28-07-2019, 03:23 PM
(This post was last modified: 28-07-2019, 04:15 PM by babasandy. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
फोन तो मैंने ले लिया पर मुझे समझ नहीं आ रहा था मैं क्या बात करूं अपने जीजू से.... बार-बार पूछ रहे थे वहां क्या हो रहा है मेरे जीजू... मैं उन्हें समझाने की कोशिश कर रहा था कि यहां सब ठीक है... हालांकि यह सच बिल्कुल नहीं था...
मुन्नी कैसी है.... जीजू ने पूछा....
ठीक है ...सो गई है जीजू.... मैंने लड़खड़ाते हुए जवाब दिया..
और तुम्हारी रूपाली दीदी कैसी है... बोलते बोलते लगभग रो रहे थे मेरे जीजाजी...
मैं भला इस सवाल का क्या जवाब देता... शायद जीजू को भी अंदाजा था कि मेरी दीदी के साथ क्या हो रहा होगा ... एक बार फिर असलम में मेरी रूपाली दीदी को नीचे जमीन पर पटक दिया था और उनकी छाती पर बैठ गया था.... उसने मेरी दीदी की दोनों बड़ी बड़ी चूची अपने दोनों हाथों में जकड़ के रखी थी और अपना काला खूब मोटा , लंबा तना बौराया , बेसबरा लालची लण्ड मेरी दीदी की चूचियों की घाटी के बीचोबीच डाल दिया था... और आगे पीछे कर रहा था... उसका मोटा सुपाड़ा मेरी दीदी के गुलाबी होठों तक पहुंच रहा था... दीदी का मंगलसूत्र उसके कठोर लण्ड पर टिका हुआ था.. ना सिर्फ वह मेरी दीदी की चूचियों को चोद रहा था बल्कि अपना सुपाड़ा भी मेरी दीदी के होठों पर रगड़ रहा था... मेरी रूपाली दीदी मेरी तरफ कातर निगाहों से देख रही थी... मैं जीजू से बात तो कर रहा था पर मेरी निगाहें रूपाली दीदी पर टिकी हुई थी..... उस झोपड़ी में मौजूद हर मर्द की निगाहें मेरी रूपाली दीदी पर ही टिकी हुई थी... खासकर सुरेश की... उसके मुंह से तो लार टपक रही थी.. उसका लण्ड बेकाबू हो चुका था... उसके पैंट में टेंट बन गया था.
मेरे जीजू मुझे फोन भी समझा रहे थे कि धीरज से काम लो... संभालो खुद को मुन्नी को और अपनी दीदी को भी हौसला दो... इस समय में तुम्हें हिम्मत से काम लेना होगा... यह गुंडे तुम लोग को वहां आसानी से निकलने नहीं देंगे.... तुम बाकी टेंशन मत लो.. मैंने तुम्हारी मम्मी और प्रियंका दीदी को समझा दिया है कि तुम और रूपाली मेरे दोस्त के यहां रुके हुए हैं.. रास्ते में गाड़ी खराब हो गई थी.... समझ गए ना.... अब मैं फोन रखता हूं मैं थोड़ी देर बाद फिर फोन करूंगा.... जीजू ने कहा...
ठीक है जीजू.... उनकी बातें सुनकर मुझे भी थोड़ी हिम्मत आई.. उन्होंने फोन काट दिया....
सुरेश मुझे दारू की बोतल दे.... असलम ने सुरेश की तरफ सुरेश ने दारू की एक बोतल उठाई और धीरे-धीरे असलम के पास पहुंचा...... असलम ने दारू की बोतल उसके हाथ से ले ली....
साले बहन के लोड़े बोतल खोल के दे.. असलम में सुरेश को गुस्से में कहा...
सुरेश ने असलम की गाली का बुरा नहीं माना बल्कि उसके चेहरे पर तो एक कुटिल मुस्कान थी.... सूखी घास पर नंगी पड़ी मेरी रूपाली दीदी और उनकी छाती पर बैठकर उनकी चूचियों को चोद रहा असलम... इतना कामुक नजारा ठीक उसकी आंखों के सामने था.... भला ऐसा मौका वह क्यों बेकार जाने देता... दारू की बोतल खोलने में उसने काफी समय लगाया.. और इसी बीच में मेरी दीदी का भरपूर नजारा उसने ले लिया बिल्कुल पास से...... मेरी दीदी की चिकनी गुलाबी योनि को वह देखे जा रहा था... साले के मुंह से लार टपक रही थी. मेरी संस्कारी रूपाली दीदी की टांगे खुली हुई थी... गोरी गोरी टांगों के बीच उनकी सुहागन मासूम चुत, जिसे जुनैद ने चोद चोद के परखच्चे उड़ा दिए थे, बिल्कुल भोसड़ा बना दिया था... बिल्कुल खुली लग रही थी मेरी दीदी की चुत... और जुनैद के लोड़े की मलाई अभी भी टपक रही थी मेरी दीदी के स्वर्गद्वार से....... सुरेश ने असलम को बोतल खोल के थमा दी... असलम डायरेक्ट बोतल से दारु पीने लगा और मेरी दीदी की चूची को जोर जोर से चोदने लगा... एक बार फिर उसने मेरी दीदी का मंगलसूत्र अपने लोड़े पर लपेट लिया था...... दारू की बोतल असलम को थमाने के बाद भी सुरेश वहीं खड़ा रहा... असलम मेरी दीदी के निपल्स को नोच रहा था... नीच सुरेश का लण्ड बेकाबू हो चुका था.... साला मेरी दीदी की योनि को घूरे जा रहा था...
असलम भाई एक विनती है आपसे... उसने कहा...
बोल बहन के लोड़े... असलम ने कहा और मेरी दीदी के मुंह में अपना लौड़ा ठोक दिया.... मेरी दीदी गू गू करने लगी... उनकी आंखें उबलने लगी.... बेरहम असलम को इस बात की कोई परवाह नहीं थी... वह मेरी दीदी का मुंह चोदने लगा और सुरेश की तरफ देखने लगा...
असलम भाई मैंने आज तक आप की बड़ी सेवा की है... अपनी सगी बहन को भी आप लोगों कि रंडी बना दिया... आप दोनों चाहो तो मेरे घर आकर मेरी पायल बहन और मेरी बीवी दोनों की ठुकाई करो दिन भर.... मैं उन दोनों को दुल्हन की तरह सजने के लिए भी बोल दूंगा... पर भाई मुझे इस माल की कम से कम चुत चाट लेने दो भाई... मां कसम ऐसी माल मैंने आज तक नहीं देखी... क्या मस्त गुलाबी चुत है भाभी जी की... ऐसी चुत को चाट लो तो जीवन सफल हो जाए.... प्लीज....... सुरेश मेरी रूपाली दीदी को देखकर अपने लोड़े को पैंट के ऊपर से ही मसल रहा था और असलम से विनती कर रहा था....
चल ठीक है बहन के लोड़े... पर अपना वादा भूल मत जाना... तेरी बहन पायल और तेरी बीवी दोनों को एक ही बिस्तर पर हम दोनो चोदेंगे..दुल्हन की ड्रेस में... बिल्कुल सुहागरात की तरह.. असलम ने कहा अपना लौड़ा मेरी दीदी के मुंह से निकाल कर उनके चेहरे पर टिका दिया.... मेरी दीदी सांस लेने लगी..
. तो चाट लू ना मैं भाभी जी की गुलाबी चुत को असलम भाई.. इनके भाई से तो पूछने की जरूरत नहीं है ना.... सुरेश मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगा बड़ी कुटिलता से... मुझे बड़ी ग्लानि हो रही थी कि मैंने इस पर भरोसा किया और अब यह मेरी दीदी की चाटने जा रहा था... हां बहन चोद चाट ले... तू भी क्या याद करेगा... असलम ने कहा और मेरी दीदी की चूचियों को आटे की तरह मसलने लगा.....
सुरेश ने फटाफट अपने सारे कपड़े उतार दिय और बिल्कुल नंगा खड़ा हो गया... उसका लौड़ा झोपड़ी की छत की तरफ था खड़ा था... असलम और जुनैद के लोड़े से उसका लोड़ा कुछ छोटा था... तकरीबन 7 इंच खा रहा होगा...... पर बेहद मोटा था बहुत मोटा......
बहन चोद तू नंगा क्यों हो रहा है... तुझे तो बस चुत चाटने की परमिशन मिलि है.... यह जुनैद ने कहा था..... जुनैद भाई... ऐसी माल को आप लोग चोदने तो दोगे नहीं... साला थोड़ी मस्ती तो कर लेने दो... सुरेश ने अपना लौड़ा अपने हाथ में पकड़कर कहा..
चल ठीक है मादरजात.. तू भी ले ले थोड़ा सा मजा.... आखिर तूने ही तो बड़ी माल का इंतजाम किया हमारे लिए..... जुनैद ने कहा... सुरेश ने ज्यादा देर नहीं की वह मेरी दीदी की टांगों के बीच लेट गया. मेरी रूपाली दीदी ने अपनी दोनों टांगे आपस में चिपका ली...... किसी भी कीमत पर मेरी दीदी नीच सुरेश के मुंह को अपनी चुत पर जाने से रोकने का प्रयास कर रही थी... मेरी दीदी झटपट आने लगी... मुझसे रहा नहीं गया...
असलम भाई आपने तो कहा था कि सुरेश को आप मेरी दीदी के साथ कुछ भी करने नहीं दोगे... फिर यह क्यों.... मैंने डरते सहमते हुए कहा.
साले मादरजात.. गांडू.... तेरी दीदी को हम लोग चाहे जैसे मन करे वैसे चोद सकते हैं ... बहन के लोड़े अगर डिस्टर्ब किया ना तो तेरी पेंट उतार के तेरी गांड में लौड़ा डाल दूंगा मैं बहन चोद.... तू इस रंडी की चाट ले बहन चोद सुरेश..... तू उसके भाई की टेंशन मत ले... यह बड़वा कुछ भी नहीं कर सकता.... इसकी बहन हमारी रंडी बन चुकी है... जुनैद ने मुझे कठोर शब्दों में कहा...
मैं चुप हो गया......
सुरेश ने जबरदस्ती मेरी दीदी की दोनों टांगें फैला दी... उनकी मदमस्त चुत सुरेश की आंखों के सामने थी... उसने अपनी लंबी जुबान बाहर निकाली और मेरी दीदी की चुत पर लहराने लगा... भूखे कुत्ते की तरह वह मेरी दीदी की चुत को चाटने लगा.... मेरी दीदी कसमस आने लगी.... सिसकियां लेने लगी.... असलम ने अपना सुपाड़ा मेरी दीदी के मुंह में दे दिया... उनकी चीखें बंद हो गई..
पायल की रुनझुन , बिछुओं की झंकार , चूड़ियों की चुरुर मुरुर... मेरी सुहागन दीदी की योनि पर लहराता हुआ ऑटो वाले सुरेश का खुरदुरा जुबान और दीदी के मुंह में असलम का लोड़ा......
कुछ ही देर में असलम में अपना लौड़ा मेरी दीदी के मुंह से बाहर निकाल दिया और वह मेरी दीदी के ऊपर से उठ कर खड़ा हो गया... सुरेश अभी भी पागलों की तरह मेरी दीदी की योनि को चाट रहा था... उसके मजबूत पकड़ में थी मेरी दीदी की दोनों टांगे जिसे उसने ऊपर की तरफ उठा रखा था. वह मेरी दीदी की गांड के छेद को भी चाट रहा था
मुन्नी कैसी है.... जीजू ने पूछा....
ठीक है ...सो गई है जीजू.... मैंने लड़खड़ाते हुए जवाब दिया..
और तुम्हारी रूपाली दीदी कैसी है... बोलते बोलते लगभग रो रहे थे मेरे जीजाजी...
मैं भला इस सवाल का क्या जवाब देता... शायद जीजू को भी अंदाजा था कि मेरी दीदी के साथ क्या हो रहा होगा ... एक बार फिर असलम में मेरी रूपाली दीदी को नीचे जमीन पर पटक दिया था और उनकी छाती पर बैठ गया था.... उसने मेरी दीदी की दोनों बड़ी बड़ी चूची अपने दोनों हाथों में जकड़ के रखी थी और अपना काला खूब मोटा , लंबा तना बौराया , बेसबरा लालची लण्ड मेरी दीदी की चूचियों की घाटी के बीचोबीच डाल दिया था... और आगे पीछे कर रहा था... उसका मोटा सुपाड़ा मेरी दीदी के गुलाबी होठों तक पहुंच रहा था... दीदी का मंगलसूत्र उसके कठोर लण्ड पर टिका हुआ था.. ना सिर्फ वह मेरी दीदी की चूचियों को चोद रहा था बल्कि अपना सुपाड़ा भी मेरी दीदी के होठों पर रगड़ रहा था... मेरी रूपाली दीदी मेरी तरफ कातर निगाहों से देख रही थी... मैं जीजू से बात तो कर रहा था पर मेरी निगाहें रूपाली दीदी पर टिकी हुई थी..... उस झोपड़ी में मौजूद हर मर्द की निगाहें मेरी रूपाली दीदी पर ही टिकी हुई थी... खासकर सुरेश की... उसके मुंह से तो लार टपक रही थी.. उसका लण्ड बेकाबू हो चुका था... उसके पैंट में टेंट बन गया था.
मेरे जीजू मुझे फोन भी समझा रहे थे कि धीरज से काम लो... संभालो खुद को मुन्नी को और अपनी दीदी को भी हौसला दो... इस समय में तुम्हें हिम्मत से काम लेना होगा... यह गुंडे तुम लोग को वहां आसानी से निकलने नहीं देंगे.... तुम बाकी टेंशन मत लो.. मैंने तुम्हारी मम्मी और प्रियंका दीदी को समझा दिया है कि तुम और रूपाली मेरे दोस्त के यहां रुके हुए हैं.. रास्ते में गाड़ी खराब हो गई थी.... समझ गए ना.... अब मैं फोन रखता हूं मैं थोड़ी देर बाद फिर फोन करूंगा.... जीजू ने कहा...
ठीक है जीजू.... उनकी बातें सुनकर मुझे भी थोड़ी हिम्मत आई.. उन्होंने फोन काट दिया....
सुरेश मुझे दारू की बोतल दे.... असलम ने सुरेश की तरफ सुरेश ने दारू की एक बोतल उठाई और धीरे-धीरे असलम के पास पहुंचा...... असलम ने दारू की बोतल उसके हाथ से ले ली....
साले बहन के लोड़े बोतल खोल के दे.. असलम में सुरेश को गुस्से में कहा...
सुरेश ने असलम की गाली का बुरा नहीं माना बल्कि उसके चेहरे पर तो एक कुटिल मुस्कान थी.... सूखी घास पर नंगी पड़ी मेरी रूपाली दीदी और उनकी छाती पर बैठकर उनकी चूचियों को चोद रहा असलम... इतना कामुक नजारा ठीक उसकी आंखों के सामने था.... भला ऐसा मौका वह क्यों बेकार जाने देता... दारू की बोतल खोलने में उसने काफी समय लगाया.. और इसी बीच में मेरी दीदी का भरपूर नजारा उसने ले लिया बिल्कुल पास से...... मेरी दीदी की चिकनी गुलाबी योनि को वह देखे जा रहा था... साले के मुंह से लार टपक रही थी. मेरी संस्कारी रूपाली दीदी की टांगे खुली हुई थी... गोरी गोरी टांगों के बीच उनकी सुहागन मासूम चुत, जिसे जुनैद ने चोद चोद के परखच्चे उड़ा दिए थे, बिल्कुल भोसड़ा बना दिया था... बिल्कुल खुली लग रही थी मेरी दीदी की चुत... और जुनैद के लोड़े की मलाई अभी भी टपक रही थी मेरी दीदी के स्वर्गद्वार से....... सुरेश ने असलम को बोतल खोल के थमा दी... असलम डायरेक्ट बोतल से दारु पीने लगा और मेरी दीदी की चूची को जोर जोर से चोदने लगा... एक बार फिर उसने मेरी दीदी का मंगलसूत्र अपने लोड़े पर लपेट लिया था...... दारू की बोतल असलम को थमाने के बाद भी सुरेश वहीं खड़ा रहा... असलम मेरी दीदी के निपल्स को नोच रहा था... नीच सुरेश का लण्ड बेकाबू हो चुका था.... साला मेरी दीदी की योनि को घूरे जा रहा था...
असलम भाई एक विनती है आपसे... उसने कहा...
बोल बहन के लोड़े... असलम ने कहा और मेरी दीदी के मुंह में अपना लौड़ा ठोक दिया.... मेरी दीदी गू गू करने लगी... उनकी आंखें उबलने लगी.... बेरहम असलम को इस बात की कोई परवाह नहीं थी... वह मेरी दीदी का मुंह चोदने लगा और सुरेश की तरफ देखने लगा...
असलम भाई मैंने आज तक आप की बड़ी सेवा की है... अपनी सगी बहन को भी आप लोगों कि रंडी बना दिया... आप दोनों चाहो तो मेरे घर आकर मेरी पायल बहन और मेरी बीवी दोनों की ठुकाई करो दिन भर.... मैं उन दोनों को दुल्हन की तरह सजने के लिए भी बोल दूंगा... पर भाई मुझे इस माल की कम से कम चुत चाट लेने दो भाई... मां कसम ऐसी माल मैंने आज तक नहीं देखी... क्या मस्त गुलाबी चुत है भाभी जी की... ऐसी चुत को चाट लो तो जीवन सफल हो जाए.... प्लीज....... सुरेश मेरी रूपाली दीदी को देखकर अपने लोड़े को पैंट के ऊपर से ही मसल रहा था और असलम से विनती कर रहा था....
चल ठीक है बहन के लोड़े... पर अपना वादा भूल मत जाना... तेरी बहन पायल और तेरी बीवी दोनों को एक ही बिस्तर पर हम दोनो चोदेंगे..दुल्हन की ड्रेस में... बिल्कुल सुहागरात की तरह.. असलम ने कहा अपना लौड़ा मेरी दीदी के मुंह से निकाल कर उनके चेहरे पर टिका दिया.... मेरी दीदी सांस लेने लगी..
. तो चाट लू ना मैं भाभी जी की गुलाबी चुत को असलम भाई.. इनके भाई से तो पूछने की जरूरत नहीं है ना.... सुरेश मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगा बड़ी कुटिलता से... मुझे बड़ी ग्लानि हो रही थी कि मैंने इस पर भरोसा किया और अब यह मेरी दीदी की चाटने जा रहा था... हां बहन चोद चाट ले... तू भी क्या याद करेगा... असलम ने कहा और मेरी दीदी की चूचियों को आटे की तरह मसलने लगा.....
सुरेश ने फटाफट अपने सारे कपड़े उतार दिय और बिल्कुल नंगा खड़ा हो गया... उसका लौड़ा झोपड़ी की छत की तरफ था खड़ा था... असलम और जुनैद के लोड़े से उसका लोड़ा कुछ छोटा था... तकरीबन 7 इंच खा रहा होगा...... पर बेहद मोटा था बहुत मोटा......
बहन चोद तू नंगा क्यों हो रहा है... तुझे तो बस चुत चाटने की परमिशन मिलि है.... यह जुनैद ने कहा था..... जुनैद भाई... ऐसी माल को आप लोग चोदने तो दोगे नहीं... साला थोड़ी मस्ती तो कर लेने दो... सुरेश ने अपना लौड़ा अपने हाथ में पकड़कर कहा..
चल ठीक है मादरजात.. तू भी ले ले थोड़ा सा मजा.... आखिर तूने ही तो बड़ी माल का इंतजाम किया हमारे लिए..... जुनैद ने कहा... सुरेश ने ज्यादा देर नहीं की वह मेरी दीदी की टांगों के बीच लेट गया. मेरी रूपाली दीदी ने अपनी दोनों टांगे आपस में चिपका ली...... किसी भी कीमत पर मेरी दीदी नीच सुरेश के मुंह को अपनी चुत पर जाने से रोकने का प्रयास कर रही थी... मेरी दीदी झटपट आने लगी... मुझसे रहा नहीं गया...
असलम भाई आपने तो कहा था कि सुरेश को आप मेरी दीदी के साथ कुछ भी करने नहीं दोगे... फिर यह क्यों.... मैंने डरते सहमते हुए कहा.
साले मादरजात.. गांडू.... तेरी दीदी को हम लोग चाहे जैसे मन करे वैसे चोद सकते हैं ... बहन के लोड़े अगर डिस्टर्ब किया ना तो तेरी पेंट उतार के तेरी गांड में लौड़ा डाल दूंगा मैं बहन चोद.... तू इस रंडी की चाट ले बहन चोद सुरेश..... तू उसके भाई की टेंशन मत ले... यह बड़वा कुछ भी नहीं कर सकता.... इसकी बहन हमारी रंडी बन चुकी है... जुनैद ने मुझे कठोर शब्दों में कहा...
मैं चुप हो गया......
सुरेश ने जबरदस्ती मेरी दीदी की दोनों टांगें फैला दी... उनकी मदमस्त चुत सुरेश की आंखों के सामने थी... उसने अपनी लंबी जुबान बाहर निकाली और मेरी दीदी की चुत पर लहराने लगा... भूखे कुत्ते की तरह वह मेरी दीदी की चुत को चाटने लगा.... मेरी दीदी कसमस आने लगी.... सिसकियां लेने लगी.... असलम ने अपना सुपाड़ा मेरी दीदी के मुंह में दे दिया... उनकी चीखें बंद हो गई..
पायल की रुनझुन , बिछुओं की झंकार , चूड़ियों की चुरुर मुरुर... मेरी सुहागन दीदी की योनि पर लहराता हुआ ऑटो वाले सुरेश का खुरदुरा जुबान और दीदी के मुंह में असलम का लोड़ा......
कुछ ही देर में असलम में अपना लौड़ा मेरी दीदी के मुंह से बाहर निकाल दिया और वह मेरी दीदी के ऊपर से उठ कर खड़ा हो गया... सुरेश अभी भी पागलों की तरह मेरी दीदी की योनि को चाट रहा था... उसके मजबूत पकड़ में थी मेरी दीदी की दोनों टांगे जिसे उसने ऊपर की तरफ उठा रखा था. वह मेरी दीदी की गांड के छेद को भी चाट रहा था