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Adultery सोलवां सावन
कुतिया बना के,....





[Image: anal-doggy-CU.jpg]











मेरे हाथ अब खुल गए थे तो मैंने भी भैय्या को प्यार से अपनी बाहों में भर लिया था। 

 
“अरे एह छिनार, भैयाचोदी को कुतिया बना के चोदो। बिना कुतिया बनाये न गाण्ड मारने का मजा, न गाण्ड मरवाने का। बनाओ कुतिया…” 
 
भैय्या को मैं मान गई। 
 
बिना एक इंच भी लण्ड बाहर निकाले उन्होंने पोज बदला, हाँ कामिनी भाभी ने मेरे घुटनों और पेट के नीचे वो सारे तकिये और कुशन लगा दिए जो कुछ देर पहले चूतड़ के नीचे थे। इसके बाद तो फिर तूफान आ गया, बाहर भी अंदर भी। 
 
खूब तेज बारिश अचानक फिर शुरू हो गई, आसमान बिजली की चमक, बादलों की गड़गड़गाहट से भर गया। 




[Image: Rain-lightning-giphy.gif]



भैय्या ने अब शुरूआत ही फुल स्पीड से की, हर धक्के में लण्ड सुपाड़े तक बाहर निकालते और फिर पूरी ताकत से लण्ड जड़ तक, गाण्ड के अंदर। 


[Image: anal-doggy-tumblr_n8ugl9BFbj1tgaoz2o1_r1_400.gif]



साथ में मेरी दोनों चूचियां उनके मजबूत हाथों में, बस लग रहा था की निचोड़ के दम लेंगे। 
 
एक बार फिर मेरी चीख पुकार से कमरा गूँज उठा। 

बसंती भौजी ने बताया था की मर्द अगर एक बार झड़ने के बाद दुबारा चोदता है तो दोगुना टाइम लेता है और अगर वो कामिनी भाभी के मर्द जैसा है तो फिर तो… चिथड़े चिथड़े करके ही छोड़ेगा। 
 
जैसे कोई धुनिया रुई धुने उस तरह, लेकिन कुछ ही देर में दर्द मजे में बदल गया, बल्की यूँ कहूँ की दर्द मजे में बदल गया। चीखों की जगह सिसिकियां… 
 
लेकिन इसमें भौजी का भी हाथ था। उन्होंने मेरी जाँघों के बीच हाथ डालकर पहले तो मेरी चुनमुनिया को थोड़ा सहलाया मसला, फिर पूरी ताकत से अपनी एक उंगली, ज्यादा नहीं बस दो पोर, लेकिन फिर जिस तरह से भैय्या का लण्ड मेरी गाण्ड में अंदर-बाहर, अंदर-बाहर होता उसी तरह कामिनी भाभी की उंगली मेरी चूत में, और जब भौजी ने मेरी बुर से उंगली निकाली तो भैय्या ने ठेल दी। 
 
भौजी ने एक बार फिर से मेरा मुँह अपनी बुर में… 


[Image: lez-tumblr_op9gcornV91uojrlyo1_540.jpg]


वो मेरे सामने बैठी थी अपनी दोनों जांघें खोल के, और मेरा सर पकड़ के सीधे उन्होंने वहीं… बिना कहे मैंने जोर-जोर से चूसना शुरू कर दिया। 

भैय्या हचक-हचक के मेरी गाण्ड मार रहे थे, साथ में उनकी एक उंगली मेरी चूत में कभी गोल-गोल तो कभी अंदर-बाहर। 


[Image: anal-gudi-aatumblr_onua74mKjP1u9uov7o1_400.gif]

 
उनके हर धक्के के साथ मेरी भौजी की बुर चूसने की रफ़्तार भी बढ़ जाती। भौजी के मुँह से गालियां बरस रही थीं और उनका एक हाथ मेरी चूची की रगड़ाई मसलाई में जुटा था। 
 
बारिश की तीखी बौछार मेरी पीठ पे पड़ रही थी, लेकिन इससे न भैय्या की गाण्ड मारने की रफ़्तार कम हो रही थी, न मरवाने की मेरी। भैया के हर धक्के का जवाब मैं भी धक्के से अब दे रही थी। 

मेरी गाण्ड भी भैया के लण्ड को दबोच रही थी, निचोड़ रही थी जोर-जोर से। 
 
आधे घंटे से ऊपर ही हो गया, धक्के पे धक्का। 

भौजी और मैं साथ-साथ झड़े, और फिर मेरी गाण्ड ने इतने जोर से निचोड़ना शुरू किया की… की साथ-साथ भैया भी, उनका लण्ड मेरी गाण्ड में जड़ तक घुसा हुआ था। 


और उसके बाद सारा दर्द सारी थकान एक साथ… मैं कब सो गई मुझे पता नहीं चला, बस यही की मैं भौजी और भैय्या के बीच में लेटी थी। 
 
शायद सोते समय भी भैया ने बाहर नहीं निकाला था।


[Image: Guddi-sleep-tumblr_n9g6dsEyfj1smua2ro7_500.jpg]
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Messages In This Thread
सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 14-07-2019, 04:06 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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