04-01-2019, 06:19 AM
कुछ देर बाद मुझे कुछ सुकून मिला और मेरा दर्द कम हो गया। मुझे आकाश का लण्ड मेरी चूत की गहराइयों तक महसूस हो रहा था। मुझे अपनी चूत गहराइयों तक फैली हुई महसूस हो रही ही। अब मेरा दर्द बिल्कुल गायब हो गया और मैंने अपने चूतड़ उछालने शुरू कर दिये।
आकाश ने अब धक्के लगाने शुरू कर दिये। मेरे मुँह से उत्तेजना के मारे सिसकियां निकलने लगी और मेरी साँसे फूलने लगी। आकाश अपना पूरा लण्ड बाहर खींचकर अंदर कर रहा था। मैं मजे से हवा में उड़ने लगी। मुझे उसका लण्ड अपने पेट तक महसूस हो रहा था।
मैं मजे से अपने चूतड़ उछालते हुए बड़बड़ाने लगी- “अहह... हाँ ऐसे ही मुझे चोदते रहो... मुझे बहुत मजा आ रहा है, तुम्हारा लण्ड बहुत बड़ा और मोटा है मेरी चूत को फाड़ दो...”
आकाश मेरी बातें सुनकर दंग रह गया और अपना पूरा लण्ड बाहर खींचकर अंदर तक घुसाने लगा और कहने लगा- “धन्नो सच में तुम बहुत गर्म हो। तुम सोनाली से भी बड़ी छिनाल बनेगी...”
आकाश इतनी जोर से धक्के लगा रहा था की उसके हर धक्के के साथ मैं पूरी कॉप जाती। मेरे मुँह से अब भी अनाप-शनाप निकल रहा था- “आकाश मैं तुम्हारे लण्ड की गुलाम हो गई। मैं सारी उमर तुम्हारी रंडी बनकर रहूँगी और मैं अह... इस्स्स्स ..” के साथ दूसरी बार झड़ने लगी।
मैंने आगे से फिर से अपनी आँखें बंद कर ली। आकाश कुछ देर तक मुझे धक्के लगाता रहा। जब मैंने अपनी आँखें खोली तो आकाश मेरे ऊपर आते हुए मेरे होंठों को चूमने लगा। मैंने शरारत से उसका एक होंठ काट दिया। आकाश ने अपना मुँह नीचे लेजाकर मेरी एक चूची को मुँह में भरकर उसके गुलाबी निपल को जोर से काट
दिया।
मैं सिसकी- “अहह... बदमाश क्या कर रहो हो?”
आकाश मेरी निपलों को छोड़कर मेरी चूचियों को ऊपर से काटने लगा। मेरी गोरी-गोरी चूचियां उसके दाँतों के निशान से लाल हो गई। आकाश मेरे ऊपर से उठा और मुझे उल्टा लेटा दिया।
आँटी इतनी देर से हमारी चुदाई देखकर बहुत गरम हो गई थी। उसने अपनी चूत मेरे मुँह के पास कर दी और मेरे बालों को पकड़कर मेरा मुँह अपनी चूत पर दबा दिया। मुझे आँटी की चूत में से अजीब गंध आ रही थी। मैं अपनी जीभ निकालकर उसकी चूत को चाटने लगी।
आकाश ने पीछे से अपना लण्ड मेरी चूत पर रगड़ा और उसे चूत पर रखकर एक धक्का मार दिया।
मेरी चूत मेरे पानी से चिकनी थी, उसका लण्ड मेरी चूत में जड़ तक घुस गया। मेरे मुँह से- “ओह्ह... अहह...” निकल गई और मैंने मजे से अपनी जीभ आँटी की चूत में डाल दी।
आकाश अब मेरे चूतड़ों को अपने हाथों से पकड़कर पूरे जोर से धक्के लगाने लगा। मैं स्वर्ग की सैर करने लगी और अपने चूतड़ पीछे धकेलते हुए अपनी जीभ से सोनाली आँटी की चूत को चोदने लगी। आकाश ने मेरे चूतड़ों को छोड़कर हर धक्के के साथ हिलती हुई मेरी चूचियों को पकड़ लिया और अपने हाथों से मसलते हुए धक्के लगाने लगा।
आकाश ने अब धक्के लगाने शुरू कर दिये। मेरे मुँह से उत्तेजना के मारे सिसकियां निकलने लगी और मेरी साँसे फूलने लगी। आकाश अपना पूरा लण्ड बाहर खींचकर अंदर कर रहा था। मैं मजे से हवा में उड़ने लगी। मुझे उसका लण्ड अपने पेट तक महसूस हो रहा था।
मैं मजे से अपने चूतड़ उछालते हुए बड़बड़ाने लगी- “अहह... हाँ ऐसे ही मुझे चोदते रहो... मुझे बहुत मजा आ रहा है, तुम्हारा लण्ड बहुत बड़ा और मोटा है मेरी चूत को फाड़ दो...”
आकाश मेरी बातें सुनकर दंग रह गया और अपना पूरा लण्ड बाहर खींचकर अंदर तक घुसाने लगा और कहने लगा- “धन्नो सच में तुम बहुत गर्म हो। तुम सोनाली से भी बड़ी छिनाल बनेगी...”
आकाश इतनी जोर से धक्के लगा रहा था की उसके हर धक्के के साथ मैं पूरी कॉप जाती। मेरे मुँह से अब भी अनाप-शनाप निकल रहा था- “आकाश मैं तुम्हारे लण्ड की गुलाम हो गई। मैं सारी उमर तुम्हारी रंडी बनकर रहूँगी और मैं अह... इस्स्स्स ..” के साथ दूसरी बार झड़ने लगी।
मैंने आगे से फिर से अपनी आँखें बंद कर ली। आकाश कुछ देर तक मुझे धक्के लगाता रहा। जब मैंने अपनी आँखें खोली तो आकाश मेरे ऊपर आते हुए मेरे होंठों को चूमने लगा। मैंने शरारत से उसका एक होंठ काट दिया। आकाश ने अपना मुँह नीचे लेजाकर मेरी एक चूची को मुँह में भरकर उसके गुलाबी निपल को जोर से काट
दिया।
मैं सिसकी- “अहह... बदमाश क्या कर रहो हो?”
आकाश मेरी निपलों को छोड़कर मेरी चूचियों को ऊपर से काटने लगा। मेरी गोरी-गोरी चूचियां उसके दाँतों के निशान से लाल हो गई। आकाश मेरे ऊपर से उठा और मुझे उल्टा लेटा दिया।
आँटी इतनी देर से हमारी चुदाई देखकर बहुत गरम हो गई थी। उसने अपनी चूत मेरे मुँह के पास कर दी और मेरे बालों को पकड़कर मेरा मुँह अपनी चूत पर दबा दिया। मुझे आँटी की चूत में से अजीब गंध आ रही थी। मैं अपनी जीभ निकालकर उसकी चूत को चाटने लगी।
आकाश ने पीछे से अपना लण्ड मेरी चूत पर रगड़ा और उसे चूत पर रखकर एक धक्का मार दिया।
मेरी चूत मेरे पानी से चिकनी थी, उसका लण्ड मेरी चूत में जड़ तक घुस गया। मेरे मुँह से- “ओह्ह... अहह...” निकल गई और मैंने मजे से अपनी जीभ आँटी की चूत में डाल दी।
आकाश अब मेरे चूतड़ों को अपने हाथों से पकड़कर पूरे जोर से धक्के लगाने लगा। मैं स्वर्ग की सैर करने लगी और अपने चूतड़ पीछे धकेलते हुए अपनी जीभ से सोनाली आँटी की चूत को चोदने लगी। आकाश ने मेरे चूतड़ों को छोड़कर हर धक्के के साथ हिलती हुई मेरी चूचियों को पकड़ लिया और अपने हाथों से मसलते हुए धक्के लगाने लगा।