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Adultery प्यार या धोखा
अध्याय 32
सिक्युरिटी से लेकर इंटेलिजेंस के लोग भी गौरव को ढूंढने की कोशिस में लगे हुए थे,लेकिन उसका निशान कही भी नही मिल रहा था ,सभी बेहद ही परेशान थे ,2 दिन बीत चुके थे…
“गौरव शरीर से ही नही बल्कि दिमाग से भी बेहद ही ताकतवर हो चुका है,वो ऐसी जगह पर छिपा होगा जो हमारी सोच के भी बाहर होगा …”
सपना बहुत ही चिंतित थी
“ह्म्म्म लेकिन वही तो हमे सोचना है की कहा ,मालती कहा है उसे यंहा लेकर लाओ “अचानक ही डॉ बोल उठा …
थोड़ी ही देर में मालती को उन सबके सामने लेकर खड़ा कर दिया गया था..
“मालती मेडम आपसे मुझे बस एक ही सवाल करना है ,ये फ़ोटो आपके पास कहा से आया “
डॉ ने सपना के मोबाइल पर वो फोटो दिखाया जिसे सपना और रोहन ने मालती के घर से खिंचा था…
“ये...ये तो गौरव ने मुझे अपने पास रखने के लिए दिया था ,जब कविता गुम हुई और मेरे और गौरव के बीच रिश्ते बनने लगे तभी ..”
“और वो फार्मूला आपके पास कहा से आये थे..”
डॉ ने फिर से पूछा..
“वो ..वो तो मैंने कविता के नोट्स से चुराए थे,लेकिन वो इतने अजीब थे की मैं उनमे आगे कोई भी काम नही कर पाई …”
“ह्म्म्म लेकिन आपको पता है की ये फोटो आखिर गौरव के पास कहा से आयी “
“आई डोंट नो...बस मुझे उसने इतना बताया था की इन्ही लोगो के कारण ही कविता ने अपनी रिसर्च बन्द कर दी ,और वो इनसे बदला लेना चाहता है ,शायद जिस फोटोग्राफर ने ये फोटो निकाली थी गौरव ने उससे ही ये फोटो ली थी ,”
“हा ये हो सकता है क्योकी ये फोटो गोवा के ही एक फोटोग्राफर ने निकाली थी ,शायद उसके पास और भी कॉपी रही हो “कपूर साहब बोल पड़े …
सभी अपने अपने तरीके से चीजो को सोचने की कोशिस कर रहे थे..तभी पूर्वी बोल उठी
“मालती मेडम सच सच बताइए की आखिर गौरव ने मुझसे शादी क्यो की “
मालती चुप रही फिर कुछ सोचकर बोली
“मुझे नई पता लेकिन वो तुमसे प्यार करता था ,मुझे तो बस यही लगा ..”
मालती की बात सुनकर पूर्वी ने डॉ की तरफ देखा ,वो भी खमोश था...फिर डॉ कपूर साहब की ओर मुड़ा
“कपूर साहब आजकल उस बंगले में कौन रहता है ..”
“वो तो सालों से बंद है …”
“क्यो??”
“कुछ लोग कहते है की यंहा कोई भूत है,और वंहा से किसी चुड़ैल की हँसने और रोने  की आवाज आती है ,मैं इन सब चीजो में नही मानता लेकिन वंहा रहना कोई पसंद नही करता,देख रेख करने वाले भी शाम होने से पहले ही वंहा से चले जाते है “
“क्या वंहा कोई तलघर है ??”
डॉ के सवाल से सभी चौके
“नही क्यो???”कपूर साहब ने जल्दी से जवाब दिया और सभी डॉ को देखने लगे
“हमे जल्द से जल्द गोवा के लिए निकलना होगा,गोवा सिक्युरिटी को भी इन्फॉर्म कर दीजिए की उस बंगले के आसपास की सभी गतिविधियों पर नजर रखे,हो ना हो गौरव वही छिपा होगा”
“लेकिन तुम इतने विस्वास से कैसे कह सकते हो ??”कपूर साहब फिर से बोले..
“क्योकि गौरव और कविता दोनों ही एक ही सब्जेक्ट के स्टूडेंटस थे और कविता की हर रिसर्च में गौरव उसकी मदद करता था,एक बार जब आपलोग कविता को धमकाने के बाद वंहा से गए तो कविता ने मुझसे कहा था की इन सालों के पैरों के नीचे अपना काम करूंगी और इन्हें पता भी नही चलेगा ,इस बात पर दोनों ही एक दूसरे को देखकर हँस पड़े थे,मुझे कुछ समझ नही आया तो कविता ने मुझसे कहा था की वो एक प्लान में काम कर रहे है वक्त आने पर तुम्हे बताऊंगी ...वो वक्त तो कभी नही आया लेकिन हो ना हो वो उसी फार्महाउस के तलघर की बात कर रहे थे जिसका पता उसके मालिक को भी नही है ,आखिर उससे सेफ जगह क्या हो सकती है,और फिर कोई भूत या चुड़ैल का वंहा होना मेरे शक को और भी गहरा देता है …”
“मतलब कविता भी वही हो सकती है..”सपना ने अचानक से कहा जिससे डॉ की सांस ही रुक गई
“नही ..अगर वो अभी वंहा होती तो मुझसे जरूर संपर्क करती ,मेरी कविता मुझे यू अकेला नही छोड़ सकती ….”
*************
रफीक आंखे फाड़े सामने के नजारे को देख रहा था,एक आदमजात नंगी औरत अपने बालो को बिखराये हुए उसकी ओर ऐसे बढ़ रही थी जैसे कोई जानवर हो  ,उसके बाल ऐसे लग रहे थे जैसे किसी ने उसे बुरी तरह से नोचा हो ,उसके पैरों में बस एक पायल थी और गले में एक काला पट्टा ,रंग दूध सा गोरा था लेकिन पूरे शरीर पर धूल लगे हुए थे,आंखों में काजल फैला हुआ था या उसके आंखों में काले घेरे पड़े थे ये मालूम नही पड़ता था,वो किसी जानवर की तरह अपने दोनों हाथो और घुटनो से चल रही थी ,आकर वो गौरव के पैरों के पास रुक गई और उसके पैरों को जीभ निकाल कर ऐसे चाटने लगी जैसे कोई कुत्ता अपने मालिक के पैरों को चाटता है,गौरव ने उसके बालो पर अपने हाथ फिराये ..
“देख देख मेरी कविता को मुझसे कितना प्यार करती है ,कैसे मेरे लिए इतने सालों से यू ही इन अंधेरे कमरे में जानवरो की तरह रह रही है “
कविता की ये हालत देख कर रफीक कांप ही गया,कविता के जिस्म में बस हड्डियां ही दिख रही थी,यंहा वहां बस चोटों के निशान थे वो कुछ भी नही बोल रही थी बस गौरव के पैरों को चाटे जा रही थी …
गौरव ने उसके गले में लगे हुए पट्टे को अपने हाथो से पकड़ा और उसे अपनी ओर खिंच लिया,अब गौरव का हाथ कविता के पिछवाड़े को सहला रहा था,कविता अब भी गौरव के पैरों को चाट रही थी …
“देख देख इसे….. पूर्वी को भी इसीतरह मैं अपनी बनाकर रखूंगा …”
गौरव के चहरे का भाव अचानक से ही दानवों जैसा हो गया और वो कविता के पीठ पर अपने जीभ को चलाने लगा,उसने कविता को उठाकर अपने गोद में उसे झुका लिया था,अब कविता के घुटने जमीन पर थे और उसके पेट गौरव की गोद में वही उसका सर दूसरी तरफ झुका हुआ था,गौरव उसपर झुककर उसे चाट रहा था कभी कभी उसका मुह कविता के कूल्हों तक भी पहुच जाता,उसने कविता के कूल्हों पर अपने दांत गड़ा दिए..
इधर रफीक पूर्वी की बात सुनकर गुस्से से भर चुका था
“कमीने क्या किया है तूने इसके साथ ….”
रफीक चिल्लाया ,और गौरव के चहरे का भाव भी बदलने लगा
“जिसे मैं प्यार करता हु उसे मैं हर हाल में  पा के रहता हु…...हा हा हा…”
गौरव की दैत्याकार हंसी से पूरा कमरा गूंज गया वही कविता की ये हालत देख और पूर्वी के बारे में सोचकर बेरहम और धूर्त रफीक के आंखों से भी  आंसू छलक गए ………..
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RE: प्यार या धोखा - by Chutiyadr - 19-07-2019, 04:00 PM



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