04-01-2019, 06:29 PM
(30-12-2018, 11:13 AM)sarit11 Wrote: होटल के आलीशान कमरे में दिल्ली के बहुत बड़े कारोबारी शर्मा जी अपनी धरम पत्नी के साथ बैठे थे,
उन के सामने दिल्ली के ही मशहूर डॉक्टर साहब अपनी पत्नी के साथ बैठे थे ,
और एक तीसरा जोड़ा बैठा था दिल्ली का एक बहुत बड़ा मादरचोद एक लोहा लंगड़ बीनने बाला चूचे कबाड़ी और उस के पास बैठी थी बहुत बड़ी समाजसेबिका मोना जी जो असल में 200 रूपर में सरकारी पिशाब घरो में चुदने वाली रंडी थी और नालियां साफ़ करने वाली भंगिन थी,
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भाई तूफान सिंह आज तू पूछना अपनी लुगाई से की वो यह खेल खेलना चाहेगी,
साहेब आप की क्या दुश्मनी हे मेरे से,जरा जरा बात पर तो बेलन मरने लगती हे अगर मेने उस से यह पूछा तो वो मुझ को जिन्दा नहीं छोड़ेगी,में बोला ना साहेब बड़े लोग बड़ी बातें,
हम गरीब तो इस दुनिया में बस अपने बच्चो के पेट भर ले हमारे लिए तो यही काफी हे.
हा हा हा हा क्या मस्त खेल हे भाई "मेरी लुगाई तेरी लुगाई तेरी लुगाई मेरी लुगाई" हा हा हा हा
uske age bhi likho