघो को खोलने और अपनी योनि द्वार को इक़बाल के लिंग के लिए स्वागत पर खड़े होना ही था सो उसने किया पर एक ही झटके में इक़बाल उसके अंदर जब उतरा तो ....
करीना- ईईईईईईईईईईईईईईईई आआआआआआअह्ह कर उठी इक़बाल का लिंग या लण्ड था कि मूसल बाप रे मर गई करना तो शायद फटकर खून निकला होगा आखें पथरा गई थी करीना कि इतना मोटा और कड़ा सा लिंग जो कि उसके योनि में घुसा था अगर वो इतनी तैयार ना होती तो मर ही जाती पर उसकी योनि के रस्स ने इक़बाल के लिंग को आराम से अपने अंदर समा लिया पर दर्द के मारे तो करीना ठाकुर सिहर उठी इक़बाल अब भी उसके ऊपर उसे कस कर जकड़े हुए उसकी जाँघो के बीच में रास्ता बना रहा था करीना थोड़ी सी अपनी कमर को हिलाकर किसी तरह से अपने को अड्जस्ट करने की कोशिश कर ही रही थी कि इक़बाल का एक तेज झटका फिर पड़ा और करीना के मुख से एक तेज चीख निकल गई
पर वो तो इक़बाल के गले में ही गुम हो गई इक़बाल अब तो जैसे पागल ही हो गया था ना कुछ सोचने की जरूरत थी और नहीं ही कुछ समझने की बस अपने लिंग को पूरी रफ़्तार से करीना ठाकुर की योनि में डाले हुए अपनी रफ़्तार पकड़ने में लगा था उसे इस बात की जरा भी चिंता नहीं थी कि करीना का क्या होगा उसे इस तरह से भोगना क्या ठीक होगा बहुत ही नाजुक है और कोमल भी पर इक़बाल तो बस पागलो की तरह अपनी रफ़्तार बढ़ाने में लगा था और करीना दर्द के मारे इस तरह से तड़प रही थी वो अपनी जाँघो को और भी खोलकर किसी तरह से इक़बाल को अड्जस्ट करने की कोशिश कर रही थी पर इक़बाल ने उसे इतनी जोर से जकड़ रखा था कि वो हिल तक नहीं पा रही थी उसके शरीर का कोई भी हिस्सा वो खुद नहीं हिला पा रही थी जो भी हिल रहा था वो बस इक़बाल के झटको के सहारे ही था इक़बाल अपनी स्पीड पकड़ चुका था और करीना के अंदर तक पहुँच गया था हर एक धक्के पर करीना चिहुक कर और भी ऊपर उठ जाती थी पर इक़बाल को क्या आज जिंदगी में पहली बार वो एक ऐसी हसीना को भोग रहा था जिसकी की कल्पना तो नहीं कर सकता था वो अब कोई भी कदम उठाने को तैयार था भाड़ में जाए सबकुछ वो तो इसको अपने तरीके से ही भोगेगा और वो सच मुच में पागलो की तरह से करीना के सारे बदन को चूम चाट रहा था और जहां जहां हाथ पहुँचते थे बहुत ही बेदर्दी के साथ दबा भी रहा था ।
अपने भार से करीना को दबा रखा था करीना ठाकुर जो कि इक़बाल के नीचे पड़े हुए अपने आपको नर्क के द्वार पर पा रही थी अचानक ही उसके शरीर में अजीब सी फुर्ती सी आ गई इक़बाल की दरिंदगी में उसे सुख का एहसास होने लगा उसके शरीर के हर अंग को इक़बाल के इस तरह से हाथों रगड़ने की आदत सी होने लगी थी यह सब अब उसे अच्छा लगने लगा था वो अब भी नीचे पड़ी हुई इक़बाल के धक्कों को झेल रही थी और अपने मुख से हर चोट पर चीत्कार भी निकलती पर वो तो इक़बाल के गले मे ही गुम हो जाती अचानक ही इक़बाल की स्पीड और भी तेज हो गई और उसकी जकड़ भी बहुत टाइट हो गई अब तो करीना का सांस लेना भी मुश्किल हो गया था पर उसके शरीर के अंदर भी एक ज्वालामुखी उठ रहा था जो कि बस फूटने ही वाला था हर धक्के के साथ करीना का शरीर उसके फूटने का इंतजार करता जा रहा था और इक़बाल के तने हुए लिंग का एक और जोर दार झटका उसके अंदर कही तक टच होना था कि करीना का सारा शरीर काप उठा और वो झड़ने लगी और झड़ती ही जा रही थी करीना इक़बाल से बुरी तरह से लिपट गई अपनी दोनों जाँघो को ऊपर उठा कर इक़बाल की कमर के चारो तरफ एक घेरा बनाकर शायद वो इक़बाल को और भी अंदर उतार लेना चाहती थी और इक़बाल भी एक दो जबरदस्त धक्कों के बाद झड़ने लगा था वो भी करीना के अंदर ढेर सारा वीर्य उसके लिंग से निकाला था जो कि करीना की योनि से बाहर तक आ गया था पर फिर भी इक़बाल आख़िर तक धक्के लगाता रहा जब तक उसके शरीर में आख़िरी बूँद तक बचा था और उसी तरह कस कर करीना को अपनी बाहों में भरे रहा, दोनों कुछ समय के लिए वहां पर वैसे ही पड़े रहे करीना के शरीर में तो जैसे जान ही नहीं बची थी वो निढाल सी होकर लटक गई थी इक़बाल जो कि अब तक उसे अपनी बाहों में समेटे हुए थे अब धीरे-धीरे अपनी गिरफ़्त को ढीला छोड़ रहे थे और ढीला छोड़ने से करीना ठाकुर के पूरे शरीर में जैसे जान ही वापस आ गई थी उसे सांस लेने की आजादी मिल गई थी वो जोर-जोर से सांसें लेकर अपने आपको संभालने की कोशिश कर रही थी। करीना जल्दी से वहाँ से खड़ी हुयी ओर बावड़ी के किसी कोने में जाकर अपनी साड़ी ठिक करने लगी ओर खुद को सही करके चाँदी के लोटे में थोड़ा पानी भरकर बावड़ी से बाहर निकलने लगी। तभी उसको याद आया कि कही उसके ड्राइवर ने उसे ये सब करते देख तो नहीं लिया पर जैसे ही करीना ठाकुर ओर इक़बाल दोनों कार के पास गये उनको ड्राइवर कही नही दिखा पर जेसे ही उन्होनें गाड़ी का गेट खोल ड्राइवर सिट पर ड्राइवर की लाश पड़ी थी। ड्राइवर का मोह स्टेरिंग पर था किसी ने ड्राइवर का गला काट दिया था ओर वहाँ से चला गया था। ये देखते ही करीना और इक़बाल के पैरों के नीचे से मानो जमीन ही खिसक गयीं हो। फिर करीना ओर इक़बाल एक दूसरे को देखने लगे। दोनों ऐसे ही सेक्स से काफी थके हुए थे और ये देख उनका माथा भी दुखने लगा । पर इक़बाल एक बॉडीगार्ड उसने ड्राइवर की लाश निकाली और दूर जंगलो में जाकर रख आया। इक़बाल और करीना ठाकुर इसलिए सिक्युरिटी और ठाकुर रघुवीर को ड्राइवर की मौत के बारे में नही बताना चाहते थे क्योंकि अगर सिक्युरिटी या ठाकुर के आदमी इस मोत का पता लगाते तो हो सकता हे इक़बाल और करीना की हरकतें पकड़ी जाती। इसलिए उन्होंने वहा से निकलना बेहतर समजा। डर की वजह से दोनों सिधे हवेली गये ओर करीना हवेली के अंदर अपने कमरे में गयी और इक़बाल थोड़े डर से अपने सर्वेन्ट क्र्वाटर वाले रूम में चला गया।
एकदम मखमल की तरह कोमल और चिकना था करीना का कंधा उसके हाथ मालिश करना तो जैसे भूल ही गये थे वो तो उस एहसास में ही खो गया था जो कि उसके हाथों को मिल रहा था वो चाह कर भी अपने हाथों को हिला नहीं पा रहा था बस अपनी उंगलियों को उसके कंधे पर हल्के से फेर रहा था और उसका नाज़ुकता का एहसास अपने अंदर भर रहा था वो अपने दूसरे हाथ को भी करीना ठाकुर के कंधे पर ले गया और दोनों हाथों से वो करीना के कंधे को बस छूकर देख रहा था । और उधर करीना का तो सारा शरीर ही आग में जल रहा था जैसे ही इक़बाल का हाथ उसके कंधे पर टकराया उसके अंदर तक एक गर्मी ओर सेक्स की लहर दौड़ गई उसके पूरे शरीर के रोंगटे खड़े हो गये और शरीर काँपने लगा था उसे ऐसे लग रहा था कि वो बहुत ही ठंडी में बैठी है, जेसे पूरा माहौल ही ठंडा हो गया हो वो किसी तरह से ठीक से बैठी थी पर उसका शरीर उसका साथ नहीं दे रहा था वो ना चाहते हुए भी थोड़ा सा तनकर बैठ गई उसकी दोनों चूचियां अब सामने की ओर बिल्कुल कोई माउंटन पीक की तरह से खड़ी थी और सांसों के साथ ऊपर-नीचे हो रही थी उसकी सांसों की गति भी बढ़ गई थी इक़बाल के सिर्फ़ दोनों हाथ उसके कंधे पर छूने जैसा ही एहसास उसके शरीर में वो आग भर गया था जो कि आज तक करीना ने अपने पूरे शादीशुदा जिंदगी में महसूस नहीं किया था
करीना अपने आपको संभालने की पूरी कोशिश कर रही थी पर नहीं संभाल पा रही थी वो ना चाहते हुए भी इक़बाल खान से टिकने की कोशिश कर रही थी वो पीछे की ओर होने लगी थी ताकि इक़बाल से अच्छे से टिक सके
करीना के इस तरह से पीछे आने से इक़बाल भी थोड़ा आगे की ओर हो गया अब इक़बाल का पेट से लेकर जाँघो तक करीना ठाकुर टिकी हुई थी उसका कोमल और नाजुक बदन इक़बाल के आधे शरीर से टीके हुए उसके जीवन काल का वो सुख दे रहे थे जिसकी कि कल्पना इक़बाल ने नहीं सोची थी इक़बाल के हाथ अब पूरी आजादी से करीना के कंधे पर घूम रहे थे वो उसके बालों को हटा कर उसकी गर्दन को अपने सख्त , काले और मजबूत हाथों से स्पर्श कर करीना के शरीर का ठीक से अवलोकन कर रहा था वो अब तक करीना के शरीर से उठ रही खुशबू में ही डूबा हुआ था और उसके कोमल शरीर को अपने हाथों में पाकर नहीं सोच पा रहा था कि आगे वो क्या करे पर हाँ… उसके हाथ करीना के कंधे और बालों से खेल रहे थे करीना भी पीछे की ओर होती जा रही थी अगर इक़बाल उसे पीछे से सहारा ना दे तो वो धम्म से सीढियो पर गिर जाए वो लगभग नशे की हालत में थी और करीना के मुख से धीमी धीमी सांसें चलने की आवाज आ रही थी करीना के नथुने फूल रहे थे और उसके साथ ही उसकी छाती भी अब कुछ ज्यादा ही आगे की ओर हो रही थी करीना उस बावड़ी वाली जगह में अपने आप को काफी गरम और उत्तेजित पा रही थी। इक़बाल खड़ा-खड़ा इस नज़ारे को देख भी रहा था और अपनी जिंदगी के हँसीन पल को याद करके खुश भी हो रहा था की उसके हाथों में
ठाकुर रघुवीर की बहन करीना ठाकुर जो है। वो अपने हाथों को करीना की गर्दन पर फेरने से नहीं रोक पा रहा था अब तो उसके हाथ उसके गर्दन को छोड़ उसके गले को भी स्पर्श कर रहे थे करीना ठाकुर जो कि नशे की हालत में थी कुछ भी सोचने और करने की स्थिति में नहीं थी वो बस आखें बंद किए इक़बाल के हाथों को अपने कंधे और गले में घूमते हुए महसूस कर रही थी और अपने अंदर उठ रहे ज्वार को किसी तरह नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रही थी उसके छाती आगे और आगे की ओर हो रहे थे सिर इक़बाल के पेट पर टच हो रहा था कमर नितंबों के साथ पीछे की ओर हो रही थी । बस इक़बाल इसी तरह उसे सहलाता जाए या फिर प्यार करता जाए यही करीना सोच रही थी बस रुके नहीं उसके अंदर की ज्वाला जो कि अब किसी तरह से इक़बाल को ही शांत करना था वो अपना सब कुछ भूलकर इक़बाल का साथ देने को तैयार थी और इक़बाल जो कि पीछे खड़े-खड़े कामया की स्थिति का अवलोकन कर रहा था और जन्नत की किसी अप्सरा के हुश्न को अपने हाथों में पाकर किस तरह से आगे बढ़े ये सोच रहा था वो अपने आप में नहीं था वो भी एक नशे की हालत में ही था नहीं तो करीना ठाकुर जो कि उसके मालिक की बहन थी उसके साथ आज इस तरह इस पुरानी बावड़ी मे इस तरह खड़े होने की कल्पना तो दूर की बात सोच से भी परे थी उसके पर आज वो करीना के साथ जो कि सिर्फ़ एक सेक्सी सा ब्लाउस और लाल कलर की साड़ी डाले उसके शरीर से टिकी हुई बैठी थी और वो उसके कंधे और गले को आराम से सहला रहा था अब तो वो उसके गाल तक पहुँच चुका था कितने नरम और चिकने गाल थे करीना के और कितने नरम होंठ थे अपने अंगूठे से उसके होंठों को छूकर देखा था इक़बाल थोड़ा सा और आगे की ओर हो गया ताकि वो करीना के होंठों को अच्छे से देख और छू सके इक़बाल के हाथ अब करीना की गर्दन को छू कर करीना के गालों को सहला रहे थे करीना भी नशे में थी सेक्स के नशे में और कामुकता तो उसपर हावी थी ही इक़बाल अब तक अपने आपको करीना के हुश्न की गिरफ़्त में पा रहा था वो अपने को रोकने में असमर्थ था वो अपने सामने इतनी सुंदर स्त्री को पाकर अपना सूदबुद खो चुका था उसके शरीर से आवाजें उठ रही थी वो करीना को छूना चाहता था और चूमना चाहता था सबकुछ छूना चाहता था इक़बाल ने अपने हाथों को करीना ठाकुर के सर को थोड़ा सा ऊपर की ओर किया ताकि वह उसके होंठों को ठीक से देख सके करीना भी ना नुकर ना करते हुए अपने सिर को उँचा कर दिया ताकि इक़बाल जो चाहे कर सके बस उसके शरीर को ठंडा करे । करीना ठाकुर अपने पति के साथ रोज सेक्स नही कर पाती थी क्योंकि उसका पति अपने बिजनेस में बिजी रहता था और करीना अपने काम मे।करीना बस यह चाहती थी कि इक़बाल उसके शरीर की सेक्स की भूख को ठंडा कर दे उसकी कामाग्नी को ठंडा करे इक़बाल उसको इस तरह से अपना साथ देता देखकर और भी गरमा गया था उसके कपडे के बने पेन्ट के अंदर उसका पुरुष की निशानी अब बिल्कुल तैयार था अपनी मर्दानगी को दिखाने के लिए इक़बाल अब सबकुछ भूल चुका था उसके हाथ अब करीना के गालों को छूते हुए होंठों तक बिना किसी झिझक के पहुँच जाते थे वो अपने हाथों के सपर्श से करीना ठाकुर की स्किन का अच्छे से छूकर देख रहा था उसकी जिंदगी का पहला एहसास था वो थोड़ा सा झुका हुआ था ताकि वो करीना को ठीक से देख सके करीना भी चेहरा उठाए चुपचाप इक़बाल को पूरी आजादी दे रही थी कि जो मन में आए करो और जोर-जोर से सांस ले रही थी इक़बाल की कुछ और हिम्मत बढ़ी तो उसने करीना के कंधों से उसकी साड़ी के पल्लू को उतार फैका और फिर अपने हाथों को उसके कंधों पर घुमाने लगा उसकी नजर अब करीना के ब्लाउज के अंदर की ओर थी पर हिम्मत नहीं हो रही थी एक हाथ एक कंधे पर और दूसरा उसके गालों और होंठों पर घूम रहा था । इक़बाल की उंगलियां जब भी करीना के होंठों को छूती तो करीना के मुख से एक सिसकारी निकलजाति थी उसके होंठ गीले हो जाते थे इक़बाल की उंगलियां उसके थूक से गीले हो जाती थी इक़बाल भी अब थोड़ा सा पास होकर अपनी उंगली को कामया के होंठों पर ही घिस रहा था और थोड़ा सा होंठों के अंदर कर देता था । इक़बाल की सांसें जोर की चल रही थी उसका लिंग भी अब पूरी तरह से करीना की पीठ पर घिस रहा था किसी खंबे की तरह था वो इधर-उधर हो जाता था एक चोट सी पड़ती थी करीना की पीठ पर जब वो थोड़ा सा उसकी पीठ से दायां या लेफ्ट में होता था तो उसकी पीठ पर जो हलचल हो रही थी वो सिर्फ़ करीना ठाकुर ही जानती थी पर वो इक़बाल को पूरा समय देना चाहती थी इक़बाल की उंगली अब करीना के होंठों के अंदर तक चली जाती थी उसकी जीब को छूती थी करीना भी उत्तेजित तो थी ही झट से उसकी उंगली को अपने होंठों के अंदर दबा लिया और चूसने लगी थी करीना का पूरा ध्यान इक़बाल की हरकतों पर था वो धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था वो अब नहीं रुकेगा हाँ… आज वो इक़बाल के साथ अपने शरीर की आग को ठंडा कर सकती है वो और भी सिसकारी भरकर थोड़ा और उँचा उठ गई इक़बाल के हाथ जो की कंधे पर थे अब धीरे-धीरे नीचे की ओर उसकी बाहों की ओर सरक रहे थे करीना ओर भी उत्तेजित होकर इक़बाल की उंगली को चूसने लगी इक़बाल भी अब खड़े रहने की स्थिति में नहीं था । ◆★◆
वो झुक कर अपने हाथों को करीना की बाहों पर घिस रहा था और साथ ही साथ उंगलियों से उसकी चुचियों को छूने की कोशिश भी कर रहा था पर करीना के उत्तेजित होने के कारण वो कुछ ज्यादा ही इधर-उधर हो रही थी तो करीना ने वापस अपना हाथ उसके कंधे पर पहुँचा दिया और वही से धीरे से अपने हाथों को उसके गले से होते हुए उसकी चुचियों पहुँचने की कोशिश में लग गया उसका पूरा ध्यान करीना पर ही था उसकी एक ना उसके सारी कोशिश को धूल में मिला कर रख सकती थी और वो नही चाहता था कि इस लोटरी यानी की ठाकुर की बहन और शोर्यगढ़ जेसे बड़े गाँव के ठाकुर की बड़ी बहू यानी करीना ठाकुर को अपने हाथों से जाने दे इसलिए वो बहुत ही धीरे धीरे अपने कदम बढ़ा रहा था करीना का शरीर अब पूरी तरह से इक़बाल की हरकतों का साथ दे रहे थे वो अपनी सांसों को कंट्रोल नहीं कर पा रही थी तेज और बहुत ही तेज सांसें चल रही थी उसकी उसे इक़बाल के हाथों का अंदाजा था कि अब वो उसकी चूची या निपल्स की ओर बढ़ रहे है उसके ब्लाउज के अंदर एक ज्वार आया हुआ था उसके सांस लेने से उसके ब्लाउज के अंदर उसकी चूचियां और भी सख़्त हो गई थी निपल्स तो जैसे तनकर पत्थर की तरह ठोस से हो गये थे वो बस इंतजार में थी कि कब इक़बाल उसकी चूचियां छुए और तभी इक़बाल की हथेली उसकी चुचियों के उपर थी बड़ी बड़ी और कठोर हथेली उसके ब्लाउज के उपर से उसके अंदर तक उसके हाथों की गर्मी को पहुँचा चुकी थी करीना थोड़ा सा चिहुक कर और भी तन गई थी इक़बाल जो कि अब करीना की गोलाईयों को हल्के हाथों से टटोल रहा था ब्लाउज के उपर से और उपर से उनको देख भी रहा था और अपने आप पर यकीन नहीं कर पा रहा था कि वो करीना ठाकुर या शोर्यगढ़ की बड़ी बहू के साथ ये सब कर रहा था सपना था कि हकीकत था वो नहीं जानता था पर हाँ… उसकी हथेलियों में करीना की गोल गोल ठोस और कोमल और नाजुक सी रूई के गोले के समान चुचियाँ थी जरूर वो एक हाथ से करीना की चुचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही टटोल रहा था या कहिए सहला रहा था और दूसरे हाथ से करीना के होंठों में अपनी उंगलियों को डाले हुए उसके गालों को सहला रहा था वो खड़ा हुआ अपने लिंग को करीना की पीठ पर रगड़ रहा था और करीना भी उसका पूरा साथ दे रही थी कोई ना नुकर नहीं था उसकी तरफ से करीना का शरीर अब उसका साथ छोड़ चुका था अब वो इक़बाल के हाथ में थी उसके इशारे पर थी अब वो हर उस हरकत का इंतजार कर रही थी जो इक़बाल करने वाला था । इक़बाल अपना सुध बुध खोया हुआ अपने सामने इस सुंदर काया को अपने हाथों का खिलोना बनाने को आजाद था वो चुचियों को तो ब्लाउज के ऊपर से सहला रहा था पर उसका मन तो उसके अंदर से छूने को था उसने दूसरे हाथ को करीना के गालों और होंठों से आजाद किया और धीरे से उसके ब्लाउज के गैप से उसके अंदर की डाल दिया मखमल सा एहसास उसके हाथों को हुआ और वो बढ़ता ही गया
जैसे-जैसे उसका हाथ करीना ठाकुर के ब्लाउज के अंदर की ओर होता जा रहा था वो करीना से और भी सटताजा रहा था अब दोनों के बीच में कोई भी फासला या गैप नहीं था करीना इक़बाल से पूरी तरह टिकी हुई थी या कहिए अब पूरी तरह से उसके सहारे थी उसकी जाँघो से टिकी अपने पीठ पर इक़बाल के लिंग का एहसास लेती हुई करीना एक अनोखे संसार की सैर कर रही थी उसके शरीर में जो आग लगी थी अब वो धीरे-धीरे इतनी भड़क चुकी थी कि उसने अपने जीवन काल में इस तरह का एहसास नहीं किया था ।करीना ठाकुर के पति ने कभी भी करीना के साथ रफ सेक्स नही किया था। करीना अपने को भूलकर इक़बाल के हाथ को अपने ब्लाउस में घुसने में थोड़ा मदद की वो थोड़ा सा आगे की ओर हुई अपने कंधों को आगे करके ताकि इक़बाल के हाथ आराम से अंदर जा सके इक़बाल की कठोर और सख्त हथेली जब उसकी स्किन से टकराई तो वो और भी सख्त हो गई उसका हाथ अपने आप उठकर अपने ब्लाउज के ऊपर से इक़बाल के हाथ पर आ गया एक फिर दोनों और फिर इक़बाल का हाथ ब्लाउज के अंदर रखे हुई थी वो और भी तन गई अपने चूचियां को और भी सामने की और करके वो थोड़ा सा सिटी से उठ गई थी । इक़बाल ने भी करीना के समर्थन को पहचान लिया था वो समझ गया था कि करीना अब ना नहीं कहेगी वो अब अपने हाथों का जोर उसके चुचियों पर बढ़ने लगे थे धीरे-धीरे इक़बाल उसकी चुचियों को छेड़ता रहा और उसकी सुडोलता को अपने हाथों से तोलता रहा और फिर उसके उंगलियों के बीच में निपल को लेकर धीरे से दबाने लगा
उूुुुुुउऊह्ह करीना के मुख से एक लंबी सी सिसकारी निकली
करीना ठाकुर - ऊऊह्ह पल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लीीआआआआअसस्स्स्स्स्स्सीईईई आआआआआह्ह
इक़बाल को क्या पता क्या बोल गई थी करीना पर हाँ उसके दोनों हाथों के दबाब से वो यह तो समझ ही गया था कि करीना क्या चाहती थी उसने अपने दोनों हाथों को उसके ब्लाउज के अंदर घुसा दिया इस बार कोई ओपचारिकता नहीं की बस अंदर और अंदर और झट से दबाने लगा पहले धीरे फिर थोड़ा सा जोर से इतनी कोमल और नरम चीज आज तक उसके हाथ में नहीं आई थी वो अपने आप पर विश्वास नहीं कर पा रहा था वो थोड़ा सा और झुका और अपने बड़े और मोटे-मोटे होंठों को करीना के चिकने और गुलाबी गालों पर रख दिया और चूमने लगा चूमने क्या लगा सहद जैसे चाटने लगा था पागलो जैसी स्थिति थी इक़बाल की अपने हाथों में ठाकुर की बहन और शोर्यगढ़ कि बड़ी बहू को वो शारिरिक रूपसे कामवासना सेवा कर रहा था और करीना ठाकुर भी उसका पूरा समर्थन दे रही थी कंधे का दर्द कहाँ गया वो तो पता नहीं हाँ पता था तो बस एक खेल की शुरुआत हो चुकी थी और वो था सेक्स का खेल्ल शारीरिक भूख का खेल एक दूसरे को सन्तुष्ट करने का खेल एक दूसरे को समर्पित करने का खेल करीना तो बस अपने आपको खो चुकी थी इक़बाल के झुक जाने की वजह से उसके ब्लाउज के अंदर इक़बाल के हाथ अब बहुत ही सख़्त से हो गये थे वो उसके ब्लाउज के ऊपर के दो तीन बाट्टों को टाफ चुके थे दोनों तरफ के ब्लाउज के साइड लगभग अब उसका साथ छोड़ चुके थे कारीना का ब्लाउज़ अब बस किसी तरह नीचे के कुछ एक दो या फिर तीन हुक के सहारे थे वो भी कब तक साथ देंगे पता नहीं पर करीना को उससे क्या वो तो बस अपने शरीर की भूख की शांत करना चाहती थी करीना शांत थी और अपने हाथों का दबाब इक़बाल के हाथों पर और जोर से कर रही थी वो इक़बाल के झुके होने से अपना सिर इक़बाल के कंधे पर टिकाए हुए थी करीना ठाकुर अपने पैरों को नीचे रखे हुए और सिर को इक़बाल के कंधे पर टिकाए हुए अपने को हवा में उठा चुकी थी । वो नजर एक दम कामुक था।
इक़बाल तो अपने होंठों को करीना के गालों और गले तक जहां तक वो जा सकता था ले जा रहा था अपने हाथों का दबाब भी वो अब बढ़ा चुका था करीना के चूचियां पर जोर जोर-जोर से और जोर से की करीना के मुख से एक जोर से चीत्कार जब तक नहीं निकल गई
करीना - ईईईईईईईईईईईई आआआआआअह्ह उूुुुउउफफफफफफफफफफफफ्फ़
और झटक से करीना के ब्लाउसने भी करीना का साथ छोड़ दिया अब उसकी ब्लाउस सिर्फ़ अपना अस्तितवा बनाने के लिए ही थे उसके कंधे पर और दोनों पाट खुल चुके थे अंदर से उसकी महीन सी पतली सी स्ट्रॅप्स के सहारे कामया के कंधे पर टीके हुए ओर ब्लाउज़ के अंदर इक़बाल बके मोटे-मोटे हाथ उसके उभारों को दबा दबा के निचोड़ रहे थे इक़बाल भूल चुका था की करीना शोर्यगढ़ की बड़ी बहू
ओर ठाकुर रघुवीर की बहन है कोई गॉव की देहाती लड़की नही या फिर कोई देहात की खेतो में काम करने वाली नीची जाति की औरत नहीं है पर वो तो अपने हाथों में रूई सी कोमल और मखमल सी कोमल नाजुक औरत को पाकर पागलो की तरह अब उसे रौंदने लगा था वो अपने दोनों हाथों को करीना ठाकुर की चुचियों पर रखे हुए उसे सहारा दिए हुए उसके गालों और गले को चाट और चूम रहा था ।
उसका थूक करीना के पूरे चेहरे को भिगा चुका था वो अब एक हाथ से इक़बाल की गर्दन को पकड़ चुकी थी और खुद ही अपने गालों और गर्दन को इधर-उधर या फिर उचका करके इक़बाल को जगह दे रही थी कि यहां चाटो या फिर यहां चुमो उसके मुख और नाक से सांसें अब के चेहरे पर पड़ रही थी इक़बाल की उत्तेजना की कोई सीमा नहीं थी वो अधखुली आखों से करीना ठाकुर की ओर देखता रहा और अपने होंठों को उसके होंठों की ओर बढ़ाने लगा । फिर दोनों के बीच एक लम्बी किस या चुम्बन हुआ जो तकरीबन 5 मिनट तक चला। करीना ऊपर से इक़बाल के होंठों से जुड़ी हुई अपने हाथों को वो भी इक़बाल के शरीर पर चला रही थी उसके हाथों में बालों का गुछा आ रहा था जहां भी उसका हाथ जाता बाल ही बाल थे और वो भी इतने कड़े कि काँटे जैसे लग रहे थे पर करीना के नंगे शरीर पर वो कुछ अच्छे लग रहे थे यह बाल उसकी कामुकता को और भी बढ़ा रहे थे इक़बाल की आखें बंद थी पर करीना ने थोड़ी हिम्मत करके अपनी आखें खोली तो इक़बाल के नंगे पड़े हुए शरीर को देखती रह गई कसा हुआ था मास पेशिया कही से भी ढीली नहीं थी हा थुलथुला पन था कही भी उसके पति की तरह इक़बाल में कोई कोमलता भी नहीं थी कठोर और बड़ा भी था बालों से भरा हुआ और उसके हाथ तो बस उसकी कमर के चारो और तक जाते थे कुछ जाँघो के बीच में गढ़ रहा था अगर उसका लिंग हुआ तो बाप रे इतना बड़ा भी हो सकता है करीना का मन अब तो इक़बाल के लिंग को आजाद करके देखने को हो रहा था वो अपने को इक़बाल पर जिस तरह से घिस रही थी उसका पूरा अंदाज़ा इक़बाल को था वो जानता था कि करीना अब पूरी तरह से तैयार थी पर वो क्या करे उसका मन तो अब तक इस हसीना के बदन से नहीं भरा था वो चाह कर भी उसे आजाद नहीं करना चाहता था पर इसी उधेड़ बुन में कब करीना उसके नीचे चली गई पता भी नहीं चला और वो कब उसके ऊपर हावी हो गया नहीं पता वो करीना की पीठ को जकड़े हुए उसके होंठों को अब भी चूस रहा था । करीना के शरीर पर अब वो चढ़ने की कोशिश कर रहा था करीना की पैंटी में एक हाथ ले जाते हुए उसको उतारने लगा उतारने क्या लगभग फाड़ ही दी उसने बची कुची उसके पैरों से आजाद करदी पेटीकोट तो कमर के चारो और था ही जरूरत थी तो बस अपने साहब को आजाद करने की इक़बाल होंठों से जुड़े हुए ही अपने हाथों से अपने पेन्ट को अलग करके अपने बड़े से अंडरवेयार को भी खोल दिया और अपने लिंग को आजाद कर लिया और फिर से गुथ गया करीना पर अब उसे कोई चिंता नहीं थी वो अब अपने हर अंग से करना को छू रहा था ।
अपने लिंग को भी वो करीना की जाँघो के बीच में रगड़ रहा था उसके लिंग की गर्मी से तो करीना और भी पागल सी हो उठी अपने जाँघो को खोलकर उसने उसको जाँघो के बीच में पकड़ लिया और इक़बाल से और भी सट गई अपने हाथों को इक़बाल की पीठ के चारो ओर करके इक़बाल को अपनी ओर खींचने लगी और करीना ठाकुर की इस हरकत से इक़बाल और भी खुल गया जैसे अपनी पत्नी को ही भोग रहा हो वो झट से करीना के शरीर पर छा गया और अपनी कमर को हिलाकर करीना के अंदर घुसने का ठिकाना ढूँडने लगा करना भी अब तक सहन ही कर रही थी पर इक़बाल के झटको ने उसे भी अपनी जाँघो को खोलने और अपनी योनि द्वार को इक़बाल के लिंग के लिए स्वागत पर खड़े होना ही था सो उसने किया पर एक ही झटके में इक़बाल उसके अंदर जब उतरा तो ....
करीना- ईईईईईईईईईईईईईईईई आआआआआआअह्ह कर उठी इक़बाल का लिंग या लण्ड था कि मूसल बाप रे मर गई करना तो शायद फटकर खून निकला होगा आखें पथरा गई थी करीना कि इतना मोटा और कड़ा सा लिंग जो कि उसके योनि में घुसा था अगर वो इतनी तैयार ना होती तो मर ही जाती पर उसकी योनि के रस्स ने इक़बाल के लिंग को आराम से अपने अंदर समा लिया पर दर्द के मारे तो करीना ठाकुर सिहर उठी इक़बाल अब भी उसके ऊपर उसे कस कर जकड़े हुए उसकी जाँघो के बीच में रास्ता बना रहा था करीना थोड़ी सी अपनी कमर को हिलाकर किसी तरह से अपने को अड्जस्ट करने की कोशिश कर ही रही थी कि इक़बाल का एक तेज झटका फिर पड़ा और करीना के मुख से एक तेज चीख निकल गई
पर वो तो इक़बाल के गले में ही गुम हो गई इक़बाल अब तो जैसे पागल ही हो गया था ना कुछ सोचने की जरूरत थी और नहीं ही कुछ समझने की बस अपने लिंग को पूरी रफ़्तार से करीना ठाकुर की योनि में डाले हुए अपनी रफ़्तार पकड़ने में लगा था उसे इस बात की जरा भी चिंता नहीं थी कि करीना का क्या होगा उसे इस तरह से भोगना क्या ठीक होगा बहुत ही नाजुक है और कोमल भी पर इक़बाल तो बस पागलो की तरह अपनी रफ़्तार बढ़ाने में लगा था और करीना दर्द के मारे इस तरह से तड़प रही थी वो अपनी जाँघो को और भी खोलकर किसी तरह से इक़बाल को अड्जस्ट करने की कोशिश कर रही थी पर इक़बाल ने उसे इतनी जोर से जकड़ रखा था कि वो हिल तक नहीं पा रही थी उसके शरीर का कोई भी हिस्सा वो खुद नहीं हिला पा रही थी जो भी हिल रहा था वो बस इक़बाल के झटको के सहारे ही था इक़बाल अपनी स्पीड पकड़ चुका था और करीना के अंदर तक पहुँच गया था हर एक धक्के पर करीना चिहुक कर और भी ऊपर उठ जाती थी पर इक़बाल को क्या आज जिंदगी में पहली बार वो एक ऐसी हसीना को भोग रहा था जिसकी की कल्पना तो नहीं कर सकता था वो अब कोई भी कदम उठाने को तैयार था भाड़ में जाए सबकुछ वो तो इसको अपने तरीके से ही भोगेगा और वो सच मुच में पागलो की तरह से करीना के सारे बदन को चूम चाट रहा था और जहां जहां हाथ पहुँचते थे बहुत ही बेदर्दी के साथ दबा भी रहा था ।
अपने भार से करीना को दबा रखा था करीना ठाकुर जो कि इक़बाल के नीचे पड़े हुए अपने आपको नर्क के द्वार पर पा रही थी अचानक ही उसके शरीर में अजीब सी फुर्ती सी आ गई इक़बाल की दरिंदगी में उसे सुख का एहसास होने लगा उसके शरीर के हर अंग को इक़बाल के इस तरह से हाथों रगड़ने की आदत सी होने लगी थी यह सब अब उसे अच्छा लगने लगा था वो अब भी नीचे पड़ी हुई इक़बाल के धक्कों को झेल रही थी और अपने मुख से हर चोट पर चीत्कार भी निकलती पर वो तो इक़बाल के गले मे ही गुम हो जाती अचानक ही इक़बाल की स्पीड और भी तेज हो गई और उसकी जकड़ भी बहुत टाइट हो गई अब तो करीना का सांस लेना भी मुश्किल हो गया था पर उसके शरीर के अंदर भी एक ज्वालामुखी उठ रहा था जो कि बस फूटने ही वाला था हर धक्के के साथ करीना का शरीर उसके फूटने का इंतजार करता जा रहा था और इक़बाल के तने हुए लिंग का एक और जोर दार झटका उसके अंदर कही तक टच होना था कि करीना का सारा शरीर काप उठा और वो झड़ने लगी और झड़ती ही जा रही थी करीना इक़बाल से बुरी तरह से लिपट गई अपनी दोनों जाँघो को ऊपर उठा कर इक़बाल की कमर के चारो तरफ एक घेरा बनाकर शायद वो इक़बाल को और भी अंदर उतार लेना चाहती थी और इक़बाल भी एक दो जबरदस्त धक्कों के बाद झड़ने लगा था वो भी करीना के अंदर ढेर सारा वीर्य उसके लिंग से निकाला था जो कि करीना की योनि से बाहर तक आ गया था पर फिर भी इक़बाल आख़िर तक धक्के लगाता रहा जब तक उसके शरीर में आख़िरी बूँद तक बचा था और उसी तरह कस कर करीना को अपनी बाहों में भरे रहा, दोनों कुछ समय के लिए वहां पर वैसे ही पड़े रहे करीना के शरीर में तो जैसे जान ही नहीं बची थी वो निढाल सी होकर लटक गई थी इक़बाल जो कि अब तक उसे अपनी बाहों में समेटे हुए थे अब धीरे-धीरे अपनी गिरफ़्त को ढीला छोड़ रहे थे और ढीला छोड़ने से करीना ठाकुर के पूरे शरीर में जैसे जान ही वापस आ गई थी उसे सांस लेने की आजादी मिल गई थी वो जोर-जोर से सांसें लेकर अपने आपको संभालने की कोशिश कर रही थी। करीना जल्दी से वहाँ से खड़ी हुयी ओर बावड़ी के किसी कोने में जाकर अपनी साड़ी ठिक करने लगी ओर खुद को सही करके चाँदी के लोटे में थोड़ा पानी भरकर बावड़ी से बाहर निकलने लगी। तभी उसको याद आया कि कही उसके ड्राइवर ने उसे ये सब करते देख तो नहीं लिया पर जैसे ही करीना ठाकुर ओर इक़बाल दोनों कार के पास गये उनको ड्राइवर कही नही दिखा पर जेसे ही उन्होनें गाड़ी का गेट खोल ड्राइवर सिट पर ड्राइवर की लाश पड़ी थी। ड्राइवर का मोह स्टेरिंग पर था किसी ने ड्राइवर का गला काट दिया था ओर वहाँ से चला गया था। ये देखते ही करीना और इक़बाल के पैरों के नीचे से मानो जमीन ही खिसक गयीं हो। फिर करीना ओर इक़बाल एक दूसरे को देखने लगे। दोनों ऐसे ही सेक्स से काफी थके हुए थे और ये देख उनका माथा भी दुखने लगा । पर इक़बाल एक बॉडीगार्ड उसने ड्राइवर की लाश निकाली और दूर जंगलो में जाकर रख आया। इक़बाल और करीना ठाकुर इसलिए सिक्युरिटी और ठाकुर रघुवीर को ड्राइवर की मौत के बारे में नही बताना चाहते थे क्योंकि अगर सिक्युरिटी या ठाकुर के आदमी इस मोत का पता लगाते तो हो सकता हे इक़बाल और करीना की हरकतें पकड़ी जाती। इसलिए उन्होंने वहा से निकलना बेहतर समजा। डर की वजह से दोनों सिधे हवेली गये ओर करीना हवेली के अंदर अपने कमरे में गयी और इक़बाल थोड़े डर से अपने सर्वेन्ट क्र्वाटर वाले रूम में चला गया।