02-01-2019, 11:13 PM
अपडेट - 6
राज: तुम ना नहीं सुधरोगी ( सरिता को बाहों के बंधन से मुक्त करते हुए) जाओ और जल्दी से तैयार हो जाओ। और हां कॉलेज गर्ल टाइप बनना। मेरा मतलब साड़ी मत पहनना वेस्टर्न कुछ पहनना । आज मैं मेरी बीवी और गर्लफ्रैंड दोनों से मिलना चाहता हूं।
सरिता शर्माते हुए टॉवल उठा कर चली जाती है।
वहीं दूसरी और सुरेश बेहद परेशान था। सुरेश को समझ नही आ रहा था कि क्या करे और क्या ना करे। सुरेश इतना परेशान था कि उसे आफिस में ही इमरजेंसी के लिए डॉक्टर को बुलाना पड़ गया।
अब आगे....
करीब आधे घंटे बाद सरिता एक सलवार सूट मैं बाथरूम से बाहर आती है। राज उस वक़्त हॉल में बैठा बैठा कोई मैगजीन पढ़ रहा था। सरिता बिना राज को डिस्टर्ब किये चुप चाप अपने रूम में चली जाती है और तैयार होने लगती है।
तैयार होते हुए सरिता बार बार राज के बारे में सोचते हुए मुस्कुरा रही थी। सरिता सोच रही कि वो कितनी लकी है जो इतना प्यार करने वाला पति उसके नसीब में है।
सरिता राज की इच्छा के अनुसार एक वेस्टर्न ड्रेस निकालती है। दरअसल बनारस में तो साड़ी के अलावा सरिता सलवार सूट पहन सकती थी लेकिन वेस्टर्न ड्रेस वहां सख्त मना थी। लेकिन यहां दिल्ली में राज ने खुद सरिता को कहा था कि वेस्टर्न ड्रेस पहना करो। तुम्हारा पति एक बिज़नेस मैन है। अगर किसी पार्टी में हम साथ चले तो उस पार्टी की रौनक सिर्फ और सिर्फ तुम ही लगो। इस लिए सरिता ने काफी सारे महंगे और अच्छे हॉट सेक्सी वेस्टर्न ड्रेसेस ले रखे थे। उनमें से आज एक सरिता ने सेलेक्ट करके पहन लिया।
जैसे ही सरिता अपने कमरे से तैयार होकर बाहर आई तो राज की नज़र पहले सरिता पर पड़ी।नज़र क्या पड़ी राज तो सरिता को देखते ही रह गया। वेस्टर्न ड्रेस में सरिता सच में कोई कॉलेज गर्ल लग रही थी। किसी भी तरीके से कोई ये नही कह सकता था कि सरिता की शादी 2 साल पहले हो चुकी हो। राज को इस तरह से घूरते देख सरिता शर्माते हुए राज से बोलती है...
सरिता:-
ऐसे क्या देख रहे हो? प्लीज न ऐसे मत देखो मुझे शर्म आती है।
राज सरिता की आवाज सुनकर अपने ख्वाबों से बाहर आता है।
राज: देख रहा हूँ मेरी पत्नी अभी तक आयी नहीं। वैसे आप कुछ लेंगी ठंडा गर्म कुछ। आप बैठिये मैडम मैं ऊनी पत्नी को बुला कर लाता हूँ... (सरिता को आवाज देते हुए) सरिताssss सरिता तुम्हारी कोई दोस्त आयी हुई हैं।
राज ऐसा बोलते हुए नाटक करता हुआ सरिता के पास से बैडरूम मैं जाने लगता है। तभी सरिता वहां खड़े खड़े राज का हाथ पकड़ कर उसे रोक लेती है और बोलती है...
सरिता: युsssss.... तुम ना ज्यादा नाटक नही कर रहे। ऐसे बेहवे कर रहे हो जैसे मुझे पहचानते ही नहीं। अगर ऐसा है तो रुको मैं वापस जा कर चेंज करके आती हूँ।
इस बार सरिता बेडरूम की और जाने लगती है लेकिन जो हाथ कुछ देर पहले सरिता ने पकड़ा था राज उसी हाथ से सरिता को पकड़ कर अपनी और खींचता है जिस से सरिता एकदम से राज के सीने से लग जाती है।
राज: (होल से सरिता के कान में) ऐसे खूबसूरत लम्हे मेरी नज़रों से छीन लेने का अधिकार मैंने उस ऊपर वाले को भी नहीं दिया। फिर तुम तो मेरी जान हो।
सरिता राज की बात सुन कर मुस्कुरा देती है।
सरिता: फिर ये नाटक क्यों किया?
राज: क्योंकि मैं जिस सरिता को थोड़ी देर पहले मिला था वो मेरी पत्नी थी। लेकिन अभी जिसको मैंने देखा है वो मेरी पत्नी नहीं बल्कि कोई बला की खूबसूरत परी है जिसे मैं पटाना चाहता हूँ। प्रोपोज़ करके अपनी गर्लफ्रैंड बनाना चाहता हूँ। उसके साथ डेट पर चलना चाहता हूँ।
राज इतना बोलकर अपने घुटनों पर बैठ कर सरिता से बोलता है।
राज: क्या आप मेरे साथ डेट पर चलेंगी।
सरिता: नहीं
राज: (चोंकते हुए) क्यूँ?
सरिता : मैं जिसके साथ डेट पर जाउंगी वो भी तो कॉलेज का लड़का होना चाहिए ना मैं किसी बिज़नेस मैन के साथ डेट पर क्यों जाऊं। मुझे पैसे कमाने वाला नही बल्कि मेरा बॉयफ्रेंड चाहिए।
राज : अच्छा जी ये बात है तो रुको 10 मिनट में आया।
राज तुरंत अपने कमरे में जा कर तैयार हो जाता है। एक जीन्स और शर्ट ऊपर डेनिम जैकेट एक दम जैसे कॉलेज स्टूडेंट्स हो।
इस बार इम्प्रेस होने की बारी सरिता की थी।
राज: क्या अब आप मेरे साथ डेट पर चलेंगी।
सरिता: ऑफकोर्स चलूंगी बाबा..
दोनों हंसते हुए अपनी गाड़ी से शहर के पास ही के टूरिस्ट प्लेस पर चले जाते है। जहां पर बहुत से कपल थे।
दोनों एक दूसरे के हाथ में हाथ डाले टूरिस्ट प्लेस घूम रहे थे।
एक अच्छे से रेस्टॉरेंट मैं जा कर खाना खाते है।
फिर वापस आते वक्त एक खूबसूरत से प्लेस पर फोटोशूट होता देख दोनों रुक जाते है। राज सरिता को बोलता है चलो अपना भी एक फोटो तो बनता है। सरिता मुस्कुराते हुए राज के साथ चल देती है।
राज कैमेरा मैन से बात करके सरिता को गले लगाते हुए फ़ोटो खींचता है। ठीक उसी समय राज अपने पॉकेट से एक रिंग निकाल कर कैमरा मैन को दिखाते हुए पूछता है कैसी है।
कैमरा मैन इशारों में बताता है कि बहुत खूबसूरत है। और उसी सीन की फ़ोटो कैप्चर कर लेता है। उसके बाद राज घुटनों पर बैठ कर सरिता को प्रोपोज़ करता है। और सरिता से जीवन भर का साथ निभाने का पूछता है।
सरिता खुशी खुशी वो रिंग ले लेती है। लेकिन दोनों की ये खुशिया बस आज इतनी ही थी। क्यों कि सरिता के मोबाइल में एक अलार्म बज पड़ता है जिसे देख कर सरिता और राज दोनों मायूस हों जाते है क्योंकि अब जुदाई की घफी आ गयी थी। सरिता की ट्रेन का समय हो चला था।
राज सरिता को किस करता है और उसे तुरंत गाड़ी में बिठा कर घर और घर से सामान उठा कर रेलवे स्टेशन ले जाता है। जहां सरिता को रेल में बिठा कर राज सरिता को विदा करता है।
अब कहानी के दूसरी और चलते है।
सुरेश : डॉक्टर, आखिर प्रॉब्लम क्या है? ये मेरे साथ आज ही हुआ है।
डॉक्टर: देखिए सर मैं डॉक्टर हुन भगवान नहीं। इस चीज का मैं क्या दुनिया में कोई भी इलाज नहीं है। केवल और केवल आप ही खुद को ठीक कर सकते है।
सुरेश: मैं पर कैसे?
डॉक्टर: आपको क्या प्रोब्लेम है? कोई टेंशन है? किसी बात से परेशान है? कोई अन नेसेसरी स्ट्रेस है? जिसके कारण से आपको एक दौरा पड़ा था। साधारण भाषा में कहूँ तो ये घबराहट का दौरा था। जिसके कारण से आपकी दिल की धड़कने बाद गयी और आपको दिल के दौरे जैसा अनुभव हुआ।
सुरेश: ओके डॉक्टर! मैं समझ गया। आप जा सकते है। फिलहाल के लिए मुझे कुछ मेडिसिन दे दे।
डॉक्टर कुछ दवाईयां लिख कर सुरेश को दे देता है। सुरेश तुरंत अपने चपरासी को बोलकर दवा मंगवाता है और ले लेता है।
दर असल सुरेज़ह को इस बात से परेशानी थी कि अगर वो अपनी मां को बताता है की वो एक महीने के लिए फॉरेन टूर पर जा रहा है तो उसकी माँ उसे इजाजत नहीं देगी। और ये प्रॉफिट सिर्फ और सिर्फ अपने पार्टनर्स के कारण मिला है । उन्होंने तो टिकट तक करवा ली। अब उन्हें माना करना उन्हें नाराज करने जैसा होगा। इसलिए सुरेश बहुत टेंशन मैं था।
शाम होते होते सुरेश ने निर्णय लिया कि आज मैं मां की नही बल्कि मा मेरी सुनेंगी । सुरेश खुद को मेंटली तैयार करके घर के लिए निकल चुका था।
वहीं घर पर चाँदनी ने भी निर्णय कर लिया था कि आज वो सुरेज़ह की नहीं सुनेंगी बिल्कुल भी नहीं। आज सीधे सीधे वो अपना निर्णय सुरेश को सुनाएंगी और उसे इसे मानना पड़ेगा।
राज: तुम ना नहीं सुधरोगी ( सरिता को बाहों के बंधन से मुक्त करते हुए) जाओ और जल्दी से तैयार हो जाओ। और हां कॉलेज गर्ल टाइप बनना। मेरा मतलब साड़ी मत पहनना वेस्टर्न कुछ पहनना । आज मैं मेरी बीवी और गर्लफ्रैंड दोनों से मिलना चाहता हूं।
सरिता शर्माते हुए टॉवल उठा कर चली जाती है।
वहीं दूसरी और सुरेश बेहद परेशान था। सुरेश को समझ नही आ रहा था कि क्या करे और क्या ना करे। सुरेश इतना परेशान था कि उसे आफिस में ही इमरजेंसी के लिए डॉक्टर को बुलाना पड़ गया।
अब आगे....
करीब आधे घंटे बाद सरिता एक सलवार सूट मैं बाथरूम से बाहर आती है। राज उस वक़्त हॉल में बैठा बैठा कोई मैगजीन पढ़ रहा था। सरिता बिना राज को डिस्टर्ब किये चुप चाप अपने रूम में चली जाती है और तैयार होने लगती है।
तैयार होते हुए सरिता बार बार राज के बारे में सोचते हुए मुस्कुरा रही थी। सरिता सोच रही कि वो कितनी लकी है जो इतना प्यार करने वाला पति उसके नसीब में है।
सरिता राज की इच्छा के अनुसार एक वेस्टर्न ड्रेस निकालती है। दरअसल बनारस में तो साड़ी के अलावा सरिता सलवार सूट पहन सकती थी लेकिन वेस्टर्न ड्रेस वहां सख्त मना थी। लेकिन यहां दिल्ली में राज ने खुद सरिता को कहा था कि वेस्टर्न ड्रेस पहना करो। तुम्हारा पति एक बिज़नेस मैन है। अगर किसी पार्टी में हम साथ चले तो उस पार्टी की रौनक सिर्फ और सिर्फ तुम ही लगो। इस लिए सरिता ने काफी सारे महंगे और अच्छे हॉट सेक्सी वेस्टर्न ड्रेसेस ले रखे थे। उनमें से आज एक सरिता ने सेलेक्ट करके पहन लिया।
जैसे ही सरिता अपने कमरे से तैयार होकर बाहर आई तो राज की नज़र पहले सरिता पर पड़ी।नज़र क्या पड़ी राज तो सरिता को देखते ही रह गया। वेस्टर्न ड्रेस में सरिता सच में कोई कॉलेज गर्ल लग रही थी। किसी भी तरीके से कोई ये नही कह सकता था कि सरिता की शादी 2 साल पहले हो चुकी हो। राज को इस तरह से घूरते देख सरिता शर्माते हुए राज से बोलती है...
सरिता:-
ऐसे क्या देख रहे हो? प्लीज न ऐसे मत देखो मुझे शर्म आती है।
राज सरिता की आवाज सुनकर अपने ख्वाबों से बाहर आता है।
राज: देख रहा हूँ मेरी पत्नी अभी तक आयी नहीं। वैसे आप कुछ लेंगी ठंडा गर्म कुछ। आप बैठिये मैडम मैं ऊनी पत्नी को बुला कर लाता हूँ... (सरिता को आवाज देते हुए) सरिताssss सरिता तुम्हारी कोई दोस्त आयी हुई हैं।
राज ऐसा बोलते हुए नाटक करता हुआ सरिता के पास से बैडरूम मैं जाने लगता है। तभी सरिता वहां खड़े खड़े राज का हाथ पकड़ कर उसे रोक लेती है और बोलती है...
सरिता: युsssss.... तुम ना ज्यादा नाटक नही कर रहे। ऐसे बेहवे कर रहे हो जैसे मुझे पहचानते ही नहीं। अगर ऐसा है तो रुको मैं वापस जा कर चेंज करके आती हूँ।
इस बार सरिता बेडरूम की और जाने लगती है लेकिन जो हाथ कुछ देर पहले सरिता ने पकड़ा था राज उसी हाथ से सरिता को पकड़ कर अपनी और खींचता है जिस से सरिता एकदम से राज के सीने से लग जाती है।
राज: (होल से सरिता के कान में) ऐसे खूबसूरत लम्हे मेरी नज़रों से छीन लेने का अधिकार मैंने उस ऊपर वाले को भी नहीं दिया। फिर तुम तो मेरी जान हो।
सरिता राज की बात सुन कर मुस्कुरा देती है।
सरिता: फिर ये नाटक क्यों किया?
राज: क्योंकि मैं जिस सरिता को थोड़ी देर पहले मिला था वो मेरी पत्नी थी। लेकिन अभी जिसको मैंने देखा है वो मेरी पत्नी नहीं बल्कि कोई बला की खूबसूरत परी है जिसे मैं पटाना चाहता हूँ। प्रोपोज़ करके अपनी गर्लफ्रैंड बनाना चाहता हूँ। उसके साथ डेट पर चलना चाहता हूँ।
राज इतना बोलकर अपने घुटनों पर बैठ कर सरिता से बोलता है।
राज: क्या आप मेरे साथ डेट पर चलेंगी।
सरिता: नहीं
राज: (चोंकते हुए) क्यूँ?
सरिता : मैं जिसके साथ डेट पर जाउंगी वो भी तो कॉलेज का लड़का होना चाहिए ना मैं किसी बिज़नेस मैन के साथ डेट पर क्यों जाऊं। मुझे पैसे कमाने वाला नही बल्कि मेरा बॉयफ्रेंड चाहिए।
राज : अच्छा जी ये बात है तो रुको 10 मिनट में आया।
राज तुरंत अपने कमरे में जा कर तैयार हो जाता है। एक जीन्स और शर्ट ऊपर डेनिम जैकेट एक दम जैसे कॉलेज स्टूडेंट्स हो।
इस बार इम्प्रेस होने की बारी सरिता की थी।
राज: क्या अब आप मेरे साथ डेट पर चलेंगी।
सरिता: ऑफकोर्स चलूंगी बाबा..
दोनों हंसते हुए अपनी गाड़ी से शहर के पास ही के टूरिस्ट प्लेस पर चले जाते है। जहां पर बहुत से कपल थे।
दोनों एक दूसरे के हाथ में हाथ डाले टूरिस्ट प्लेस घूम रहे थे।
एक अच्छे से रेस्टॉरेंट मैं जा कर खाना खाते है।
फिर वापस आते वक्त एक खूबसूरत से प्लेस पर फोटोशूट होता देख दोनों रुक जाते है। राज सरिता को बोलता है चलो अपना भी एक फोटो तो बनता है। सरिता मुस्कुराते हुए राज के साथ चल देती है।
राज कैमेरा मैन से बात करके सरिता को गले लगाते हुए फ़ोटो खींचता है। ठीक उसी समय राज अपने पॉकेट से एक रिंग निकाल कर कैमरा मैन को दिखाते हुए पूछता है कैसी है।
कैमरा मैन इशारों में बताता है कि बहुत खूबसूरत है। और उसी सीन की फ़ोटो कैप्चर कर लेता है। उसके बाद राज घुटनों पर बैठ कर सरिता को प्रोपोज़ करता है। और सरिता से जीवन भर का साथ निभाने का पूछता है।
सरिता खुशी खुशी वो रिंग ले लेती है। लेकिन दोनों की ये खुशिया बस आज इतनी ही थी। क्यों कि सरिता के मोबाइल में एक अलार्म बज पड़ता है जिसे देख कर सरिता और राज दोनों मायूस हों जाते है क्योंकि अब जुदाई की घफी आ गयी थी। सरिता की ट्रेन का समय हो चला था।
राज सरिता को किस करता है और उसे तुरंत गाड़ी में बिठा कर घर और घर से सामान उठा कर रेलवे स्टेशन ले जाता है। जहां सरिता को रेल में बिठा कर राज सरिता को विदा करता है।
अब कहानी के दूसरी और चलते है।
सुरेश : डॉक्टर, आखिर प्रॉब्लम क्या है? ये मेरे साथ आज ही हुआ है।
डॉक्टर: देखिए सर मैं डॉक्टर हुन भगवान नहीं। इस चीज का मैं क्या दुनिया में कोई भी इलाज नहीं है। केवल और केवल आप ही खुद को ठीक कर सकते है।
सुरेश: मैं पर कैसे?
डॉक्टर: आपको क्या प्रोब्लेम है? कोई टेंशन है? किसी बात से परेशान है? कोई अन नेसेसरी स्ट्रेस है? जिसके कारण से आपको एक दौरा पड़ा था। साधारण भाषा में कहूँ तो ये घबराहट का दौरा था। जिसके कारण से आपकी दिल की धड़कने बाद गयी और आपको दिल के दौरे जैसा अनुभव हुआ।
सुरेश: ओके डॉक्टर! मैं समझ गया। आप जा सकते है। फिलहाल के लिए मुझे कुछ मेडिसिन दे दे।
डॉक्टर कुछ दवाईयां लिख कर सुरेश को दे देता है। सुरेश तुरंत अपने चपरासी को बोलकर दवा मंगवाता है और ले लेता है।
दर असल सुरेज़ह को इस बात से परेशानी थी कि अगर वो अपनी मां को बताता है की वो एक महीने के लिए फॉरेन टूर पर जा रहा है तो उसकी माँ उसे इजाजत नहीं देगी। और ये प्रॉफिट सिर्फ और सिर्फ अपने पार्टनर्स के कारण मिला है । उन्होंने तो टिकट तक करवा ली। अब उन्हें माना करना उन्हें नाराज करने जैसा होगा। इसलिए सुरेश बहुत टेंशन मैं था।
शाम होते होते सुरेश ने निर्णय लिया कि आज मैं मां की नही बल्कि मा मेरी सुनेंगी । सुरेश खुद को मेंटली तैयार करके घर के लिए निकल चुका था।
वहीं घर पर चाँदनी ने भी निर्णय कर लिया था कि आज वो सुरेज़ह की नहीं सुनेंगी बिल्कुल भी नहीं। आज सीधे सीधे वो अपना निर्णय सुरेश को सुनाएंगी और उसे इसे मानना पड़ेगा।
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html
[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html
Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
https://xossipy.com/thread-1515.html
[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html
Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750