03-01-2019, 11:56 AM
Part - 11
नीतू बोली “अगर इतनी ही हिम्मत है तो गाड़ी में हिम्मत क्यू नहीं दिखाई “ जब एक लड़की इतना सज संवर के तुम्हारी गोद में बैठी थी” तुमसे तो कुछ हुवा नहीं इसलिए घर आते ही बाथरूम में जाके अपने आप को शांत करना पड़ा,
वो एक सांस में इतना बोला गयी की मैं भी एक बार सोच में पड़ गया,
फिर मैंने कहा “मैं भी कुछ कहना चाहता हूँ.”
वो बोली, “क्या?”
मैं कहा “ तुम मुझे पसंद हो और मैं एक बार प्यार कर लेना चाहता हूँ.”
वो कुछ नहीं बोली, मैंने उसकी ख़ामोशी को हाँ समझते हुवे धीरे से उसकी बड़ी गांड पर हाथ रख दिया तो उसने एक आह भरी,
और फिर उसके करीब उसके पलंग पर लेट गया और उसके होंठो के ऊपर चूम लिया. उसने अपनी आँखे बंद कर रखी थी,
मैंने ग्रीन सिग्नल देख के अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया. मैं नीतू के होंठो को चूसते हुए उसके मांसल मम्मो को दबा रहा था, उसकी तरफ से कोई सपोर्ट न देखते हुवे, मैं उठ कर जाने लगा,
उसने आँखे खोलते हुवे बोला “क्या हुवा, हिम्मत इतने में ही फुर्र हो गयी”
मैंने कहा “मैं दिखता हु मेरी हिम्मत तुझे “
हम दोनों के बदन तप तो पहले से रहे थे सेक्स की गर्मी में. मैं वापस उसके उपर लेटते हुवे एक जोरदार किस किया, और उसकी नाईटी जो की एक एक कुरता पजामा थी, उसके उपर से ही फिर से उसके बोबे दबाने लगा, और वो फिर से आंख बंद करके सिस्कारिया भरने लगी,
मैंने हाथ ऊपर करवा के कुर्ते को उतार दिया. अब मैं उसकी जामुन रंग की ब्रा को पकड के उसकी चुंचियां दबाने लगा. फिर मैं उसकी जांघे मसलते हुए पजामे का नाडा भी खोल दिया.
नीतू ने अपना पाजामा खुद उतार फेंका . अब वो मेरे सामने अपनी अंडर गारमेंट्स में ही थी और बड़ी हॉट दिख रही थी.
मैंने उसे चुमते हुए इन दो कपडे के टुकड़ों को भी उतार फेंका और वो मेरे सामने पूरी नंगी हो गई.
सच में उसकी नंगी चूत एकदम सेक्सी थी और किसी का भी लंड उसे देख के ही खड़ा हो जाए ऐसा था.
अब मैं भी बिस्तर से खड़ा हो के पूरा नंगा हो गया.
नीतू का हाथ पकड़ के मैंने उसे अपना लंड पकडवा दिया. वो मेरे लंड को धीरे से हिला रही थी.
मैंने कहा, “ नीतू मेरी जान इसे अपने मुंह में ले लो ना.
नीतू बोली “ नीतू दी से नीतू मेरी जान” बड़ी जल्दी” और ऐसा बोलकर उसने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और कुल्फी के जैसे चूसने लगी,
थोड़ी देर अपना लंड चुसाने के बाद मैं बिस्तर पर लेट गया और वो मेरे उपर, और हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए,
मैंने उसकी दोनों टांगो को फैला के उसकी चूत के ऊपर अपने होंठो को लगा के चाटने लगा.
नीतू मेरे लंड चूसते हुवे सिस्कारियां लेने लगी. मैं उसकी चूत को एकदम जोर जोर से चाट रहा था.
काफी देर तक हम लोग चुसना चाटना करते रहे,
नीतू बोली अब नहीं रह जाता दे दे तेरा ये मुसल लंड मेरी चूत में” कब से इस से चुदवाने की तमन्ना है “
मैंने भी बिना देर करते हुवे अपने लंड को उसकी चूत पर लगा दिया.
और एक ही धक्के में आधा लंड उसकी चूत में उतार दिया, नीतू के मुंह से एक हलकी सी चीख निकली,
नीतू बोली “मैं कही भागी थोड़ी जा रही हु, अब जो तेरे लंड के निचे आयी हु तो इसका सारा रस निचोड़ कर ही जाउंगी, इसलिए आराम से कर,”
फिर से लंड को एक धक्का मारा और लंड पूरा का पूरा उसकी चूत में और वो फिर से हलकी सी चीख मरते हुवे आँखों में आंसू ला के बोली
नीतू “ बोला न धीरे से” कितना गरम लंड है तेरा जैसे कोई राड हो,
मैंने बिना उसकी बातो पर ध्यान दिए उसके दोनों बूब्स को पकड़ के दबाने लगा. कुछ देर में वो लंड की गर्मी से एडजस्ट हो गई और उसकी सिसकियाँ शांत हो गई. मैंने मौका देख के एक और धक्का दे दिया. मेरा पूरा लंड नीतू की चूत में घुस चूका था.
मेरा लंड राकेश जी के लंड से थोडा मोता और लम्बा था, उसकी सिसकारी एक दम से चीख में बदल गयी,
नीतू भी कोई कच्ची खिलाडी नहीं थी, बरसो से चुद रही है, फिर भी पता नहीं क्यू चीखी, फिर वो मेरे सीने पर मुक्के मारने लगी और बोली चिल्लाने लगी.
नीतू बोली “तू सुधरेगा नहीं”
मैं बोला “ क्या यार इतनी मस्त चूत है के मैं अपने आप पर काबू नहीं रख पाया और मैं क्या कोई भी नहीं रख पायेगा “
फिर से उसकी जरा भी परवाह नहीं करते हुवे और चप चप की आवाज से धक्के देने लगा.
कुछ मिनिट की चुदाई के बाद वो शांत हुई और मेरे धक्के ऐसे ही चालु थे.
अब नीतू भी चुदाई में मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैं
उसके दोनों मम्मो को जोर जोर से दबा रहा था. कुछ ही देर में नीतू की बुर में से पानी निकल पड़ा.
लेकिन मेरा अभी तक नहीं हुआ था इसलिए मैं उसे चोदता गया.
चूत से पानी निकलने के बाद तो मेरा चुदाई का मजा और भी बढ़ गया क्यूंकि वो अब और भी चिकनी जो हो गई थी.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और एकदम जोर जोर से घुटनों का पूरा प्रेशर दे के उसकी बुर को ठोकने लगा. वो जोर जोर से सांसे ले रही थी.
मैंने उसके बूब्स को जोर से मसल दिए और उसके होंठो से अपने होंठो को लगा दिया.
लिप किस करते हुए ही मेरे लंड का पानी नीतू की चूत में ही छोड़ दिया, नीतू ने अपनी दोनों टांगो को मेरी कमर के ऊपर घुमा के लोक कर लिया. और वो भी मेरे साथ ही सेकंड टाइम झड़ गई.
उसने अपने उपर से मुझे धक्का देते हुवे बोली “साले मादरचोद ये क्या कर दिया मेरी चूत में ही छोड़ दिया अगर मैं माँ बन गयी तो किसी को भी मुंह नहीं दिखा पाऊँगी, फिर मेरा पति भी मुझे छोड़ देगा, मेरी जिन्दगी तो बर्बाद हो जाएगी”
उसकी बाते सुनकर मेरी हालत तो खराब हो गयी, मेरी हालत देख के वो हँसते हुवे बोली “क्यों फट गयी न”
मैं बोला “क्या ??
नीतू बोली “गांड और क्या ??
मैं बोला “मान गया आपको, पहले चुदाई फिर झटके” इतने झटके तो मैंने भी नहीं मारे आपको चोदते हुवे”
नीतू बोली “ अभी इस मस्त चूत को और मस्ती में चोद”
मैं बोला “जो आज्ञा महारानी जी”
मैंने अपने मोबाइल से मेरी भाभी को फ़ोन करके बोला की “मैं आज रात एक दोस्त के साथ ही रुकूंगा और सुबह ही आऊंगा घर” मेरी भाभी ने हमेशा की तरह संभाल लिया,
लेकिन मुझे इस मस्त चुदाई के बाद अपने आप ही नींद आ रही थी, लेकिन पास में जब इतनी मस्त चूत हो तो सोता कौन है, आज की रात राज की बहना और बीवी दोनों चुदेगी और पूरी रात चुदेगी, . बहुत दिनों के बाद लंड को शान्ति मिली थी.
नीतू बोली “अगर इतनी ही हिम्मत है तो गाड़ी में हिम्मत क्यू नहीं दिखाई “ जब एक लड़की इतना सज संवर के तुम्हारी गोद में बैठी थी” तुमसे तो कुछ हुवा नहीं इसलिए घर आते ही बाथरूम में जाके अपने आप को शांत करना पड़ा,
वो एक सांस में इतना बोला गयी की मैं भी एक बार सोच में पड़ गया,
फिर मैंने कहा “मैं भी कुछ कहना चाहता हूँ.”
वो बोली, “क्या?”
मैं कहा “ तुम मुझे पसंद हो और मैं एक बार प्यार कर लेना चाहता हूँ.”
वो कुछ नहीं बोली, मैंने उसकी ख़ामोशी को हाँ समझते हुवे धीरे से उसकी बड़ी गांड पर हाथ रख दिया तो उसने एक आह भरी,
और फिर उसके करीब उसके पलंग पर लेट गया और उसके होंठो के ऊपर चूम लिया. उसने अपनी आँखे बंद कर रखी थी,
मैंने ग्रीन सिग्नल देख के अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया. मैं नीतू के होंठो को चूसते हुए उसके मांसल मम्मो को दबा रहा था, उसकी तरफ से कोई सपोर्ट न देखते हुवे, मैं उठ कर जाने लगा,
उसने आँखे खोलते हुवे बोला “क्या हुवा, हिम्मत इतने में ही फुर्र हो गयी”
मैंने कहा “मैं दिखता हु मेरी हिम्मत तुझे “
हम दोनों के बदन तप तो पहले से रहे थे सेक्स की गर्मी में. मैं वापस उसके उपर लेटते हुवे एक जोरदार किस किया, और उसकी नाईटी जो की एक एक कुरता पजामा थी, उसके उपर से ही फिर से उसके बोबे दबाने लगा, और वो फिर से आंख बंद करके सिस्कारिया भरने लगी,
मैंने हाथ ऊपर करवा के कुर्ते को उतार दिया. अब मैं उसकी जामुन रंग की ब्रा को पकड के उसकी चुंचियां दबाने लगा. फिर मैं उसकी जांघे मसलते हुए पजामे का नाडा भी खोल दिया.
नीतू ने अपना पाजामा खुद उतार फेंका . अब वो मेरे सामने अपनी अंडर गारमेंट्स में ही थी और बड़ी हॉट दिख रही थी.
मैंने उसे चुमते हुए इन दो कपडे के टुकड़ों को भी उतार फेंका और वो मेरे सामने पूरी नंगी हो गई.
सच में उसकी नंगी चूत एकदम सेक्सी थी और किसी का भी लंड उसे देख के ही खड़ा हो जाए ऐसा था.
अब मैं भी बिस्तर से खड़ा हो के पूरा नंगा हो गया.
नीतू का हाथ पकड़ के मैंने उसे अपना लंड पकडवा दिया. वो मेरे लंड को धीरे से हिला रही थी.
मैंने कहा, “ नीतू मेरी जान इसे अपने मुंह में ले लो ना.
नीतू बोली “ नीतू दी से नीतू मेरी जान” बड़ी जल्दी” और ऐसा बोलकर उसने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और कुल्फी के जैसे चूसने लगी,
थोड़ी देर अपना लंड चुसाने के बाद मैं बिस्तर पर लेट गया और वो मेरे उपर, और हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए,
मैंने उसकी दोनों टांगो को फैला के उसकी चूत के ऊपर अपने होंठो को लगा के चाटने लगा.
नीतू मेरे लंड चूसते हुवे सिस्कारियां लेने लगी. मैं उसकी चूत को एकदम जोर जोर से चाट रहा था.
काफी देर तक हम लोग चुसना चाटना करते रहे,
नीतू बोली अब नहीं रह जाता दे दे तेरा ये मुसल लंड मेरी चूत में” कब से इस से चुदवाने की तमन्ना है “
मैंने भी बिना देर करते हुवे अपने लंड को उसकी चूत पर लगा दिया.
और एक ही धक्के में आधा लंड उसकी चूत में उतार दिया, नीतू के मुंह से एक हलकी सी चीख निकली,
नीतू बोली “मैं कही भागी थोड़ी जा रही हु, अब जो तेरे लंड के निचे आयी हु तो इसका सारा रस निचोड़ कर ही जाउंगी, इसलिए आराम से कर,”
फिर से लंड को एक धक्का मारा और लंड पूरा का पूरा उसकी चूत में और वो फिर से हलकी सी चीख मरते हुवे आँखों में आंसू ला के बोली
नीतू “ बोला न धीरे से” कितना गरम लंड है तेरा जैसे कोई राड हो,
मैंने बिना उसकी बातो पर ध्यान दिए उसके दोनों बूब्स को पकड़ के दबाने लगा. कुछ देर में वो लंड की गर्मी से एडजस्ट हो गई और उसकी सिसकियाँ शांत हो गई. मैंने मौका देख के एक और धक्का दे दिया. मेरा पूरा लंड नीतू की चूत में घुस चूका था.
मेरा लंड राकेश जी के लंड से थोडा मोता और लम्बा था, उसकी सिसकारी एक दम से चीख में बदल गयी,
नीतू भी कोई कच्ची खिलाडी नहीं थी, बरसो से चुद रही है, फिर भी पता नहीं क्यू चीखी, फिर वो मेरे सीने पर मुक्के मारने लगी और बोली चिल्लाने लगी.
नीतू बोली “तू सुधरेगा नहीं”
मैं बोला “ क्या यार इतनी मस्त चूत है के मैं अपने आप पर काबू नहीं रख पाया और मैं क्या कोई भी नहीं रख पायेगा “
फिर से उसकी जरा भी परवाह नहीं करते हुवे और चप चप की आवाज से धक्के देने लगा.
कुछ मिनिट की चुदाई के बाद वो शांत हुई और मेरे धक्के ऐसे ही चालु थे.
अब नीतू भी चुदाई में मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैं
उसके दोनों मम्मो को जोर जोर से दबा रहा था. कुछ ही देर में नीतू की बुर में से पानी निकल पड़ा.
लेकिन मेरा अभी तक नहीं हुआ था इसलिए मैं उसे चोदता गया.
चूत से पानी निकलने के बाद तो मेरा चुदाई का मजा और भी बढ़ गया क्यूंकि वो अब और भी चिकनी जो हो गई थी.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और एकदम जोर जोर से घुटनों का पूरा प्रेशर दे के उसकी बुर को ठोकने लगा. वो जोर जोर से सांसे ले रही थी.
मैंने उसके बूब्स को जोर से मसल दिए और उसके होंठो से अपने होंठो को लगा दिया.
लिप किस करते हुए ही मेरे लंड का पानी नीतू की चूत में ही छोड़ दिया, नीतू ने अपनी दोनों टांगो को मेरी कमर के ऊपर घुमा के लोक कर लिया. और वो भी मेरे साथ ही सेकंड टाइम झड़ गई.
उसने अपने उपर से मुझे धक्का देते हुवे बोली “साले मादरचोद ये क्या कर दिया मेरी चूत में ही छोड़ दिया अगर मैं माँ बन गयी तो किसी को भी मुंह नहीं दिखा पाऊँगी, फिर मेरा पति भी मुझे छोड़ देगा, मेरी जिन्दगी तो बर्बाद हो जाएगी”
उसकी बाते सुनकर मेरी हालत तो खराब हो गयी, मेरी हालत देख के वो हँसते हुवे बोली “क्यों फट गयी न”
मैं बोला “क्या ??
नीतू बोली “गांड और क्या ??
मैं बोला “मान गया आपको, पहले चुदाई फिर झटके” इतने झटके तो मैंने भी नहीं मारे आपको चोदते हुवे”
नीतू बोली “ अभी इस मस्त चूत को और मस्ती में चोद”
मैं बोला “जो आज्ञा महारानी जी”
मैंने अपने मोबाइल से मेरी भाभी को फ़ोन करके बोला की “मैं आज रात एक दोस्त के साथ ही रुकूंगा और सुबह ही आऊंगा घर” मेरी भाभी ने हमेशा की तरह संभाल लिया,
लेकिन मुझे इस मस्त चुदाई के बाद अपने आप ही नींद आ रही थी, लेकिन पास में जब इतनी मस्त चूत हो तो सोता कौन है, आज की रात राज की बहना और बीवी दोनों चुदेगी और पूरी रात चुदेगी, . बहुत दिनों के बाद लंड को शान्ति मिली थी.