05-07-2019, 06:07 PM
अपडेट - 20
रानी: सोनी, ओ सोनिया सुन ना यार....
सोनिया: ह्म्म्मssss, क्या है यार क्यों परेशान कर रही हो।
रानी: सोनिया क्या तुमने कोई वादा किया था चंचल से?
सोनिया: क्या?? मैं? नो वे, मैं उस से कोई वादा क्यों करूँगी।
रानी: तो फिर तुम्हारे पास चंचल का मैसेज आया?
सोनिया : हाँ! पर मैंने सोचा तुमने कुछ?
रानी: नहीं यार पता नही ये चंचल अब क्या करवाना चाहती है?
तभी रानी के मोबाइल पर चंचल का फ़ोन आ जाता है।
अब आगे.....
रानी: तो फिर तुम्हारे पास चंचल का मैसेज आया?
सोनिया : हाँ! पर मैंने सोचा तुमने कुछ?
रानी: नहीं यार पता नही ये चंचल अब क्या करवाना चाहती है?
तभी रानी के मोबाइल पर चंचल का फ़ोन आ जाता है।
अब आगे.......
रानी: हेलो! हाँ चंचल जी, बोलिये। क्या ? अभी नहीं नहीं कोई प्रॉब्लम नही है ओके ओके, डन जी मैं वेट कर रही हूँ।
सोनिया: क्या हुआ?
रानी: चंचल आ रही है। पता नहीं अब क्या करवाएगी।
सोनिया: लेटस सी। भगवान करे ये साल जल्दी खत्म हो जाये और हम लोग सीनियर हो जाएं।
रानी सोनिया की तरफ देखती है और हंसती है।
रानी: हाँ जानती हूँ। ताकि तू भी सीनियर्स की तर्ज जूनियर्स की रैगिंग ले सके।
दोनो बहने आपस मे बातें करते हुए हँसने लग जाती है।
वहीं दूरी और राज अपने कमरे में आईना निकाल कर उसे कुछ देने के बारे में सोच रहा था।
राज: हम्म हैं ये सही होगा। " ए आईने में तुम्हे तुम्हे आज मेरे हिस्से का खाना देता हूँ जो मेरे आज दोपहर के खाने का हिस्सा है।"
राज इतना बोलकर खाने की प्लेट को आईने के ऊपर रख देता है। देखते ही देखते आईना पूरी थाली निगल गया और आईने का गिलास हल्के नील रंग की बिजली की तरह चमकने लगा।
राज: आईने मुझे अपने बारे में सब बताओ...
आईना राज का हुकूम मिलते ही उसे नानि वाली कहानी दिखा देता है। जिससे राज को यकीन हो जाता है कि हां वो कहानी सच थी।
राज: अब आईने मुझे वो दिखाओ जो राजकुमारी नैना के साथ हुआ तुम्हारा इस्तेमाल करने के बाद।
आईने में एक भयंकर तूफान से आया और राज उस आईने में घुस गया। और फिर राज ने देखा, " राजकुमारी नैना आईने के इस्तेमाल से सारे समाज को और अपने राज को खुशहाल बनाने में जुटी हुई थी। राज कुमारी नैना दुश्मन की सारी चाल पहले से जान लेती और युद्ध जीत जाती। समय के साथ साथ राजकुमारी को आईने से इतना लगाव हो गया कि राज कुमारी हर वक़्त आईने को अपने पास रखने लगी। आईने में मैं जडे पत्थर उन तांत्रिकों की इच्छा के प्रतीक है ये बात भी राजकुमारी भूल गयी थी। जब भी राज कुमारी आईने को अपने सीने के ऊपर रखती राजकुमारी के स्तन मैं एक अजीब सी झनझनाहट होने लगती।
और फिर वो झनझनाहट धीरे धीरे हवस का रुप ले बैठी।
आईने को दफनाने से 5 माह पूर्व स्व राजकुमारी अपने राज्य के प्रत्येक आदमी से शारीरिक संबंध बना चुकी थी। राजकुमारी अपनी हवस से इतनी अंधी हो गयी थी कि वो बच्चों को भी अपनी हवस का शिकार बनाने लगी। राजकुमारी की आंखों में जो चमक रहती थी वो अब धुंधली हो चुकी थी। और चमक का स्थान अब एक अंधकार ने ले लिया था। जब ये बात राज्य के राज पुरोहित को पता चली तो राज पुरोहित ने नैना से इस बारे में बात की लेकिन नैना कोई बात सुन ने को तैयार नही थी।
लास्ट मैं राज पुरोहित ने नैना से उस आईने को दान देने के लिए बोला जैसे ही नैना दान देने लगी। राज पुरोहित ने नैना को रोका और कहा," इसी वजह से ये आईना तुम्हे काबू करता है, लाओ में बताता हूँ दान कैसे देतें है! इतना बोलकर राज पुरोहित नैना से आईना लेकर नैना के सामने ही अपनी तलवार आईने को दान देता है। आईना पुरोहित के हाथ मे था और दान भी पुरोहित ने दिया था इस लिए आईने ने वो दान स्वीकार कर लिया और पुरोहित ने आईने से कहा, " के आईने मुझे तुम्हे नष्ट करने का तरीका बताओ।
आईने ने तुरंत राज कुमारी नैना की कमर पर बंधी तलवार की छवि राजपुरोहित को दिखा दी। लेकिन जैसे ही राज पुरोहित ने ये आईने के नष्ट करने का सवाल पूछा नैना ने अलनी तलवार निकाल कर राज पुरोहित पर हमला कर दिया। तलवार राजपुरोहित के सीने के आर पार हो चुकी थी। मरने से पहले राज पुरोहित आईने को एक अंतिम दान देता है और बोलता है आईने तुम यहाँ से दूर चले जाओ। इतना दूर की इस युग मे तुन्हें कोई पा ना सके।
राज पूरी कहानी आईने में देखने के बाद तुरंत आईने के बाहर आ जाता है। लगभग एक घंटे से राज आईने में ये सब देख रहा था। लेकिन अभी तक उसे अपने कई सवालों के जवाब नही मीले थे।
राज फिर से आईने से पूछता है।
राज: आईने ये बाता राजकुमारी नैना के राजपुरोहित ने तुम्हे आखिरी दान क्या दिया था।
आईने फिर से वो घटना दिखाता है, राज उसे देख कर चोंक जाता है क्योंकि राज पुरोहित ने दान में राजकुमारी नैना दे दी थी। और राज कुमारी धीरे धीरे धुंध में बदल कर उस आईने में समा गई और फिर अपना रूप उस आईने में धारण कर लिया।
इस तरह से राजपुरोहित ने अपने राज्य की रक्षा खुद अपबे राज्य की राजकुमारी से की थी।
राज कुछ देर खामोश रह कर आईने से पूछता है।
राज: आईने अब ये भी बता दो की मेरे नाना जी का क्या हुआ क्या उन्हें भी तुम मिले थे?
आईने ने एक बार फिर से कहानी शुरू की और राज फिर से आईने घुस गया। राज ने देखा कि राज के नाना जी को आईना एक दिन राजकुकारी नैना के महल में घूमते घूमते मिल गया। क्योंकि वो आईना राज पुरोहित के कहे अनुसार छिप गया था। वो भी राजा के कमरे में, जब राज के नाना घूमने आये तो जिज्ञासा पूर्वक राज के नाना राजा के कमरे में घुस गए वहां उन्हें ये एक बेकार सा आईना मिला, लेकिन जब उन्होंने राजकुमारी नैना की कहानी किसी बुजुर्ग से सुनी तो उन्होंने आईने से अपनी उम्र बढ़ाने के लिए दान दिया अपना एक वेद ग्रंथ जो उन्हें बहुत प्रिय था। आईने ने वो वेद ग्रंथ धारण करने के बाद राज के नाना को बताया कि ज़िन्दगी के बदले ज़िन्दगी का दान स्वीकार होता है।
राज के नाना उस वक़्त बिना सपचे समझे अपने मैन मैं ख्याल राज के दादा दादी का ख्याल करके उन्हें दान देने के बारे में सोचा जिसे आईने ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।और राज के नाना की उम्र बढ़ गयी। लेकिन राज के नाना की उम्र बढ़ने के साथ साथ राज की नानी की तबियत खराब हो गयी। जब इनका उपाय राज के नाना ने आईने से पूछा तो आईने ने कहां की राज के नाना की उम्र बढ़ने से प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया, इस लिए उनकी उम्र बढ़ने के साथ साथ किसी की उम्र घटनी भी थी।
केवल उनकी धर्म पत्नी ही इसका अधिकार रखती थी कि वो उनका सुख दुख बांट सके। इस लिए उनके इस कृत्य का परिणाम उनकी पत्नी को भोगना पड रहा है।
जब राज के नाना को ये बात पता चली तो उन्होंने आईने से राज की नानी की मृत्यु मैं बचे हुए दिन जाने और फिर उन्होंने कुछ और भविष्य देखे और फिर कालू और उसके दोस्तों से मुलाकात हुई, जिन्हें राज के नाना ने कुछ दवाएं दी। इस दौरान राज के नाना ने आईने की मदद से कई औरतों के साथ शारीरिक संबंध भी बनाये।
क्योंकि राज के नाना ने अपनी ज़िंदगी अपनी पत्नी के नाम करने का विचार कर लिया था। इस लिए मरने से पहले वो वो सभी अय्याशियाँ जो वो करना चाहते थे आईने की मदद से कर यह थे। और मरने से पहलव उन्होंने एक बक्शा आईने की मदद से बनाया उसे ज़मीन में गाड़ कर आईने को खुद को दान कर दिया और ऊनी उम्र अपनी उतनी को दे दी और साथ ही ये भी कहा कि मुझे दान में स्वीकार करने के बाद तुम नदी में कहीं छुप जाना।
अब राज को सब समझ आ चुका था कि आईना क्या है। ये आईना आदमी की बुद्धि का हरण कर लेता है। वी सभी अय्याशियां राज के नाना कभी करते ही नहीं लेकिन उन्हें ये सब करने के लिए या उनका विचार करने के लिए आईने ने मजबूर किया था। ठीक वैसे ही जैसे राजकुमारी नैना को किया था।
अब राज आईने से बोलता है कि,
राज: आईने मुझे नानी के गांव में नाना जी के घर पहुंच दे और वहां पर तुम भी मेरे साथ चलना ताकि मैं वापस भी आ सकूँ।
राज के इतना बोलते ही आईने ने राज को खुद मैं खींचा और राज अपने नाना के बैंड कमरे के अंदर आ गया। और थोड़ी ही देर में आईना भी वहां आ गया।
वही दूसरी और चंचल और रानी की बात हो रही थी।
रानी: चंचल मैडम मैंने कौनसी जुबान पूरी नही की?
चंचल: चुदने की!
रानी: व्हाट?
चंचल: भूल गयी तुम दोनों ने क्या कहा था? जब प्रिया के भाई का लन्ड देखा तो तुमने उसका मजाक उड़ाया। और जब मैंने तुम से कहां की तुम लोगो ने प्रिया के भाई का और प्रिया का लिमिट से ज्यादा मजाक उड़ाया है है माफी मांगो, और सजा के तौर पर प्रिया के भाई के लन्ड को चूमो तो तुमने क्या कहा था " किस और मैं नो वे, और इसे तो बिल्कुल भी नही, ये कोई लन्ड नही है, ये तो नूनी है।" तब मैंने कहा था कि फिर तुम किस लन्ड से चुदवाओगी, तब तुमने ही कहा था कि ऐसे लन्ड से चुदूँगी जो देखने पर ही सबकी फाड़ दे।
रानी: ओह वो, हाँ तो सही तो कहां था। और वैसे भी जैसा मैंने कहा था मैं वैसा ही करूँगी, क्योंकि मैंने पहले ही सोच लिया था। कि मैं अपनी वर्जिनिटी अपने पति के अलावा किसी और को नहीं दूंगी सो मैंने ऐसी शर्त रख दी थी।
रानी इतना बोलकर सोनिया को ताली देकर हँसने लगती है।
चंचल: क्यों सोनिया तुमने भी यही कहा था ना?
सोनिया: हाँ!
चंचल: तो तुम दोनों की इज्जत लूटने वाले लन्ड मुझे मिल गया। और याद रखना अगर अब तुम दोनों ने मेरे कहे अनुसार नही किया तो तो जो स्ट्रिप डांस तुम दोनों ने रैगिंग में किया था वो व्हाट्स एप्प , फेस बुक, यू ट्यूब, इंस्टाग्राम सब पर फैल जाएगा।
रानी: क्या???
चंचल: हाँ बिल्कुल मेरी जान ये देखो...
इतना बोलकर चंचल रानि ओर सोनिया को अपने मोबाइल में राज के लन्ड चलचित्र दिखाती है ।
क्यों उड़ गए ना होश....
रानी: बाप रे..... इssतsssनाss.....
तभी सोनिया बोल पड़ती है...
सोनिया: बड़ाssssss
रानी और सोनिया दोनों एक दूसरे की तरफ शॉक से देखती है।
चंचल: बड़ा हि नहीं इसमें दम भी बहुत है। तुम्हे मालूम है मैंने इसकी क्रीम निकाली थी...(हंसते हुए) पागल लड़की मुझे हाथ से वो भी ट्रिपल स्पीड से शेक करने पर भी 15 मिनट से ऊपर ले लिया ये.... इसका मतलब जानती हो....????
रानी और सोनिया सवालिया नज़रों से चंचल की तरफ देखने लगती है।
चंचल: तुम दोनों ना बेवकूफ हो, अरे कम से कम घण्टे पौन घंटे तक मैदान से नहीं हटेगा। लेकिन एक प्रॉब्लम है।
रानी: क्या??(अचानक से चंचल की बात पर रिएक्ट करती है)
चंचल: अरे वाह बड़ी जल्दी है लन्ड लेने की, चल बताती हूँ।(रानी चंचल की बात पर शर्मा जाती है।) ये लड़का ना एक तो 18 या 19 साल का है बिल्कुल तुम्हारे भाई राज की उम्र का, ऊपर से ये बहुत शर्मिला है। तो इसे चुदाई के लिए मनाना ही सबसे बड़ी प्रॉब्लम है। इसे सिड्यूस करना पड़ेगा।
सोनिया: रुको, रुको रुको रुको रुको ! एक मिनट! क्या कहा आपने ? 18 या 19 साल का लड़का? आप मजाक कर रही है, है ना?
चंचल: नहीं! बिल्कुल नहीं! मेरा चेहरा देखो, क्या तुम्हे कहीं से भी ऐसा लगता है कि मैं मजाक कर रही हूँ?
सोनिया ना मैं गर्दन हिला देती है।
चंचल: तो फिर मैं सच बोल रही हूँ, और तुम दोनों को उसे सिड्यूस करना होगा।
रानी: वो सब तो ठीक है लेकिन हम ये सब करेंगी कैसे? और फिर ये है कौन? और आपकी इससे मुलाकात कैसे हुई?
चंचल: ओह गॉड शाम के 7 बज रहे हैं! मुझे निकलना होगा सॉरी यार बाकी बातें काल कॉलेज में होगी, तब तक मैं भी कुछ सोचती हूँ की तुम लोग उस लड़के को सिड्यूस कैसे करोगी। बाय , सी यू
इतना कह कर चंचल रानी और सोनिया के कमरे से बाहर निकल गयी, चंचल तो चली गयी लेकिन रानी और सोनिया को एक अलग बीमारी दे गई। बीमारी, अरे वही गीली होने की! मेरा मतलब जबसे चंचल ने रानी और सोनिया को वो चलचित्र दिखाया था तब से लेकर अब तक रानी और सोनिया गीली हो रही थी। एक तो दोनों वर्जिन ,ऊपर से इनका परिवार इतना छोटा है कि ज्यादा छूट नहीं है इनको और वैसे भी अगर छूट होती भी तो रानी और सोनिया का कॉलेज और कॉलेज के दोस्तों के सिवा कोई और दोस्त भी नहीं है।
दोनों बहनें एक दूसरे को शर्म से देख रही थी। दोनो बहने खुद को कंट्रोल करते हुए अपने कॉमन रूम में जाकर बिस्तर पर लेट जाती है और सोने की कोशिश करने लगती है। लेकिन दोनों जैसे ही अपनी आंखें बंद करती हज उन्हें बार बार बस वही लन्ड का चलचित्र नज़र आता है । दोनों के मन में उसे बार बार देखने की इच्छा जाग रही थी।
तभी चणक से सोनिया उठ कर वाशरूम में जाने लगती है। रानी को सोनिया के उठते ही बैड की चरमरर की आवाज से पता चल जाता है कि सोनिया जाग रही है और कहीं जा रही है।
सोनिया वाशरूम मैं चली जाती है जिसे देख कर रानी तुरंत एक चादर अपने शरीर पर डाल कर अपना पजामा नीचे खिसका कर अपनी चूत सहलाने लगती है।
वहीं दूसरी और सोनिया वाशरूम में जाकर अपना मोबाइल निकाल कर वो चलचित्र देखती है और अपने पजामे मैं हाथ डाल कर अपनी चूत सहलाने लगती है।
आखिर कर चंचल की चंचलाहट ने दोनों बहनों के जिस्म में हवस की चिंगारी लगा ही दी।
करीब आधा घंटे तक दोनों बहनें अपनीं अपनी चूत का पानी निकाल कर अपनी भड़की हुई आग शांत करने की कोशिश करती रही और फिर दोनों बहनें शांत होंकर वापस एक साथ अपने अपने बैड पर लेट जाती है और कुछ ही देर में नींद के आगोश में चली जाती है।
वहीं दूसरी और राज आईने की मदद से अपने नाना के घर पहुंच चुका था।
राज अपने नाना के घर पहुंच कर तुरंत वहां से आईने की मदद से बाहर निकलता है और कालू और अपने बाकी दोस्तों से मिलने के लिए निकल जाता है। राज अपने दोस्तों को ढूंढ ही रह था कि राज एक पल को रुक कर सोचने लगता है।
राजमन मे) ये क्या करने जा रहा है राज। तू ये राज अपने दोस्तों को बताएगा। देखा नहीं आईने की शक्ति ! इसे काबू करने बहुत मुश्किल है शायद नामुमकिन भी हो। और जब इसकी शक्ति को राजकुमारी नैना और तुम्हारे दादाजी दोनो काबू नहीं कर पाए तो क्या तुम्हें लगता है तुम्हारे दोस्त इसमें तुम्हारी मदद कर पाएंगे? या फिर ऐसा भी हो सकता है कि वो लोग आईने के बहकावे में आ जायें और तुमसे इसे छीन ले!
राज अपने मन की सारी बातों को दुत्कारते हुए अपने आप से ही बोलता है " नहीं नहीं मेरे दोस्त ऐसा कभी नहीं करेंगे मुझे उनपर पूरा यकीन है।"
राज का मन:- अच्छा अगर ऐसा है तो तुम अंदर से डरे हुए क्यों हो? मां लो राज ये तुम्हारा है , तुम्हारा अपना जादुई आईना। आज के समय में सोचो ये तुम्हारी क्या क्या ज़रूरतें पूरी नहीं कर सकता। तुम्हे बस इसे इस्तेमाल करना नहीं आता।
राज खुद से: तो क्या मैं इसे अपने पास रखूं? हैं यही सही रहेगा। कितना मजा आयेगा ना जब मैं खुद लोगों को उनकी भविष्यवाणी सुनाऊंगा। मैं फेमस हो जाऊंगा, नहीं नहीं मैं आईने से धन दौलत मांगूंगा तो ये वो भी देगा। ये तो मेरे लिए अल्लादीन के चराग जैसा है।
राज अभी ये सब विचार कर ही रहा था कि वहां पर कालू की बहन लता आ जाती है। लता एक डन से आकर राज का कॉलर पीछे से पकड़ कर ,
लता:- क्यों रे कल मुहे, तेरे घर मे माँ बहन नहीं है जोsssss.... ( राज घूम कर लता की तरफ मुह कर लेता है) राज तुम????? लेकिन तुम तो........
राज: (लता की बात काटते हुए) मुझे तुमसे कोई बात करनी है।
लता:-हैंssss अच्छा ठीक है तो बोलो?
राज: यहां नहीं कहीं और....... (कुछ सोचकर) हाँ तुम मेरे साथ चलो!
राज लता का हाथ पकड़ कर लता को दौड़ाता हुआ के उस स्थान पर ले जाता है जहां पर पिछली बार उसे चट्टान के पीछे छिपी हुई नाव मिली थी। राज लता को वहां लेजा कर चुप जाता है और लता से बोलता है।
राज: लता में कुछ जान ना चाहता हूं अगर तुम .....
लता:- ( हाँफते हुए) रुको.... सांस तो ले लेने दो... इतना तो में खेतों में भी नहीं दौड़ी.... ऐसे भगा कर लाया है तू के मुझे लगा तू मुझसे भाग कर ब्याह करने वाला है।
राज: क्या...??? बस भी करो यार.... मैं रूम्स सच में कोई बात करना चाहता हूँ।
लता अचानक से राज को सीरियस देख कर खुद भी सीरियस हो जाती है। उसने राज को कभी भी इतना परेशान नहीं देखा था। हालांकि लता की राज से ज्यादा नहीं केवल 2 /3 मुलाकात हुई होंगी लेकिन फिर भी चुदाई के बाद से लता राज को कुछ ज्यादा ही जानने लगी थी। लता राज के भोलेपन को भी पसंद करने लगी थी।
लता: अच्छा ठीक है बोलो!
राज: एक बात बताओ अगर तुम्हारे पास कोई ऐसी चीज हो जिसमें तुम किसी को जादू से देख सको चाहे वो कहीं भी क्यों ना हो, यहां तक कि तुम उसे छू भी सको तो तुम क्या करोगी।
लता: क्या ????? ये क्या बच्चों वाला सवाल है।
राज: बताओ ना ये मेरे पढाई में काम आएगा मुझे जादू पर एक प्रोजेक्ट लिख कर कॉलेज में देना है।
लता : - ये क्या होता है??
राज : रहने दो तुम नहीं समझोगी?
लता: वह अच्छा वैसे मैंने भी ग्रेजुएशन कर रखी है शहरी बाबू....
राज: तो बताओ ना यार क्यों फालतू के सवाल जवाब में टाइम वेस्ट के रही हो।
लता: (राज के गले मे बाहें डालते हुए) मेरे राजा पहले ये बताओ वो चीज क्या है और कितनी बड़ी है।
रानी: सोनी, ओ सोनिया सुन ना यार....
सोनिया: ह्म्म्मssss, क्या है यार क्यों परेशान कर रही हो।
रानी: सोनिया क्या तुमने कोई वादा किया था चंचल से?
सोनिया: क्या?? मैं? नो वे, मैं उस से कोई वादा क्यों करूँगी।
रानी: तो फिर तुम्हारे पास चंचल का मैसेज आया?
सोनिया : हाँ! पर मैंने सोचा तुमने कुछ?
रानी: नहीं यार पता नही ये चंचल अब क्या करवाना चाहती है?
तभी रानी के मोबाइल पर चंचल का फ़ोन आ जाता है।
अब आगे.....
रानी: तो फिर तुम्हारे पास चंचल का मैसेज आया?
सोनिया : हाँ! पर मैंने सोचा तुमने कुछ?
रानी: नहीं यार पता नही ये चंचल अब क्या करवाना चाहती है?
तभी रानी के मोबाइल पर चंचल का फ़ोन आ जाता है।
अब आगे.......
रानी: हेलो! हाँ चंचल जी, बोलिये। क्या ? अभी नहीं नहीं कोई प्रॉब्लम नही है ओके ओके, डन जी मैं वेट कर रही हूँ।
सोनिया: क्या हुआ?
रानी: चंचल आ रही है। पता नहीं अब क्या करवाएगी।
सोनिया: लेटस सी। भगवान करे ये साल जल्दी खत्म हो जाये और हम लोग सीनियर हो जाएं।
रानी सोनिया की तरफ देखती है और हंसती है।
रानी: हाँ जानती हूँ। ताकि तू भी सीनियर्स की तर्ज जूनियर्स की रैगिंग ले सके।
दोनो बहने आपस मे बातें करते हुए हँसने लग जाती है।
वहीं दूरी और राज अपने कमरे में आईना निकाल कर उसे कुछ देने के बारे में सोच रहा था।
राज: हम्म हैं ये सही होगा। " ए आईने में तुम्हे तुम्हे आज मेरे हिस्से का खाना देता हूँ जो मेरे आज दोपहर के खाने का हिस्सा है।"
राज इतना बोलकर खाने की प्लेट को आईने के ऊपर रख देता है। देखते ही देखते आईना पूरी थाली निगल गया और आईने का गिलास हल्के नील रंग की बिजली की तरह चमकने लगा।
राज: आईने मुझे अपने बारे में सब बताओ...
आईना राज का हुकूम मिलते ही उसे नानि वाली कहानी दिखा देता है। जिससे राज को यकीन हो जाता है कि हां वो कहानी सच थी।
राज: अब आईने मुझे वो दिखाओ जो राजकुमारी नैना के साथ हुआ तुम्हारा इस्तेमाल करने के बाद।
आईने में एक भयंकर तूफान से आया और राज उस आईने में घुस गया। और फिर राज ने देखा, " राजकुमारी नैना आईने के इस्तेमाल से सारे समाज को और अपने राज को खुशहाल बनाने में जुटी हुई थी। राज कुमारी नैना दुश्मन की सारी चाल पहले से जान लेती और युद्ध जीत जाती। समय के साथ साथ राजकुमारी को आईने से इतना लगाव हो गया कि राज कुमारी हर वक़्त आईने को अपने पास रखने लगी। आईने में मैं जडे पत्थर उन तांत्रिकों की इच्छा के प्रतीक है ये बात भी राजकुमारी भूल गयी थी। जब भी राज कुमारी आईने को अपने सीने के ऊपर रखती राजकुमारी के स्तन मैं एक अजीब सी झनझनाहट होने लगती।
और फिर वो झनझनाहट धीरे धीरे हवस का रुप ले बैठी।
आईने को दफनाने से 5 माह पूर्व स्व राजकुमारी अपने राज्य के प्रत्येक आदमी से शारीरिक संबंध बना चुकी थी। राजकुमारी अपनी हवस से इतनी अंधी हो गयी थी कि वो बच्चों को भी अपनी हवस का शिकार बनाने लगी। राजकुमारी की आंखों में जो चमक रहती थी वो अब धुंधली हो चुकी थी। और चमक का स्थान अब एक अंधकार ने ले लिया था। जब ये बात राज्य के राज पुरोहित को पता चली तो राज पुरोहित ने नैना से इस बारे में बात की लेकिन नैना कोई बात सुन ने को तैयार नही थी।
लास्ट मैं राज पुरोहित ने नैना से उस आईने को दान देने के लिए बोला जैसे ही नैना दान देने लगी। राज पुरोहित ने नैना को रोका और कहा," इसी वजह से ये आईना तुम्हे काबू करता है, लाओ में बताता हूँ दान कैसे देतें है! इतना बोलकर राज पुरोहित नैना से आईना लेकर नैना के सामने ही अपनी तलवार आईने को दान देता है। आईना पुरोहित के हाथ मे था और दान भी पुरोहित ने दिया था इस लिए आईने ने वो दान स्वीकार कर लिया और पुरोहित ने आईने से कहा, " के आईने मुझे तुम्हे नष्ट करने का तरीका बताओ।
आईने ने तुरंत राज कुमारी नैना की कमर पर बंधी तलवार की छवि राजपुरोहित को दिखा दी। लेकिन जैसे ही राज पुरोहित ने ये आईने के नष्ट करने का सवाल पूछा नैना ने अलनी तलवार निकाल कर राज पुरोहित पर हमला कर दिया। तलवार राजपुरोहित के सीने के आर पार हो चुकी थी। मरने से पहले राज पुरोहित आईने को एक अंतिम दान देता है और बोलता है आईने तुम यहाँ से दूर चले जाओ। इतना दूर की इस युग मे तुन्हें कोई पा ना सके।
राज पूरी कहानी आईने में देखने के बाद तुरंत आईने के बाहर आ जाता है। लगभग एक घंटे से राज आईने में ये सब देख रहा था। लेकिन अभी तक उसे अपने कई सवालों के जवाब नही मीले थे।
राज फिर से आईने से पूछता है।
राज: आईने ये बाता राजकुमारी नैना के राजपुरोहित ने तुम्हे आखिरी दान क्या दिया था।
आईने फिर से वो घटना दिखाता है, राज उसे देख कर चोंक जाता है क्योंकि राज पुरोहित ने दान में राजकुमारी नैना दे दी थी। और राज कुमारी धीरे धीरे धुंध में बदल कर उस आईने में समा गई और फिर अपना रूप उस आईने में धारण कर लिया।
इस तरह से राजपुरोहित ने अपने राज्य की रक्षा खुद अपबे राज्य की राजकुमारी से की थी।
राज कुछ देर खामोश रह कर आईने से पूछता है।
राज: आईने अब ये भी बता दो की मेरे नाना जी का क्या हुआ क्या उन्हें भी तुम मिले थे?
आईने ने एक बार फिर से कहानी शुरू की और राज फिर से आईने घुस गया। राज ने देखा कि राज के नाना जी को आईना एक दिन राजकुकारी नैना के महल में घूमते घूमते मिल गया। क्योंकि वो आईना राज पुरोहित के कहे अनुसार छिप गया था। वो भी राजा के कमरे में, जब राज के नाना घूमने आये तो जिज्ञासा पूर्वक राज के नाना राजा के कमरे में घुस गए वहां उन्हें ये एक बेकार सा आईना मिला, लेकिन जब उन्होंने राजकुमारी नैना की कहानी किसी बुजुर्ग से सुनी तो उन्होंने आईने से अपनी उम्र बढ़ाने के लिए दान दिया अपना एक वेद ग्रंथ जो उन्हें बहुत प्रिय था। आईने ने वो वेद ग्रंथ धारण करने के बाद राज के नाना को बताया कि ज़िन्दगी के बदले ज़िन्दगी का दान स्वीकार होता है।
राज के नाना उस वक़्त बिना सपचे समझे अपने मैन मैं ख्याल राज के दादा दादी का ख्याल करके उन्हें दान देने के बारे में सोचा जिसे आईने ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।और राज के नाना की उम्र बढ़ गयी। लेकिन राज के नाना की उम्र बढ़ने के साथ साथ राज की नानी की तबियत खराब हो गयी। जब इनका उपाय राज के नाना ने आईने से पूछा तो आईने ने कहां की राज के नाना की उम्र बढ़ने से प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया, इस लिए उनकी उम्र बढ़ने के साथ साथ किसी की उम्र घटनी भी थी।
केवल उनकी धर्म पत्नी ही इसका अधिकार रखती थी कि वो उनका सुख दुख बांट सके। इस लिए उनके इस कृत्य का परिणाम उनकी पत्नी को भोगना पड रहा है।
जब राज के नाना को ये बात पता चली तो उन्होंने आईने से राज की नानी की मृत्यु मैं बचे हुए दिन जाने और फिर उन्होंने कुछ और भविष्य देखे और फिर कालू और उसके दोस्तों से मुलाकात हुई, जिन्हें राज के नाना ने कुछ दवाएं दी। इस दौरान राज के नाना ने आईने की मदद से कई औरतों के साथ शारीरिक संबंध भी बनाये।
क्योंकि राज के नाना ने अपनी ज़िंदगी अपनी पत्नी के नाम करने का विचार कर लिया था। इस लिए मरने से पहले वो वो सभी अय्याशियाँ जो वो करना चाहते थे आईने की मदद से कर यह थे। और मरने से पहलव उन्होंने एक बक्शा आईने की मदद से बनाया उसे ज़मीन में गाड़ कर आईने को खुद को दान कर दिया और ऊनी उम्र अपनी उतनी को दे दी और साथ ही ये भी कहा कि मुझे दान में स्वीकार करने के बाद तुम नदी में कहीं छुप जाना।
अब राज को सब समझ आ चुका था कि आईना क्या है। ये आईना आदमी की बुद्धि का हरण कर लेता है। वी सभी अय्याशियां राज के नाना कभी करते ही नहीं लेकिन उन्हें ये सब करने के लिए या उनका विचार करने के लिए आईने ने मजबूर किया था। ठीक वैसे ही जैसे राजकुमारी नैना को किया था।
अब राज आईने से बोलता है कि,
राज: आईने मुझे नानी के गांव में नाना जी के घर पहुंच दे और वहां पर तुम भी मेरे साथ चलना ताकि मैं वापस भी आ सकूँ।
राज के इतना बोलते ही आईने ने राज को खुद मैं खींचा और राज अपने नाना के बैंड कमरे के अंदर आ गया। और थोड़ी ही देर में आईना भी वहां आ गया।
वही दूसरी और चंचल और रानी की बात हो रही थी।
रानी: चंचल मैडम मैंने कौनसी जुबान पूरी नही की?
चंचल: चुदने की!
रानी: व्हाट?
चंचल: भूल गयी तुम दोनों ने क्या कहा था? जब प्रिया के भाई का लन्ड देखा तो तुमने उसका मजाक उड़ाया। और जब मैंने तुम से कहां की तुम लोगो ने प्रिया के भाई का और प्रिया का लिमिट से ज्यादा मजाक उड़ाया है है माफी मांगो, और सजा के तौर पर प्रिया के भाई के लन्ड को चूमो तो तुमने क्या कहा था " किस और मैं नो वे, और इसे तो बिल्कुल भी नही, ये कोई लन्ड नही है, ये तो नूनी है।" तब मैंने कहा था कि फिर तुम किस लन्ड से चुदवाओगी, तब तुमने ही कहा था कि ऐसे लन्ड से चुदूँगी जो देखने पर ही सबकी फाड़ दे।
रानी: ओह वो, हाँ तो सही तो कहां था। और वैसे भी जैसा मैंने कहा था मैं वैसा ही करूँगी, क्योंकि मैंने पहले ही सोच लिया था। कि मैं अपनी वर्जिनिटी अपने पति के अलावा किसी और को नहीं दूंगी सो मैंने ऐसी शर्त रख दी थी।
रानी इतना बोलकर सोनिया को ताली देकर हँसने लगती है।
चंचल: क्यों सोनिया तुमने भी यही कहा था ना?
सोनिया: हाँ!
चंचल: तो तुम दोनों की इज्जत लूटने वाले लन्ड मुझे मिल गया। और याद रखना अगर अब तुम दोनों ने मेरे कहे अनुसार नही किया तो तो जो स्ट्रिप डांस तुम दोनों ने रैगिंग में किया था वो व्हाट्स एप्प , फेस बुक, यू ट्यूब, इंस्टाग्राम सब पर फैल जाएगा।
रानी: क्या???
चंचल: हाँ बिल्कुल मेरी जान ये देखो...
इतना बोलकर चंचल रानि ओर सोनिया को अपने मोबाइल में राज के लन्ड चलचित्र दिखाती है ।
क्यों उड़ गए ना होश....
रानी: बाप रे..... इssतsssनाss.....
तभी सोनिया बोल पड़ती है...
सोनिया: बड़ाssssss
रानी और सोनिया दोनों एक दूसरे की तरफ शॉक से देखती है।
चंचल: बड़ा हि नहीं इसमें दम भी बहुत है। तुम्हे मालूम है मैंने इसकी क्रीम निकाली थी...(हंसते हुए) पागल लड़की मुझे हाथ से वो भी ट्रिपल स्पीड से शेक करने पर भी 15 मिनट से ऊपर ले लिया ये.... इसका मतलब जानती हो....????
रानी और सोनिया सवालिया नज़रों से चंचल की तरफ देखने लगती है।
चंचल: तुम दोनों ना बेवकूफ हो, अरे कम से कम घण्टे पौन घंटे तक मैदान से नहीं हटेगा। लेकिन एक प्रॉब्लम है।
रानी: क्या??(अचानक से चंचल की बात पर रिएक्ट करती है)
चंचल: अरे वाह बड़ी जल्दी है लन्ड लेने की, चल बताती हूँ।(रानी चंचल की बात पर शर्मा जाती है।) ये लड़का ना एक तो 18 या 19 साल का है बिल्कुल तुम्हारे भाई राज की उम्र का, ऊपर से ये बहुत शर्मिला है। तो इसे चुदाई के लिए मनाना ही सबसे बड़ी प्रॉब्लम है। इसे सिड्यूस करना पड़ेगा।
सोनिया: रुको, रुको रुको रुको रुको ! एक मिनट! क्या कहा आपने ? 18 या 19 साल का लड़का? आप मजाक कर रही है, है ना?
चंचल: नहीं! बिल्कुल नहीं! मेरा चेहरा देखो, क्या तुम्हे कहीं से भी ऐसा लगता है कि मैं मजाक कर रही हूँ?
सोनिया ना मैं गर्दन हिला देती है।
चंचल: तो फिर मैं सच बोल रही हूँ, और तुम दोनों को उसे सिड्यूस करना होगा।
रानी: वो सब तो ठीक है लेकिन हम ये सब करेंगी कैसे? और फिर ये है कौन? और आपकी इससे मुलाकात कैसे हुई?
चंचल: ओह गॉड शाम के 7 बज रहे हैं! मुझे निकलना होगा सॉरी यार बाकी बातें काल कॉलेज में होगी, तब तक मैं भी कुछ सोचती हूँ की तुम लोग उस लड़के को सिड्यूस कैसे करोगी। बाय , सी यू
इतना कह कर चंचल रानी और सोनिया के कमरे से बाहर निकल गयी, चंचल तो चली गयी लेकिन रानी और सोनिया को एक अलग बीमारी दे गई। बीमारी, अरे वही गीली होने की! मेरा मतलब जबसे चंचल ने रानी और सोनिया को वो चलचित्र दिखाया था तब से लेकर अब तक रानी और सोनिया गीली हो रही थी। एक तो दोनों वर्जिन ,ऊपर से इनका परिवार इतना छोटा है कि ज्यादा छूट नहीं है इनको और वैसे भी अगर छूट होती भी तो रानी और सोनिया का कॉलेज और कॉलेज के दोस्तों के सिवा कोई और दोस्त भी नहीं है।
दोनों बहनें एक दूसरे को शर्म से देख रही थी। दोनो बहने खुद को कंट्रोल करते हुए अपने कॉमन रूम में जाकर बिस्तर पर लेट जाती है और सोने की कोशिश करने लगती है। लेकिन दोनों जैसे ही अपनी आंखें बंद करती हज उन्हें बार बार बस वही लन्ड का चलचित्र नज़र आता है । दोनों के मन में उसे बार बार देखने की इच्छा जाग रही थी।
तभी चणक से सोनिया उठ कर वाशरूम में जाने लगती है। रानी को सोनिया के उठते ही बैड की चरमरर की आवाज से पता चल जाता है कि सोनिया जाग रही है और कहीं जा रही है।
सोनिया वाशरूम मैं चली जाती है जिसे देख कर रानी तुरंत एक चादर अपने शरीर पर डाल कर अपना पजामा नीचे खिसका कर अपनी चूत सहलाने लगती है।
वहीं दूसरी और सोनिया वाशरूम में जाकर अपना मोबाइल निकाल कर वो चलचित्र देखती है और अपने पजामे मैं हाथ डाल कर अपनी चूत सहलाने लगती है।
आखिर कर चंचल की चंचलाहट ने दोनों बहनों के जिस्म में हवस की चिंगारी लगा ही दी।
करीब आधा घंटे तक दोनों बहनें अपनीं अपनी चूत का पानी निकाल कर अपनी भड़की हुई आग शांत करने की कोशिश करती रही और फिर दोनों बहनें शांत होंकर वापस एक साथ अपने अपने बैड पर लेट जाती है और कुछ ही देर में नींद के आगोश में चली जाती है।
वहीं दूसरी और राज आईने की मदद से अपने नाना के घर पहुंच चुका था।
राज अपने नाना के घर पहुंच कर तुरंत वहां से आईने की मदद से बाहर निकलता है और कालू और अपने बाकी दोस्तों से मिलने के लिए निकल जाता है। राज अपने दोस्तों को ढूंढ ही रह था कि राज एक पल को रुक कर सोचने लगता है।
राजमन मे) ये क्या करने जा रहा है राज। तू ये राज अपने दोस्तों को बताएगा। देखा नहीं आईने की शक्ति ! इसे काबू करने बहुत मुश्किल है शायद नामुमकिन भी हो। और जब इसकी शक्ति को राजकुमारी नैना और तुम्हारे दादाजी दोनो काबू नहीं कर पाए तो क्या तुम्हें लगता है तुम्हारे दोस्त इसमें तुम्हारी मदद कर पाएंगे? या फिर ऐसा भी हो सकता है कि वो लोग आईने के बहकावे में आ जायें और तुमसे इसे छीन ले!
राज अपने मन की सारी बातों को दुत्कारते हुए अपने आप से ही बोलता है " नहीं नहीं मेरे दोस्त ऐसा कभी नहीं करेंगे मुझे उनपर पूरा यकीन है।"
राज का मन:- अच्छा अगर ऐसा है तो तुम अंदर से डरे हुए क्यों हो? मां लो राज ये तुम्हारा है , तुम्हारा अपना जादुई आईना। आज के समय में सोचो ये तुम्हारी क्या क्या ज़रूरतें पूरी नहीं कर सकता। तुम्हे बस इसे इस्तेमाल करना नहीं आता।
राज खुद से: तो क्या मैं इसे अपने पास रखूं? हैं यही सही रहेगा। कितना मजा आयेगा ना जब मैं खुद लोगों को उनकी भविष्यवाणी सुनाऊंगा। मैं फेमस हो जाऊंगा, नहीं नहीं मैं आईने से धन दौलत मांगूंगा तो ये वो भी देगा। ये तो मेरे लिए अल्लादीन के चराग जैसा है।
राज अभी ये सब विचार कर ही रहा था कि वहां पर कालू की बहन लता आ जाती है। लता एक डन से आकर राज का कॉलर पीछे से पकड़ कर ,
लता:- क्यों रे कल मुहे, तेरे घर मे माँ बहन नहीं है जोsssss.... ( राज घूम कर लता की तरफ मुह कर लेता है) राज तुम????? लेकिन तुम तो........
राज: (लता की बात काटते हुए) मुझे तुमसे कोई बात करनी है।
लता:-हैंssss अच्छा ठीक है तो बोलो?
राज: यहां नहीं कहीं और....... (कुछ सोचकर) हाँ तुम मेरे साथ चलो!
राज लता का हाथ पकड़ कर लता को दौड़ाता हुआ के उस स्थान पर ले जाता है जहां पर पिछली बार उसे चट्टान के पीछे छिपी हुई नाव मिली थी। राज लता को वहां लेजा कर चुप जाता है और लता से बोलता है।
राज: लता में कुछ जान ना चाहता हूं अगर तुम .....
लता:- ( हाँफते हुए) रुको.... सांस तो ले लेने दो... इतना तो में खेतों में भी नहीं दौड़ी.... ऐसे भगा कर लाया है तू के मुझे लगा तू मुझसे भाग कर ब्याह करने वाला है।
राज: क्या...??? बस भी करो यार.... मैं रूम्स सच में कोई बात करना चाहता हूँ।
लता अचानक से राज को सीरियस देख कर खुद भी सीरियस हो जाती है। उसने राज को कभी भी इतना परेशान नहीं देखा था। हालांकि लता की राज से ज्यादा नहीं केवल 2 /3 मुलाकात हुई होंगी लेकिन फिर भी चुदाई के बाद से लता राज को कुछ ज्यादा ही जानने लगी थी। लता राज के भोलेपन को भी पसंद करने लगी थी।
लता: अच्छा ठीक है बोलो!
राज: एक बात बताओ अगर तुम्हारे पास कोई ऐसी चीज हो जिसमें तुम किसी को जादू से देख सको चाहे वो कहीं भी क्यों ना हो, यहां तक कि तुम उसे छू भी सको तो तुम क्या करोगी।
लता: क्या ????? ये क्या बच्चों वाला सवाल है।
राज: बताओ ना ये मेरे पढाई में काम आएगा मुझे जादू पर एक प्रोजेक्ट लिख कर कॉलेज में देना है।
लता : - ये क्या होता है??
राज : रहने दो तुम नहीं समझोगी?
लता: वह अच्छा वैसे मैंने भी ग्रेजुएशन कर रखी है शहरी बाबू....
राज: तो बताओ ना यार क्यों फालतू के सवाल जवाब में टाइम वेस्ट के रही हो।
लता: (राज के गले मे बाहें डालते हुए) मेरे राजा पहले ये बताओ वो चीज क्या है और कितनी बड़ी है।
बर्बादी को निमंत्रण
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[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
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Hawas ka ghulam
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