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Adultery सोलवां सावन
बंधे हाथ और मजा गन्ना चूसने का


[Image: BJ-tumblr_no3gp2Aew41u53kyqo1_500.jpg]


अब तक 

सिर्फ सर के धक्के से हल्के-हल्के पुश करके, 

 
और भैय्या ने भी हाथ हटा लिया। उन्होंने थोड़ा सा अपने को शिफ्ट किया और बस अब जैसे वो मेरा मुँह चोद रहे हों, उस हालत में, ऐसे में उनके पुश का जोर भी ज्यादा लग रहा था। 
 
मेरे जबड़े दुःख रहे थे, करीब तीन-चार इंच से ज्यादा घोट लिया था मैंने, लेकिन मोटा कितना था, मुँह फटा जा रहा था। मैं प्यार से चूस रही थी और उनके चेहरे को उनकी चमकती आँखों को देख रही थी। उनकी आँखों में छलकती खुशी मेरा दर्द आधा कर दे रही थी। 
 
हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे और कामिनी भाभी मुझे, तारीफ भरी निगाहों से। उनकी छुटकी ननदिया इतना मस्त चूस रही थी। 


[Image: BJ-deep-tumblr_p12xbk23Ab1vn2m4ho1_400.gif]

 
“तनी जोर का धक्का मारो न, पूरा गन्ना चुसाओ, हमरी छिनार ननदिया को आधे तीहे में मजा नहीं आता…” 
 
भैय्या ने अब पहली बार अपने चूतड़ के पूरे जोर से ठेला और मेरे तलुवे को छीलता, आलमोस्ट गले तक… मैं गों गों करती रही लेकिन मेरा मुँह भर गया था।


आगे 


मेरे दोनों हाथ फ्री थे, लेकिन भौजी और भैय्या के भी दोनों हाथ फ्री थे, दो के मुकाबले चार। 


जबतक मैं गों गों कर रह थी, भौजी ने मेरी दोनों नरम कलाइयां पकड़ के एक दूसरे पर क्रास करा के बाँध दी। एक पल के लिए भैया ने मेरे बंधे हाथों को पकड़ा और भाभी ने फिर आराम से पलंग के सिरहाने से कस-कस के मेरे हाथों को बांध दिया। हिला डुला के उन्होंने चेक भी कर लिया की मैं इंच बराबर भी हाथ नहीं हिला सकती। 

[Image: BJ-deep-tumblr_osy7tiZ5nt1u3rus6o2_500.jpg]


 
लेकिन मुझे इस की कोई फिक्र नहीं थीं, मैं तो मजे से भैय्या का गन्ना चूसने का मजा ले रही थी। 
 
“अरे तोहरी बहिनिया ने बुर चोदने को मना किया था, बुर में उंगली करने को मना किया था, और कुछ चोदने को थोड़े ही मना किया था, तोहार चुदवासी, भाईचोद छिनार बहिनिया ने। तो मजा ले ले के मुँह चोदो उसका। बिचारी की शहर में कहाँ ऐसा मोटा गन्ना मिलेगा…” 
 
भौजी की बात भैय्या न माने? उन्होंने मेरे मुँह में धक्के की रफ़्तार बढ़ा दी। उनकी देह अब इस तरह से मुझ पे छा गई थी की मुझे कुछ नहीं दिख रहा था, और वैसे भी मस्ती में मेरी आँखें बंद थीं। बात भौजी की एकदम सही थी, शहर में मुझे ये मौका नहीं मिलने वाला था। वहां तो मैं पढ़ाकू, सीधी सादी, छुई मुई लजीली… 
 
और मैंने चूसने की रफ़्तार और तेज कर दी। 

[Image: BJ-ruff-deep-tumblr_obzhhrTEbR1txwtk5o1_500.gif]


मेरे चूतड़ जोर से उचके, जैसे करेंट मार गया हो। भौजी की जीभ मेरी चूत पे, वो हल्के-हल्के चाट रही थी। बात मेरी मानी थी उन्होंने, चूत में उंगली क्या जीभ भी अंदर घुसाने की कोशिश नहीं की उन्होंने, लेकिन उनका चाटना ही… मैं जल्द झड़ने के कगार पे पहुँच गई।
 

लेकिन अगर एक बार में वो झाड़ दें तो कामिनी भाभी क्या? 


[Image: Manju-bai-aaaa.jpg]


कामिनी भाभी को जितना मजा ननदों को मजा देने में, उनसे मजा लेने में आता था, उससे ज्यादा मजा उन्हें अपनी ननदों को तड़पाने में आता था। 


मुझे बीच मझधार में छोड़ के वो उठ गईं और जब लौटीं तो जैसे घर भर के तकिये, कुशन उनके हाथ में। 

सब उन्होंने ठूंस ठूंस करके मेरे नितम्बों के नीचे, आलमोस्ट पीठ तक, और मेरे भारी-भारी, गोल-गोल चूतड़, अब हवा में एक बित्ते से भी ज्यादा उठे थे। 
 
भौजी फिर चालू हो गईं।

 जीभ की नोक से उन्होंने कुछ देर तक क्लिट फ्लिक की और जब मैं एक बार फिर पनिया गई, उनकी जीभ ने जैसे कोई, आम की फांक दोनों हाथों से फैला के सपड़-सपड़ चाटे, बस उसी तरह। मुश्किल से दो इंच जीभ उनकी अंदर थी। 


[Image: Pussy-licking-G-tumblr_m7ue2c6nDa1ry1xx5o1_500.gif]

 
लेकिन कभी गोल-गोल घुमाकर चाटते, चूसते, तो कभी अंदर-बाहर… कुँवारी कमसिन ननदों की चूत का मंतर भौजी को अच्छी तरह मालूम था। कुछ ही देर में मैं फिर किनारे पर थी। 

और भाभी ने अपना अंगूठा भी, सीधे क्लिट पे… मैं झड़ती रही कांपती रही, चूतड़ पटकती रही। 
 
जब सुधि आई तो… 



भौजी ने अपने दोनों अंगूठों से मेरे पिछवाड़े का छेद चियार रखा था पूरी ताकत से। 

[Image: ass-hole-tumblr_p7pi8chnaO1wrqbnro1_1280.jpg]


किसी कुप्पी ऐसी चीज से या सीधे बोतल को ही मेरे पिछवाड़े के खुले छेद से सटा के, टप-टप, टप-टप, कड़ुवा तेल। 
 
लेकिन ध्यान मेरा कहीं और था, मेरे मुँह में, पूरा बाहर निकालकर एक झटके में… जैसे कोई चूत चोद रहा हो, एकदम वैसे… और मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी। 

मेरे रसीले गुलाबी होंठ उस मोटे कड़े लण्ड पे रगड़ते घिसते किस कर रहे थे। नीचे से मेरी मखमली जीभ चाट रही थी। 
 
और मैं जोर-जोर से पूरी ताकत से चूस रही थी। सुपाड़ा आलमोस्ट मेरे गले में ठोकर मार रहा था। गाल मेरे एकदम फूले-फूले, बड़ी-बड़ी आँखें मेरी उबली पड़ रही थीं। 

[Image: BJ-deep-tumblr_oun1nvjQ051rflx78o1_400.gif]


सांसें भी बहुत मुश्किल से धीरे-धीरे… और उसी बीच कभी ये ध्यान जा पाता था की… 
 
भौजी पूरी ताकत से मेरी कसी गाण्ड जबरदस्ती फैला के, उसमें आधी से ज्यादा बोतल खाली कर दी होगी उन्होंने, कम से कम पांच दस मिनट, और फिर थोड़ा सा बाहर भी छेद के मुहाने पे, पूरी गाण्ड चपचप हो रही थी। 


दोनों नितम्बों को अपने हाथ से दबोच कर उन्होंने अब आपस में इस तरह मसला की तेल अंदर अच्छी तरह लिथड़ गया, कुछ देर टांग भी वो उठाये रहीं, जिससे तेल की एक बूँद भी अंदर से बाहर न आ पाये। और फिर आके एक बार मेरे सिरहाने वो बैठ गईं।


     
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Messages In This Thread
सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 14-07-2019, 04:01 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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