18-07-2019, 03:15 PM
इतना कहकर उसने लपक कर के मेरे लौड़े को पकड़ा और अपनी चूत में डाल लिया- राजा तुम मेरे को आज चोद के मस्त कर दो।
फिर वो मेरे कानों को अपने होंठों से किटकिटाए जा रही थी।
मैंने थोड़ी देर के बाद नीलम को उसी तरह गोद में उठाया और टेबल पर पटक दिया और उसके दोनो पैरों को अपने कंधे पर रखकर जोर से धक्के पे धक्के देता गया।
फिर वो मेरे कानों को अपने होंठों से किटकिटाए जा रही थी।
मैंने थोड़ी देर के बाद नीलम को उसी तरह गोद में उठाया और टेबल पर पटक दिया और उसके दोनो पैरों को अपने कंधे पर रखकर जोर से धक्के पे धक्के देता गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.