26-07-2019, 02:36 PM
हो गुड्डी तेरी बु...
![[Image: Girl-97646cbff0fd031ce5d2e3c8864bf208.jpg]](https://i.ibb.co/8rhZNz5/Girl-97646cbff0fd031ce5d2e3c8864bf208.jpg)
फिर दुलारी ने एक गाली सुनायी, सिर्फ मुझे ही नहीं मेरी सारी जेठानियों को भी।
मंझली ननद ने कहा- “अब जरा अपनी बहू से कहिये जवाब दे ना…”
जेठानीजी ने भी मुझे उकसाया और मैंने ढोलक अपनी ओर खींची और गुड्डो को थमा दी ,
सच में उतनी अच्छी ढोलक कोई और नहीं बजाता था ,
और मेरे टारगेट पर मेरी सबसे छोटी ननदिया थी ,
अनुज की बहिनिया , वही एलवल वाली , संगीता , घर का नाम गुड्डी ,... भले अभी आठवीं में पढ़ती थी , ...
![[Image: Girl-Y-48ada615d02250cedc475cd7edaa52f9.jpg]](https://i.ibb.co/WB1cs70/Girl-Y-48ada615d02250cedc475cd7edaa52f9.jpg)
लेकिन दो बातें थी एक तो उसे मिर्च बहुत लगती थी , ज़रा सा छेड़ो तो उचकने लगती थी ,
उसके नाम की गारी गाने पर तो ,... मैं दो दिन से देख रही थी ,...
फिर मेरे कोई सगी ननद न सगा देवर , और इतनी ननदों , देवरों में लोकल यही दोनों थे ,
अनुज और गुड्डी इनके ममेरे भाई और बहन ,... तो रोज तो , ...
गुड्डी की ओर मुस्कराते , चिढ़ाते मैंने शुरू किया
ननदी तेरी बु, हो ननदी तेरी बु,
हो गुड्डी तेरी बु, अच्छी लागे बु,
तेरे बुंदे कान के अच्छे लागें रे
हो ननदी तेरी भो, हो ननदी तेरी भो, हो मिली तेरी भो,
हो मिली तेरी भो, हो मिली की फैल गई भो,
(अरे साफ-साफ भोंसड़ा क्यों नहीं बोलती, चमेली भाभी से नहीं रहा गया)
![[Image: MIL-W-32103ad781f443bd16ec59621138b02a.jpg]](https://i.ibb.co/hxGDdTh/MIL-W-32103ad781f443bd16ec59621138b02a.jpg)
हो मिली की फैल गई भोली आँखें हो, देखकर खेला मदारी का।
हो ननदी तेरी चू, हो ननदी तेरी चू, हो मीता तेरी चू, हो मीता तेरी चू।
हो मीता की फट गई चू हो मीता तेरी फट गई चू।
(अरे इस उमर में ही फट गई एक ने बोला।
दूसरी जेठानी ने जोड़ा अरे चौदह की तो हो गई तो चुद गई तो क्या बात है)
![[Image: bhabhi-5.jpg]](https://i.ibb.co/W5Q4rny/bhabhi-5.jpg)
अरे मेरी प्यारी ननदी की, प्यारी मीता की फट गई चुन्नी फँस के कांटे से।
हो ननदी तेरी झां, हो ननदी तेरी झां, हो ननदी की दिख गई झांकी खिड़की से।
अब तो सब औरतों ने इतनी तारीफ की कि मेरी सास का सीना गज भर का हो गया।
मंझली ननद तारीफ तो उन्होंने भी की लेकिन ये भी बोल दिया की कोटा खतम हो गया क्या?
मेरी जेठानी क्यों चुप रहतीं। उन्होंने बोला-
“अरे तेरी ननदों का मन नहीं भरा, अरे जरा एक दो और सुना दे…”
बस मैं चालू हो गयी , एक बार मैंने फिर गुड्डी से ही शुरू किया , फिर मिली , गीता और मीता किसी को भी नहीं छोड़ा
अरे बार-बार ननदी दरवाजे दौड़ी जाये, कहना ना माने रे
हलवैया का लड़का तो ननदी जी का यार रे,
अरे गुड्डी जी, अरे गीता जी का यार रे,
वो तो लड्डू पे लड्डू खिलाये चला जाये,
अरे बार-बार ननदी दरवाजे दौड़ी जाये,
अरे दरजी का लड़का तो ननदी जी का यार रे।
वो तो मिली साल्ली का यार रे,
अरे वो तो चोली पे चोली, अरे बाडी पे बाडी सिलाये चला जाये, कहना ना माने रे,
अरे प्यारा सा भैया तो सब ननदों का यार रे,
उनको तो मजा लुटाये चला जाये
अरे मेरी सासूजी का लड़का तो गुड्डी रानी का यार रे,
सेजों पे मौज उड़ाये चला जाये कहना ना माने रे।
लेकिन मंझली ननद इतनी आसानी से हार नहीं मानने वाली थीं ,
उन्होंने गुड्डो से ढोलक ले ली , ढोलक वो भी अच्छी बजाती थीं , एकदम टनकदार और कुछ दुलारी के कान में कहा ,
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फिर दुलारी ने एक गाली सुनायी, सिर्फ मुझे ही नहीं मेरी सारी जेठानियों को भी।
मंझली ननद ने कहा- “अब जरा अपनी बहू से कहिये जवाब दे ना…”
जेठानीजी ने भी मुझे उकसाया और मैंने ढोलक अपनी ओर खींची और गुड्डो को थमा दी ,
सच में उतनी अच्छी ढोलक कोई और नहीं बजाता था ,
और मेरे टारगेट पर मेरी सबसे छोटी ननदिया थी ,
अनुज की बहिनिया , वही एलवल वाली , संगीता , घर का नाम गुड्डी ,... भले अभी आठवीं में पढ़ती थी , ...
![[Image: Girl-Y-48ada615d02250cedc475cd7edaa52f9.jpg]](https://i.ibb.co/WB1cs70/Girl-Y-48ada615d02250cedc475cd7edaa52f9.jpg)
लेकिन दो बातें थी एक तो उसे मिर्च बहुत लगती थी , ज़रा सा छेड़ो तो उचकने लगती थी ,
उसके नाम की गारी गाने पर तो ,... मैं दो दिन से देख रही थी ,...
फिर मेरे कोई सगी ननद न सगा देवर , और इतनी ननदों , देवरों में लोकल यही दोनों थे ,
अनुज और गुड्डी इनके ममेरे भाई और बहन ,... तो रोज तो , ...
गुड्डी की ओर मुस्कराते , चिढ़ाते मैंने शुरू किया
ननदी तेरी बु, हो ननदी तेरी बु,
हो गुड्डी तेरी बु, अच्छी लागे बु,
तेरे बुंदे कान के अच्छे लागें रे
हो ननदी तेरी भो, हो ननदी तेरी भो, हो मिली तेरी भो,
हो मिली तेरी भो, हो मिली की फैल गई भो,
(अरे साफ-साफ भोंसड़ा क्यों नहीं बोलती, चमेली भाभी से नहीं रहा गया)
![[Image: MIL-W-32103ad781f443bd16ec59621138b02a.jpg]](https://i.ibb.co/hxGDdTh/MIL-W-32103ad781f443bd16ec59621138b02a.jpg)
हो मिली की फैल गई भोली आँखें हो, देखकर खेला मदारी का।
हो ननदी तेरी चू, हो ननदी तेरी चू, हो मीता तेरी चू, हो मीता तेरी चू।
हो मीता की फट गई चू हो मीता तेरी फट गई चू।
(अरे इस उमर में ही फट गई एक ने बोला।
दूसरी जेठानी ने जोड़ा अरे चौदह की तो हो गई तो चुद गई तो क्या बात है)
![[Image: bhabhi-5.jpg]](https://i.ibb.co/W5Q4rny/bhabhi-5.jpg)
अरे मेरी प्यारी ननदी की, प्यारी मीता की फट गई चुन्नी फँस के कांटे से।
हो ननदी तेरी झां, हो ननदी तेरी झां, हो ननदी की दिख गई झांकी खिड़की से।
अब तो सब औरतों ने इतनी तारीफ की कि मेरी सास का सीना गज भर का हो गया।
मंझली ननद तारीफ तो उन्होंने भी की लेकिन ये भी बोल दिया की कोटा खतम हो गया क्या?
मेरी जेठानी क्यों चुप रहतीं। उन्होंने बोला-
“अरे तेरी ननदों का मन नहीं भरा, अरे जरा एक दो और सुना दे…”
बस मैं चालू हो गयी , एक बार मैंने फिर गुड्डी से ही शुरू किया , फिर मिली , गीता और मीता किसी को भी नहीं छोड़ा
अरे बार-बार ननदी दरवाजे दौड़ी जाये, कहना ना माने रे
हलवैया का लड़का तो ननदी जी का यार रे,
अरे गुड्डी जी, अरे गीता जी का यार रे,
वो तो लड्डू पे लड्डू खिलाये चला जाये,
अरे बार-बार ननदी दरवाजे दौड़ी जाये,
अरे दरजी का लड़का तो ननदी जी का यार रे।
वो तो मिली साल्ली का यार रे,
अरे वो तो चोली पे चोली, अरे बाडी पे बाडी सिलाये चला जाये, कहना ना माने रे,
अरे प्यारा सा भैया तो सब ननदों का यार रे,
उनको तो मजा लुटाये चला जाये
अरे मेरी सासूजी का लड़का तो गुड्डी रानी का यार रे,
सेजों पे मौज उड़ाये चला जाये कहना ना माने रे।
लेकिन मंझली ननद इतनी आसानी से हार नहीं मानने वाली थीं ,
उन्होंने गुड्डो से ढोलक ले ली , ढोलक वो भी अच्छी बजाती थीं , एकदम टनकदार और कुछ दुलारी के कान में कहा ,
![[Image: bride-dholak-2.jpg]](https://i.ibb.co/frX6kZn/bride-dholak-2.jpg)