03-01-2019, 09:24 PM
भाग - 39
उसका हाथ एक खुद ब खुद अपने पेटीकोट के ऊपर से चूत पर पहुँच गया और वो अपनी चूत को मुठ्ठी में भर कर मसलते हुए अपनी माँ को राजू का लण्ड अपनी चूत में लेते हुए देखने लगी। कुसुम का दूसरा हाथ राजू की छाती पर आ गया और वो राजू की छाती को सहलाने लगी। राजू समझ गया कि अब कुसुम भी पूरी तरह गरम हो चुकी थी।
राजू ने कुसुम के कंधे से हाथ को सरका कर आगे ले जाकर ब्लाउज के ऊपर से उसकी चूची को दबोच लिया और ज़ोर से मसलने लगा.. तभी कुसुम का ध्यान लता की चूत से हटा और वो राजू की तरफ देखने लगी। जैसे ही उसके नजरें राजू से मिलीं, कुसुम बुरी तरह से झेंप गई.. उसके गाल किसी सेब के जैसे लाल होकर दिखने लगे।
राजू ने उसे अपने और पास खींच कर उसके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया और उसके होंठों को चूसते हुए लता की चूत में लण्ड अन्दर-बाहर करने लगा।
लता भी अपनी मदहोशी भरी आँखों को खोल कर कुसुम और राजू को देख कर मस्त हुई जा रही थी। सामने का कामुक नजारा देख कर.. लता की चूत ने राजू के लण्ड को अपने अन्दर और कसना शुरू कर दिया।
राजू का लण्ड धक्के मारते हुए लता की चूत से बाहर निकाल गया और लता की चूत की क्लिट पर रगड़ खा गया। लता मस्ती में एकदम गनगना उठी।
राजू ने अपने होंठों को कुसुम के होंठों से हटाया और अपने लण्ड को हाथ में लेकर कुसुम को देखते हुए बोला- देखो मालकिन आपकी माँ की चूत कैसे पानी बहा रही है.. मेरा पूरा लण्ड सन गया…।
ये बात सुन कर लता और कुसुम दोनों शर्मा गईं।
“मालकिन एक बार इसे अपने हाथ से बड़ी मालकिन की चूत में डालिए ना…।”
ये सुन कर लता के दिल की धड़कनें बढ़ गईं, उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि अब उसकी बेटी राजू का लण्ड अपने हाथ से पकड़ कर उसकी ही चूत में डालने वाली है। राजू ने कुसुम का हाथ पकड़ कर अपने खड़े लण्ड पर रख दिया। कुसुम की साँसें अब उखड़ने लगी थीं। राजू ने अपने लण्ड से हाथ हटा लिया और लता की दोनों टांगों को ऊपर उठा कर फैला दिया।
अब कुसुम के आँखों के सामने लता की चूत का लबलबाता हुआ छेद नुमायाँ हो गया था। उसकी चूत का छेद कामवासना में कभी सिकुड़ता और कभी फ़ैल रहा था। कुसुम ने अपने कंपकंपाते हाथ से राजू के लण्ड को पकड़ कर लता की चूत के छेद पर टिका दिया.. लता की आँखें एक बार फिर से मस्ती में बंद हो गईं।
“थोड़ा सा चूत को खोलो तो सही मालकिन..” राजू ने कुसुम की चूची को दबाते हुए कहा।
अपने सामने राजू के लण्ड को लता की चूत में जाता देख कुसुम एकदम मस्तया गई.. उसने अपने दोनों हाथों से लता की चूत की फांकों को पकड़ कर फैला दिया। राजू ने बिना एक पल रुके एक जोरदार धक्का मारा.. राजू का लण्ड एक बार फिर से लता की चूत की गहराईयों में उतर गया। अब तक चुपचाप लेटी हुई लता भी मस्ती से सराबोर हो गई।
“ओह्ह आह्ह.. धीरेए से..इईईईई… कैसा मोटा लौड़ा है रेईए कुसुम तेरे इस नौकर का..अ आह्ह.. मेरे भोसड़ी को फाड़ दिया रे.. माँ..।”
अपनी माँ की मस्ती भरी सिसकियाँ सुन कर कुसुम और मस्त हुई जा रही थी। राजू ने उसे पकड़ कर लता के ऊपर कर दिया।
अब कुसुम लता के ऊपर दोनों तरफ पैरों को करके घुटनों को बिस्तर पर टिका कर बैठी थी और उसके पीछे राजू लता की टांगों के बीच में बैठा हुआ अपना लण्ड लता की चूत में अन्दर-बाहर करता हुआ, अपने दोनों हाथों को आगे ले गया और कुसुम की चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से दबाने लगा।
राजू के होंठ कुसुम की गर्दन के पीछे वाले हिस्से पर रगड़ रहे थे। कुसुम कामविभोर हो चुकी थी। राजू ने कुसुम की चूचियों को दाबते हुए धीरे-धीरे करके ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए और उसके ब्लाउज को उतार कर एक तरफ फेंक दिया।
ब्लाउज उतारने के बाद उसने कुसुम को आगे की तरफ झुका दिया और उसके पेटीकोट को उठा कर कमर पर रख दिया। जैसे ही कुसुम लता के ऊपर झुकी.. कुसुम की बड़ी-बड़ी गुंदाज चूचियां.. लता के ठीक मुँह के सामने आ गईं।
लता अपनी अधखुली आँखों से कुसुम की बड़ी-बड़ी हिल रही चूचियों की तरफ देख रही थी और राजू लता के टाँगों के बीच में बैठा हुआ अपना लण्ड लता की चूत में अन्दर-बाहर करता हुआ.. अपने दोनों हाथों से कुसुम के गुंदाज चूतड़ों को फैला-फैला कर मसल रहा था। कुसुम भी राजू के हाथों से गाण्ड मसलवा कर मस्त हुए जा रही थी।
राजू ने कुसुम की गाण्ड मसलते हुए.. अपनी एक ऊँगली को कुसुम की चूत की दरार में फिराने लगा, कुसुम के पूरे बदन में बिजली सी कौंध गई.. वो आँखें बंद किए हुए लता पर झुकी हुई थी और राजू उसकी चूत की क्लिट को अपनी उँगलियों से मसल रहा था।
कुसुम की चूत तो पहले से अपना कामरस बहा रही थी। जिससे राजू के ऊँगलियाँ भी गीली होने लगी।
राजू- क्यों मालकिन मज़ा आ रहा है ना… बड़ी मालकिन के साथ करने में…।
कुसुम- आह्ह.. से..इईईई हाआआंरीई राजू बहुत मज़ाआ आ रहा..है..ईईइ..
राजू ने अपने लण्ड को लता की चूत से बाहर निकाल लिया। जिससे लता का बदन हिलना बंद हो गया.. कुसुम समझ गई कि राजू ने अपना लण्ड लता के चूत से बाहर निकाल लिया।
राजू ने कुसुम के दोनों चूतड़ों को पकड़ कर फैला दिया और अपने घुटनों के बल थोड़ा सा ऊपर उठ कर कुसुम की चूत के छेद पर टिका दिया और एक जोरदार धक्का मारा।
धक्का इतना जबरदस्त था कि कुसुम लता के ऊपर लुड़क गई और उसके चूचियां लता की चूचियों से रगड़ खा गईं। राजू ने दोनों चूतड़ों को दबोचते हुए तेजी से कुसुम की चूत में अपना लण्ड अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया।
कुसुम तो जैसे मस्ती में पागल हो गई..उसने अपने नीचे लेटी लता के दोनों चूचियों को अपने हाथों में भरते हुए पीछे की तरफ अपनी गाण्ड को हिलाते हुए अपनी चूत को राजू के लण्ड पर पटकना चालू कर दिया।
कुसुम का ये रूप देख कर राजू और जोश से भर गया और पूरे जोश के साथ अपनी गाण्ड हिलाते हुए, कुसुम की चूत को चोदने लगा।
“आह्ह. और लेए साली ओह्ह.. कमाल की चूत है तेरीईए ओह.. एकदम कसी हुई रे.. ओह आहह आह्ह.. आह्ह..।”
कुसुम ने अपने दोनों हाथों से लता की चूचियों को मसलते हुए कहा- ओझहह बेटा राजू ओह तेरे लण्ड बहुत बड़ा है.. चोद मुझे साले.. ओह्ह और ज़ोर से चोद..मादरचोद…फाड़ देईई मेरी चूत… भर दे मेरी चूत को अपने लौड़े से..इईए ओह भोसड़ी के..।
राजू ने तेज़ी से धक्के लगाते हुए कहा- आह्ह.. तू देख तो सही.. आज तुम दोनों की चूत को कैसे भरता हूँ अपने बीज़ से..अइई ओह कसम से दोनों माँ-बेटी की चूत बहुत कसी हुई है.. ओह चूस साली अपनी माँ का दूध.. निचोड़ ले आज्ज्जज्ज।
राजू की बात सुनते ही कुसुम ने झुक कर लता की एक चूची को मुँह में भर लिया और अपने होंठों में भर कर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी।
लता ये देख कर और मस्त हो गई कि उसकी बेटी खुद अपनी चूत में रांड की तरह लौड़ा लेते हुए, उसकी चूची को चूस रही है।
कुसुम ने लता की चूची को मुँह से बाहर निकालते हुए कहा- आह आह माँआअ बहुत मज़ा आ रहा है… ओह मेरीईए चूत की दीवारों से इसका लण्ड रगड़ रगड़ करररर आह्ह.. अन्दरर्ररर जा..आ रहा है…अई.. बहुत मोटा लौड़ा है.. नाआ माँ..आ इसस्स छोरे काआ.. ओह धीरेए धीरे..चोद..हरामी।
कुसुम ने फिर से झुक कर लता की दूसरी चूची को मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया और राजू ने अपना लण्ड बाहर निकाल कर एक बार फिर से लता की चूत के छेद पर टिका दिया।
“हाँ बेटी बहुत मोटा लौड़ा है रे तेरे इसस्स्स्स्सस्स नौकर का… मेरी चूत का भी भोसड़ा बना दियाआ.. साला एक नंबर का चोदू है..बहन का लौड़ा.. ओह आह्ह.. धीरेए हरामखोर.. मुझ बुढ़िया पर तरस खा..।”
राजू ने लता की चूत में अपने मूसल जैसे लण्ड को अन्दर-बाहर करते हुए कहा- चुप साली इतनी कसी हुई चूत है तेरी.. और तू अपने आप को बुड्डी कह रही हाय.. आज तो सारी रात तेरी इस चूत में लण्ड पेल-पेल कर इसका भोसड़ा बनाऊँगा।
लता भी मस्ती में अपनी गाण्ड को ऊपर की तरफ उछाल रही थी और राजू पीछे से धक्के लगाते हुए अपने हाथ की दो उँगलियों को कुसुम की चूत में अन्दर-बाहर कर रहा था.. दोनों किसी रांड की तरह मस्ती में सिसया रही थीं।
पूरा कमरा उन तीनों के मादक और कामुक सिसकारियों से गूँज रहा था। लता ने अपनी दोनों बाँहों को कुसुम की पीठ पर कसा हुआ था।
राजू कभी कुसुम की चूत में लण्ड डाल कर पेलता और कभी लता की में पेलता। लता कुछ देर बाद झड़ कर ढेर हो गई। वो उठ कर कुसुम के बगल में लेट गई। राजू ने कुसुम को पीठ के बल लेटा कर उसकी टाँगों को उठा कर अपने कंधों पर रख लिया।
लता ने झुक कर कुसुम के होंठों पर अपने होंठों पर रख दिया और उसके होंठों को चूसते हुए.. एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी चूत के भगनासे को मसलने लगी।
लता के इस तरह करने से कुसुम एकदम मस्त हो गई।
“आह.. डाल ना बहनचोद मेरी फुद्दी में लौड़ा आह…।”
राजू ने अपना लौड़ा कुसुम की चूत के छेद पर टिका कर अपनी गाण्ड को नीचे तरफ दाबना चालू कर दिया। राजू का लण्ड अगले ही पल कामरस बहा रही कुसुम की चूत की गहराईयों में समा गया।
उसका हाथ एक खुद ब खुद अपने पेटीकोट के ऊपर से चूत पर पहुँच गया और वो अपनी चूत को मुठ्ठी में भर कर मसलते हुए अपनी माँ को राजू का लण्ड अपनी चूत में लेते हुए देखने लगी। कुसुम का दूसरा हाथ राजू की छाती पर आ गया और वो राजू की छाती को सहलाने लगी। राजू समझ गया कि अब कुसुम भी पूरी तरह गरम हो चुकी थी।
राजू ने कुसुम के कंधे से हाथ को सरका कर आगे ले जाकर ब्लाउज के ऊपर से उसकी चूची को दबोच लिया और ज़ोर से मसलने लगा.. तभी कुसुम का ध्यान लता की चूत से हटा और वो राजू की तरफ देखने लगी। जैसे ही उसके नजरें राजू से मिलीं, कुसुम बुरी तरह से झेंप गई.. उसके गाल किसी सेब के जैसे लाल होकर दिखने लगे।
राजू ने उसे अपने और पास खींच कर उसके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया और उसके होंठों को चूसते हुए लता की चूत में लण्ड अन्दर-बाहर करने लगा।
लता भी अपनी मदहोशी भरी आँखों को खोल कर कुसुम और राजू को देख कर मस्त हुई जा रही थी। सामने का कामुक नजारा देख कर.. लता की चूत ने राजू के लण्ड को अपने अन्दर और कसना शुरू कर दिया।
राजू का लण्ड धक्के मारते हुए लता की चूत से बाहर निकाल गया और लता की चूत की क्लिट पर रगड़ खा गया। लता मस्ती में एकदम गनगना उठी।
राजू ने अपने होंठों को कुसुम के होंठों से हटाया और अपने लण्ड को हाथ में लेकर कुसुम को देखते हुए बोला- देखो मालकिन आपकी माँ की चूत कैसे पानी बहा रही है.. मेरा पूरा लण्ड सन गया…।
ये बात सुन कर लता और कुसुम दोनों शर्मा गईं।
“मालकिन एक बार इसे अपने हाथ से बड़ी मालकिन की चूत में डालिए ना…।”
ये सुन कर लता के दिल की धड़कनें बढ़ गईं, उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि अब उसकी बेटी राजू का लण्ड अपने हाथ से पकड़ कर उसकी ही चूत में डालने वाली है। राजू ने कुसुम का हाथ पकड़ कर अपने खड़े लण्ड पर रख दिया। कुसुम की साँसें अब उखड़ने लगी थीं। राजू ने अपने लण्ड से हाथ हटा लिया और लता की दोनों टांगों को ऊपर उठा कर फैला दिया।
अब कुसुम के आँखों के सामने लता की चूत का लबलबाता हुआ छेद नुमायाँ हो गया था। उसकी चूत का छेद कामवासना में कभी सिकुड़ता और कभी फ़ैल रहा था। कुसुम ने अपने कंपकंपाते हाथ से राजू के लण्ड को पकड़ कर लता की चूत के छेद पर टिका दिया.. लता की आँखें एक बार फिर से मस्ती में बंद हो गईं।
“थोड़ा सा चूत को खोलो तो सही मालकिन..” राजू ने कुसुम की चूची को दबाते हुए कहा।
अपने सामने राजू के लण्ड को लता की चूत में जाता देख कुसुम एकदम मस्तया गई.. उसने अपने दोनों हाथों से लता की चूत की फांकों को पकड़ कर फैला दिया। राजू ने बिना एक पल रुके एक जोरदार धक्का मारा.. राजू का लण्ड एक बार फिर से लता की चूत की गहराईयों में उतर गया। अब तक चुपचाप लेटी हुई लता भी मस्ती से सराबोर हो गई।
“ओह्ह आह्ह.. धीरेए से..इईईईई… कैसा मोटा लौड़ा है रेईए कुसुम तेरे इस नौकर का..अ आह्ह.. मेरे भोसड़ी को फाड़ दिया रे.. माँ..।”
अपनी माँ की मस्ती भरी सिसकियाँ सुन कर कुसुम और मस्त हुई जा रही थी। राजू ने उसे पकड़ कर लता के ऊपर कर दिया।
अब कुसुम लता के ऊपर दोनों तरफ पैरों को करके घुटनों को बिस्तर पर टिका कर बैठी थी और उसके पीछे राजू लता की टांगों के बीच में बैठा हुआ अपना लण्ड लता की चूत में अन्दर-बाहर करता हुआ, अपने दोनों हाथों को आगे ले गया और कुसुम की चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से दबाने लगा।
राजू के होंठ कुसुम की गर्दन के पीछे वाले हिस्से पर रगड़ रहे थे। कुसुम कामविभोर हो चुकी थी। राजू ने कुसुम की चूचियों को दाबते हुए धीरे-धीरे करके ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए और उसके ब्लाउज को उतार कर एक तरफ फेंक दिया।
ब्लाउज उतारने के बाद उसने कुसुम को आगे की तरफ झुका दिया और उसके पेटीकोट को उठा कर कमर पर रख दिया। जैसे ही कुसुम लता के ऊपर झुकी.. कुसुम की बड़ी-बड़ी गुंदाज चूचियां.. लता के ठीक मुँह के सामने आ गईं।
लता अपनी अधखुली आँखों से कुसुम की बड़ी-बड़ी हिल रही चूचियों की तरफ देख रही थी और राजू लता के टाँगों के बीच में बैठा हुआ अपना लण्ड लता की चूत में अन्दर-बाहर करता हुआ.. अपने दोनों हाथों से कुसुम के गुंदाज चूतड़ों को फैला-फैला कर मसल रहा था। कुसुम भी राजू के हाथों से गाण्ड मसलवा कर मस्त हुए जा रही थी।
राजू ने कुसुम की गाण्ड मसलते हुए.. अपनी एक ऊँगली को कुसुम की चूत की दरार में फिराने लगा, कुसुम के पूरे बदन में बिजली सी कौंध गई.. वो आँखें बंद किए हुए लता पर झुकी हुई थी और राजू उसकी चूत की क्लिट को अपनी उँगलियों से मसल रहा था।
कुसुम की चूत तो पहले से अपना कामरस बहा रही थी। जिससे राजू के ऊँगलियाँ भी गीली होने लगी।
राजू- क्यों मालकिन मज़ा आ रहा है ना… बड़ी मालकिन के साथ करने में…।
कुसुम- आह्ह.. से..इईईई हाआआंरीई राजू बहुत मज़ाआ आ रहा..है..ईईइ..
राजू ने अपने लण्ड को लता की चूत से बाहर निकाल लिया। जिससे लता का बदन हिलना बंद हो गया.. कुसुम समझ गई कि राजू ने अपना लण्ड लता के चूत से बाहर निकाल लिया।
राजू ने कुसुम के दोनों चूतड़ों को पकड़ कर फैला दिया और अपने घुटनों के बल थोड़ा सा ऊपर उठ कर कुसुम की चूत के छेद पर टिका दिया और एक जोरदार धक्का मारा।
धक्का इतना जबरदस्त था कि कुसुम लता के ऊपर लुड़क गई और उसके चूचियां लता की चूचियों से रगड़ खा गईं। राजू ने दोनों चूतड़ों को दबोचते हुए तेजी से कुसुम की चूत में अपना लण्ड अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया।
कुसुम तो जैसे मस्ती में पागल हो गई..उसने अपने नीचे लेटी लता के दोनों चूचियों को अपने हाथों में भरते हुए पीछे की तरफ अपनी गाण्ड को हिलाते हुए अपनी चूत को राजू के लण्ड पर पटकना चालू कर दिया।
कुसुम का ये रूप देख कर राजू और जोश से भर गया और पूरे जोश के साथ अपनी गाण्ड हिलाते हुए, कुसुम की चूत को चोदने लगा।
“आह्ह. और लेए साली ओह्ह.. कमाल की चूत है तेरीईए ओह.. एकदम कसी हुई रे.. ओह आहह आह्ह.. आह्ह..।”
कुसुम ने अपने दोनों हाथों से लता की चूचियों को मसलते हुए कहा- ओझहह बेटा राजू ओह तेरे लण्ड बहुत बड़ा है.. चोद मुझे साले.. ओह्ह और ज़ोर से चोद..मादरचोद…फाड़ देईई मेरी चूत… भर दे मेरी चूत को अपने लौड़े से..इईए ओह भोसड़ी के..।
राजू ने तेज़ी से धक्के लगाते हुए कहा- आह्ह.. तू देख तो सही.. आज तुम दोनों की चूत को कैसे भरता हूँ अपने बीज़ से..अइई ओह कसम से दोनों माँ-बेटी की चूत बहुत कसी हुई है.. ओह चूस साली अपनी माँ का दूध.. निचोड़ ले आज्ज्जज्ज।
राजू की बात सुनते ही कुसुम ने झुक कर लता की एक चूची को मुँह में भर लिया और अपने होंठों में भर कर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी।
लता ये देख कर और मस्त हो गई कि उसकी बेटी खुद अपनी चूत में रांड की तरह लौड़ा लेते हुए, उसकी चूची को चूस रही है।
कुसुम ने लता की चूची को मुँह से बाहर निकालते हुए कहा- आह आह माँआअ बहुत मज़ा आ रहा है… ओह मेरीईए चूत की दीवारों से इसका लण्ड रगड़ रगड़ करररर आह्ह.. अन्दरर्ररर जा..आ रहा है…अई.. बहुत मोटा लौड़ा है.. नाआ माँ..आ इसस्स छोरे काआ.. ओह धीरेए धीरे..चोद..हरामी।
कुसुम ने फिर से झुक कर लता की दूसरी चूची को मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया और राजू ने अपना लण्ड बाहर निकाल कर एक बार फिर से लता की चूत के छेद पर टिका दिया।
“हाँ बेटी बहुत मोटा लौड़ा है रे तेरे इसस्स्स्स्सस्स नौकर का… मेरी चूत का भी भोसड़ा बना दियाआ.. साला एक नंबर का चोदू है..बहन का लौड़ा.. ओह आह्ह.. धीरेए हरामखोर.. मुझ बुढ़िया पर तरस खा..।”
राजू ने लता की चूत में अपने मूसल जैसे लण्ड को अन्दर-बाहर करते हुए कहा- चुप साली इतनी कसी हुई चूत है तेरी.. और तू अपने आप को बुड्डी कह रही हाय.. आज तो सारी रात तेरी इस चूत में लण्ड पेल-पेल कर इसका भोसड़ा बनाऊँगा।
लता भी मस्ती में अपनी गाण्ड को ऊपर की तरफ उछाल रही थी और राजू पीछे से धक्के लगाते हुए अपने हाथ की दो उँगलियों को कुसुम की चूत में अन्दर-बाहर कर रहा था.. दोनों किसी रांड की तरह मस्ती में सिसया रही थीं।
पूरा कमरा उन तीनों के मादक और कामुक सिसकारियों से गूँज रहा था। लता ने अपनी दोनों बाँहों को कुसुम की पीठ पर कसा हुआ था।
राजू कभी कुसुम की चूत में लण्ड डाल कर पेलता और कभी लता की में पेलता। लता कुछ देर बाद झड़ कर ढेर हो गई। वो उठ कर कुसुम के बगल में लेट गई। राजू ने कुसुम को पीठ के बल लेटा कर उसकी टाँगों को उठा कर अपने कंधों पर रख लिया।
लता ने झुक कर कुसुम के होंठों पर अपने होंठों पर रख दिया और उसके होंठों को चूसते हुए.. एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी चूत के भगनासे को मसलने लगी।
लता के इस तरह करने से कुसुम एकदम मस्त हो गई।
“आह.. डाल ना बहनचोद मेरी फुद्दी में लौड़ा आह…।”
राजू ने अपना लौड़ा कुसुम की चूत के छेद पर टिका कर अपनी गाण्ड को नीचे तरफ दाबना चालू कर दिया। राजू का लण्ड अगले ही पल कामरस बहा रही कुसुम की चूत की गहराईयों में समा गया।