04-01-2019, 06:05 AM
कृष्णा समझ गया की अब मैं उसे मना नहीं करूंगी। वो अपनी उंगलियां मेरी चूत से निकालकर मुझे सीध लेटाया और मेरी टाँगों को उठाकर मेरी कमर तक मोड़ दिया और मेरे चूतड़ के नीचे एक तकिया रख दिया। मेरी चूत अब बिल्कुल कृष्णा के सामने थी। कृष्णा अपना लण्ड मेरी चूत पे रगड़ने लगा।
मेरे मुँह से- “आहहह... ओहह...” की सिसकियां निकलने लगी।
कृष्णा ने अपना लण्ड निशाने पर रखा और एक जोरदार धक्का मारा। उसका लण्ड आधा मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया।
मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे मेरी चूत में किसी ने चाकू घुसा दिया हो। मेरे मुँह से एक जोरदार चीख निकल गईऊईईई माँ.. मेरी चूत फट गई प्लीज... कृष्णा मुझे छोड़ दो बहुत दर्द हो रहा है."
करिश्मा यह सब कितनी देर से देख रही थी। वो मेरे करीब आई और मेरी चूचियों को सहलाने लगी और कहा“दीदी जो दर्द होना था हो गया। अब मजे का टाइम है, तुम हौसला रखो...”
कृष्णा अपने आधे लण्ड को थोड़ा बाहर निकालकर फिर से अंदर करने लगा। मेरा दर्द भी कम होने लगा था और मीठे मजे का अहसास होने लगा। मैं अपने चूतड़ उछालने लगी। कृष्णा समझ गया की मुझे मजा आने लगा है। वो अब जोर से अपना आधा लण्ड अंदर-बाहर कर रहा था। अचानक उसने धक्के लगाते हुए एक जोर का धक्का मार दिया और अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में जड़ तक घुसा दिया।
मेरे मुँह से एक जोर की चीख निकली- “ओईई माँss... मर गई बचाओ..." और मेरी आँखों के सामने अंधेरा हो गया। मुझे चूत में बहुत दर्द हो रहा था। मैं अपने आपको उससे छुड़ाने की कोशिश करने लगी मगर कृष्णा ने मुझे जोर से पकड़ रखा था।
करिश्मा ने मेरी चूची को अपने मुँह में ले लिया और उसे चाटने लगी।
“आहहह... शिट... आहहह... शिट...” मेरा दर्द कम होने लगा और मैंने अपने चूतड़ हिलाने शुरू कर दिये।
कृष्णा अब हल्के धक्के लगाने लगा। मैं मजे से हवा में उड़ने लगी और अपनी टाँगें उसकी कमर में डाल दी। मुझे उसका लण्ड अपनी चूत की दीवारों में रगड़ता महसूस हो रहा था। कृष्णा अब अपना लण्ड पूरा बाहर निकालकर जड़ तक अंदर कर रहा था। उसकी गोटियां मेरी गाण्ड पर महसूस हो रही थी। मैं अब मजे से अह करते हुए सिसकने लगी। कृष्णा ने अब अपनी स्पीड बहुत तेज कर दी थी। मैं मजे से हवा में उड़ने लगी।
मुझे इतना मजा आ रहा था की बयान नहीं कर सकती। अचानक मेरी साँसे उखड़ने लगी और मैं- “आअह्ह्ह... ओह्ह..” करते हुए झड़ने लगी। मेरे अंदर से पानी के फवारे निकलने लगे। मैंने मजे से अपनी आँखें बंद कर ली। कुछ देर बाद मैंने अपनी आँखें खोली।
कृष्णा अब भी मुझे धक्के लगा रहा था। अचानक उसने अपने धक्कों की रफ़्तार बहुत तेज कर दी और बड़बड़ाते हुए कहा- “ओहह.. धन्नो तुम्हारी चूत बहुत टाइट है, मैं झड़ने वाला हूँ..”
मैं डर गई और मैंने कहा- “प्लीज.. अंदर मत झड़ना, बच्चा हो जायेगा...”
कृष्णा ने अपना लण्ड मेरी चूत से निकाला और करिश्मा के मुँह में डालकर उसका मुँह चोदने लगा और कुछ देर में ही वो उसके मुँह में झड़ने लगा। करिश्मा उसका सारा वीर्य गटकने लगी, उसके वीर्य की कुछ बूंदें करिश्मा के मुँह से निकलकर बेड पर गिरने लगी। कृष्णा ने कुछ देर बाद अपना लण्ड उस लड़की के मुँह से निकाला। उस लड़की ने कृष्णा के लण्ड को अपनी जीभ निकालकर साफ कर दिया।
मैं उठकर बाथरूम जाने लगी। मैंने देखा की बेड पर कुछ खून के धब्बे थे, मैं घबरा गई।
करिश्मा ने मुझसे कहा- “ऐसे क्या देख रही है? हर लड़की को पहली चुदाई से थोड़ा खून निकलता है अब तुम कुँवारी नहीं रही..”
मुझे चलने में परेशानी हो रही थी। मेरी चूत में बहुत जलन और दर्द हो रहा था। मैंने बाथरूम में जाकर पहले पेशाब किया फिर अपनी चूत को पानी से साफ किया, मुझे कुछ सुकून मिला। मैं बाहर निकली और कहा- “चलो कालेज चलते हैं बहुत देर हो गई है...”
कृष्णा ने कहा- “मैं तुम्हें एक गोली लाकर देता हूँ तुम्हारा दर्द खतम हो जायगा। फिर मैं तुमको कालेज छोड़ देता हूँ...” थोड़ी देर बाद वो एक पेन किल्लर और जूस लेकर आया।
मैंने वो गोली खा ली और जूस पीने लगी। मेरी चूत से दर्द अब गायब हो गया था। हम कालेज पहुँच गये और क्लास में जाकर बैठ गए। क्लास खतम होते ही हमारी छुट्टी हो गई।
मेरे मुँह से- “आहहह... ओहह...” की सिसकियां निकलने लगी।
कृष्णा ने अपना लण्ड निशाने पर रखा और एक जोरदार धक्का मारा। उसका लण्ड आधा मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया।
मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे मेरी चूत में किसी ने चाकू घुसा दिया हो। मेरे मुँह से एक जोरदार चीख निकल गईऊईईई माँ.. मेरी चूत फट गई प्लीज... कृष्णा मुझे छोड़ दो बहुत दर्द हो रहा है."
करिश्मा यह सब कितनी देर से देख रही थी। वो मेरे करीब आई और मेरी चूचियों को सहलाने लगी और कहा“दीदी जो दर्द होना था हो गया। अब मजे का टाइम है, तुम हौसला रखो...”
कृष्णा अपने आधे लण्ड को थोड़ा बाहर निकालकर फिर से अंदर करने लगा। मेरा दर्द भी कम होने लगा था और मीठे मजे का अहसास होने लगा। मैं अपने चूतड़ उछालने लगी। कृष्णा समझ गया की मुझे मजा आने लगा है। वो अब जोर से अपना आधा लण्ड अंदर-बाहर कर रहा था। अचानक उसने धक्के लगाते हुए एक जोर का धक्का मार दिया और अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में जड़ तक घुसा दिया।
मेरे मुँह से एक जोर की चीख निकली- “ओईई माँss... मर गई बचाओ..." और मेरी आँखों के सामने अंधेरा हो गया। मुझे चूत में बहुत दर्द हो रहा था। मैं अपने आपको उससे छुड़ाने की कोशिश करने लगी मगर कृष्णा ने मुझे जोर से पकड़ रखा था।
करिश्मा ने मेरी चूची को अपने मुँह में ले लिया और उसे चाटने लगी।
“आहहह... शिट... आहहह... शिट...” मेरा दर्द कम होने लगा और मैंने अपने चूतड़ हिलाने शुरू कर दिये।
कृष्णा अब हल्के धक्के लगाने लगा। मैं मजे से हवा में उड़ने लगी और अपनी टाँगें उसकी कमर में डाल दी। मुझे उसका लण्ड अपनी चूत की दीवारों में रगड़ता महसूस हो रहा था। कृष्णा अब अपना लण्ड पूरा बाहर निकालकर जड़ तक अंदर कर रहा था। उसकी गोटियां मेरी गाण्ड पर महसूस हो रही थी। मैं अब मजे से अह करते हुए सिसकने लगी। कृष्णा ने अब अपनी स्पीड बहुत तेज कर दी थी। मैं मजे से हवा में उड़ने लगी।
मुझे इतना मजा आ रहा था की बयान नहीं कर सकती। अचानक मेरी साँसे उखड़ने लगी और मैं- “आअह्ह्ह... ओह्ह..” करते हुए झड़ने लगी। मेरे अंदर से पानी के फवारे निकलने लगे। मैंने मजे से अपनी आँखें बंद कर ली। कुछ देर बाद मैंने अपनी आँखें खोली।
कृष्णा अब भी मुझे धक्के लगा रहा था। अचानक उसने अपने धक्कों की रफ़्तार बहुत तेज कर दी और बड़बड़ाते हुए कहा- “ओहह.. धन्नो तुम्हारी चूत बहुत टाइट है, मैं झड़ने वाला हूँ..”
मैं डर गई और मैंने कहा- “प्लीज.. अंदर मत झड़ना, बच्चा हो जायेगा...”
कृष्णा ने अपना लण्ड मेरी चूत से निकाला और करिश्मा के मुँह में डालकर उसका मुँह चोदने लगा और कुछ देर में ही वो उसके मुँह में झड़ने लगा। करिश्मा उसका सारा वीर्य गटकने लगी, उसके वीर्य की कुछ बूंदें करिश्मा के मुँह से निकलकर बेड पर गिरने लगी। कृष्णा ने कुछ देर बाद अपना लण्ड उस लड़की के मुँह से निकाला। उस लड़की ने कृष्णा के लण्ड को अपनी जीभ निकालकर साफ कर दिया।
मैं उठकर बाथरूम जाने लगी। मैंने देखा की बेड पर कुछ खून के धब्बे थे, मैं घबरा गई।
करिश्मा ने मुझसे कहा- “ऐसे क्या देख रही है? हर लड़की को पहली चुदाई से थोड़ा खून निकलता है अब तुम कुँवारी नहीं रही..”
मुझे चलने में परेशानी हो रही थी। मेरी चूत में बहुत जलन और दर्द हो रहा था। मैंने बाथरूम में जाकर पहले पेशाब किया फिर अपनी चूत को पानी से साफ किया, मुझे कुछ सुकून मिला। मैं बाहर निकली और कहा- “चलो कालेज चलते हैं बहुत देर हो गई है...”
कृष्णा ने कहा- “मैं तुम्हें एक गोली लाकर देता हूँ तुम्हारा दर्द खतम हो जायगा। फिर मैं तुमको कालेज छोड़ देता हूँ...” थोड़ी देर बाद वो एक पेन किल्लर और जूस लेकर आया।
मैंने वो गोली खा ली और जूस पीने लगी। मेरी चूत से दर्द अब गायब हो गया था। हम कालेज पहुँच गये और क्लास में जाकर बैठ गए। क्लास खतम होते ही हमारी छुट्टी हो गई।