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Misc. Erotica रेशमा - मेरी पड़ोसन
#31
Update11

मेरे पीछे मेरी पड़ोसन खड़ी थी
मेरी बाते उसने सुन ली थी
तभी वो मुझे गुस्से से देख रही थी
ये क्या हो गया
मैं तो पड़ोसन को पटाना चाहता था लेकिन यहाँ तो मेरी इमेज खराब हो गयी
मुझे तो कुछ समझ ही नही आ रहा था
मेरी पड़ोसन मुझे घूर कर देख रही थी
पर कुछ कहा नही
लिफ्ट ओपन होते ही मेरी पड़ोसन अंदर चली गयी पर मुझ मे हिम्मत ही नही हुई कि लिफ्ट मे जाउ
अब तो पड़ोसन को कभी सपने मे भी पा नही सकूँगा
क्या हो गया मुझसे
ग़लती से मैं ने अपनी इमेज खराब कर दी
मैं अपने अपार्टमेंट मे आकर खुद पे गुस्सा हो रहा था
अब तो मैं ने अपनी पड़ोसन के सपने देखने शुरू कर दिए थे
अब कुछ नही हो सकता
अब तो बस ऑफीस की रेशमा से ही काम चलना होगा

मेरी और रेशमा की बात मेरी पड़ोसन ने सुन ली थी
अब मेरा कोई चान्स बन ही नही सकता उसके साथ
अब किस मुँह से उसके सामने जाउन्गा
वैसे भी अब तक कुछ बात होती तो सॉरी बोल देता
लेकिन वो तो मुझे जानती भी नही ऐसे मे मैं क्यूँ उसको सॉरी बोलू
और वो कन्फ्यूज़ हो जाएगी कि मैं क्यूँ उसको सॉरी बोल रहा हूँ
मैं कुछ भी बोलू , उससे माफी क्यूँ माँग रहा हूँ इस पे वो डाउट कर सकती है
ऐसे मे मैं ने अपने मेरी पड़ोसन के सपने देखने बंद किए
वैसे भी अब तो मुझे रेशमा मिल गयी थी
आग बुझाने का इंतज़ाम भी हो गया था
फिर जाने दो उसको
उसके जैसी हज़ारो मिल जाएगी
मैं ने मेरी पड़ोसन के सपने देखने बंद किए और वापस अपने ऑफीस और अपनी लाइफ को एंजाय
करने लगा
अब तो मुझे अच्छी नींद आने लगी
ओफिस मे जब भी ओवरटाइम होता तो रेशमा की जम कर चुदाई करता
उसको प्रमोट भी कर दिया
अब तो वो जहाँ चाहे वहाँ चुदाई करने को तैयार होती है पिछले हफ्ते तो उसको एक ड्रेस भी गिफ्ट की
मेरे आग बुझाने का इंतज़ाम हो गया था
बड़ी हॉट चीज़ थी ऑफीस वाली रेशमा भी
पर पड़ोसन मिल जाती तो मज़ा आ जाता
धीरे धीरे मैं ने अपनी पड़ोसन को भुला दिया
कभी कभी नज़र से नज़र मिलती पर मैं वैसे ही चुप चाप चला जाता
वो भी मुझे घूर कर देखती
रेशमा की चुदाई को एक महीना हो गया
मैं वापस मुंबई की लाइफ को एंजाय करने लगा
इस बीच सनडे को तो पूरा दिन खाली रहता
सनडे की कभी कभी मूवी देखने जाता लेकिन इस सनडे को मैं रूम पर ही रुका
शाम मे मैं हमेशा की तरह नीचे गार्डन मे घूमने आ गया
आज छुट्टी होने से जल्दी घूमने आ गया

बच्चे गार्डन मे फूटबाल खेल रहे थे
फुटबॉल मेरा मनपसंद गेम था
मैं उनका गेम देख रहा था साथ ही सोसायटी की लड़कियो को लाइन भी मार रहा था
इस बीच जो बच्चे फुटबॉल खेल रहे थे उनका फुटबॉल फुट गया
बॉल कार के नीच आ जाने से फुट गया
अच्छे बच्चे खेल रहे थे तो उनका खेलना बंद हो गया
बच्चे नाराज़ हो गये
तभी मैं ने बच्चों से बात की
अवी- दूसरा बॉल लाकर खेलो
बच्चे- भैया हमारे पास एक ही बॉल था वो ही फुट गया अब तो खेलना बंद कुछ दिन.
अवी- ऐसे कैसे खेलना बंद , चलो मैं लेकर देता हूँ
बच्चे- आप क्यूँ देंगे
अवी- क्यूँ कि मैं भी खेलूँगा ,
बच्चे- आप खेल सकते है हमारे साथ अगर आप बॉल खरीद कर दोगे तो
और मैं ने एक बच्चे को पैसे दिए तो वो भाग कर पास की शॉप से फुटबॉल लेकर आ गया
और मैं भी बच्चों के साथ फुटबॉल खेलने लगा
मैं बचपन से ये गेम खेलते आ रहा था
अच्छी प्रॅक्टीस थी मेरी जिस से सब मेरे खेल देख कर इंप्रेशन हुए
बच्चे तो तारीफ करने लगे कि उनको भी ऐसे सीखना है
मैने बच्चों के साथ दोस्ती कर ली
अब जब भी बोर हो जाउन्गा तो बच्चो के साथ फुटबॉल खेल लूँगा
गार्डन मे आई लड़किया भी मेरे गेम को देखने लगी
बड़ा मज़ा आ रहा था
गोल पे गोल हो रहे थे
बहुत दिनो बाद बच्चों के साथ खेलने से मज़ा आ रहा था
काफ़ी देर तक हम खेलते रहे
पर फुटबॉल ऐसा गेम है कि बस खेलते रहने का दिल करता है
हम अंधेरा होने के बाद भी स्ट्रीट लाइट मे खेलते रहे
इस बीच मैं ने जोरदार किक मारी
ताक़त लगाने से किक पे कंट्रोल नही रहा
और बॉल रोड पर चला गया
और बॉल सीधा जाकर एक औरत की गंद पे लगा
वो औरत तो गिरते गिरते बच गयी
बच्चे तो इस से डर गये
मैं बॉल लाने और सॉरी बोलने जा रहा था कि वो औरत हमारे तरफ देखने लगी
बस यही बाकी रह गया था
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RE: रेशमा - मेरी पड़ोसन - by Vikram@ - 11-07-2019, 02:05 PM



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