25-07-2019, 01:50 AM
(This post was last modified: 28-07-2019, 01:52 PM by babasandy. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
मेरी करुणा से भरी हुई विनती सुन के दोनों को मुझ पर और मेरी दीदी पर दया आ गई..
आह बहनचोद.... तेरी रूपाली दीदी की चूत कमाल की है बहन के लोड़े.... साली रंडी ने मेरे लोड़े का तेल निकाल दिया ..इसकी मां को चोदूं.... साली बहुत बड़ी रंडी है तेरी दीदी... यार अंशुल.... मेरी दीदी की सवारी करने के बाद उठ कर खड़ा हो गया था जुनैद... बोलते हुए बिल्कुल ही नग्न अवस्था में वह मेरी तरफ बढ़ा चला आ रहा था.... मेरी नजर उसकी टांगों के बीच झूलते हुए उसके मुसल पर थी जो अब बिल्कुल ढीला पड़ चुका था... उसका बिल्कुल ढीला पड़ चुका लण्ड मेरे खड़े लण्ड की तुलना में दोगुना लंबा और मोटा दिख रहा था.. जुनैद बिल्कुल मेरे पास आकर खड़ा हो गया..... वह बिल्कुल नंगा ही था..
क्या देख रहा है बहन के लोड़े रंडी के भाई.... साले बहन चोद.. मेरा लण्ड देख रहा है गांडु..... देख मां के लोड़े... इसी लण्ड से तेरी रूपाली दीदी की बच्चेदानी में दो बार मलाई भर दिया.... एक बार फिर तु मामा बनेगा मेरे लोड़े की मलाई से बहन चोद.... जुनैद ने अपने ढीले पड़ चुके लण्ड को मेरे सामने लहरा दिया.... शर्म के मारे मैं जमीन में गड़ा जा रहा था.... मैं कुछ भी बोल नहीं पा रहा था.... मेरी रूपाली दीदी जमीन पर बिखरी पड़ी थी बिल्कुल नग्न ... उनकी दोनों टांगे फैली हुई थी और जुनैद का गाढ़ा सफेद वीर्य मेरी दीदी की चूत से टपक रहा था... मेरी दीदी को कुछ भी होश नहीं था..
दीदी ...दीदी.... सुरेश आ चुका है...... मैंने बड़ी हिम्मत करके लगभग चीखते हुए कहा.... मेरी आवाज सुनकर दीदी तो जैसे स्वर्ग लोक से धरती पर आ गई.. दीदी उठकर खड़ी हो गई..... जुनैद ने पुराना तोलिया लपेट लिया अपनी कमर में.... नशे में धुत असलम अपने हाथ में अपने पूरी तरह खड़े लोड़े को पकड़ के मेरी रूपाली दीदी पर आक्रमण करने के लिए पूरी तरह तैयार था..... तभी अचानक झोपड़ी के दरवाजे पर सुरेश प्रकट हुआ.. मेरी रूपाली दीदी झोपड़ी के बीचो-बीच बिल्कुल नंगी खड़ी थी उनकी चूत से जुनैद का वीर्य टपक रहा था और चूची से दूध....
मेरी दीदी को देखकर तो सुरेश को जैसे लकवा मार गया. वह आंखें फाड़ फाड़ कर मेरी दीदी को घूर रहा था.... मेरी दीदी का भरपूर जोबन अपनी नग्न अवस्था में उसकी आंखों के सामने था... शर्म के मारे मेरी दीदी का बुरा हाल हो गया था... एक हाथ से दीदी अपनी चुत को छुपा रही थी और दूसरे हाथ से दीदी अपने दोनों चूचियों को ढकने का प्रयास कर रही थी... जो नाकाफी था... सुरेश अपने हाथों में दो पैकेट लेकर एकटक मेरी रूपाली दीदी के नंगे बदन को निहार रहा था...
क्या देख रहा है बहन चोद... बड़ी जल्दी आ गया .. इधर आओ मेरे पास.. जुनैद ने सुरेश को कहां.... सुरेश चुपचाप जुनैद के पास गया और पैकेट से शराब की बोतल और चकना निकाल कर उसके सामने रखने लगा... पर उसकी निगाहें मेरी रूपाली तेरी दीदी पर ही थी... शायद मन ही मन वह भी मेरी रूपाली दीदी को अपने लण्ड पर बिठाने के सपने देख रहा था.... जमीन पर पड़ी हुई साड़ी और फटी हुई चोली को उठाकर मेरी दीदी अपने बदन को छुपाने का प्रयास करने लगी... साड़ी को जैसे-तैसे अपने बदन पर लपेट के दीदी झोपड़ी के कोने में जाकर खड़ी हो गई. उन्होंने अपना मुंह दूसरी तरफ कर रखा था... मेरी दीदी शायद रो रही थी... एक संस्कारी सुहागन औरत के लिए यह सब कुछ बहुत ज्यादा हो चुका था.... मैं भी मन ही मन रो रहा था... पर मुझे लगने लगा था कि अब सारा खेल खत्म हो चुका है... शायद यह लोग अब हमें जाने देंगे... पर मेरा सोचना बहुत गलत था...
जुनैद भाई.... लगता है आप दोनों ने मैडम को खूब ठोका है... वैसे आज तक इतनी चिकनी माल मैंने अपनी जिंदगी में नहीं देखी... सच बोल रहा हूं जुनैद भाई... इस मेम साहब को देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया था... बड़ी मुश्किल से मैंने कंट्रोल किया... इनको याद कर कर के रास्ते में दो बार मुट्ठ मार चुका... फिर भी लण्ड है कि मानता नहीं... जुनैद भाई मुझे भी एक मौका दे दो प्लीज.... सारी जिंदगी आप का गुलाम बनके रहूंगा... ऐसी माल को चोदना सब के नसीब में नहीं मिलता जुनैद भाई... बस एक बार प्लीज बस एक बार.... मेरी दीदी को चोदने के लिए सुरेश जुनैद के आगे गिड़गिड़ा रहा था.....
तेरी बहन का भोंसड़ा साले मादरजात अपनी औकात में रह... साले भूल गया बहन के लोड़े... तेरी पायल दीदी हमारी रंडी है बहन चोद... और तू हमारा नौकर... ऐसी माल चोदने की तेरी औकात नहीं है... वैसे भी रूपाली सिर्फ हमारी रंडी है... यह असलम बोल रहा था... जो नशे की हालत में बिल्कुल नंगा खड़ा था हाथ मैं अपना मुसल जैसा काला मोटा लण्ड पकड़ के... उसे किसी बात की परवाह नहीं थी सिवाय मेरी रूपाली दीदी के हुस्न को भोगने के... उसकी निगाहें भी मेरी दीदी पर टिकी हुई थी.... असलम की गालियां सुन के सुरेश खिसिया सा गया... और चुप हो गया.... फिर से मेरे जीजू का फोन आने लगा.. मैंने फोन उठा लिया... जीजू मुझसे पूछने लगे कि क्या हो रहा है वहां पर.... मैं उनको कुछ भी जवाब देने की हालत में नहीं था... सब कुछ ठीक है जीजू सब कुछ ठीक है... मैं हड़बड़ाते हुए बोल रहा था... मेरी हालत समझ रहे थे शायद मेरे जीजू... उन्होंने मुझसे कहा कि असलम या जुनैद से मेरी बात कराओ..
असलम भाई मेरे जीजू आपसे बात करना चाहते हैं... मैंने असलम की तरफ देखते हुए कहा.. जो मेरी दीदी को फिर से दोबारा चोदने की पूरी तैयारी करके खड़ा था.. पहली बार तो उसने मेरी बात सुनी नहीं जब दोबारा मैंने उससे कहा तब उसका ध्यान मेरी तरफ़ आया..
हां बहन के लोड़े.. क्या हुआ तेरे जीजू के गांड में क्या खुजली हो रही है मादरजात..... असलम गुस्सा हो मुझसे बोला...
प्लीज असलम भाई एक बार मेरे जीजू से बात कर लो... मैंने डरते हुए कहा..
चल ठीक है बहन चोद फोन दे मुझे... असलम ने कहा.. मैंने असलम को फोन थमा दिया..
बोल बहन के लोड़े .... तेरी मां का भोसड़ा... असलम ने गुस्से में मेरे जीजू को गाली दी... फोन के दूसरी तरफ मेरे जीजू पता नहीं क्या बोल रहे थे मुझे सुनाई नहीं दे रहा था पर असलम सिर्फ हां हूं मैं जवाब दे रहा था..... और दूसरे हाथ से अपने लोड़े को सहला रहा था मेरी रूपाली दीदी को देखते हुए.......
चल ठीक है मादरजात..... मुझे तो लगा था कि सिक्युरिटी को लेकर आता होगा तु... पर तू सही आदमी.... तेरी बीवी सही सलामत घर पहुंच जाएगी... पर हम लोग इसकी जी भर के लेंगे उसके पहले... तेरा साला चुटिया है इसके बस का कुछ नहीं है... चल ठीक है मैं तेरी बात रूपाली से करवाता हूं.... असलम फोन पर मेरे जीजू को बोल रहा ..
एक हाथ में फोन और दूसरे हाथ से अपने मोटे मुसल जैसे लण्ड को हिलाते हुए असलम मेरी रूपाली दीदी की तरफ बढ़ने लगा.. मेरी दीदी झोपड़ी के दूसरे कोने में खड़ी थी. उनकी पीठ हमारी तरफ थी... फटी हुई साड़ी से दीदी ने अपनी गांड को तो ढक रखा था पर उनकी नंगी पीठ और नंगी टांगे दिख रही थी... असलम मेरी दीदी के बिल्कुल पास जाकर खड़ा हो गया. वह लगभग मेरी दीदी से चिपक गया.. उसका लण्ड मेरी सुहागन दीदी की गांड पर टिका हुआ था... मेरी दीदी फिर मचलने लगी उसके लण्ड को अपनी गांड पर महसूस करते हुए.. मेरी दीदी सिहर उठी थी... असलम का लण्ड मेरी दीदी की गांड पर झटके देने लगा.. वैसे तो मेरी दीदी की गांड साड़ी में लिपटी हुई थी.. पर असलम का मोटा लण्ड मेरी दीदी की साड़ी को फाड़ के उनकी गांड में घुसने को तैयार था....
हाय मेरी जान.. रूपाली... गांडू बड़वा पति तुझसे बात करना चाहता है तेरा... बात कर इससे.... असलम ने मेरी दीदी के गर्दन को चूमते हुए कहा... उसने मेरी दीदी के हाथ में फोन थमा दिया...
हेलो...... मेरी दीदी ने फोन पर कहा... उनकी आवाज थरथर आ रही थी.... मेरी दीदी बेहद डरी हुई थी.... फोन के दूसरी तरफ कुछ समझा रहे थे उनको मेरे जीजू... मेरी दीदी चुपचाप उनकी बातें सुन रही थी.
मेरी दीदी की आंखों में आंसू थे... वह रोते सीसकते हुए फोन पर बातें सुन रही थी मेरे जीजू की.... असलम ने मेरी दीदी की साड़ी को पकड़कर खींचना शुरू कर दिया था.. मेरी रूपाली दीदी भले ही संस्कारी और पतिव्रता हो... पर वह महाभारत की द्रौपदी तो थी नहीं कि भगवान कृष्ण उनकी रक्षा में आए और उनकी साड़ी को अनंत कर दे.... कुछ ही क्षणों में मेरी दीदी की साड़ी उनके बदन से अलग हो गई.. साड़ी को लपेट की मेरे मुंह की तरफ फेंका असलम ने... मेरा चेहरा ढक गया दीदी की साड़ी से.... सुरेश ने मेरे चेहरे से मेरी दीदी की साड़ी को उठा लिया और उसे सूंघने लगा... नंगी हो गई थी एक बार फिर 3 खूंखार मर्दों के सामने मेरी रूपाली दीदी...
असलम ने मेरी दीदी का सर पकड़ के उनको नीचे बिठा दिया और उनकी चूचियों पर अपना लण्ड सटा दिया... एक हाथ से उसने मेरी दीदी की दाईं चूची को पकड़ा और अपने लण्ड का मोटा सुपाड़ा मेरी दीदी के निपल्स पर रगड़ने लगा.. मेरी दीदी की चुचियों से निकलता हुआ दूध असलम के लण्ड को गीला करने लगा......
बहुत बात कर ली तूने बहन की लोड़ी.. चल फोन रख अब... मेरे लण्ड को अपनी चुचियों के बीच में ले मुझे अब तेरी चूची चोदनी है.. असलम ने मेरी दीदी को कहा.... मेरी दीदी ने मेरी तरफ कातर निगाहों से देखा... वह तुमसे बात करना चाहते है अंशुल... दीदी ने मेरी तरफ देखते हुए जब कहा मेरी शेट्टी पिट्टी गुम हो गई... मैं दीदी के पास गया और उनके हाथ से फोन ले लिया.. मैं उनसे अलग कुछ कदम के फासले पर खड़ा हो गया..
आह बहनचोद.... तेरी रूपाली दीदी की चूत कमाल की है बहन के लोड़े.... साली रंडी ने मेरे लोड़े का तेल निकाल दिया ..इसकी मां को चोदूं.... साली बहुत बड़ी रंडी है तेरी दीदी... यार अंशुल.... मेरी दीदी की सवारी करने के बाद उठ कर खड़ा हो गया था जुनैद... बोलते हुए बिल्कुल ही नग्न अवस्था में वह मेरी तरफ बढ़ा चला आ रहा था.... मेरी नजर उसकी टांगों के बीच झूलते हुए उसके मुसल पर थी जो अब बिल्कुल ढीला पड़ चुका था... उसका बिल्कुल ढीला पड़ चुका लण्ड मेरे खड़े लण्ड की तुलना में दोगुना लंबा और मोटा दिख रहा था.. जुनैद बिल्कुल मेरे पास आकर खड़ा हो गया..... वह बिल्कुल नंगा ही था..
क्या देख रहा है बहन के लोड़े रंडी के भाई.... साले बहन चोद.. मेरा लण्ड देख रहा है गांडु..... देख मां के लोड़े... इसी लण्ड से तेरी रूपाली दीदी की बच्चेदानी में दो बार मलाई भर दिया.... एक बार फिर तु मामा बनेगा मेरे लोड़े की मलाई से बहन चोद.... जुनैद ने अपने ढीले पड़ चुके लण्ड को मेरे सामने लहरा दिया.... शर्म के मारे मैं जमीन में गड़ा जा रहा था.... मैं कुछ भी बोल नहीं पा रहा था.... मेरी रूपाली दीदी जमीन पर बिखरी पड़ी थी बिल्कुल नग्न ... उनकी दोनों टांगे फैली हुई थी और जुनैद का गाढ़ा सफेद वीर्य मेरी दीदी की चूत से टपक रहा था... मेरी दीदी को कुछ भी होश नहीं था..
दीदी ...दीदी.... सुरेश आ चुका है...... मैंने बड़ी हिम्मत करके लगभग चीखते हुए कहा.... मेरी आवाज सुनकर दीदी तो जैसे स्वर्ग लोक से धरती पर आ गई.. दीदी उठकर खड़ी हो गई..... जुनैद ने पुराना तोलिया लपेट लिया अपनी कमर में.... नशे में धुत असलम अपने हाथ में अपने पूरी तरह खड़े लोड़े को पकड़ के मेरी रूपाली दीदी पर आक्रमण करने के लिए पूरी तरह तैयार था..... तभी अचानक झोपड़ी के दरवाजे पर सुरेश प्रकट हुआ.. मेरी रूपाली दीदी झोपड़ी के बीचो-बीच बिल्कुल नंगी खड़ी थी उनकी चूत से जुनैद का वीर्य टपक रहा था और चूची से दूध....
मेरी दीदी को देखकर तो सुरेश को जैसे लकवा मार गया. वह आंखें फाड़ फाड़ कर मेरी दीदी को घूर रहा था.... मेरी दीदी का भरपूर जोबन अपनी नग्न अवस्था में उसकी आंखों के सामने था... शर्म के मारे मेरी दीदी का बुरा हाल हो गया था... एक हाथ से दीदी अपनी चुत को छुपा रही थी और दूसरे हाथ से दीदी अपने दोनों चूचियों को ढकने का प्रयास कर रही थी... जो नाकाफी था... सुरेश अपने हाथों में दो पैकेट लेकर एकटक मेरी रूपाली दीदी के नंगे बदन को निहार रहा था...
क्या देख रहा है बहन चोद... बड़ी जल्दी आ गया .. इधर आओ मेरे पास.. जुनैद ने सुरेश को कहां.... सुरेश चुपचाप जुनैद के पास गया और पैकेट से शराब की बोतल और चकना निकाल कर उसके सामने रखने लगा... पर उसकी निगाहें मेरी रूपाली तेरी दीदी पर ही थी... शायद मन ही मन वह भी मेरी रूपाली दीदी को अपने लण्ड पर बिठाने के सपने देख रहा था.... जमीन पर पड़ी हुई साड़ी और फटी हुई चोली को उठाकर मेरी दीदी अपने बदन को छुपाने का प्रयास करने लगी... साड़ी को जैसे-तैसे अपने बदन पर लपेट के दीदी झोपड़ी के कोने में जाकर खड़ी हो गई. उन्होंने अपना मुंह दूसरी तरफ कर रखा था... मेरी दीदी शायद रो रही थी... एक संस्कारी सुहागन औरत के लिए यह सब कुछ बहुत ज्यादा हो चुका था.... मैं भी मन ही मन रो रहा था... पर मुझे लगने लगा था कि अब सारा खेल खत्म हो चुका है... शायद यह लोग अब हमें जाने देंगे... पर मेरा सोचना बहुत गलत था...
जुनैद भाई.... लगता है आप दोनों ने मैडम को खूब ठोका है... वैसे आज तक इतनी चिकनी माल मैंने अपनी जिंदगी में नहीं देखी... सच बोल रहा हूं जुनैद भाई... इस मेम साहब को देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया था... बड़ी मुश्किल से मैंने कंट्रोल किया... इनको याद कर कर के रास्ते में दो बार मुट्ठ मार चुका... फिर भी लण्ड है कि मानता नहीं... जुनैद भाई मुझे भी एक मौका दे दो प्लीज.... सारी जिंदगी आप का गुलाम बनके रहूंगा... ऐसी माल को चोदना सब के नसीब में नहीं मिलता जुनैद भाई... बस एक बार प्लीज बस एक बार.... मेरी दीदी को चोदने के लिए सुरेश जुनैद के आगे गिड़गिड़ा रहा था.....
तेरी बहन का भोंसड़ा साले मादरजात अपनी औकात में रह... साले भूल गया बहन के लोड़े... तेरी पायल दीदी हमारी रंडी है बहन चोद... और तू हमारा नौकर... ऐसी माल चोदने की तेरी औकात नहीं है... वैसे भी रूपाली सिर्फ हमारी रंडी है... यह असलम बोल रहा था... जो नशे की हालत में बिल्कुल नंगा खड़ा था हाथ मैं अपना मुसल जैसा काला मोटा लण्ड पकड़ के... उसे किसी बात की परवाह नहीं थी सिवाय मेरी रूपाली दीदी के हुस्न को भोगने के... उसकी निगाहें भी मेरी दीदी पर टिकी हुई थी.... असलम की गालियां सुन के सुरेश खिसिया सा गया... और चुप हो गया.... फिर से मेरे जीजू का फोन आने लगा.. मैंने फोन उठा लिया... जीजू मुझसे पूछने लगे कि क्या हो रहा है वहां पर.... मैं उनको कुछ भी जवाब देने की हालत में नहीं था... सब कुछ ठीक है जीजू सब कुछ ठीक है... मैं हड़बड़ाते हुए बोल रहा था... मेरी हालत समझ रहे थे शायद मेरे जीजू... उन्होंने मुझसे कहा कि असलम या जुनैद से मेरी बात कराओ..
असलम भाई मेरे जीजू आपसे बात करना चाहते हैं... मैंने असलम की तरफ देखते हुए कहा.. जो मेरी दीदी को फिर से दोबारा चोदने की पूरी तैयारी करके खड़ा था.. पहली बार तो उसने मेरी बात सुनी नहीं जब दोबारा मैंने उससे कहा तब उसका ध्यान मेरी तरफ़ आया..
हां बहन के लोड़े.. क्या हुआ तेरे जीजू के गांड में क्या खुजली हो रही है मादरजात..... असलम गुस्सा हो मुझसे बोला...
प्लीज असलम भाई एक बार मेरे जीजू से बात कर लो... मैंने डरते हुए कहा..
चल ठीक है बहन चोद फोन दे मुझे... असलम ने कहा.. मैंने असलम को फोन थमा दिया..
बोल बहन के लोड़े .... तेरी मां का भोसड़ा... असलम ने गुस्से में मेरे जीजू को गाली दी... फोन के दूसरी तरफ मेरे जीजू पता नहीं क्या बोल रहे थे मुझे सुनाई नहीं दे रहा था पर असलम सिर्फ हां हूं मैं जवाब दे रहा था..... और दूसरे हाथ से अपने लोड़े को सहला रहा था मेरी रूपाली दीदी को देखते हुए.......
चल ठीक है मादरजात..... मुझे तो लगा था कि सिक्युरिटी को लेकर आता होगा तु... पर तू सही आदमी.... तेरी बीवी सही सलामत घर पहुंच जाएगी... पर हम लोग इसकी जी भर के लेंगे उसके पहले... तेरा साला चुटिया है इसके बस का कुछ नहीं है... चल ठीक है मैं तेरी बात रूपाली से करवाता हूं.... असलम फोन पर मेरे जीजू को बोल रहा ..
एक हाथ में फोन और दूसरे हाथ से अपने मोटे मुसल जैसे लण्ड को हिलाते हुए असलम मेरी रूपाली दीदी की तरफ बढ़ने लगा.. मेरी दीदी झोपड़ी के दूसरे कोने में खड़ी थी. उनकी पीठ हमारी तरफ थी... फटी हुई साड़ी से दीदी ने अपनी गांड को तो ढक रखा था पर उनकी नंगी पीठ और नंगी टांगे दिख रही थी... असलम मेरी दीदी के बिल्कुल पास जाकर खड़ा हो गया. वह लगभग मेरी दीदी से चिपक गया.. उसका लण्ड मेरी सुहागन दीदी की गांड पर टिका हुआ था... मेरी दीदी फिर मचलने लगी उसके लण्ड को अपनी गांड पर महसूस करते हुए.. मेरी दीदी सिहर उठी थी... असलम का लण्ड मेरी दीदी की गांड पर झटके देने लगा.. वैसे तो मेरी दीदी की गांड साड़ी में लिपटी हुई थी.. पर असलम का मोटा लण्ड मेरी दीदी की साड़ी को फाड़ के उनकी गांड में घुसने को तैयार था....
हाय मेरी जान.. रूपाली... गांडू बड़वा पति तुझसे बात करना चाहता है तेरा... बात कर इससे.... असलम ने मेरी दीदी के गर्दन को चूमते हुए कहा... उसने मेरी दीदी के हाथ में फोन थमा दिया...
हेलो...... मेरी दीदी ने फोन पर कहा... उनकी आवाज थरथर आ रही थी.... मेरी दीदी बेहद डरी हुई थी.... फोन के दूसरी तरफ कुछ समझा रहे थे उनको मेरे जीजू... मेरी दीदी चुपचाप उनकी बातें सुन रही थी.
मेरी दीदी की आंखों में आंसू थे... वह रोते सीसकते हुए फोन पर बातें सुन रही थी मेरे जीजू की.... असलम ने मेरी दीदी की साड़ी को पकड़कर खींचना शुरू कर दिया था.. मेरी रूपाली दीदी भले ही संस्कारी और पतिव्रता हो... पर वह महाभारत की द्रौपदी तो थी नहीं कि भगवान कृष्ण उनकी रक्षा में आए और उनकी साड़ी को अनंत कर दे.... कुछ ही क्षणों में मेरी दीदी की साड़ी उनके बदन से अलग हो गई.. साड़ी को लपेट की मेरे मुंह की तरफ फेंका असलम ने... मेरा चेहरा ढक गया दीदी की साड़ी से.... सुरेश ने मेरे चेहरे से मेरी दीदी की साड़ी को उठा लिया और उसे सूंघने लगा... नंगी हो गई थी एक बार फिर 3 खूंखार मर्दों के सामने मेरी रूपाली दीदी...
असलम ने मेरी दीदी का सर पकड़ के उनको नीचे बिठा दिया और उनकी चूचियों पर अपना लण्ड सटा दिया... एक हाथ से उसने मेरी दीदी की दाईं चूची को पकड़ा और अपने लण्ड का मोटा सुपाड़ा मेरी दीदी के निपल्स पर रगड़ने लगा.. मेरी दीदी की चुचियों से निकलता हुआ दूध असलम के लण्ड को गीला करने लगा......
बहुत बात कर ली तूने बहन की लोड़ी.. चल फोन रख अब... मेरे लण्ड को अपनी चुचियों के बीच में ले मुझे अब तेरी चूची चोदनी है.. असलम ने मेरी दीदी को कहा.... मेरी दीदी ने मेरी तरफ कातर निगाहों से देखा... वह तुमसे बात करना चाहते है अंशुल... दीदी ने मेरी तरफ देखते हुए जब कहा मेरी शेट्टी पिट्टी गुम हो गई... मैं दीदी के पास गया और उनके हाथ से फोन ले लिया.. मैं उनसे अलग कुछ कदम के फासले पर खड़ा हो गया..