18-07-2019, 02:58 PM
(This post was last modified: 18-07-2019, 03:39 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
जब मैं तख्त पर पाल्थी मार कर बैठ रही थी और तुमने मेरी वो जगह देखी थी, जहाँ से शूशू की जाती है। और मैंने तुम्हारी नजर देख ली थी कि कहाँ पर है। मैं उस दिन का इंतजार करने लगी जब तुम घर पर अकेले हो।
इतना कह कर उसने देर नहीं लगाई, अपने पूरे कपड़े उतार दिए और मेरे सामने मादरजात नंगी खड़ी हो गई।
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इतना कह कर उसने देर नहीं लगाई, अपने पूरे कपड़े उतार दिए और मेरे सामने मादरजात नंगी खड़ी हो गई।
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.