11-07-2019, 01:31 AM
अध्याय 30
सुबह सुबह का समय था और पूर्वी और गौरव जिम में गए हुए थे,गौरव के दिमाग में अब भी मालती के कहे शब्द गूंज रहे थे,वो दूर से ही रफीक और रोहन को पूर्वी से हँस हँस कर बाते करता हुआ देख रहा था..
“क्या हुआ गौरव जी दिल में जलन हो रही है क्या ..”
सपना ने इठलाते हुए कहा जिससे गौरव का पारा और भी बढ़ गया था..
“कल लेब क्यो नही आयी थी ..??”
“क्यो मेरे बिना मन नही लगता क्या ?”सपना ने उसे चिढ़ाया,लेकिन गौरव मजाक के मूड में बिल्कुल भी नही था
“अगर तुम अपना काम सही तरीके से नही करोगी तो मैं तुम्हे प्रोजेक्ट से निकाल दूंगा,और हमे टेस्टिंग के लिए लोग चाहिए जो तुम्हारा जिम्मा है ..”
गौरव की बात सुनकर सपना थोड़ी चौकी
“टेस्टिंग अभी से ??”
“हा तुम्हारा ध्यान तो ना जाने कहा रहता है,मैंने कुछ सेम्पल तैयार कर लिए है और उसकी टेस्टिंग भी करवानी पड़ेगी तभी रिजल्ट समझ आएगा ,आज मेरे सर में बहुत ही दर्द है किसी अच्छे और भरोसेमंद डॉ को जानती हो ..”
सपना का दिमाग खटकने लगा था
“भरोसेमंद मतलब..”
“हमे टेस्टिंग के समय एक डॉ की भी जरूरत पड़ने वाली है ,कोई ऐसा जो भरोसेमंद हो ,तुम्हारे तो बहुत कनेक्सन है इस सिटी में तुम ही कोई डॉ ढूंढ कर लाओ “
सपना सोच में पड़ गई
“डॉ पांडे न्यूरोलॉजिस्ट है उनकी मेरे पिता जी से बहुत बनती यही वो चलेंगे..”
गौरव कुछ देर सोचा..
“लेकिन वो तो बहुत ही बड़े डॉ है फीस जायद लेंगे,और क्या वो भरोसेमंद होंगे”
“फीस की आप चिंता मत कीजिये वो मैं देख लुंगी ,और रही भरोसे की बात तो वो मुझे अच्छे से जानते है “
“लेकिन लेब की कोई बात लीक नही होनी चाहिए हम दोनों की जान पर आफत आ सकती है यही नही सिक्युरिटी केस भी बन सकता है ..”
सपना ने हामी भरी लेकिन उसके दिमाग में अब भी कई सवाल मचल रहे थे..
“ठीक तो आज उसे लेकर आ जाओ लेब...कुछ सवाल जवाब करना होगा उनसे “
“हमको खुद ही जाना होगा वंहा ,”
“ओके,तो एक घंटे में मिलो मेरे घर के सामने,आज मेरा जिम में मूड नही लग रहा है,अब तो काम खत्म करके ही आऊंगा “
गौरव पूर्वी की तरफ देख कर बोला और जल्दी से ही निकल गया…
*********
कुछ ही देर के बाद वो डॉ पांडे के हॉस्पिटल में थे…
“तो तुम कह रहे हो की तुम इसका प्रयोग इंसानों पार कर के दिखना चाहते हो “
“जी डॉ”
“लेकिन इसके लिए तो हमे स्पेसल परमिशन लेनी पड़ेगी “
“बिना परमिशन के ये नही हो सकता??? क्योकि मैं इसे राज ही रहने देना चाहता हु “
“ऐसा कैसे हो सकता है अगर किसी की जान चली गई या कोई गंभीर बीमारी हो गई तो “
पांडे के चहरे में गंभीर भाव उमड़ रहे थे
“डॉ किसी और पर नही अगर ये मैं अपने ही ऊपर टेस्ट करू तो,आपको बस मेरा निरक्षण करना होगा और अगर कोई प्रॉब्लम हुई तो उसे हल करना होगा”
गौरव की बात सुनकर दोनों ही अचंभित हो गए थे…
“लेकिन गौरव इसमें बहुत ही खतरा है,अभी हम आधे में ही पहुचे है “
सपना बोल पड़ी
“जितना हमने इसे बना लिया है उतना ही काफी है और दो दिन से मैं इसपर पर्सनली काम कर रहा हु ,समय आ गया है की अब इसे टेस्ट किया जाए “
गौरव ने इतने कांफिडेंस के साथ कहा था की सपना और डॉ दोनों ही सोच में पड़ गए थे…….
*******
वो लेब से निकल कर अपना समान लेकर हॉस्पिटल के एक कमरे में पहुच चुके थे,सपना उन कागजो को बड़े ही ध्यान से देख रही थी उसे यकिन नही हो रहा था की गौरव ने इतना काम एक ही दिन में कर डाला है,वो नए केमिकल फार्मूलों को देख कर दंग थी ,उसे बहुत कुछ समझ ही नही आ रहा था,सबसे ज्यादा जरूरी चीज ये थी की आखिर गौरव की बनाई ये दवाई इंसानों पर कैसे असर करेगी ,वो खुद ही इसे अपने ऊपर टेस्ट करना चाहती थी लेकिन डॉ चुतिया ने उसे पहले ही से ही समझा रखा था की गौरव की बनाई किसी भी दवाई पर वो कभी भरोसा मत करे…
गौरव ने इसे एक इंजेक्सन के रूप में बनाया था,डॉ पांडे और सपना की मौजूदगी में आखिर उसने वो इंगजेक्सन अपने अंदर डाल लिया..
गौरव अभी बिस्तर में लेटा हुआ था और मशीनों द्वारा उसकी सांसे ,उसकी धड़कन ,और उसके मस्तिष्क से निकलने वाले तरंगों की जांच की जा रही थी,इंगजेक्शन लिए हुए आधे घंटे हो चुके थे लेकिन अभी तक गौरव को कुछ भी महसूस नही हो रहा था,सब कुछ बिल्कुल ही नार्मल था,कभी कभी उसकी हार्टबीट बढ़ जाती लेकिन फिर वो नार्मल हो जाता था,कभी कभी उसके मानसिक तरंगे अत्यंत ही विचलित हो जाते लेकिन कुछ ही सेकंड में फिर से नार्मल हो जाते,डॉ पांडे भी कोई भी परिणाम निकालने में असमर्थ थे,गौरव आँखे बंद कीये लेटा हुआ था अचानक उसने अपनी आंखे खोली…
“कुछ पता चला डॉ…”
“नही सब कुछ सामान्य ही लग रहा है “
“हम्म ओके मुझे लगता है की अब हमे चलना चाहिए..”
गौरव बेड से उठा और बाहर निकल गया..उसके पीछे सपना भी दौड़ती हुई पहुची ..
“गौरव तुम्हे कुछ भी फील नही हो रहा..”
“अभी तक तो नही ..खैर छोड़ो सब समान लेब में पहुचा दो ,मेरे ख्याल से हमे थोडा और काम करने की जरूरत है “
इतना कहकर गौरव मायूसी के साथ वंहा से निकल गया था..
***********
गौरव अपने घर में बैठा हुआ शराब पी रहा था तभी दरवाजा खुला और पूर्वी अंदर आयी,शाम हो चुकी थी और पूर्वी अपने काम से बिल्कुल ही थक चुकी थी वो भी आकर सोफे में धड़ाम से बैठ गई ,उसने गौरव के चहरे को ध्यान से देखा ,उसकी आंखे लाल थी,उसका शरीर भी ऐसा लग रहा था जैसे किसी को बेहद जोरो से बुखार आ गया हो ,वो उसके पास पहुची और उसके माथे को छुआ वो सच में तप रहा था..
“गौरव तुम्हे तो बुखार है “
“आ गई मादरचोद अपने यारो से चुदवाकर “
गौरव ई बात सुनकर मानो पूर्वी को सांप सूंघ गया हो ,वो बेहद ही डर गई थी उसे लगा जैसे गौरव के शरीर से कोई और ही शख्स उससे बात कर रहा है ,गौरव ने कभी उससे इस तरीके से बात नही की थी ….
“गौरव तुम पागल हो गए हो क्या ये क्या बक रहे हो “
“मैं बक रहा हु ,तू साली रांड उस कमीने की बीवी है ना तो खून तो असर दिखायेगा ही ,तेरा बाप कभी कविता को धमकाया करता था ,साली तू भी उसी का खून है “
गौरव के आंखों में ना जाने कितना नशा था ,पूर्वी बेहद ही डर गई थी उसकी भुजाये फड़कने लगी थी
“मार डालूंगा तुझे भी और तेरे बाप के तीनो दोस्तो को भी,क्या बोला था तेरे बाप ने मुझे भिखारी की औलाद अब बताता हु की ये भिखारी अब क्या कर सकता है”
गौरव ने पास ही रखी हुई बोतल तोड़ी और पूर्वी की ओर झपटा,पूर्वी को कुछ भी समझ नही आया,उसका ये रूप दानवों जैसा था,वो गुस्से से लाल हुआ जा रहा था,पूर्वी दरवाजे की ओर भागने को हुई लेकिन पास ही रखे सोफे से टकराकर गिर गई ,गौरव अब पूर्वी के पैरों के ही पास था,कमरे में लगे बड़े से दर्पण में उसका शरीर पूरी तरह से दिख रहा था,गौरव की नजर उस दर्पण पर पड़ी और अचानक ही उसकी आंखों में कई और भाव आने लगे..
“कविता...तूने ये क्या कर दिया ,देख मैं कैसा हो गया हु ,मैं दैत्य बन गया हु,काश तूने मुझे वो पूरा फार्मूला बताया होता तो ये नही होता..”
गौरव अजीब तरह से रो रहा था,तभी पूर्वी को अहसास हुआ की दरवाजा खुला हुआ है,उसकी ये पुरानी आदत थी की वो दरवाजे को बंद करना भूल जाती थी,और शायद ये गंदी आदत आज उसके लिए किसी वरदान सी लग रही थी,सामने रफीक खड़ा गौरव को ही देख रहा था,उसके साथ बल्ला और रोहन भी थे..
गौरव की नजर कांच से जाकर सीधे ही उन तीनो पर पड़ी..
“ओह तो इस रंडी को बचाने उसके यार आये है “
“गौरव ये सब क्या है “रफीक की आवाज भी कांप रही थी उसे कुछ समझ नही आ रहा था की आखिर ये क्या हो रहा है ,
“वो सब बाद में समझूंगा पहले तुम पूर्वी को बचाओ और इसे सम्हालो “सपना की बात सुनते ही तीनो मर्द गौरव पर टूट पड़े सपना ने पीछे से सामने आते हुए पूरी को तुरंत ही बाहर निकाला और सीधे गाड़ी में बिठा दिया ..
“ये सब क्या है सपना “
“पता नही शायद दवा का साइड इफेक्ट ,आज ही गौरव ने इसे इंजेक्ट किया था लेकिन दोपहर में उसे कुछ भी नही हुआ था,जब मैंने डॉ चूतिया को ये बताया तो उसने गौरव पर नजर रखने के लिए कहा,दोपहर से शाम हो गए लेकिन गौरव घर से बाहर ही नही आया था,मैं अपने कुछ आदमियों के साथ आसपास ही थी ,तभी तुम रफीक रोहन और बल्ला के साथ यंहा आ गई ,तुम्हे छोड़कर वो बात कर रहे थे लेकिन आवाज सुनकर वो भी दरवाजे की तरफ भागे,”
पूर्वी कुछ पूछती उससे पहले ही घर के अंदर से चीखे आनी शुरू हो गई थी,रोहन बुरी तरह से जख्मी हो कर बाहर निकला,वंहा घमासान मचा हुआ था,सपना ने तुरंत अपने आदमियों को अंदर भेजा जो की 5 थे..
अंदर बल्ला और रफीक की भी हालत गौरव ने मार मार कर खराब कर रखी थी ..
“मादरचोद इस साले चूतिये को क्या हो गया जो ये इतना ताकतवर हो गया साला बउरा गया है क्या “बल्ला बुरी तरह से झुंझला गया था,दोनों ही अव्वल दर्जे के गुंडे थे लेकिन गौरव ने उनकी भी फाड़ कर रख दी थी ..
तभी 5 लोग और भी अंदर आये गौरव कमरे के एक कोने में खड़ा था वही बाकी उसकी ओर देखते हुए खड़े थे,नए आये पाँचो लोगो ने बन्दूखे तान ली थी जिसे देखकर गौरव बस मुस्कुरा रहा था..
“नही नही इसे गोली मत मारना “रफीक ने उनसे कहा
“नही मरेंगे तो साला हमे मार देगा”उसमें से एक ने कहा लेकिन अगले ही पल गौरव ने पास रखी आलमारी को उनके ऊपर ऐसे फेका जैसे कोई खिलौना हो ..सभी उससे बचने के लिए भागे और गोलियां चलाने लगे लेकिन गौरव दौड़ता हुआ आया और रफीक को पकड़ कर खिड़की से बाहर कूद चुका था, वो रफीक को किसी बच्चे की तरह उठा कर भाग रहा था ,बाकी लोग बस गोलियां ही बरसाते रहे और वो गायब हो गया………...
सुबह सुबह का समय था और पूर्वी और गौरव जिम में गए हुए थे,गौरव के दिमाग में अब भी मालती के कहे शब्द गूंज रहे थे,वो दूर से ही रफीक और रोहन को पूर्वी से हँस हँस कर बाते करता हुआ देख रहा था..
“क्या हुआ गौरव जी दिल में जलन हो रही है क्या ..”
सपना ने इठलाते हुए कहा जिससे गौरव का पारा और भी बढ़ गया था..
“कल लेब क्यो नही आयी थी ..??”
“क्यो मेरे बिना मन नही लगता क्या ?”सपना ने उसे चिढ़ाया,लेकिन गौरव मजाक के मूड में बिल्कुल भी नही था
“अगर तुम अपना काम सही तरीके से नही करोगी तो मैं तुम्हे प्रोजेक्ट से निकाल दूंगा,और हमे टेस्टिंग के लिए लोग चाहिए जो तुम्हारा जिम्मा है ..”
गौरव की बात सुनकर सपना थोड़ी चौकी
“टेस्टिंग अभी से ??”
“हा तुम्हारा ध्यान तो ना जाने कहा रहता है,मैंने कुछ सेम्पल तैयार कर लिए है और उसकी टेस्टिंग भी करवानी पड़ेगी तभी रिजल्ट समझ आएगा ,आज मेरे सर में बहुत ही दर्द है किसी अच्छे और भरोसेमंद डॉ को जानती हो ..”
सपना का दिमाग खटकने लगा था
“भरोसेमंद मतलब..”
“हमे टेस्टिंग के समय एक डॉ की भी जरूरत पड़ने वाली है ,कोई ऐसा जो भरोसेमंद हो ,तुम्हारे तो बहुत कनेक्सन है इस सिटी में तुम ही कोई डॉ ढूंढ कर लाओ “
सपना सोच में पड़ गई
“डॉ पांडे न्यूरोलॉजिस्ट है उनकी मेरे पिता जी से बहुत बनती यही वो चलेंगे..”
गौरव कुछ देर सोचा..
“लेकिन वो तो बहुत ही बड़े डॉ है फीस जायद लेंगे,और क्या वो भरोसेमंद होंगे”
“फीस की आप चिंता मत कीजिये वो मैं देख लुंगी ,और रही भरोसे की बात तो वो मुझे अच्छे से जानते है “
“लेकिन लेब की कोई बात लीक नही होनी चाहिए हम दोनों की जान पर आफत आ सकती है यही नही सिक्युरिटी केस भी बन सकता है ..”
सपना ने हामी भरी लेकिन उसके दिमाग में अब भी कई सवाल मचल रहे थे..
“ठीक तो आज उसे लेकर आ जाओ लेब...कुछ सवाल जवाब करना होगा उनसे “
“हमको खुद ही जाना होगा वंहा ,”
“ओके,तो एक घंटे में मिलो मेरे घर के सामने,आज मेरा जिम में मूड नही लग रहा है,अब तो काम खत्म करके ही आऊंगा “
गौरव पूर्वी की तरफ देख कर बोला और जल्दी से ही निकल गया…
*********
कुछ ही देर के बाद वो डॉ पांडे के हॉस्पिटल में थे…
“तो तुम कह रहे हो की तुम इसका प्रयोग इंसानों पार कर के दिखना चाहते हो “
“जी डॉ”
“लेकिन इसके लिए तो हमे स्पेसल परमिशन लेनी पड़ेगी “
“बिना परमिशन के ये नही हो सकता??? क्योकि मैं इसे राज ही रहने देना चाहता हु “
“ऐसा कैसे हो सकता है अगर किसी की जान चली गई या कोई गंभीर बीमारी हो गई तो “
पांडे के चहरे में गंभीर भाव उमड़ रहे थे
“डॉ किसी और पर नही अगर ये मैं अपने ही ऊपर टेस्ट करू तो,आपको बस मेरा निरक्षण करना होगा और अगर कोई प्रॉब्लम हुई तो उसे हल करना होगा”
गौरव की बात सुनकर दोनों ही अचंभित हो गए थे…
“लेकिन गौरव इसमें बहुत ही खतरा है,अभी हम आधे में ही पहुचे है “
सपना बोल पड़ी
“जितना हमने इसे बना लिया है उतना ही काफी है और दो दिन से मैं इसपर पर्सनली काम कर रहा हु ,समय आ गया है की अब इसे टेस्ट किया जाए “
गौरव ने इतने कांफिडेंस के साथ कहा था की सपना और डॉ दोनों ही सोच में पड़ गए थे…….
*******
वो लेब से निकल कर अपना समान लेकर हॉस्पिटल के एक कमरे में पहुच चुके थे,सपना उन कागजो को बड़े ही ध्यान से देख रही थी उसे यकिन नही हो रहा था की गौरव ने इतना काम एक ही दिन में कर डाला है,वो नए केमिकल फार्मूलों को देख कर दंग थी ,उसे बहुत कुछ समझ ही नही आ रहा था,सबसे ज्यादा जरूरी चीज ये थी की आखिर गौरव की बनाई ये दवाई इंसानों पर कैसे असर करेगी ,वो खुद ही इसे अपने ऊपर टेस्ट करना चाहती थी लेकिन डॉ चुतिया ने उसे पहले ही से ही समझा रखा था की गौरव की बनाई किसी भी दवाई पर वो कभी भरोसा मत करे…
गौरव ने इसे एक इंजेक्सन के रूप में बनाया था,डॉ पांडे और सपना की मौजूदगी में आखिर उसने वो इंगजेक्सन अपने अंदर डाल लिया..
गौरव अभी बिस्तर में लेटा हुआ था और मशीनों द्वारा उसकी सांसे ,उसकी धड़कन ,और उसके मस्तिष्क से निकलने वाले तरंगों की जांच की जा रही थी,इंगजेक्शन लिए हुए आधे घंटे हो चुके थे लेकिन अभी तक गौरव को कुछ भी महसूस नही हो रहा था,सब कुछ बिल्कुल ही नार्मल था,कभी कभी उसकी हार्टबीट बढ़ जाती लेकिन फिर वो नार्मल हो जाता था,कभी कभी उसके मानसिक तरंगे अत्यंत ही विचलित हो जाते लेकिन कुछ ही सेकंड में फिर से नार्मल हो जाते,डॉ पांडे भी कोई भी परिणाम निकालने में असमर्थ थे,गौरव आँखे बंद कीये लेटा हुआ था अचानक उसने अपनी आंखे खोली…
“कुछ पता चला डॉ…”
“नही सब कुछ सामान्य ही लग रहा है “
“हम्म ओके मुझे लगता है की अब हमे चलना चाहिए..”
गौरव बेड से उठा और बाहर निकल गया..उसके पीछे सपना भी दौड़ती हुई पहुची ..
“गौरव तुम्हे कुछ भी फील नही हो रहा..”
“अभी तक तो नही ..खैर छोड़ो सब समान लेब में पहुचा दो ,मेरे ख्याल से हमे थोडा और काम करने की जरूरत है “
इतना कहकर गौरव मायूसी के साथ वंहा से निकल गया था..
***********
गौरव अपने घर में बैठा हुआ शराब पी रहा था तभी दरवाजा खुला और पूर्वी अंदर आयी,शाम हो चुकी थी और पूर्वी अपने काम से बिल्कुल ही थक चुकी थी वो भी आकर सोफे में धड़ाम से बैठ गई ,उसने गौरव के चहरे को ध्यान से देखा ,उसकी आंखे लाल थी,उसका शरीर भी ऐसा लग रहा था जैसे किसी को बेहद जोरो से बुखार आ गया हो ,वो उसके पास पहुची और उसके माथे को छुआ वो सच में तप रहा था..
“गौरव तुम्हे तो बुखार है “
“आ गई मादरचोद अपने यारो से चुदवाकर “
गौरव ई बात सुनकर मानो पूर्वी को सांप सूंघ गया हो ,वो बेहद ही डर गई थी उसे लगा जैसे गौरव के शरीर से कोई और ही शख्स उससे बात कर रहा है ,गौरव ने कभी उससे इस तरीके से बात नही की थी ….
“गौरव तुम पागल हो गए हो क्या ये क्या बक रहे हो “
“मैं बक रहा हु ,तू साली रांड उस कमीने की बीवी है ना तो खून तो असर दिखायेगा ही ,तेरा बाप कभी कविता को धमकाया करता था ,साली तू भी उसी का खून है “
गौरव के आंखों में ना जाने कितना नशा था ,पूर्वी बेहद ही डर गई थी उसकी भुजाये फड़कने लगी थी
“मार डालूंगा तुझे भी और तेरे बाप के तीनो दोस्तो को भी,क्या बोला था तेरे बाप ने मुझे भिखारी की औलाद अब बताता हु की ये भिखारी अब क्या कर सकता है”
गौरव ने पास ही रखी हुई बोतल तोड़ी और पूर्वी की ओर झपटा,पूर्वी को कुछ भी समझ नही आया,उसका ये रूप दानवों जैसा था,वो गुस्से से लाल हुआ जा रहा था,पूर्वी दरवाजे की ओर भागने को हुई लेकिन पास ही रखे सोफे से टकराकर गिर गई ,गौरव अब पूर्वी के पैरों के ही पास था,कमरे में लगे बड़े से दर्पण में उसका शरीर पूरी तरह से दिख रहा था,गौरव की नजर उस दर्पण पर पड़ी और अचानक ही उसकी आंखों में कई और भाव आने लगे..
“कविता...तूने ये क्या कर दिया ,देख मैं कैसा हो गया हु ,मैं दैत्य बन गया हु,काश तूने मुझे वो पूरा फार्मूला बताया होता तो ये नही होता..”
गौरव अजीब तरह से रो रहा था,तभी पूर्वी को अहसास हुआ की दरवाजा खुला हुआ है,उसकी ये पुरानी आदत थी की वो दरवाजे को बंद करना भूल जाती थी,और शायद ये गंदी आदत आज उसके लिए किसी वरदान सी लग रही थी,सामने रफीक खड़ा गौरव को ही देख रहा था,उसके साथ बल्ला और रोहन भी थे..
गौरव की नजर कांच से जाकर सीधे ही उन तीनो पर पड़ी..
“ओह तो इस रंडी को बचाने उसके यार आये है “
“गौरव ये सब क्या है “रफीक की आवाज भी कांप रही थी उसे कुछ समझ नही आ रहा था की आखिर ये क्या हो रहा है ,
“वो सब बाद में समझूंगा पहले तुम पूर्वी को बचाओ और इसे सम्हालो “सपना की बात सुनते ही तीनो मर्द गौरव पर टूट पड़े सपना ने पीछे से सामने आते हुए पूरी को तुरंत ही बाहर निकाला और सीधे गाड़ी में बिठा दिया ..
“ये सब क्या है सपना “
“पता नही शायद दवा का साइड इफेक्ट ,आज ही गौरव ने इसे इंजेक्ट किया था लेकिन दोपहर में उसे कुछ भी नही हुआ था,जब मैंने डॉ चूतिया को ये बताया तो उसने गौरव पर नजर रखने के लिए कहा,दोपहर से शाम हो गए लेकिन गौरव घर से बाहर ही नही आया था,मैं अपने कुछ आदमियों के साथ आसपास ही थी ,तभी तुम रफीक रोहन और बल्ला के साथ यंहा आ गई ,तुम्हे छोड़कर वो बात कर रहे थे लेकिन आवाज सुनकर वो भी दरवाजे की तरफ भागे,”
पूर्वी कुछ पूछती उससे पहले ही घर के अंदर से चीखे आनी शुरू हो गई थी,रोहन बुरी तरह से जख्मी हो कर बाहर निकला,वंहा घमासान मचा हुआ था,सपना ने तुरंत अपने आदमियों को अंदर भेजा जो की 5 थे..
अंदर बल्ला और रफीक की भी हालत गौरव ने मार मार कर खराब कर रखी थी ..
“मादरचोद इस साले चूतिये को क्या हो गया जो ये इतना ताकतवर हो गया साला बउरा गया है क्या “बल्ला बुरी तरह से झुंझला गया था,दोनों ही अव्वल दर्जे के गुंडे थे लेकिन गौरव ने उनकी भी फाड़ कर रख दी थी ..
तभी 5 लोग और भी अंदर आये गौरव कमरे के एक कोने में खड़ा था वही बाकी उसकी ओर देखते हुए खड़े थे,नए आये पाँचो लोगो ने बन्दूखे तान ली थी जिसे देखकर गौरव बस मुस्कुरा रहा था..
“नही नही इसे गोली मत मारना “रफीक ने उनसे कहा
“नही मरेंगे तो साला हमे मार देगा”उसमें से एक ने कहा लेकिन अगले ही पल गौरव ने पास रखी आलमारी को उनके ऊपर ऐसे फेका जैसे कोई खिलौना हो ..सभी उससे बचने के लिए भागे और गोलियां चलाने लगे लेकिन गौरव दौड़ता हुआ आया और रफीक को पकड़ कर खिड़की से बाहर कूद चुका था, वो रफीक को किसी बच्चे की तरह उठा कर भाग रहा था ,बाकी लोग बस गोलियां ही बरसाते रहे और वो गायब हो गया………...
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