21-07-2019, 08:41 AM
(This post was last modified: 27-11-2020, 02:02 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
माँ बेटी ,....
मम्मी मैं भी आऊं आप दोनों के साथ , ... हलके से सिसकी के साथ उनके मुंह से आवाज निकल पड़ी।
……………………
और जवाब में मम्मी के लंबे शार्प नाख़ून ,रेड पेंटेड ,...सीधे उनके मांसल सुपाड़े पे गड गए।
और यही नहीं पहले तो उन्होंने अंगूठे से उनके खुल एक्सपोज्ड पी होल को सहलाया ,दबाया और फिर , ... मंझली ऊँगली का नाख़ून अंदर ,
सिसकते हुए वो अचानक से चीख पड़े ,...
बिना उनकी चीख की परवाह किये ,मम्मी मुझसे बोली
" ये नयी दुल्हन तो बहुत चीखती है ,इसका मुंह बंद करना पडेगा। "
और मुंह बंद करने के लिए इससे अच्छा क्या होता ,
मम्मी की सफ़ेद कॉटन पैंटी जो उन्होंने जब से यहां आयी थी तब से पहन रखी थी ,दो दिन से भी उपर ,
उनके अगवाड़े पिछवाड़े का सब ' गंध ,स्वाद ' सब कुछ उसमें समाया ,
उनकी देह के हर छेद का रस सीज सीज कर ,उसे भिगाता हुआ ,
एकदम देह रस से गमकता ,
उसकी बॉल बनाकर सीधे उनके मुंह के अंदर ,पूरी ताकत से ठूंस दी।
और उसे बंद करने के लिए ?
शायद एक पल सोचना पड़ा होगा लेकिन मम्मी की ३६ डीडी धवल लेसी हॉफ कप सेक्सी ब्रा से अच्छा और क्या होता ,उनका मुंह बंद करने के लिए ,जिसे देख कर वो हरदम ललचाते रहते थे।
बस दो दिन की मॉम के रस से भीगी गीली पैंटी उनके मुंह में और ब्रा मुंह के बाहर ,
मुझे प्रेजिडेंट गाइड का इनाम मिला था ,मेरी बाँधी गाँठ कोई नहीं खोल पाता था ,मेरे सिवाय।
बस मैंने गाँठ बाँध दी ,और अब गोंगो की आवाज के अलावा कुछ भी नहीं निकल सकता था उनके मुंह से।
" यार तेरी तो चांदी हो गयी ,मॉम का देह रस सीधे तेरे मुंह में और उससे भी बढ़कर ब्रा तेरे होंठों पर ,लेले मन भर स्वाद। "
मैंने छेड़ा।
लेकिन मम्मी दूसरे काम में लगी थीं ,उन्होंने उनकी भी 'पैंटी और ब्रा भी उतार दी।
और अब वो गाँठ उन्होंने अपने दामाद की लगाई जो मैंने गर्ल गाइड के समय कभी भी नहीं सीखी थी न किसी ने सिखाया था ,
हाँ सुना जरूर था।
और जब बॉबी जासूस बन कर उनकी फेवरिट 'फेमडाम' पिक्चरों के खजाने का पता लगाया तो देखा भी,
सी बी टी
कॉक एंड बॉल टार्चर
और मम्मी वही कर रही थीं, उसका बहुत लाइट रिफाइंड संस्करण ,
और मैं देख रही थी ,सीख रही थी।
ब्रा और पैंटी , से उन्होंने बॉल और कॉक को बांध दिया ,चार पांच चक्कर , और इस कस के ,..
बस मोटा सुपाड़ा खुल कर खुला था।
जैसे गिफ्ट रैप करते हैं न बस वैसे ही उन्होंने एक फूल की तरह गाँठ बाँध दी। खूब कस के।
और अपने दामाद के गाल पे प्यार से हलकी सी चपत लगाते बोलीं ,
" मुन्ना , अब हम कुछ भी करें , तू कुछ भी कर ,.... लेकिन झड़ेगा नहीं। पक्का ,मेरी गारंटी। "
और जैसे अपनी बात के सबूत के तौर पे जोर जोर से मॉम ने उनका खड़ा सुपाड़ा रगड़ा। खूब जोर जोर से ,
उनके दामाद के चेहरे से लग रहा था की बस मस्ती से उनकी हालात खराब हो रही है ,लेकिन
कम तो छोड़िये पृ कम की भी एक बूँद नहीं निकली।
" रात भर तड़पाऊंगी रज्जा लेकिन झड़ने नहीं दूंगी समझे। "
और दामाद
मम्मी मैं भी आऊं आप दोनों के साथ , ... हलके से सिसकी के साथ उनके मुंह से आवाज निकल पड़ी।
……………………
और जवाब में मम्मी के लंबे शार्प नाख़ून ,रेड पेंटेड ,...सीधे उनके मांसल सुपाड़े पे गड गए।
और यही नहीं पहले तो उन्होंने अंगूठे से उनके खुल एक्सपोज्ड पी होल को सहलाया ,दबाया और फिर , ... मंझली ऊँगली का नाख़ून अंदर ,
सिसकते हुए वो अचानक से चीख पड़े ,...
बिना उनकी चीख की परवाह किये ,मम्मी मुझसे बोली
" ये नयी दुल्हन तो बहुत चीखती है ,इसका मुंह बंद करना पडेगा। "
और मुंह बंद करने के लिए इससे अच्छा क्या होता ,
मम्मी की सफ़ेद कॉटन पैंटी जो उन्होंने जब से यहां आयी थी तब से पहन रखी थी ,दो दिन से भी उपर ,
उनके अगवाड़े पिछवाड़े का सब ' गंध ,स्वाद ' सब कुछ उसमें समाया ,
उनकी देह के हर छेद का रस सीज सीज कर ,उसे भिगाता हुआ ,
एकदम देह रस से गमकता ,
उसकी बॉल बनाकर सीधे उनके मुंह के अंदर ,पूरी ताकत से ठूंस दी।
और उसे बंद करने के लिए ?
शायद एक पल सोचना पड़ा होगा लेकिन मम्मी की ३६ डीडी धवल लेसी हॉफ कप सेक्सी ब्रा से अच्छा और क्या होता ,उनका मुंह बंद करने के लिए ,जिसे देख कर वो हरदम ललचाते रहते थे।
बस दो दिन की मॉम के रस से भीगी गीली पैंटी उनके मुंह में और ब्रा मुंह के बाहर ,
मुझे प्रेजिडेंट गाइड का इनाम मिला था ,मेरी बाँधी गाँठ कोई नहीं खोल पाता था ,मेरे सिवाय।
बस मैंने गाँठ बाँध दी ,और अब गोंगो की आवाज के अलावा कुछ भी नहीं निकल सकता था उनके मुंह से।
" यार तेरी तो चांदी हो गयी ,मॉम का देह रस सीधे तेरे मुंह में और उससे भी बढ़कर ब्रा तेरे होंठों पर ,लेले मन भर स्वाद। "
मैंने छेड़ा।
लेकिन मम्मी दूसरे काम में लगी थीं ,उन्होंने उनकी भी 'पैंटी और ब्रा भी उतार दी।
और अब वो गाँठ उन्होंने अपने दामाद की लगाई जो मैंने गर्ल गाइड के समय कभी भी नहीं सीखी थी न किसी ने सिखाया था ,
हाँ सुना जरूर था।
और जब बॉबी जासूस बन कर उनकी फेवरिट 'फेमडाम' पिक्चरों के खजाने का पता लगाया तो देखा भी,
सी बी टी
कॉक एंड बॉल टार्चर
और मम्मी वही कर रही थीं, उसका बहुत लाइट रिफाइंड संस्करण ,
और मैं देख रही थी ,सीख रही थी।
ब्रा और पैंटी , से उन्होंने बॉल और कॉक को बांध दिया ,चार पांच चक्कर , और इस कस के ,..
बस मोटा सुपाड़ा खुल कर खुला था।
जैसे गिफ्ट रैप करते हैं न बस वैसे ही उन्होंने एक फूल की तरह गाँठ बाँध दी। खूब कस के।
और अपने दामाद के गाल पे प्यार से हलकी सी चपत लगाते बोलीं ,
" मुन्ना , अब हम कुछ भी करें , तू कुछ भी कर ,.... लेकिन झड़ेगा नहीं। पक्का ,मेरी गारंटी। "
और जैसे अपनी बात के सबूत के तौर पे जोर जोर से मॉम ने उनका खड़ा सुपाड़ा रगड़ा। खूब जोर जोर से ,
उनके दामाद के चेहरे से लग रहा था की बस मस्ती से उनकी हालात खराब हो रही है ,लेकिन
कम तो छोड़िये पृ कम की भी एक बूँद नहीं निकली।
" रात भर तड़पाऊंगी रज्जा लेकिन झड़ने नहीं दूंगी समझे। "