18-07-2019, 03:03 PM
(This post was last modified: 18-07-2019, 03:20 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
उत्तेजना ही तो थी यह कि मेरी जीभ लपलपा कर उसके बुर के मुहाने पर चली गई।कसैला सा स्वाद था…
मैंने उसकी एक टांग उठाकर पास पड़ी कुर्सी पर रख दिया और उसके बुर को चाटने लगा।
नंगी नीलम भी काबू से बाहर हो रही थी, मेरे सर को मजबूती से पकड़ कर अपने बुर को मेरे मुँह से रगड़ रही थी, आह… सी… सी… आह की आवाज उसके मुँह से आ रही थी और अचानक मेरे मुँह में कुछ शायद उसके रज की बूँद आ गिरी।
मैं मुँह हटाना चाह रहा था, पर वो मेरा सर इस प्रकार पकड़े थी कि मैं चाह करके भी अपना मुँह वहाँ से नहीं हटा पाया पर मेरी ये कोशिश भी बेकार गई और उसने अपने रज की एक-एक बूँद मेरे मुँह में भर दी।
मैंने उसकी एक टांग उठाकर पास पड़ी कुर्सी पर रख दिया और उसके बुर को चाटने लगा।
नंगी नीलम भी काबू से बाहर हो रही थी, मेरे सर को मजबूती से पकड़ कर अपने बुर को मेरे मुँह से रगड़ रही थी, आह… सी… सी… आह की आवाज उसके मुँह से आ रही थी और अचानक मेरे मुँह में कुछ शायद उसके रज की बूँद आ गिरी।
मैं मुँह हटाना चाह रहा था, पर वो मेरा सर इस प्रकार पकड़े थी कि मैं चाह करके भी अपना मुँह वहाँ से नहीं हटा पाया पर मेरी ये कोशिश भी बेकार गई और उसने अपने रज की एक-एक बूँद मेरे मुँह में भर दी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.