04-01-2019, 06:02 AM
धन्नो, करिश्मा, और कृष्णा होटेल में
सुबह मैं और बिंदिया तैयार होकर कालेज के लिए निकल गये। मैं जैसे ही क्लास में जाकर बैठी कृष्णा मेरे पीछे आकर बैठ गया- “हेलो धन्नो, क्या हाल है?”
मैंने मुश्कुराकर कहा- ठीक हूँ।
कृष्णा को जैसे ग्रीन सिग्नल मिल गया हो, उसने अपना हाथ मेरे पीछे से चूतों पर रख दिया। मैं चौंक गई। उसने फिर भी हाथ नहीं हटाया और मेरे चूतड़ों पर हाथ फेरते हुए पूछा- “आज मजा देखोगी?”
मैं कल से बहुत गर्म हो रही थी और कृष्णा का हाथ भी मुझे बहुत मजा दे रहा था। मैंने सोचा देखने में क्या हर्ज है? और अपना सिर हाँ में हिला दिया।
कृष्णा ने अपना हाथ मेरे चूतड़ों के बीच गाण्ड में डालते हुए कहा- “यह हुई ना बात... क्लास खतम होते ही पार्क में आ जाना..."
मैं उसका हाथ अपनी गाण्ड पर महसूस करके मजे से झटपटा उठी। क्लास खतम होते ही मेरे पैर खुद-ब-खुद पार्क की तरफ चलने लगे। मेरी चूत कृष्णा और उस लड़की की चुदाई देखने की याद करते ही गीली होने लगी। पार्क में कृष्णा और वो लड़की पहले से मौजूद थे।
कृष्णा ने मुझे देखकर कहा- “यहाँ किसी भी वक़्त, कोई भी आ सकता है। तुम हमारे साथ चलो मेरा यहाँ पास में ही एक होटेल में कमरा बुक है."
मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था क्योंकी मुझपर सेक्स चढ़ा हुआ था। मैं उनके साथ होटेल के कमरे में आ गई। अंदर आते ही कृष्णा ने दरवाजा अंदर से लाक किया और मुझे बाहों में भरते हुए अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और उन्हें चाटने लगा। मेरे सारे जिम में चींटियां रेंगने लगी। मैं बिल्कुल समझ नहीं पाई की यह क्या हो रहा है और यह किसी मर्द के साथ मेरा पहला किस था। मेरी चूत में सुरसुरी होने लगी और मैंने अपने हाथों से उसके सिर को पकड़ लिया और उसके होंठ चूसने लगी। मेरी चूचियां कृष्णा की मजबूत छाती से टकरा रही थीं। उसने अपना हाथ नीचे लेजाकर मेरी चूचियों को पकड़ लिया। मेरा सारा जिश्म काँपने लगा और मैं झड़ने लगी। थोड़ी देर बाद मुझे होश आया, तो मैंने कृष्णा को अपने आपसे दूर धकेला।
कृष्णा बोला- “क्या हुआ?”
धन्नो- “तुम बहुत गंदे हो। तुम मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हो?"
कृष्णा- “मैंने सोचा तुम्हें मजा आ रहा है इसीलिए कर रहा था। अगर तुम्हें ऐतराज है तो मैं कुछ नहीं करूंगा...” और उसने मुझे सोफे पर बैठने को कहा और खुद करिश्मा के पास गया और उसकी कमीज उतार दी।
उसने आज एक सफेद ब्रा पहन रखी थी। कृष्णा ने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चाटने लगा। करिश्मा ने भी उसका साथ देते हुए अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी। कृष्णा उसे बड़े मजे से चाटते हुए अपने हाथ से उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर नीचे गिरा दिया।
करिश्मा अब सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। कृष्णा ने अपने होंठों से उस लड़की का कंधा चूमते हुए उसकी ब्रा भी निकाल दी और उसकी नंगी चूचियों पर टूट पड़ा। वो उसकी एक चूची को अपने मुँह में लेता और उसके निपल को चूसते हुए काट देता। करिश्मा के मुँह से मजे की सिसकी निकल जाती। उस लड़की ने कृष्णा की शर्ट और पैंट उतार दी और उसे धक्का देकर बेड पर गिरा दिया। वो लड़की कृष्णा के ऊपर चढ़ गई और कृष्णा के जिश्म को चाटते हुए नीचे होते हुए अंडरवेर के ऊपर से ही अपनी जीभ निकालकर उसके लण्ड पर फिराने लगी। कृष्णा मजे से छटपटाने लगा।
मेरी हालत भी खराब होने लगी और मैं अपने हाथ से चूत को सहलाने लगी।
सुबह मैं और बिंदिया तैयार होकर कालेज के लिए निकल गये। मैं जैसे ही क्लास में जाकर बैठी कृष्णा मेरे पीछे आकर बैठ गया- “हेलो धन्नो, क्या हाल है?”
मैंने मुश्कुराकर कहा- ठीक हूँ।
कृष्णा को जैसे ग्रीन सिग्नल मिल गया हो, उसने अपना हाथ मेरे पीछे से चूतों पर रख दिया। मैं चौंक गई। उसने फिर भी हाथ नहीं हटाया और मेरे चूतड़ों पर हाथ फेरते हुए पूछा- “आज मजा देखोगी?”
मैं कल से बहुत गर्म हो रही थी और कृष्णा का हाथ भी मुझे बहुत मजा दे रहा था। मैंने सोचा देखने में क्या हर्ज है? और अपना सिर हाँ में हिला दिया।
कृष्णा ने अपना हाथ मेरे चूतड़ों के बीच गाण्ड में डालते हुए कहा- “यह हुई ना बात... क्लास खतम होते ही पार्क में आ जाना..."
मैं उसका हाथ अपनी गाण्ड पर महसूस करके मजे से झटपटा उठी। क्लास खतम होते ही मेरे पैर खुद-ब-खुद पार्क की तरफ चलने लगे। मेरी चूत कृष्णा और उस लड़की की चुदाई देखने की याद करते ही गीली होने लगी। पार्क में कृष्णा और वो लड़की पहले से मौजूद थे।
कृष्णा ने मुझे देखकर कहा- “यहाँ किसी भी वक़्त, कोई भी आ सकता है। तुम हमारे साथ चलो मेरा यहाँ पास में ही एक होटेल में कमरा बुक है."
मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था क्योंकी मुझपर सेक्स चढ़ा हुआ था। मैं उनके साथ होटेल के कमरे में आ गई। अंदर आते ही कृष्णा ने दरवाजा अंदर से लाक किया और मुझे बाहों में भरते हुए अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और उन्हें चाटने लगा। मेरे सारे जिम में चींटियां रेंगने लगी। मैं बिल्कुल समझ नहीं पाई की यह क्या हो रहा है और यह किसी मर्द के साथ मेरा पहला किस था। मेरी चूत में सुरसुरी होने लगी और मैंने अपने हाथों से उसके सिर को पकड़ लिया और उसके होंठ चूसने लगी। मेरी चूचियां कृष्णा की मजबूत छाती से टकरा रही थीं। उसने अपना हाथ नीचे लेजाकर मेरी चूचियों को पकड़ लिया। मेरा सारा जिश्म काँपने लगा और मैं झड़ने लगी। थोड़ी देर बाद मुझे होश आया, तो मैंने कृष्णा को अपने आपसे दूर धकेला।
कृष्णा बोला- “क्या हुआ?”
धन्नो- “तुम बहुत गंदे हो। तुम मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हो?"
कृष्णा- “मैंने सोचा तुम्हें मजा आ रहा है इसीलिए कर रहा था। अगर तुम्हें ऐतराज है तो मैं कुछ नहीं करूंगा...” और उसने मुझे सोफे पर बैठने को कहा और खुद करिश्मा के पास गया और उसकी कमीज उतार दी।
उसने आज एक सफेद ब्रा पहन रखी थी। कृष्णा ने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चाटने लगा। करिश्मा ने भी उसका साथ देते हुए अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी। कृष्णा उसे बड़े मजे से चाटते हुए अपने हाथ से उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर नीचे गिरा दिया।
करिश्मा अब सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। कृष्णा ने अपने होंठों से उस लड़की का कंधा चूमते हुए उसकी ब्रा भी निकाल दी और उसकी नंगी चूचियों पर टूट पड़ा। वो उसकी एक चूची को अपने मुँह में लेता और उसके निपल को चूसते हुए काट देता। करिश्मा के मुँह से मजे की सिसकी निकल जाती। उस लड़की ने कृष्णा की शर्ट और पैंट उतार दी और उसे धक्का देकर बेड पर गिरा दिया। वो लड़की कृष्णा के ऊपर चढ़ गई और कृष्णा के जिश्म को चाटते हुए नीचे होते हुए अंडरवेर के ऊपर से ही अपनी जीभ निकालकर उसके लण्ड पर फिराने लगी। कृष्णा मजे से छटपटाने लगा।
मेरी हालत भी खराब होने लगी और मैं अपने हाथ से चूत को सहलाने लगी।


![[+]](https://xossipy.com/themes/sharepoint/collapse_collapsed.png)