18-07-2019, 03:22 PM
फिर मैंने धीरे-धीरे लौड़े को उसकी चूत के अन्दर करना शुरू किया।
जब भी वो दर्द के मारे झटका देती.. मैं रूक कर उसे सहलाता और फिर थोड़ी देर रूक कर धक्का लगाता।
फिर उसने अंत में मुझसे कहा- अभी कितना और बाहर है?
मैंने कहा- पूरा अन्दर चला गया है।
उसने सिसकी भरते हुए कहा- हूँ.. अब दर्द भी कुछ कम हो गया है।
फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए।
धीरे-धीरे करते हुए मैंने अपनी स्पीड़ बढ़ा दी। वह भी अब मेरा साथ देने लगी थी। अब हर धक्के में उसकी मादक सिसकारी निकल रही थी.. जो मुझे मदहोश कर रही थी।
जब भी वो दर्द के मारे झटका देती.. मैं रूक कर उसे सहलाता और फिर थोड़ी देर रूक कर धक्का लगाता।
फिर उसने अंत में मुझसे कहा- अभी कितना और बाहर है?
मैंने कहा- पूरा अन्दर चला गया है।
उसने सिसकी भरते हुए कहा- हूँ.. अब दर्द भी कुछ कम हो गया है।
फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए।
धीरे-धीरे करते हुए मैंने अपनी स्पीड़ बढ़ा दी। वह भी अब मेरा साथ देने लगी थी। अब हर धक्के में उसकी मादक सिसकारी निकल रही थी.. जो मुझे मदहोश कर रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.