26-07-2019, 04:07 PM
अध्याय 34
रात के अंधियारे में जुगनुओं की टिमटिमाहट थी और एक घना सन्नाटा पसरा हुआ था,हॉस्पिटल का गार्ड बाहर एक दूसरे से बतियाते हुआ तम्बाकू मल रहे थे,पूरे हॉस्पिटल में सिक्युरिटी वालो का भी घना पहरा था,वाकी टोकि पर कई संदेश प्रसारित हो रहे थे,टारगेट सिक्युरिटी के जाल से भाग निकला था….
टारगेट यानी की गौरव,दोपहर से रात हो चुके थे सिक्युरिटी की कई टुकड़ियां मिलकर भी उसे नही ढूंढ पा रही थी,लोगो को अंदेशा था की वो हॉस्पिटल में जरूर आएगा क्योकि वंहा अबही डॉ चूतिया,रफीक और कविता एडमिट थे…….
बस यही उसे फसाने के लिए जाल तैयार रखा गया था वही शहर के बड़े फाइव स्टार होटल में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए थे क्योकि वंहा कपूर अपनी बेटी पूर्वी के साथ मौजूद था…..
जगह जगह पर कैमरे और 24 घंटो की चौकन्नी निगरानी के बावजूद गौरव के वजूद का कोई भी पता किसी को नही लग रहा था और ये कई लोगो के माथे में आये पसीने का सबब थी ..
“कविता अभी कैसी है डॉ”डॉ चूतिया ने पास खड़े डॉ से कहा
“अभी तो आई सी यु में है अभी ट्रीटमेंट चल रहै है होश में आ जाए तभी कुछ कह सकते है,हमने कई अच्छे साइकोलोजिस्ट को बुलाया है कुछ न्यूरोलॉजिस्ट और सैकेट्री भी पहुच चुके है सभी मिलकर इस केस को स्टडी कर रहे है जरूर कोई इलाज मिल जाएगा …..
डॉ चूतिया ने काफी भरे हुए दिल से अपना सर हिलाया
“और गौरव का कुछ पता चला उसे पकड़ना बेहद ही जरूरी है डॉ..”
“अभी तक तो नही लेकिन तलाश जारी है जाएगा कहा ,आपलोगो को ढूंढते हुए खुद ही जाल में फंस जाएगा..”
“अगर वो ऐसे ही जाल में फंस जाता तो कब का फंस चुका होता…”डॉ चूतिया ने एक गहरी सांस छोड़ी
********
दो दिन बीत चुके थे और अभी तक गौरव का कोई भी सबूत किसी को नही मिला था ,ये लोग भी गोवा से अपने शहर आ चुके थे ,गौरव ने किसी से मिलने की कोशिस नही की ये सभी के लिए आश्चर्यजनक था,लेकिन खतरे की घंटी भी थी ,
कविता की हालत में सुधार हो रहा था वो अब डॉ चूतिया के निगरानी में थी लेकिन अभी भी उन्हें नही पहचान पा रही थी लेकिन उसका व्यवहार थोड़ा नार्मल जरूर हो रहा था,डॉक्टर्स ने बताया की उसे गौरव ने कई दिनों तक शाररिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और साथ ही हेवी ड्रग्स भी दिया जिससे धीरे धीरे वो उसकी गुलाम बन गई ,कितनी अजीब बात थी की गौरव ने उसे वही ड्रग्स दिया था जो की खुद कविता ने ईजाद किया था,लेकिन पूरी सच्चाई अभी भी आनी बाकी थी ,गौरव की खोज प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जारी थी,रफीक भी बहुत हद तक ठीक हो चुका था,सब कुछ इतना शांत था मानो तूफान के पहले की शांति हो
…..
****************
मन का प्यार में धोखे का दर्द पूर्वी के जेहन को तोड़ रहा था,वो जिंदा होते हुए भी कही खोई खोई सी थी ,क्या उसने गौरव से प्यार किया था हा किया था अपने जीवन में सबसे ज्यादा अगर किसी। से प्यार किया था तो वो गौरव ही था...तो गलती कहा हो गई थी ?
क्या उसने जो गौरव की आंखों में अपने लिए प्यार देखा था वो गलत था ,नही पूर्वी गलत थी उसने जो प्यार गौरव की आंखों में देखा था वो सही था तो आखिर ऐसा क्या हो गया की गौरव ने उसे इस तरह से धोखा दिया था…
इन्ही सवालों में गुम पूर्वी अपने जीवन की अकांछाओ से कही गुम हो गई थी ,वो थकी और लगभग हारी सी जिंदगी जी रही थी ,उसी अवस्था में वो अपने कमरे में गई …
कमरे का लाइट जलाते ही उसकी नजर सामने पड़ी …
वो चौकी,ना जाने कितने भावनाओ के उन्माद में डूब सी गई ,सामने बिस्तर के बाजू में सिकुड़कर बैठे हुए शख्स को देखकर उसके रोम रोम में गुस्सा और दर्द भर गया था ,लाइट जलने से वो उसे ही देख रहा था,पूर्वी ने तुरंत ही अपने पर्स में रखे हुए रिवाल्वर को निकाल कर उसके सामने तान दिया..
“तुम ..??तुम यंहा कैसे आ गए “पूर्वी की आवाज में थोड़ा डर भी था लेकिन उसने जो धोखा इस शख्स से खाया था उसके सामने मौत का दर्द भी फीका पड़ रहा था ..
गौरव कांप रहा था,वो अपने को सिकोड़ कर बैठा था जैसे उसे किसी डर ने घेर लिया हो ,उसकी आंखे लाल थी और शरीर बहुत ही दुर्बल लग रहा था ,आंखों से आंसुओ की बूंदे गिर रही थी वो कुछ बोलना चाहता था लेकिन जुबान बस लड़खड़ा कर रह जाते बड़ी ही मुश्किल से उसके होठो से आवाज निकली
“पूर्वी ..पूर्वी मैं मर रहा ह पूर्वी ..मुझे बचा लो मैं शैतान बन गया हु पूर्वी ..”
उसके हर शब्द में लड़खड़ाहट थी ,वो अच्छे से बोल भी नही पा रहा था,उसने अपने हाथो से अपने अपने कानो को बंद करने की कोशिस कर रहा था वो सीधे पूर्वी की ओर ज्यादा समय तक नही देख पा रहा था ..
“क्या तुम ..क्या तुम लाइट को थोड़ा धीमा कर दोगी ,मैं तुम्हे देख नही पा रहा हु “
गौरव की ये दशा देख कर पूर्वी के सीने का दर्द और भी बढ़ गया ,ये इसे क्या हो गया था???
जिसने पूरे सिक्युरिटी डिपार्टमेंट के नाक में दम कर दिया था वो शख्स अभी उसके सामने किसी मेमने सा लग रहा था,पूर्वी ने लाइट को धीमा किया अब कमरे में बहुत कम रोशनी थी लेकिन पूर्वी उसे अच्छे से देख पा रही थी ..
“वो लोग मुझे मार देंगे पूर्वी मुझे बचा लो …”
उसकी बात सुनकर पूर्वी जोरो से हँस पड़ी
“वो लोग क्या गौरव मैं तुम्हे अपने हाथो से मरूँगी ,तुमने जो किया है उसकी सजा मौत से कम नही हो सकती ,तुमने कविता के साथ जो किया वो अमानवीय था इसके लिए तो तुम्हे तड़फा तड़फा कर मारना चाहिए “
पूर्वी गुस्से से भर गई थी
“नही पूर्वी मेरी बात सुनो मैं तुम्हारे पास आया क्योकि तुम ही मुझे समझ सकती हो ,मैं तुम्हारा गौरव हु क्या तुम्हे मेरी आंखों में तुम्हारे लिए प्यार दिखाई नही देता ,क्या तुम्हे लगता है की मेरा प्यार झूठा था नही पूर्वी ,एक बार मुझे बोलने दो मुझे फसाया गया है ,जो हुआ उसमें मेरी कोई गलती नही थी पूर्वी ,मेरी गलती बस इतनी थी की मैं सही समय में बहादुरी नही दिखा पाया मैं अपने मोह और के जाल में फंस गया ….”
पूर्वी उसकी बात सुनकर बुरी तरह से असमंजस में पड़ गई थी
“नही गौरव अब और नही बहुत हो गया तुम अब मुझे धोखा नही दे सकते “
इस बार गौरव थोड़ा हँसा लेकिन उसकी हंसी में उदासी थी वो अब भी वैसे ही बैठा हुआ था वो बार बार अपने हाथ पैरों को खुजलाता था ,ऐसे लग रहा था जैसे वो बेहद ही बेचैन हो बार बार करवट बदलता और इधर उधर को खुजलाता रहता ..
“पूर्वी मुझे पता है मैंने अपना भरोसा तो पहले ही खो दिया है ,याद है जब मैं परेशान था और तुमने मुझे बताया की डॉ चूतिया ने तुम्हे मेरे बारे में बहुत कुछ बताया है,मैंने तब तुमसे सवाल किया था की तुम्हे क्या लगता है की ये प्यार था या धोखा ….तुम चुप रही थी पूर्वी तुमने कुछ नही कहा था ,मुझे तभी समझ आ गया था की मैंने अपना भरोसा खो दिया है ,डॉ चूतिया ने तुमसे ना जाने क्या कहा होगा लेकिन सच मानो उसने तुमसे जो भी कहा वो उसके नजर से ही सच था,असली बात तो उसे भी नही पता...लेकिन यकीन मानो तुम्हारा मेरे जीवन में आना महज एक इत्तफाक था मुझे नही पता था की कपूर की बेटी से मैं मोहोब्बत कर बैठूंगा ,हा पूर्वी मुझे जीवन में दूसरी बात प्यार हुआ और मैं आज भी तुमसे बहुत ही प्यार करता हु ..”
गौरव की बात से पूर्वी कांप गई थी उसके मन में दबा हुआ गौरव के लिए प्यार मानो उफान मारकर बाहर निकलने को बेताब था लेकिन वो कैसे भूल सकती थी की गौरव एक इंसान नही बल्कि जानवर बन चुका है …
“अपनी बकवास बंद करो और मरने को तैयार हो जाओ “
पूर्वी ने अपने हाथो को अपने रिवाल्वर में कसा लेकिन गौरव फिर से बोल पड़ा
“तुम जब चाहो मुझे मार दो ऐसे भी मैं दवाइयों के बिना मर ही रहा हु लेकिन मेरा यकीन करो मुझे फसाया गया है ,मैं गलत नही हु “
वो सर झुकाए रोने लगा ,पूर्वी को लगा जैसे उसका दिल अभी पीसीज जाएगा
“किसने ?? किसने फसाया है तुम्हे ..”पूर्वी ने आराम से पूछा
“कविता ..कविता ने मुझे फसाया है पूर्वी “
कविता??????पूर्वी के आंखों में फिर से अंगारे नाच उठे थे ,उसे यकीन हो गया था की गौरव फिर से उसे धोखा देने की कोशिस कर रहा है
“अपनी बकवास बन्द करो गौरव ,बहुत हो गया जिसे खुद तुमने इतने दुख दिए वो तुम्हे फसएगी ,तुम इतने बड़े कमाने हो सकते हो मैंने ये सोचा भी नही था ..
पूर्वी की आंखों से गुस्से के अलावा आंसू भी टपकने लगे थे ..
“यकीन मानो पूर्वी ,मुझे बचा लो ,वो कविता ही थी जिसने मुझे इन झमेलो में डाल दिया,मैं डॉ चूतिया के पास जाकर उसे सब कुछ बताना चाहता था लेकिन कविता की हालत को देखकर वो मुझे ही इसका जिम्मेदार मानने लगा है और अगर मैं उसके सामने भी गया तो वो मुझे जिंदा नही छोड़ेगा ,इस दवाई ने मुझे बहुत पवार दे दी है लेकिन इतनी पवार को झेलने की मुझमें शक्ति नही है पूर्वी ,मैं इस बंगले से 500 मीटर में गुजर रहे गाड़ी की आवाज भी सुन सकता हु ,मैं परेशान हो गया हु इस शोर से ,मैं परेशान हो गया हु इस रोशनी से जो मैं बंद आंखों से भी देख सकता हु ,मैं उन सभी गंधो से परेशान हु जो मेरे नाक में अनायास ही आ रही है ,1 किलोमीटर की दूरी पर बने नाले की गंध से मेरा नाक भर रहा है वही तुम्हारे किचन में रखे हुए केक की गंध भी मेरे नाक में पड़ रही है ,मैं छोटी छोटी संवेदनाओं से परेशान हु पूर्वी मैं पागल हो रहा हु ,मेरे पास इन सबसे मुक्त होने की दवाई भी नही है ,डॉ चूतिया ने सब कुछ जला दिया है ,मुझे बचा लो पूर्वी मुझे जमीन के नीचे किसी तलघर में रखो जंहा कोई आवाज ना हो कोई रोशनी ना हो वरना मैं मर जाऊंगा मैं पागल हो जाऊंगा इन सबसे …”
पूर्वी की हालत बेहद ही खराब हो गई थी ,उसके सामने सभी वो बाते घूम रही थी जो उसने उस तलघर के बारे में सुन रखा था क्या इसका मतलब था की कविता इसलिए वंहा रह रही थी लेकिन …??
क्या गौरव सही कह रहा है या वो अभी भी उसे धोखा दे रहा है .जैसा डॉ चूतिया ने बताया था की उसका दिमाग बेहद ही तेज चल रहा है,वो इतनी सिक्युरिटी के बाद भी उसके कमरे में बैठा था ,पूर्वी को उसकी बातों में सच्चाई तो दिख रही थी लेकिन कही ना कही वो उसे मानने को भी तैयार नही थी ..
“मैं डॉ चूतिया को फोन करती हु “
उसने आखिर में फैसला किया
“नही पूर्वी वो मुझे मार देगा ,नही नही मुझे बचा लो मुझे नींद का कोई इंगजेक्शन दे दो उसके बाद चाहे जिसे बुलाना है बुला लेना ,मुझे बेहोश करके किसी हॉस्पिटल में ले चलो मैंने जो भी कहा वो डॉ चूतिया को बताना की मैंने नही कविता ने मुझे फसाया है …”
पूर्वी बेहद ही असमंजस की स्तिथि में थी ,उसने अपना मोबाइल निकाला
“किसे फोन कर रही हो “
गौरव बोल उठा
“रोहन को ..”
“नही नही ..उसे नही “
पूर्वी ने उसे परखने वाली निगाहों से देखा
“सपना को फोन करो ,रोहन को देखकर मुझे गुस्सा आ सकता है ,उसने तुमने मुझसे छिनने की कोशिस की थी ,नही ..”
पूर्वी के होठो में पता नही क्यो लेकिन एक मुस्कान आ गई उसे गौरव फिर से कुछ प्यारा सा लगा ,लेकिन फिर तुरंत ही उसने अपने सर को झटका दिया और सपना को फोन लगा दिया …..
रात के अंधियारे में जुगनुओं की टिमटिमाहट थी और एक घना सन्नाटा पसरा हुआ था,हॉस्पिटल का गार्ड बाहर एक दूसरे से बतियाते हुआ तम्बाकू मल रहे थे,पूरे हॉस्पिटल में सिक्युरिटी वालो का भी घना पहरा था,वाकी टोकि पर कई संदेश प्रसारित हो रहे थे,टारगेट सिक्युरिटी के जाल से भाग निकला था….
टारगेट यानी की गौरव,दोपहर से रात हो चुके थे सिक्युरिटी की कई टुकड़ियां मिलकर भी उसे नही ढूंढ पा रही थी,लोगो को अंदेशा था की वो हॉस्पिटल में जरूर आएगा क्योकि वंहा अबही डॉ चूतिया,रफीक और कविता एडमिट थे…….
बस यही उसे फसाने के लिए जाल तैयार रखा गया था वही शहर के बड़े फाइव स्टार होटल में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए थे क्योकि वंहा कपूर अपनी बेटी पूर्वी के साथ मौजूद था…..
जगह जगह पर कैमरे और 24 घंटो की चौकन्नी निगरानी के बावजूद गौरव के वजूद का कोई भी पता किसी को नही लग रहा था और ये कई लोगो के माथे में आये पसीने का सबब थी ..
“कविता अभी कैसी है डॉ”डॉ चूतिया ने पास खड़े डॉ से कहा
“अभी तो आई सी यु में है अभी ट्रीटमेंट चल रहै है होश में आ जाए तभी कुछ कह सकते है,हमने कई अच्छे साइकोलोजिस्ट को बुलाया है कुछ न्यूरोलॉजिस्ट और सैकेट्री भी पहुच चुके है सभी मिलकर इस केस को स्टडी कर रहे है जरूर कोई इलाज मिल जाएगा …..
डॉ चूतिया ने काफी भरे हुए दिल से अपना सर हिलाया
“और गौरव का कुछ पता चला उसे पकड़ना बेहद ही जरूरी है डॉ..”
“अभी तक तो नही लेकिन तलाश जारी है जाएगा कहा ,आपलोगो को ढूंढते हुए खुद ही जाल में फंस जाएगा..”
“अगर वो ऐसे ही जाल में फंस जाता तो कब का फंस चुका होता…”डॉ चूतिया ने एक गहरी सांस छोड़ी
********
दो दिन बीत चुके थे और अभी तक गौरव का कोई भी सबूत किसी को नही मिला था ,ये लोग भी गोवा से अपने शहर आ चुके थे ,गौरव ने किसी से मिलने की कोशिस नही की ये सभी के लिए आश्चर्यजनक था,लेकिन खतरे की घंटी भी थी ,
कविता की हालत में सुधार हो रहा था वो अब डॉ चूतिया के निगरानी में थी लेकिन अभी भी उन्हें नही पहचान पा रही थी लेकिन उसका व्यवहार थोड़ा नार्मल जरूर हो रहा था,डॉक्टर्स ने बताया की उसे गौरव ने कई दिनों तक शाररिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और साथ ही हेवी ड्रग्स भी दिया जिससे धीरे धीरे वो उसकी गुलाम बन गई ,कितनी अजीब बात थी की गौरव ने उसे वही ड्रग्स दिया था जो की खुद कविता ने ईजाद किया था,लेकिन पूरी सच्चाई अभी भी आनी बाकी थी ,गौरव की खोज प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जारी थी,रफीक भी बहुत हद तक ठीक हो चुका था,सब कुछ इतना शांत था मानो तूफान के पहले की शांति हो
…..
****************
मन का प्यार में धोखे का दर्द पूर्वी के जेहन को तोड़ रहा था,वो जिंदा होते हुए भी कही खोई खोई सी थी ,क्या उसने गौरव से प्यार किया था हा किया था अपने जीवन में सबसे ज्यादा अगर किसी। से प्यार किया था तो वो गौरव ही था...तो गलती कहा हो गई थी ?
क्या उसने जो गौरव की आंखों में अपने लिए प्यार देखा था वो गलत था ,नही पूर्वी गलत थी उसने जो प्यार गौरव की आंखों में देखा था वो सही था तो आखिर ऐसा क्या हो गया की गौरव ने उसे इस तरह से धोखा दिया था…
इन्ही सवालों में गुम पूर्वी अपने जीवन की अकांछाओ से कही गुम हो गई थी ,वो थकी और लगभग हारी सी जिंदगी जी रही थी ,उसी अवस्था में वो अपने कमरे में गई …
कमरे का लाइट जलाते ही उसकी नजर सामने पड़ी …
वो चौकी,ना जाने कितने भावनाओ के उन्माद में डूब सी गई ,सामने बिस्तर के बाजू में सिकुड़कर बैठे हुए शख्स को देखकर उसके रोम रोम में गुस्सा और दर्द भर गया था ,लाइट जलने से वो उसे ही देख रहा था,पूर्वी ने तुरंत ही अपने पर्स में रखे हुए रिवाल्वर को निकाल कर उसके सामने तान दिया..
“तुम ..??तुम यंहा कैसे आ गए “पूर्वी की आवाज में थोड़ा डर भी था लेकिन उसने जो धोखा इस शख्स से खाया था उसके सामने मौत का दर्द भी फीका पड़ रहा था ..
गौरव कांप रहा था,वो अपने को सिकोड़ कर बैठा था जैसे उसे किसी डर ने घेर लिया हो ,उसकी आंखे लाल थी और शरीर बहुत ही दुर्बल लग रहा था ,आंखों से आंसुओ की बूंदे गिर रही थी वो कुछ बोलना चाहता था लेकिन जुबान बस लड़खड़ा कर रह जाते बड़ी ही मुश्किल से उसके होठो से आवाज निकली
“पूर्वी ..पूर्वी मैं मर रहा ह पूर्वी ..मुझे बचा लो मैं शैतान बन गया हु पूर्वी ..”
उसके हर शब्द में लड़खड़ाहट थी ,वो अच्छे से बोल भी नही पा रहा था,उसने अपने हाथो से अपने अपने कानो को बंद करने की कोशिस कर रहा था वो सीधे पूर्वी की ओर ज्यादा समय तक नही देख पा रहा था ..
“क्या तुम ..क्या तुम लाइट को थोड़ा धीमा कर दोगी ,मैं तुम्हे देख नही पा रहा हु “
गौरव की ये दशा देख कर पूर्वी के सीने का दर्द और भी बढ़ गया ,ये इसे क्या हो गया था???
जिसने पूरे सिक्युरिटी डिपार्टमेंट के नाक में दम कर दिया था वो शख्स अभी उसके सामने किसी मेमने सा लग रहा था,पूर्वी ने लाइट को धीमा किया अब कमरे में बहुत कम रोशनी थी लेकिन पूर्वी उसे अच्छे से देख पा रही थी ..
“वो लोग मुझे मार देंगे पूर्वी मुझे बचा लो …”
उसकी बात सुनकर पूर्वी जोरो से हँस पड़ी
“वो लोग क्या गौरव मैं तुम्हे अपने हाथो से मरूँगी ,तुमने जो किया है उसकी सजा मौत से कम नही हो सकती ,तुमने कविता के साथ जो किया वो अमानवीय था इसके लिए तो तुम्हे तड़फा तड़फा कर मारना चाहिए “
पूर्वी गुस्से से भर गई थी
“नही पूर्वी मेरी बात सुनो मैं तुम्हारे पास आया क्योकि तुम ही मुझे समझ सकती हो ,मैं तुम्हारा गौरव हु क्या तुम्हे मेरी आंखों में तुम्हारे लिए प्यार दिखाई नही देता ,क्या तुम्हे लगता है की मेरा प्यार झूठा था नही पूर्वी ,एक बार मुझे बोलने दो मुझे फसाया गया है ,जो हुआ उसमें मेरी कोई गलती नही थी पूर्वी ,मेरी गलती बस इतनी थी की मैं सही समय में बहादुरी नही दिखा पाया मैं अपने मोह और के जाल में फंस गया ….”
पूर्वी उसकी बात सुनकर बुरी तरह से असमंजस में पड़ गई थी
“नही गौरव अब और नही बहुत हो गया तुम अब मुझे धोखा नही दे सकते “
इस बार गौरव थोड़ा हँसा लेकिन उसकी हंसी में उदासी थी वो अब भी वैसे ही बैठा हुआ था वो बार बार अपने हाथ पैरों को खुजलाता था ,ऐसे लग रहा था जैसे वो बेहद ही बेचैन हो बार बार करवट बदलता और इधर उधर को खुजलाता रहता ..
“पूर्वी मुझे पता है मैंने अपना भरोसा तो पहले ही खो दिया है ,याद है जब मैं परेशान था और तुमने मुझे बताया की डॉ चूतिया ने तुम्हे मेरे बारे में बहुत कुछ बताया है,मैंने तब तुमसे सवाल किया था की तुम्हे क्या लगता है की ये प्यार था या धोखा ….तुम चुप रही थी पूर्वी तुमने कुछ नही कहा था ,मुझे तभी समझ आ गया था की मैंने अपना भरोसा खो दिया है ,डॉ चूतिया ने तुमसे ना जाने क्या कहा होगा लेकिन सच मानो उसने तुमसे जो भी कहा वो उसके नजर से ही सच था,असली बात तो उसे भी नही पता...लेकिन यकीन मानो तुम्हारा मेरे जीवन में आना महज एक इत्तफाक था मुझे नही पता था की कपूर की बेटी से मैं मोहोब्बत कर बैठूंगा ,हा पूर्वी मुझे जीवन में दूसरी बात प्यार हुआ और मैं आज भी तुमसे बहुत ही प्यार करता हु ..”
गौरव की बात से पूर्वी कांप गई थी उसके मन में दबा हुआ गौरव के लिए प्यार मानो उफान मारकर बाहर निकलने को बेताब था लेकिन वो कैसे भूल सकती थी की गौरव एक इंसान नही बल्कि जानवर बन चुका है …
“अपनी बकवास बंद करो और मरने को तैयार हो जाओ “
पूर्वी ने अपने हाथो को अपने रिवाल्वर में कसा लेकिन गौरव फिर से बोल पड़ा
“तुम जब चाहो मुझे मार दो ऐसे भी मैं दवाइयों के बिना मर ही रहा हु लेकिन मेरा यकीन करो मुझे फसाया गया है ,मैं गलत नही हु “
वो सर झुकाए रोने लगा ,पूर्वी को लगा जैसे उसका दिल अभी पीसीज जाएगा
“किसने ?? किसने फसाया है तुम्हे ..”पूर्वी ने आराम से पूछा
“कविता ..कविता ने मुझे फसाया है पूर्वी “
कविता??????पूर्वी के आंखों में फिर से अंगारे नाच उठे थे ,उसे यकीन हो गया था की गौरव फिर से उसे धोखा देने की कोशिस कर रहा है
“अपनी बकवास बन्द करो गौरव ,बहुत हो गया जिसे खुद तुमने इतने दुख दिए वो तुम्हे फसएगी ,तुम इतने बड़े कमाने हो सकते हो मैंने ये सोचा भी नही था ..
पूर्वी की आंखों से गुस्से के अलावा आंसू भी टपकने लगे थे ..
“यकीन मानो पूर्वी ,मुझे बचा लो ,वो कविता ही थी जिसने मुझे इन झमेलो में डाल दिया,मैं डॉ चूतिया के पास जाकर उसे सब कुछ बताना चाहता था लेकिन कविता की हालत को देखकर वो मुझे ही इसका जिम्मेदार मानने लगा है और अगर मैं उसके सामने भी गया तो वो मुझे जिंदा नही छोड़ेगा ,इस दवाई ने मुझे बहुत पवार दे दी है लेकिन इतनी पवार को झेलने की मुझमें शक्ति नही है पूर्वी ,मैं इस बंगले से 500 मीटर में गुजर रहे गाड़ी की आवाज भी सुन सकता हु ,मैं परेशान हो गया हु इस शोर से ,मैं परेशान हो गया हु इस रोशनी से जो मैं बंद आंखों से भी देख सकता हु ,मैं उन सभी गंधो से परेशान हु जो मेरे नाक में अनायास ही आ रही है ,1 किलोमीटर की दूरी पर बने नाले की गंध से मेरा नाक भर रहा है वही तुम्हारे किचन में रखे हुए केक की गंध भी मेरे नाक में पड़ रही है ,मैं छोटी छोटी संवेदनाओं से परेशान हु पूर्वी मैं पागल हो रहा हु ,मेरे पास इन सबसे मुक्त होने की दवाई भी नही है ,डॉ चूतिया ने सब कुछ जला दिया है ,मुझे बचा लो पूर्वी मुझे जमीन के नीचे किसी तलघर में रखो जंहा कोई आवाज ना हो कोई रोशनी ना हो वरना मैं मर जाऊंगा मैं पागल हो जाऊंगा इन सबसे …”
पूर्वी की हालत बेहद ही खराब हो गई थी ,उसके सामने सभी वो बाते घूम रही थी जो उसने उस तलघर के बारे में सुन रखा था क्या इसका मतलब था की कविता इसलिए वंहा रह रही थी लेकिन …??
क्या गौरव सही कह रहा है या वो अभी भी उसे धोखा दे रहा है .जैसा डॉ चूतिया ने बताया था की उसका दिमाग बेहद ही तेज चल रहा है,वो इतनी सिक्युरिटी के बाद भी उसके कमरे में बैठा था ,पूर्वी को उसकी बातों में सच्चाई तो दिख रही थी लेकिन कही ना कही वो उसे मानने को भी तैयार नही थी ..
“मैं डॉ चूतिया को फोन करती हु “
उसने आखिर में फैसला किया
“नही पूर्वी वो मुझे मार देगा ,नही नही मुझे बचा लो मुझे नींद का कोई इंगजेक्शन दे दो उसके बाद चाहे जिसे बुलाना है बुला लेना ,मुझे बेहोश करके किसी हॉस्पिटल में ले चलो मैंने जो भी कहा वो डॉ चूतिया को बताना की मैंने नही कविता ने मुझे फसाया है …”
पूर्वी बेहद ही असमंजस की स्तिथि में थी ,उसने अपना मोबाइल निकाला
“किसे फोन कर रही हो “
गौरव बोल उठा
“रोहन को ..”
“नही नही ..उसे नही “
पूर्वी ने उसे परखने वाली निगाहों से देखा
“सपना को फोन करो ,रोहन को देखकर मुझे गुस्सा आ सकता है ,उसने तुमने मुझसे छिनने की कोशिस की थी ,नही ..”
पूर्वी के होठो में पता नही क्यो लेकिन एक मुस्कान आ गई उसे गौरव फिर से कुछ प्यारा सा लगा ,लेकिन फिर तुरंत ही उसने अपने सर को झटका दिया और सपना को फोन लगा दिया …..
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