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Adultery लवली फ़ोन सेक्स
#2
8 महीने पहले मेरे एग्जाम्स चल रहे थे.
मेरा पहला एग्जाम आया और चला गया.. ऐसे ही दूसरा एग्जाम आया, हम एग्ज़ॅमिनेशन हॉल में बैठे थे की थोड़ी देर में एक टीचर आई, उसकी ड्यूटी थी, बस उसको देखते ही मेरी नज़र आन्सर शीट से हटकर उसके उपर ही लगी रही, मैं इधर उधर देखने के बहाने उसको देखता रहता था. उसकी हाइट 5.6 इंच, हैल्थी थी, बूब्स मोटे मोटे थे और जब किसी से बात करते हुए हँसी थी तो ऐसा लगता था की बोल रही हो- "प्लीज़ मुझे चोदो ना" वो ना तो बहुत सुंदर थी और ना ही बहुत सेक्सी बस एकदम मस्त माल था.
उसकी वजह से मेरी एग्जाम मैं लिखने की स्पीड भी स्लो हो गयी. उसे हमारी आन्सर शीट साइन करनी होती थी जब भी हू मेरे साथ वाली बेंच पर झुक कर किसी और की शीट साइन कर रही होती थी तो मैं उसके मोटे मोटे हिप्स को तिरछी निगाहों से देखता रहता था जिससे कोई और ना देख ले ओरजब वो मेरे बेंच पर आती तो मैं उसके बूब्स पर नज़र रखता था, उसकी बूब्स की लाइन सूट मैं से एकदम चूत की लाइन जैसे लगती थी. उसे देखते देखते मेरा 2, 3, 4th एग्जाम भी चले गये. फिफ्थ एग्जाम तक तो मैं उसे एग्जाम रूम मैं बैठे बैठे कई बार सपनों मैं चोद चुका था.
सबसे ज़्यादा मुझे उसकी चुचियाँ, हिप्स और स्माइल पसंद आई बस मन करता था की उन्ही को देखता रहूं और मौका लगे तो खा जाऊं . खैर हुमारा 5th एग्जाम चल रहा था और सब एग्जाम रूम मैं बैठे अपनी आन्सर शीट्स भर रहे थे और मैं भी, मैं बीच बीच मैं सिर उठा कर उसको देख लेता. वो चेयर पर अपने दोनो हाथ अपने बूब्स के नीचे रख कर बैठी थी जैसे कमर से रस्सी कस लेते हैं जिससे उसके बूब्स उसके हाथों पर आराम से बैठे थे. मैने उसे कई बार देखा, थोड़ी देर बाद मैं सिर उठा कर कहीं और देखने लगा और मैं उसे देखने ही लगा था की मैने उसे देखा वो मुझे देख रही है और हंसते हुए इशारा कर रही है की – “लिख लो”. थोड़ी देर बाद हू सबकी शीट्स साइन करते हुए मेरी पास आई और धीरे से हंसते हुए बोली की - “लिख भी लिया करो कुछ बस इधर उधर ही देखते रहते हो”, मैने तो कुछ एक्सपेक्ट भी नहीं किया था की वो मुझसे कुछ बोलेगी मैं तो बस सांत्वे आसमान पर पहुँच गया जब उसके प्यारे से होंठों को हिलते हुए देखा और वो कातिल स्माइल.....
अगर वो कुछ और देर बोलती तो उसके होंठ अपने होंठ से पकड़ लेता,
मैं कुछ बोल ही नहीं पाया और वो चली गयी. मैं उस दिन पूरे एग्जाम मैं मुस्कुराता रहा. फिर हमारा लास्ट 6th एग्जाम
बचा था, मैं वोही सब दोहराता रहा जो मैं पिछले 5 एग्जाम से कर रहा था. वो मेरी पास वाली रो मैं राउण्ड लगा रही थी आगे - पीछे, मैं निगाहें उँची कर कर के उसको देख रहा, वो घूमी और उसके निगाहें मेरे से टकराई और वो मुस्कुरा दी और मैं भी अंजान बन कर मुस्कुरा दिया.
मेरा आज मन कर रहा था की इससे बात करूँ और इसका नंबर माँग लूँ अब चाहे जो हो.. लास्ट एग्जाम ही है ज़्यादा से ज़्यादा क्या कर लेगी एग्जाम कॅन्सल कर देगी गुस्से मैं आकर और क्या होगा नेक्स्ट इयर दे दूँगा फिर से एग्जाम एक ही तो है
( सच मैं दोस्तों ये ठरक इंसान को कुछ भी करने पर मजबूर कर देती है) पर सवाल ये था की उसका नंबर कब और कैसे माँगूँ. मैने पहले कभी ऐसा नहीं करा था मैं तो बस शरीफ़ सा सेक्स स्टोरी पड़ने वाला और BF देखने वाला लड़का था जिसने आज तक रियल मैं चूत नहीं देखी थी तो उससे नंबर कैसे माँगता और क्या कह कर माँगता मेरी यही सोच कर फट रही थी,
तभी मैने सोचा की क्यूँ ना इससे एग्ज़ॅम रूम मैं ही नंबर मांग लेता हूँ शायद ये वहाँ कुछ ना बोले क्यूंकी सब होते हैं तो कम से कम उसके गुस्से से तो बचा रहूँगा और हाँ अगर भड़क गयी तो बस मैं गया पर फिर वोही सवाल की कैसे?????????? थोड़ी देर बाद हू मेरे डेस्क पर आई साइन करने और मुझे बोली – “ बस देखते रहते हो लिख भी लिया करो कुछ शैतान” मैं हंस दिया कुछ नहीं बोला और जल्दी से क्वेस्चन पेपर को एक साइड से मोड़ा और उस पर “नंबर ” लिख दिया. उसने पहले मुझे 2 सेकेंड देखा की ये मैने क्यूँ लिखा है देन उसने क्वेस्चन पेपर पर जल्दी से अपना नंबर लिख दिया और मेरी आन्सर शीट पर साइन कर के चली गयी.
उसका नंबर अपने क्वेस्चन पेपर पर देख कर तो मेरे होश ही उड़ गये ऐसा लगा की जैसे बस वो मेरे सामने नंगी पड़ी है और बोल रही की प्लीज़ “ विशाल चोदो ना मुझे जान, अपनी वर्जिनिटी मुझे दे दो ”. बस उसका नंबर लेते ही मेरे मन मैं ये हुआ की बस जल्दी से एग्ज़ॅम ख़तम हो और मैं उससे फोन पर बात करूँ क्यूंकी वहाँ सबके सामने मैं बात नहीं कर सकता था. उस दिन मै अपने फ्रेंड्स से क्वेस्चन पेपर डिसकस करे बिना ही घर चला गया. और शाम होने का वेट करता रहा क्यूंकी वो दिन मैं कॉलेज मैं ही होती थी वो टीचर जो थी वहाँ. फिर शाम को 7 बजे मैने डरते हुए उसका नंबर डायल किया .
टेलिफोनिक कॉन्वर्सेशन:
मे: हेलो, गुड ईव्निंग मेम
शी: हू इस दिस ?
मे: मेम आपने नहीं पहचाना?
शी: सॉरी नहीं पहचाना, कैन यू प्लीस टेल में हु आर यु ?
मे: मेम .... मैं शैतान
शी: (थोडा सोच कर) ओह. हहेहेहहेहेहेहेः. तो तुम हो मिस्टर.
मे: (हंसते हुए) येस मेम ... मैं हूँ.
शी: तो मिस्टर. कैसे हुए एग्जाम ? अच्छे तो नहीं हुए होंगे कुछ लिखते ही नहीं तुम बस इधर उधर ही देखते रहते हो हर टाइम.
मे: नो मेम ऐसी बात नहीं है,लिखता भी हूँ हाँ बस लिखते लिखते बोर हो जाता हूँ तो बीच मैं सबको देख लेता हूँ की सब क्या कर रहे हैं.
शी: ओह, तो मिस्टर. बोर हो जाते हैं एग्जाम करते करते, इन्हे हर वक़्त एंटरटेनमेंट चाहिए, हैं
मे: येस मेम ..
शी: और तुम्हे नंबर लेने के लिए वही टाइम और जगह मिली थी?
मे: सॉरी मेम
शी: अरे बाबा पूछ रही हूँ, गुस्सा नहीं हूँ
मे: ओके मेम , एक्चुअली मेम बाद में पता नहीं होता आप दिखती नहीं है सो मैने सोचा की रिस्क क्यूँ लूँ
शी: ओह, पर मेरा नंबर तुम्हे किसलिए चाहिए था?
मे: मेम आपसे बात करने का मन था इसीलिए..
शी: मुझसे? क्यूँ भाई मैने क्या करा है?
मे: मेम , बस मेरा मन करा तो ले लिया, अगर आपको बात नहीं करनी तो इट्स ओक (सेड टोन)
शी: अरे भोंदू मेरे कहने का ये मतलब थोड़ी ना था , बस ऐसे ही पूछ लिया तुम तो बुरा ही मान गये,भोंदू हो एक नंबर के ..
मे: ( हंसते हुए) ओके मेम थॅंक्स, मेम जस्ट वांटेड टू बी युवर फ्रेंड
शी: ओह, बिलकुल.. डियर, यूर नेम इस विशाल ना?
मे: येस मेम , म म मेम मैं आआपका नाम जान सकता हूँ प्लीज़? सिग्नेचर मैं समझ नहीं आया था.
शी: (हंसते हुए) या श्योर.....अंशिका गर्ग.
मे: नाइस नेम अंशिका मेम
आंशिका: थॅंक्स डियर.
आंशिका: अछा सुनो आई हॅव टू वर्क नाउ थोड़ी देर बाद बात करते हैं, ओक?
मे: यॅ श्योर मेम एज यू से
अंशिका : थॅंक्स डियर
मे: मेन्षन नोट मेम , वी आर फ्रेंड्स आफ्टर ऑल
अंशिका : या !
मे: मेम , शुड आई कॉल यूं लेटर ओर ओन्ली टुमॉरो,
अंशिका : (सोच कर) म्म्म्मम चलो मैं मेसेज कर दूँगी तब कॉल कर लेना ओके
मे: ओके मेम .
अंशिका : ओके बाइ फॉर नाउ. BYएईई
मे: बाइ मेम .
बस उसके फोन रखते ही मेरा मन तो सातवें आसमान पर पहुँच गया , लगा की जन्नत मिल गयी मुझे, कभी किसी लड़की को फ्रेंड बना कर इतनी खुशी नहीं हुई जितनी आज उसे बनाकर हुई थी, तभी मुझे महसूस हुआ की कहीं दर्द हो रहा है, नीचे देखा तो मेरी जीन्स मैं लोड़ा एक दम सीधा खड़ा था और जीन्स टाइट होने की वजह से उसके हेड में पेन हो रहा था. मैंने जल्दी से कपड़े बदले कंप्यूटर ओन करा और नेट से स्टोरीस और बी ऍफ़ देखने लगा और उस दिन मैने 3 बार लगातार मूठ मारी.

अपडेट २
उसने फिर मुझे रात को 9 बजे मेसेज करा – “ या आई एम् फ्री नाउ, तुम फोन कर सकते हो. ”
मैंने फोन किया.
मे : हेलो मेम
अंशिका : या हेलो डियर !
अंशिका : खाना खा लिया?
मे: नहीं
अंशिका : क्यूँ? कब खाओगे?
मे : अभी मन नहीं है, आपने खा लिया?
आंशिका: हाँ बना भी लिया और खा भी लिया
मे: ओक, तो आप खाना भी बना लेती हैं….
आंशिका: क्या मतलब?
मे : मुझे लगा की बस स्टूडेंट्स को डांटना ही आता है.
आंशिका: नहीं ऐसी बात नहीं है, स्टूडेंट्स को कौन डांटना चाहता है बस कुछ शैतान स्टूडेंट्स होते हैं
मे : ह्म्*म्म्मममममम, शैतान स्टूडेंट्स को डांट कहाँ पसंद है मेम , हहेहहहे
आंशिका: हहेहहे, ह्म ये तो है, और ये मेम मेम क्या लगा रखा है कभी तो फ्रेंड बोलते हो और फिर मेम भी बोलते हो, डिसाइड कर लो की स्टूडेंट बनना है या फ्रेंड?
मे: जो आपको ठीक लगे मेर्को तो बस आपसे बातें करनी है
आंशिका: ओह, मिस्टर. बतुनी, नाओ जस्ट कॉल मे आंशिका, ओक? वी आर जस्ट फ्रेंड्स
मे: (खुश होते हुए) ओके आंशिका
बस फिर हम तू तड़क पर आगये और हमारी दोस्ती ने नया मोड़ लिया
आंशिका: और बता क्या करेगा अब हॉलिडेज़ मैं अब?
मे: कुछ नहीं यार, देखता हूँ
आंशिका: घूमने वूमने नहीं जा रहा कहीं दोस्तों के साथ?
मे: हाँ, देखूँगा कोई प्लान बना तो
मे: तुम बताओ, कॉलेज कब तक जाना है?
आंशिका: आई एम् टीचर... स्टूडेंट्स तो हैं नहीं जो की हूमें हॉलिडेज़ मिलेंगी इतनी, हूमें तो जाना ही है
मे: ओके...सो सेड ..
आंशिका: डियर इस सेड्नेस की सेलरी मिलती है
मे: कितनी मिलती है?
आंशिका: आई गेट 22k पर मंथ
मे: नाइस यार
आंशिका: थॅंक्स
आंशिका: तुम्हारे घर मैं कौन कौन है?
मे: मैं और मेरी तन्हाई, हहहे
आंशिका: मज़ाक मत करो बताओ
मे: हहेहहेः, मैं और मेरे मोम डेड , नो सिब्लिंग्स
अँहसिका: ओक अलोन चाइल्ड
मे: और तुम्हारे घर मैं?
आंशिका: मैं और मेरी छोटी सिस...एंड मोम डेड एंड ग्रॅंडमदर.
मे: ओक, नाइस
मेरा तो मान खुश हो गया साली की छोटी बहन भी है, अगर इसकी मिल गयी तो शायद उसकी भी मिल जाए,फिर मैने उसकी छोटी सिस के बारे मैं पूछा
मे: तुम्हारी छोटी सिस क्या करती है,
आंशिका : उसने अभी 12th पास करी है
मे: ओक, सो तुम्हारी तरह टीचर बनना है उसे भी क्या?
आंशिका: नो , उसे नहीं पसंद टीचिंग जॉब, उसके पास साइन्स साइड है तो उसी मैं कुछ करेगी
मे: गुड, क्या नाम है आपकी छोटी सिस का
आंशिका: कनिष्का
मे: आपके मोम डेड की दाद देनी होगी , चुनकर नाम रखे हैं दोनो बेटियों के, आंशिका एंड कनिष्का, उनके दो उनमोल रतन न
आंशिका: हहेहहेहेहेः, थॅंक्स, सो स्वीट ऑफ यू
मे: मेन्षन नोट
आंशिका: सोते कब हो?
मे: क्यूँ नींद आ रही है क्या?
आंशिका: नहीं पूछ रही हूँ
मे : देर से ही सोता हूँ और अब तो एक नया दोस्त मिल गया है तो शायद और देर से सोउन..
आंशिका: ह्म्*म्म्मम, क्यूँ सिर्फ़ मैं ही हूँ क्या दोस्त और कोई नहीं है? तुम्हारी गर्ल फ्रेंड तुम्हे फोन नहीं करती
मे: GF? उसके पास मेरा नंबर नहीं है और मेरे पास उसका
आंशिका: हैं??????? ये कैसे जीएफ बीएफ हो तुम? बात कैसे करते हो तुम लोग
मे: अरे है ही नहीं मेरी कोई जीएफ
आंशिका: हे भगवान, तो सीधे सीधे नहीं बोल सकते. वैसे लगता नहीं की तुम्हारी कोई जीएफ ही नहीं है.
मे: क्यूँ मैं क्या सलमान ख़ान हूँ?
आंशिका: नहीं फिर भी ऐसे ह, चलो तुम कहते हो तो मान लेती हूँ, दोस्त से झूठ थोड़ी ना बोलॉगे, राईट ?
मे: येस मेम
आंशिका: फिर मेम ? मैं बात नहीं करूँगी अब
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RE: लवली फ़ोन सेक्स - by diyabiswas85 - 06-07-2019, 11:16 AM



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