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Nand ki training
#4
(07-07-2019, 08:19 AM)aaman298 Wrote: उन्होंने अपना लण्ड सुपाड़े तक बाहर निकालकर फिर धीमे-धीमे, रस लेते हुये, मेरी कसी बुर में कसकर रगड़ते हुए, अन्दर पेलना शुरू किया। मजे में मेरी चूचियां कड़ी होकर पत्थर की तरह हो गयी थीं। एक हाथ से उन्होंने मेरे रसीले जोबन का रस लेना शुरू किया और दूसरे से मेरी मस्त होती क्लिट को कसकर छेड़ना शुरू किया।
उह्ह… उह्ह… उह्ह्ह… रस में मैं सिसक रही थी। अब मैं भी रह-रह के उनके लण्ड को अपनी चूत में कसकर सिकोड़ ले रही थी, और उनके हर धक्के का जवाब मेरे चूतड़ धक्के से दे रहे थे।
उनके धक्कों की रफ्तार भी धीरे-धीरे बढ़ रही थी, और थोड़ी ही देर में धका पेल चुदाई चालू हो गयी। ओह्ह… आह्ह… उफ्फ सटासट सटासट कभी वह जोर-जोर से आल्मोस्ट बाहर तक निकाल के पूरा एक झटके में अन्दर डाल देते और कभी पूरा अंदर घुसेड़कर वह सिर्फ धक्के देते कभी थोड़ा लण्ड बाहर निकालकर, मुठठी में पकड़कर कसकर मेरी बुर में गोल-गोल घुमाते। मेरी दोनों चूचियां कस-कस के अब रगड़ी, मसली जा रही थीं। कभी मस्ती में आकर मेरे भरे-भरे गुलाबी गालों को काट भी लेते। मैंने भी कसकर सोफे को पकड़ रखा था और खूब कस-कस के पीछे की ओर उनके धक्के के साथ धक्का लगाती। आधे घन्टे से भी ज्यादा फुल स्पीड में इस तरह चोदने के बाद जाकर वो कहीं झड़े।
मेरी हालत खराब थी। मैंने कुर्ते को ठीक करने की कोशिश की पर उन्होंने मुझे कपड़े पहनने नहीं दिया और उसी हालत में अपनी गोद में उठाकर बेडरूम में लेजाकर बेड पर लिटा दिया। खुद वो वहीं पेग बनाने लगे- “छोटा चाहिये या बड़ा?” मुझसे उन्होंने पूछा।
“मेरे लिये पटियाला बनाना…” शरारत से गोल-गोल आँखें नचाकर मैं बोली। और हां कल अपने मायके के लिये दो बड़ी बोतल, ओल्ड मांक और जिन की रख लेना।
“वहां किसके लिये?”
“तुम्हारी बहनों और मेरी छिनाल ननदों के लिये, उन्हें रमोला बनाकर और लिम्का में मिलाकर पिलाऊँगी और चूतड़ मटका मटकाकर नचवाऊँगी…”
“तुम्हारी गुड्डी के रसीले उभारों के नाम पर…” कहकर मैंने जाम टकरा कर चियर्स किया, और पेग खतम होते ही राजीव को अपने बगल में लिटा लिया। मैं उठकर उसकी टांगों के बीच में आधे खड़े लण्ड के पास गयी।
ओह्ह… मैंने अपने बारे में तो बताया ही नहीं, मैं 5’6” लम्बी, एकहरे बदन की पर गदरायी, गुदाज मांसल, गोरी हूं। मेरे काले लम्बे बाल मेरे नितम्बों तक आते हैं। मेरी फिगर 36डी-30-38 है और मेरे उभार बिना ब्रा के भी उसी तरह तने रहते है, और… वहां मैं कभी उसे ट्रिम रखती हूं और कभी सफाचट। और हां… वह अभी भी इत्ती कसी है ना कि ‘उन्हें’ उत्ती ही मेहनत करनी पड़ती है, जित्ती हनीमून में करनी पड़ती थी।
मैंने अपने घने लंबे काले बालों से उनके शिश्न को सहलाया और फिर उसे, अपने रेशमी जुल्फों में बांध कर प्यार से हल्के से सहलाया। थोड़ी ही देर में वह उत्तेजित हो उठा। पर मैं इत्ती आसानी से थोड़े ही छोड़ने वाली थी। मैंने अपने रसीले गुलाबी होंठों से धीरे-धीरे, उनके सुपाड़े से चमड़े को हटाया। सुपाड़ा, खूब मोटा, गुस्से से लाल कड़ा, लग रहा था। मैंने उसे पहले तो प्यार से एक छोटी सी चुम्मी दी और फिर जीभ से उसे हल्के-हल्के चाटना शुरू कर दिया।
उत्तेजना से राजीव की हालत खराब थी।
पर मैं कहां रुकने वाली थी। मैंने थोड़ी देर उसे अपने मस्त होंठों के बीच लेके लाली पाप की तरह चूसा और फिर जीभ की नोक उनके सुपाड़े के ‘पी-होल’ में घुसाकर उन्हें और तंग करना शुरू कर दिया। मैं जैसे उनके उत्तेजित लण्ड से बात कर रही होंऊँ, वैसे कहने लगी- “हे, बहुत मस्त हो रहे हो ना, कल तुम्हें एक नया माल दिलवाऊँगी, एकदम सेक्सी टीन माल है…”
“क्या बोल रही हो?” राजीव ने पूछा।
“तुम चुपचाप पड़े रहो, मैं अपने ‘इससे’ बात कर रही हूं, तुम्हारे मायके पहुंच कर इसे क्या मिलेगा, ये बता रही हूं…” मैं मुश्कुराकर बोली।
“अरे तुम गुड्डी के पीछे पड़ी रहती हो, वह अभी छोटी है, भोली है अभी तो इंटर में पहुंची है।
“चोर की दाढ़ी में तिनका, अरे मैंने उसका नाम तो लिया नहीं तुमने खुद कबूल कर लिया की वह माल वही है, और फिर ‘इंटर में पहुँची है’ इसका मतलब? इंटरकोर्स के लायक हो गयी है…”



ARE BHAI KYON PARESHAAN HO RAHA HAI, 

NANAD KI SPELLING TAK TO LIKHI NAHI JA RAHI TUMSE

KOMAL DARLING YAHIN ISI FORUM PE HAIN

WO SAMBHAL LENGI,  TUM POGO DEKHO...
नशीली आँखें
वो प्यार क्या जो लफ्ज़ो में बयाँ हो 
प्यार वो है जो आँखों में नज़र आए!!
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Messages In This Thread
Nand ki training - by aaman298 - 07-07-2019, 07:53 AM
RE: Nand ki training - by aaman298 - 07-07-2019, 08:19 AM
RE: Nand ki training - by Nasheeliaankhein - 09-07-2019, 02:42 PM
RE: Nand ki training - by anwar.shaikh - 07-07-2019, 02:50 PM



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