21-07-2019, 07:51 PM
Update 22
पहली मुलाकात कुछ खास नही रही
इधर उधर की बाते हुई
फॉर्मल हाई हेलो जैसा ही होता है लेकिन जब दूरिया ख़तम होती है तो बाते कभी ख़तम नही होती
मैं ने बस ऑफीस जाने का बहाना किया और अपने अपार्टमेंट मे आकर आराम करने लगा
रेशमा आज भी घर पर थी
मैं रेशमा के बारे में ही सोच रहा था और रेशमा भी मेरे बारे में सोच रही होगी
अगर रेशमा मेरे सपने देख रही होगी तो ये अच्छी बात है
सपने मे अगर वो मेरे साथ चुदाई कर रही होगी तो और अच्छी बात होगी
पर रेशमा के दिमाग़ मे क्या चल रहा है ये बताना मुश्किल था
पर अब रेशमा ने खुद मुझे नाश्ते के लिए बुलाया तो ये मेरे लिए ग्रीन सिग्नल जैसा था
वरना मुझे लगा कि सनडे की बात को लेकर वो शरमाने की वजह से मुझसे बात नही करेगी
पर रेशमा ने तो मुझसे अच्छे से बात की
अब बातों को सिलसिला मुझे चालू रखना होगा
मैं शाम होने का इंतज़ार करने लगा
शाम को रेशमा बाल्कनी मे टी पीने आती है
अपने अकेले पन को टी मे मिला कर पी जाती है
आज भी रेशमा शाम होते ही बाल्कनी मे आ गयी
और शाम मे टी का स्वाद लेने लगी
जैसे ही रेशमा की नज़र मेरी बाल्कनी पर गयी तो वो एक पल के लिए वो सनडे के सीन को याद
करने लगी
दिन मे रेशमा सपने देखने लगी
पूरी तरह से खो गयी ,उसको बस मैं ही याद था
मेरा लंड याद था मेरी चुदाई याद थी
दिन मे सपने देखने से उसका हाथ अपने आप चूत पर चला गया
उसको तो होश ही नही था कि वो बाल्कनी खड़ी है
मैं भी अपने लिए टी बनाकर बाल्कनी मे आ गया
रेशमा अभी भी उस दिन को याद कर रही थी , और सोच रही होगी कि काश उस लड़की की जगह वो होती तो
मैं ने रेशमा को देखते ही उसको होश मे लाया
अवी- रेशमा जी रेशमा जी
रेशमा-हाँ
अवी- क्या हुआ , दिन मे सपने देख रही है आप
रेशमा-वो मैं
और रेशमा ने जल्दी अपना हाथ चूत से हटा दिया
अवी- क्या हुआ आप कहाँ खो गयी थी
रेशमा-कुछ नही बस ऐसे ही ,
अवी- शायद आप अपने हज़्बेंड को याद कर रही थी
हज़्बेंड का नाम लेते ही रेशमा का चेहरा उतर गया
बिचारी को प्यासी छोड़ कर दुबई जो चले गये थे
रेशमा अपने हज़्बेंड की बात नही करना चाहती थी जिस से उसने बात बदल दी
रेशमा-आप ऑफीस से आ गये
अवी- हां वो आधी छुट्टी लेकर आ गया , तबीयत ठीक नही लग रही थी
रेशमा-इतनी मेहनत करेंगे तो तबीयत खराब होगी ही
ये बात धीरे से कही थी
अवी- आपने कुछ कहा
रेशमा-आपने कुछ सुना क्या
अवी- आप ऑफीस नही गयी
रेशमा-कुछ दिन की छुट्टी ली है , काम करके थक गयी हूँ , सोचा कि थोड़ा अपने लिए भी टाइम दूं
अवी- ये सही कहा , आजकल हम ऑफीस और घर मे इतने बिजी हो जाते है कि अपने लिए टाइम हो नही
निकाल पाते
रेशमा-आप तो बहुत टाइम निकालते है
अवी- ये आप मुझे आप आप क्यूँ कहती है , मेरी तो अब तक शादी भी नही हुई है
रेशमा-आप भी तो मुझे आप कहते है , मेरी उमर ही क्या है , आपसे भी छोटी हूँ
अवी- फिर आपने आप कहा
रेशमा-फिर आपने भी आप कहा
और हम दोनो इस बात पे हँसने लगे
रेशमा को पहली बार हँसता हुआ देखा है
अवी- आप हँसते हुए और खूबसूरत दिखती है
मेरे मुँह से तारीफ सुनकर रेशमा चुप हो गयी
अवी- सॉरी मुझे ऐसा नही कहना चाहिए था
रेशमा-कोई बात नही , वैसे भी हम पड़ोसी है
अवी- पड़ोसी की जगह दोस्त बन गये तो कैसा रहेगा
रेशमा-फिर तो आप मुझे आप आप नही कहेंगे
अवी- तो क्या आप मेरी दोस्त बनेगी
रेशमा-सोचना पड़ेगा ,क्यूँ कि मैं शादी शुदा भी हूँ
अवी- शादी शुदा भी दोस्त बनाते है , और बिना दोस्त के लाइफ बोरिंग होती है
रेशमा-ये दोस्ती दोस्ती तक ही रहनी चाहिए
अवी- मैं भी तो जल्दी शादी करने वाला हूँ
रेशमा-हाई ,मेरा नाम रेशमा है , मैं आपके पड़ोस मे रहती हूँ ,
अवी- हाई मेरा नाम अवी है , मैं अभी कुछ महीने पहले आपके पड़ोस मे रहने आया हूँ
रेशमा-देखा मैं ने , वैसे तुम क्या यहाँ जॉब करने आए हो या पढ़ाई करने
अवी- लाइफ सेट करने आया हूँ , मेरा ट्रान्स्फर हुआ है ,
रेशमा-मैं हाउसवाइफ के साथ साथ जॉब भी करती हूँ ,मेरी शादी को ,****, साल हो गया है , और
मेरे हज़्बेंड दुबई मे रहते है
अवी- आप से मिलकर अच्छा लगा ,, अब तो आपसे रोज बात होगी
रेशमा-क्यूँ नही , हम पड़ोसी जो है , एक पड़ोसी दूसरे पड़ोसी के काम आता है
और हम दोनो फिर से हँसने लगे
हम बिल्कुल ऐसे बात कर रहे थे जैसे पहली बार मिल रहे हो
अवी- हो गयी हमारी दोस्ती
रेशमा-ये दोस्ती के बारे में किसी को पता ना चले वरना लोग बाते करते है
अवी- रेशमा तुम मुझ पे विश्वास रख सकती हो
रेशमा-रेशमा
अवी- क्या मैं तुम्हें नाम से बुला सकता हूँ
रेशमा-दोस्त है तो बुला सकते हो पर दूसरो के सामने नही
अवी- वैसे एक बात कहूँ
रेशमा-कहो
अवी- तुम बहुत दिनो बाद ऐसे बाते कर रही हो ना
रेशमा-क्यूँ पूछ रहे हो , और तुम्हें कैसे पता
अवी- तुम्हें हर बार देखा तो आटिट्यूड के साथ देखा , ना किसी से बात करना और ना हसना , पर आज बिल्कुल
अलग लग रही हो
रेशमा-मैं ऐसी ही हूँ , पर कुछ सालो से मैं खुद को भूल गयी थी कि मैं क्या हूँ
अवी- तुम ना ऐसे ही रहा करो ,तुम्हारे चेहरे पे स्माइल अच्छी लगती है
रेशमा-लाइन मार रहे हो तो भूल जाओ
अवी- मैं बस तारीफ कर रहा हूँ , और तुम्हारी स्माइल मुझे मेरी भाभी की याद दिलाती है ,
रेशमा-तुम्हारी भाभी भी है
अवी- हाँ , और जल्दी मैं चाचा भी बनूंगा
रेशमा-अभी से बधाई दे रही हूँ
अवी- थॅंक्स वैसे आपके घर मे कोई नही है
रेशमा-मेरे सास ससुर तो गाँव मे रहते है
अवी- फिर आप इतने बड़े शहर मे अकेली कैसे रह लेती है
रेशमा-मैं बचपन से यहीं बड़ी हुई हूँ पर अब मेरे मोम डॅड भी अपने गाँव मे रहने चले
गये है
अवी- ऐसे अकेला पन काटने लग जाता होगा
रेशमा-हाँ , पर अब आदत पड़ गयी है
अवी- मैं तो 3 महीने मे बोर हो गया हूँ
रेशमा-मुझे ऐसा लगता है आज के लिए इतनी बाते काफ़ी है
अवी- आज तो बहुत बाते हो गयी , बहुत दिनो बाद किसी से फ्री ली बात हो सकी है
रेशमा-मुझे भी अच्छा लगा तुमसे बात करके
अवी- रेशमा सॉरी
रेशमा-सॉरी किस लिए
अवी- अगर कुछ ग़लती से बोल दिया हो तो
रेशमा-दोस्ती मे नो थॅंक्स नो सॉरी
अवी- ओके दोस्त कल.मिलते है
और हम अपने अपने अपार्टमेंट मे चले गये
रूम मे आते ही मैं ने लंबी सास ली
रेशमा से इतनी जल्दी इतनी बात हो जाएगी सोचा नही था
दूसरी मुलाकात मे दोस्त बना लिया
कहीं मैं फास्ट तो नही जा रहा हूँ
कोई बात नही
रेशमा को भी कोई ऐतराज़ नही है
वो भी मुझसे बात करके खुश है
उसको भी अकेले पन को दूर रखने को कोई मिल गया है
रेशमा भी मुझे बात करने मे इंट्रेस्टेड लग रही थी
उसका इंटेरेस्ट बनाए रखूँगा
उसको भी कोई साथी मिल रहा था
पर मुझे आराम से काम.लेना होगा
स्टेप बाइ स्टेप चलना था
लेकिन कुछ भी हो इतनी जल्दी दोस्ती होगी सोचा नही था
अब तो कल सुबह मिलूँगा रेशमा को
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पहली मुलाकात कुछ खास नही रही
इधर उधर की बाते हुई
फॉर्मल हाई हेलो जैसा ही होता है लेकिन जब दूरिया ख़तम होती है तो बाते कभी ख़तम नही होती
मैं ने बस ऑफीस जाने का बहाना किया और अपने अपार्टमेंट मे आकर आराम करने लगा
रेशमा आज भी घर पर थी
मैं रेशमा के बारे में ही सोच रहा था और रेशमा भी मेरे बारे में सोच रही होगी
अगर रेशमा मेरे सपने देख रही होगी तो ये अच्छी बात है
सपने मे अगर वो मेरे साथ चुदाई कर रही होगी तो और अच्छी बात होगी
पर रेशमा के दिमाग़ मे क्या चल रहा है ये बताना मुश्किल था
पर अब रेशमा ने खुद मुझे नाश्ते के लिए बुलाया तो ये मेरे लिए ग्रीन सिग्नल जैसा था
वरना मुझे लगा कि सनडे की बात को लेकर वो शरमाने की वजह से मुझसे बात नही करेगी
पर रेशमा ने तो मुझसे अच्छे से बात की
अब बातों को सिलसिला मुझे चालू रखना होगा
मैं शाम होने का इंतज़ार करने लगा
शाम को रेशमा बाल्कनी मे टी पीने आती है
अपने अकेले पन को टी मे मिला कर पी जाती है
आज भी रेशमा शाम होते ही बाल्कनी मे आ गयी
और शाम मे टी का स्वाद लेने लगी
जैसे ही रेशमा की नज़र मेरी बाल्कनी पर गयी तो वो एक पल के लिए वो सनडे के सीन को याद
करने लगी
दिन मे रेशमा सपने देखने लगी
पूरी तरह से खो गयी ,उसको बस मैं ही याद था
मेरा लंड याद था मेरी चुदाई याद थी
दिन मे सपने देखने से उसका हाथ अपने आप चूत पर चला गया
उसको तो होश ही नही था कि वो बाल्कनी खड़ी है
मैं भी अपने लिए टी बनाकर बाल्कनी मे आ गया
रेशमा अभी भी उस दिन को याद कर रही थी , और सोच रही होगी कि काश उस लड़की की जगह वो होती तो
मैं ने रेशमा को देखते ही उसको होश मे लाया
अवी- रेशमा जी रेशमा जी
रेशमा-हाँ
अवी- क्या हुआ , दिन मे सपने देख रही है आप
रेशमा-वो मैं
और रेशमा ने जल्दी अपना हाथ चूत से हटा दिया
अवी- क्या हुआ आप कहाँ खो गयी थी
रेशमा-कुछ नही बस ऐसे ही ,
अवी- शायद आप अपने हज़्बेंड को याद कर रही थी
हज़्बेंड का नाम लेते ही रेशमा का चेहरा उतर गया
बिचारी को प्यासी छोड़ कर दुबई जो चले गये थे
रेशमा अपने हज़्बेंड की बात नही करना चाहती थी जिस से उसने बात बदल दी
रेशमा-आप ऑफीस से आ गये
अवी- हां वो आधी छुट्टी लेकर आ गया , तबीयत ठीक नही लग रही थी
रेशमा-इतनी मेहनत करेंगे तो तबीयत खराब होगी ही
ये बात धीरे से कही थी
अवी- आपने कुछ कहा
रेशमा-आपने कुछ सुना क्या
अवी- आप ऑफीस नही गयी
रेशमा-कुछ दिन की छुट्टी ली है , काम करके थक गयी हूँ , सोचा कि थोड़ा अपने लिए भी टाइम दूं
अवी- ये सही कहा , आजकल हम ऑफीस और घर मे इतने बिजी हो जाते है कि अपने लिए टाइम हो नही
निकाल पाते
रेशमा-आप तो बहुत टाइम निकालते है
अवी- ये आप मुझे आप आप क्यूँ कहती है , मेरी तो अब तक शादी भी नही हुई है
रेशमा-आप भी तो मुझे आप कहते है , मेरी उमर ही क्या है , आपसे भी छोटी हूँ
अवी- फिर आपने आप कहा
रेशमा-फिर आपने भी आप कहा
और हम दोनो इस बात पे हँसने लगे
रेशमा को पहली बार हँसता हुआ देखा है
अवी- आप हँसते हुए और खूबसूरत दिखती है
मेरे मुँह से तारीफ सुनकर रेशमा चुप हो गयी
अवी- सॉरी मुझे ऐसा नही कहना चाहिए था
रेशमा-कोई बात नही , वैसे भी हम पड़ोसी है
अवी- पड़ोसी की जगह दोस्त बन गये तो कैसा रहेगा
रेशमा-फिर तो आप मुझे आप आप नही कहेंगे
अवी- तो क्या आप मेरी दोस्त बनेगी
रेशमा-सोचना पड़ेगा ,क्यूँ कि मैं शादी शुदा भी हूँ
अवी- शादी शुदा भी दोस्त बनाते है , और बिना दोस्त के लाइफ बोरिंग होती है
रेशमा-ये दोस्ती दोस्ती तक ही रहनी चाहिए
अवी- मैं भी तो जल्दी शादी करने वाला हूँ
रेशमा-हाई ,मेरा नाम रेशमा है , मैं आपके पड़ोस मे रहती हूँ ,
अवी- हाई मेरा नाम अवी है , मैं अभी कुछ महीने पहले आपके पड़ोस मे रहने आया हूँ
रेशमा-देखा मैं ने , वैसे तुम क्या यहाँ जॉब करने आए हो या पढ़ाई करने
अवी- लाइफ सेट करने आया हूँ , मेरा ट्रान्स्फर हुआ है ,
रेशमा-मैं हाउसवाइफ के साथ साथ जॉब भी करती हूँ ,मेरी शादी को ,****, साल हो गया है , और
मेरे हज़्बेंड दुबई मे रहते है
अवी- आप से मिलकर अच्छा लगा ,, अब तो आपसे रोज बात होगी
रेशमा-क्यूँ नही , हम पड़ोसी जो है , एक पड़ोसी दूसरे पड़ोसी के काम आता है
और हम दोनो फिर से हँसने लगे
हम बिल्कुल ऐसे बात कर रहे थे जैसे पहली बार मिल रहे हो
अवी- हो गयी हमारी दोस्ती
रेशमा-ये दोस्ती के बारे में किसी को पता ना चले वरना लोग बाते करते है
अवी- रेशमा तुम मुझ पे विश्वास रख सकती हो
रेशमा-रेशमा
अवी- क्या मैं तुम्हें नाम से बुला सकता हूँ
रेशमा-दोस्त है तो बुला सकते हो पर दूसरो के सामने नही
अवी- वैसे एक बात कहूँ
रेशमा-कहो
अवी- तुम बहुत दिनो बाद ऐसे बाते कर रही हो ना
रेशमा-क्यूँ पूछ रहे हो , और तुम्हें कैसे पता
अवी- तुम्हें हर बार देखा तो आटिट्यूड के साथ देखा , ना किसी से बात करना और ना हसना , पर आज बिल्कुल
अलग लग रही हो
रेशमा-मैं ऐसी ही हूँ , पर कुछ सालो से मैं खुद को भूल गयी थी कि मैं क्या हूँ
अवी- तुम ना ऐसे ही रहा करो ,तुम्हारे चेहरे पे स्माइल अच्छी लगती है
रेशमा-लाइन मार रहे हो तो भूल जाओ
अवी- मैं बस तारीफ कर रहा हूँ , और तुम्हारी स्माइल मुझे मेरी भाभी की याद दिलाती है ,
रेशमा-तुम्हारी भाभी भी है
अवी- हाँ , और जल्दी मैं चाचा भी बनूंगा
रेशमा-अभी से बधाई दे रही हूँ
अवी- थॅंक्स वैसे आपके घर मे कोई नही है
रेशमा-मेरे सास ससुर तो गाँव मे रहते है
अवी- फिर आप इतने बड़े शहर मे अकेली कैसे रह लेती है
रेशमा-मैं बचपन से यहीं बड़ी हुई हूँ पर अब मेरे मोम डॅड भी अपने गाँव मे रहने चले
गये है
अवी- ऐसे अकेला पन काटने लग जाता होगा
रेशमा-हाँ , पर अब आदत पड़ गयी है
अवी- मैं तो 3 महीने मे बोर हो गया हूँ
रेशमा-मुझे ऐसा लगता है आज के लिए इतनी बाते काफ़ी है
अवी- आज तो बहुत बाते हो गयी , बहुत दिनो बाद किसी से फ्री ली बात हो सकी है
रेशमा-मुझे भी अच्छा लगा तुमसे बात करके
अवी- रेशमा सॉरी
रेशमा-सॉरी किस लिए
अवी- अगर कुछ ग़लती से बोल दिया हो तो
रेशमा-दोस्ती मे नो थॅंक्स नो सॉरी
अवी- ओके दोस्त कल.मिलते है
और हम अपने अपने अपार्टमेंट मे चले गये
रूम मे आते ही मैं ने लंबी सास ली
रेशमा से इतनी जल्दी इतनी बात हो जाएगी सोचा नही था
दूसरी मुलाकात मे दोस्त बना लिया
कहीं मैं फास्ट तो नही जा रहा हूँ
कोई बात नही
रेशमा को भी कोई ऐतराज़ नही है
वो भी मुझसे बात करके खुश है
उसको भी अकेले पन को दूर रखने को कोई मिल गया है
रेशमा भी मुझे बात करने मे इंट्रेस्टेड लग रही थी
उसका इंटेरेस्ट बनाए रखूँगा
उसको भी कोई साथी मिल रहा था
पर मुझे आराम से काम.लेना होगा
स्टेप बाइ स्टेप चलना था
लेकिन कुछ भी हो इतनी जल्दी दोस्ती होगी सोचा नही था
अब तो कल सुबह मिलूँगा रेशमा को
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