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Misc. Erotica रेशमा - मेरी पड़ोसन
#38
MEGAUPDATE 12

बस यही बाकी रह गया था
ये मेरी पड़ोसन थी
पहले मेरी इमेज खराब हो गयी और अब तो रेशमा सोचेगी कि मैं ने जानबूझ कर बॉल मारा
है
रेशमा बॉल लेकर खड़ी हो गयी
रेशमा- बॉल किसने मारा
बच्चे बहुत कमिने होते है
सबने एक साथ मुझे फँसा दिया
बच्चे- भैया ने मारा
रेशमा तो मुझे घूर कर देखने लगी
उसको चोट तो लगी होगी
तभी इतने गुस्से से बात कर रही थी
रेशमा- तुम इतने बड़े होकर बच्चों के साथ खेलते हो , शरम नही आती , ये बच्चों का गार्डन
है , तुम्हें खेलने का इतना ही शौक है तो बाहर जाकर बड़े मैदान पर खेलो
रेशमा के मुँह से पहली बार कुछ सुना था
लेकिन सुना क्या , मेरे लिए गालियाँ नफ़रत गुस्सा
मैं इस पे क्या कहता
बच्चे- आंटी प्लीज़ बॉल दीजिए ना , ग़लती भैया की है
रेशमा- इसने जानबूझ कर मारा होगा
बच्चे- आंटी बॉल
रेशमा ने मुझे गुस्से से देखा
रेशमा- कोई बॉल नही मिलेगी , और तुम तुम्हारी शिकायत सेक्रेटरी से करूँगी , तुम्हें तो यहाँ से
निकलवा के रहूंगी
और रेशमा बॉल लेकर चली गयी
थोड़ी लंगड़ा कर चल रही थी
लगता है बम पर जोरदार लगी है
लो हो गया सब गड़बड़
अब तो रेशमा और गुस्सा हो गयी
बॉल भी चली गयी और बची हुई इज़्ज़त भी हवा हो गयी
बच्चे- भैया नया बॉल ले
अवी- तुम खुद लो
बच्चे- भैया बॉल आपने ही तो मारा था
अवी- बॉल मैं ने ही दिया था
बच्चे- भैया वो आंटी ऐसे ही गुस्सा करती है आप टेन्षन मत लो , वो कंप्लेंट नही करेंगी
अवी- मुझे मस्का लगा रहे हो
बच्चे- हमे तो खेलने के लिए बॉल चाहिए
अवी- अब कल दूँगा बॉल ,
बच्चे- भैया कल साथ मे खेलेंगे
और बच्चे तो चले गये
लेकिन मुझे फँसा गये
मेरी पड़ोसन की गंद लंड से मारना चाहता था लेकिन फुटबॉल से मार दी
लंगड़ाकर चल रही थी
मुझे सॉरी बोलना चाहिए था
सॉरी बोल देता तो उसका गुस्सा ख़तम हो जाता
जाने दो
कंप्लेंट करे गी तो करने दो
मुझे थोड़े यहाँ ज़िंदगी भर रहना है
मैं ने रेशमा के बारे में ज़्यादा सोचा नही
वैसे भी अब वो मेरे हाथ मे नही आएगी
मैं भी ट्राइ नही करूँगा अब
बिचारी की गंद लाल हो गयी होगी
सोचा था कि मेरी पड़ोसन से नज़दीकियाँ बढ़ा लूँगा
लेकिन सब उल्टा हो रहा था
अब तो मेरी इमेज बॅड पर्सन की बन गयी
वो तो मुझसे कुछ ज़्यादा ही नाराज़ है
मैं तो रेशमा से दूर ही रहूँगा
अगर इस बार कुछ गड़बड़ की तो थप्पड़ ज़रूर पड़ेगा मुझपर
मैं ने वापस अपना ध्यान ऑफीस के कामो पर लगा दिया
अब तो ऑफीस मे रेशमा थी मेरा ध्यान रखने को
लेकिन रेशमा ने अपनी सहेली को भी ये बात बताई की उसको प्रमोशन कैसे मिला
साली ने सब गड़बड़ कर दी
लेकिन ये क्या रेशमा की सहेली को भी प्रमोशन चाहिए था
रेशमा ने मुझसे आँख मार कर बताया कि ये आपके लिए है
मैं ने रेशमा की सहेली की चुदाई करके उसकी सॅलरी भी बढ़ा दी
पैसे मेरी जेब से थोड़े ही जा रहे थे
रेशमा के साथ उसकी सहेली की भी चुदाई करने लगा
पहले पहले सिर्फ़ रेशमा घंटे भर मेरे कॅबिन मे रहती तो लोग बाते करने लगे थे
अब एक साथ 2 लड़कियाँ मेरे कॅबिन मे आती है तो लोगो की बाते बंद हो गयी
मुझे तो आग बुझाने को.एक और मिल गयी
कभी रेशमा.की चुदाई करता तो कभी उसकी सहेली की
पब और डॅन्स बार मे भी कभी कभी जाने लगा
पब मे जाने को रेशमा तो हमेशा तैयार रहती
कोई लड़की साथ हो तो घूमने फिरने मे मज़ा आता है
इस बीच समय कैसे निकल गया पता ही नही चला
उस फुटबॉल वाली बात को कुछ हफ्ते हो गया
लेकिन इस बीच रेशमा से एक दो बार आमना सामना हुआ लेकिन उसका गुस्सा कम.नही हुआ
मैं उसकी तरफ नज़र उठा कर नही देखता
क्यूँ कि इस बार एक ग़लती और सीधा मेरा गाल लाल हो जाएगा
देखते देखते 3 महीने हो गये मुझे मुंबई मे आए हुए
मैं तो मुंबई की हवाओं मे घुल.मिल गया था
आजकल बाते ज़्यादा होने लगी तो ब्लूटूथ डिवाइस भी ले लिया
ट्र्वेलिंग के समय बोर ना हो इस लिए गर्लफ्रेंड और दोस्तो को कॉल कर लेता
मेरे फोन आने से उनको भी अच्छा लगता
ट्रेन मे फोन करने से मेरा बहुत टाइम बच रहा था
ऐसे एक दिन मैं फोन पर बात कर रहा था
बात करते करते मैं लिफ्ट मे चढ़ गया
मैं बाते करने मे पूरी तरह से डूब गया था
ब्लूटूत डिवाइस से बात कर रहा था
मैं तो पार्किंग एरिया से लिफ्ट मे चढ़ गया और अपने फ्लोर की बटन दबा कर दीवार की तरफ मुँह
करके बात करने लगा
मुझे पता ही नही चला कि लिफ्ट मे कोई और भी है
मेरे साथ एक लड़का और एक औरत भी लिफ्ट मे है इतना पता था
शायद लड़का और उसकी माँ थी मैं ने उनकी तरफ देखा भी नही और बात करने लगा
लिफ्ट तो 1 स्ट फ्लोर पर ही रुक गयी
तो वो लड़का लिफ्ट से नीचे उतर गया , मुझे लगा कि वो औरत उस लड़के की माँ होगी तो वो भी उतर
गयी
मतलब अब लिफ्ट मैं सिर्फ़ मैं अकेला ऐसा मुझे लगा
लेकिन लिफ्ट मे एक और औरत थी , वो लड़के की माँ नही थी
मैं लिफ्ट मे अकेला होने से खुल कर बात करने लगा
फोन मेरे दोस्त का था
दोस्त-कैसा है बे
अवी-मैं तो ठीक हूँ तुम बता शहर मे सब कैसे है
दोस्त-.साले तेरे जाने से ग्रूप तो टूट ही गया
अवी-क्या बात कर रहा है
दोस्त-.सब अपने अपने लाइफ मे बिज़ी हो गये है , तू था तो हफ्ते मे एक बार तो मिलते लेकिन 3 महीने से
किसी से मुलाकात नही हुई
अवी-मेरे आते ही सब मिल जाएँगे

दोस्त-तू आ जा जल्दी वापस
अवी-मैं नही आने वाला
दोस्त-.क्यूँ क्या हुआ , तुम तो बोल रहा था कि तू जल्दी वापस आएगा
अवी-तब मुझे पता नही था कि मुंबई इतनी अच्छी है
दोस्त-.मतलब तू नही आएगा
अवी-छुट्टियों मे आउन्गा बाकी मैं तो अब हमेशा के लिए यही रहूँगा
दोस्त-.यहाँ तेरी गर्लफ्रेंड है
अवी-उसको भी यहीं लेकर आउन्गा
दोस्त-.मतलब तू शादी करने वाला है
अवी-अभी नही
दोस्त-.मतलब मुंबई मे कोई मिल गयी क्या
अवी-मिल गयी समझ
दोस्त-.तो माला
अवी-उससे तो शादी करूँगा ,
दोस्त-.तो टाइम पास रखी है
अवी-यहाँ पे सब ऐसा ही होता है
दोस्त-.क्या नाम है उसका
अवी-रेशमा
मेरे मुँह से नाम सुनते उस औरत ने थोड़ी हलचल की पर मैं तो इतने दिनो बाद दोस्त से बात करने
मे खोया हुआ था
दोस्त-.नाम तो अच्छा है
अवी-नाम मे ही सब कुछ है , रेशमा , उसको तू देखेगा तो पागल हो जाएगा
दोस्त-.क्या बात करता है
अवी-इतनी हॉट और सेक्सी है कि तू पूछ ही मत
दोस्त-बताना उसके बारे में
अवी-तू अगर रेशमा को देखेगा तो उसपे टूट पड़ेगा , क्या ड्रेस पहनती है , मैं तो दीवाना हो
गया हूँ रेशमा का , उसने तो मुझमें आग भी लगाई है
दोस्त-कहीं तूने उसकी चुदाई तो नही की
अवी-उसकी तो हर रोज लेता हूँ सपने मे तो चोद चोद कर भोसड़ा बनाया है
दोस्त-.रियल मे भी ली है क्या
अवी-हाँ
दोस्त-.और बता उसके बारे में
अवी-आज रेशमा लाल ड्रेस मे इतनी हॉट थी कि मेरा पानी देख कर निकल गया
दोस्त-.क्या बात करता है
अवी-मेरा बस चले तो दिन रात उसकी लेता रहूं
दोस्त-उसकी फोटो भेज
अवी-तू यही आ जा कुछ दिन के लिए तुझे भी दिलवा दूँगा , साथ मे उसका मज़ा लेंगे
दोस्त-मज़ाक मत कर
अवी-तू आ तो सही , रेशमा के रेशमी बालो मे सुलाउंगा तुझे ,
रेशमा के गुलाबी होंठो का रस पिलाउन्गा
उसके गोरे बदन को अपने वीर्य से गीला कर देंगे
तू बस एक बस आ फिर देखना ,तू आगे से करना और मैं पीछे से
दोस्त-.सॅंडविच की तरह
अवी-सॅंडविच की तरह खाएँगे रेशमा को
दोस्त-ठीक है मैं जल्दी आउन्गा
अवी-तू जब आएगा तब रेशमा के साथ मज़ा करेंगे , और तू टेन्षन मत लेना मैं तब तक उसको
मना लूँगा
दोस्त-फिर तो मुंबई घूमने ज़रूर आउन्गा
और मैं ने फोन रख दिया
फोन रखते ही मैं अपना फ्लोर आया कि नही ये देखने के लिए पलट गया
वैसे ही मेरे गाल पर थप्पड़ पड़ा
मुझे कोई थप्पड़ मारेगा उसकी उम्मीद नही थी
मुझे तो गुस्सा आया
जिसने मुझे थप्पड़ मारा उसको मैं थप्पड़ मारने वाला था कि रुक गया

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RE: रेशमा - मेरी पड़ोसन - by Vikram@ - 12-07-2019, 09:10 PM



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