06-07-2019, 01:20 AM
तकरीबन 10 मिनट तक मेरी रूपाली दीदी की गांड में जुनैद भी अपना लंड बरसाया... उसका तरीका भी असलम की तरह ही जालिम वाला था पर वह इतनी गालियां नहीं दे रहा था.. बल्कि वह मदहोश लग रहा है... मेरी दीदी अभी भी घोड़ी बनी हुई थी और उनके हाथ अभी भी पीछे बंधे हुए थे.... मेरी दीदी का प्रतिरोध अब बिल्कुल भी नहीं था.... प्रतिरोध करने का कुछ फायदा भी नहीं था.... उनकी और हमारी इज्जत जो बर्बाद होनी थी वह तो हो चुकी थी... उनकी आंखें बंद थी और हर झटके के साथ उनका पूरा शरीर आगे पीछे हो रहा था और चूचीयां हिल रही थी....
मदहोशी के आलम में जुनैद मेरी रूपाली दीदी के ऊपर सवार होकर उनकी गर्दन को चाटे जा रहा था और अपनी मनमर्जी से उनकी गांड में धक्के मारे जा रहा था....
आईईईईइ स्स्सीईईईईइ में मर गई .... ऊउईईईइ माँ... प्लीज मेरे हाथ खोल दो... बहुत दर्द हो रहा है... अचानक दीदी ने पीछे मुड़ के बड़ी मुश्किल से अपने मुंह से आवाज निकाली.... दीदी का चेहरा ठीक जुनैद के चेहरे के सामने था....
हाय मेरी जान को दर्द हो रहा है? चला खोल देता हूं तेरे हाथ... साली तू नखरे दिखा रही थी इसलिए तो तेरे हाथ बांधने पड़े थे... वरना हम बड़े प्यार से लेते हैं... मेरी छम्मक छल्लो... पहले मुझे चुम्मा तो दे देना.... जुनैद ने बड़े कामुक अंदाज में कहाा और मेरी दीदी के होठों को अपने होठों में लेकर चूसने लगा... उसने अपनी जुबान मेरी दीदी के मुंह में ठेल दी... मजबूरी में उसकी जुबान को चूसने लगी थी मेरी दीदी... दीदी ने भी अपनी जीभ बाहर निकाल लि... फिर दोनों की जुबान आपस में लड़ने लगी.... जब चुंबन का दौर खत्म हुआ ...मेरी दीदी की आंखें लाल हो चुकी थी.... जुनैद को बहुत ज्यादा जोश आ गया था... एक हाथ से उसने मेरी दीदी को अपनी बाहों में जकड़ लिया दूसरे हाथ से उसने मेरी दीदी की चुत को रगड़ने लगा, यहां तक कि उसने अपनी दो उंगलियां मेरी दीदी की चुत मे घुसा दी और अंदर-बाहर करने लगा... उसका मोटा मुसल तो पहले से ही मेरी दीदी की गांड में अंदर बाहर हो रहा था....
उईइइइइइइइइइ माँ , प्लीज लगता है ,माँ ओह्ह आह बहोत जोर से नहीईईईई बहोत दर्द उईईईईईई माँ ........ मेरी रूपाली दीदी की कामुक सिसकियां और उनके मुंह से निकल रही अजीबोगरीब आवाज सारा माहौल बयां कर रही थी... मेरे मन में अब कोई भी संदेह नहीं रह गया था कि कहीं ना कहीं मेरी दीदी भी आनंद ले रही हैं जुनैद की हरकतों का..... जुनैद भी समझ चुका था... जुनैद ने अपनी दोनों उंगलियां मेरी दीदी की चुत से बाहर निकाल कर मुझे दिखाई.. जो मेरी दीदी की चुतरस सब बिल्कुल गिरी हुई पड़ी थी... जुनैद ने आंखों आंखों में मेरी तरफ देखते हुए कहा.... साले तेरी बहन की चुत अब लौड़ा मांग रही है....
साले तेरी दीदी की चुत का भोसड़ा बनाऊंगा एक बार फिर .... तू चुपचाप देख और मजे ले.... ज्यादा नाटक किया तो तेरी भी गांड मार लूंगा.... शर्म से मेरी नजरें झुक गई फिर से....
पर उसने मुझ पर और ज्यादा ध्यान नहीं दिया बल्कि उसने मेरी रूपाली दीदी की गांड में से अपना लोड़ा निकाल लिया....
जुनैद ने एक बार फिर से मेरी दीदी को नीचे जमीन पर सूखी घास पर पटक दिया.... उसने मेरी दीदी की दोनों टांगें उठा कर अपने कंधे पर रख ली.... फिर उसने मेरी दीदी की चुत पर अपना मोटा मुसल टिका दिया.... एक जबरदस्त झटके के साथ ही उसका मोटा लौड़ा मेरी दीदी की चुत को रगड़ता पूरा का पूरा जड़ तक अंदर समा चुका था...
...उईइइइइइइइइइ माँ , प्लीज ैमाँ ओह्ह आह नहीईईईई
मदहोशी के आलम में जुनैद मेरी रूपाली दीदी के ऊपर सवार होकर उनकी गर्दन को चाटे जा रहा था और अपनी मनमर्जी से उनकी गांड में धक्के मारे जा रहा था....
आईईईईइ स्स्सीईईईईइ में मर गई .... ऊउईईईइ माँ... प्लीज मेरे हाथ खोल दो... बहुत दर्द हो रहा है... अचानक दीदी ने पीछे मुड़ के बड़ी मुश्किल से अपने मुंह से आवाज निकाली.... दीदी का चेहरा ठीक जुनैद के चेहरे के सामने था....
हाय मेरी जान को दर्द हो रहा है? चला खोल देता हूं तेरे हाथ... साली तू नखरे दिखा रही थी इसलिए तो तेरे हाथ बांधने पड़े थे... वरना हम बड़े प्यार से लेते हैं... मेरी छम्मक छल्लो... पहले मुझे चुम्मा तो दे देना.... जुनैद ने बड़े कामुक अंदाज में कहाा और मेरी दीदी के होठों को अपने होठों में लेकर चूसने लगा... उसने अपनी जुबान मेरी दीदी के मुंह में ठेल दी... मजबूरी में उसकी जुबान को चूसने लगी थी मेरी दीदी... दीदी ने भी अपनी जीभ बाहर निकाल लि... फिर दोनों की जुबान आपस में लड़ने लगी.... जब चुंबन का दौर खत्म हुआ ...मेरी दीदी की आंखें लाल हो चुकी थी.... जुनैद को बहुत ज्यादा जोश आ गया था... एक हाथ से उसने मेरी दीदी को अपनी बाहों में जकड़ लिया दूसरे हाथ से उसने मेरी दीदी की चुत को रगड़ने लगा, यहां तक कि उसने अपनी दो उंगलियां मेरी दीदी की चुत मे घुसा दी और अंदर-बाहर करने लगा... उसका मोटा मुसल तो पहले से ही मेरी दीदी की गांड में अंदर बाहर हो रहा था....
उईइइइइइइइइइ माँ , प्लीज लगता है ,माँ ओह्ह आह बहोत जोर से नहीईईईई बहोत दर्द उईईईईईई माँ ........ मेरी रूपाली दीदी की कामुक सिसकियां और उनके मुंह से निकल रही अजीबोगरीब आवाज सारा माहौल बयां कर रही थी... मेरे मन में अब कोई भी संदेह नहीं रह गया था कि कहीं ना कहीं मेरी दीदी भी आनंद ले रही हैं जुनैद की हरकतों का..... जुनैद भी समझ चुका था... जुनैद ने अपनी दोनों उंगलियां मेरी दीदी की चुत से बाहर निकाल कर मुझे दिखाई.. जो मेरी दीदी की चुतरस सब बिल्कुल गिरी हुई पड़ी थी... जुनैद ने आंखों आंखों में मेरी तरफ देखते हुए कहा.... साले तेरी बहन की चुत अब लौड़ा मांग रही है....
साले तेरी दीदी की चुत का भोसड़ा बनाऊंगा एक बार फिर .... तू चुपचाप देख और मजे ले.... ज्यादा नाटक किया तो तेरी भी गांड मार लूंगा.... शर्म से मेरी नजरें झुक गई फिर से....
पर उसने मुझ पर और ज्यादा ध्यान नहीं दिया बल्कि उसने मेरी रूपाली दीदी की गांड में से अपना लोड़ा निकाल लिया....
जुनैद ने एक बार फिर से मेरी दीदी को नीचे जमीन पर सूखी घास पर पटक दिया.... उसने मेरी दीदी की दोनों टांगें उठा कर अपने कंधे पर रख ली.... फिर उसने मेरी दीदी की चुत पर अपना मोटा मुसल टिका दिया.... एक जबरदस्त झटके के साथ ही उसका मोटा लौड़ा मेरी दीदी की चुत को रगड़ता पूरा का पूरा जड़ तक अंदर समा चुका था...
...उईइइइइइइइइइ माँ , प्लीज ैमाँ ओह्ह आह नहीईईईई