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Misc. Erotica मेरी पहली प्रेमिका
#1
नमस्ते सभी पाठकों को। मैं चीकू (परिवर्तित नाम) आप सभी का स्वागत करता हूं अपनी जीवन की सबसे प्रिय कहानी में।
ये कहानी है मेरी ओर मेरी दोस्त सदफ ( परिवर्तित नाम) की । कहानी सत्य घटना पर आधारित है।
ये बात उस समय की है जब मैंने ग्रेजुएशन मैं प्रवेश लिया था तो कॉमर्स की तैयारी के लिए कोचिंग ज्वाइन की। मेरा व्यवहार शुरू से ही लड़कियों के प्रति काफ़ी उदासीन था किन्तु उस दिन वहां एक स्वर्ग से उतरी उस लड़की ने अपने कदम रखे जिसको देखते ही सारे लड़के उसको अपना बनाने के चक्कर मैं लग गये। उसका जिस्म का एक एक हिस्सा तराशा हुआ था 34-28-34 और रंग दूध से भी सफ़ेद। कुछ दिनों मैं हमारे नंबर आपस मैं एक्सचेंज हो गये। धीरे-धीरे हम आपस में बातें करने लगे। एक दिन मैं उससे मिलने गया। हम दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़ कर चल रहे थे कि मेरे दिमाग में उसको चूमने का विचार आया मैंने जैसे ही उसको एक सुनसान गली मैं ले गया तो उसने भी इस बात का अंदाज़ा लगा लिया कि मैं उसको क्यों ऐसी गली मैं लाया हूं मेरे एक बार कहने पर उसने मना किया पर मेरे पास आने पर उसने कुछ नहीं कहा और मैने उसके होठों को चूम लिया। मैं शब्दों में भी बयान नहीं कर सकता कि क्या फीलिंग थी वो उस दिन के बाद से हमारे बीच सब बदल गया धीरे धीरे हम कब सेक्स की बात करने लगे पता ही नहीं चला। एक दिन मेरे बहुत कहने पर उसने कोचिंग मैं अपनी चुन्नी उतार दी और मुझे उसकी चूचियों को छुने के लिए हामी भर दी। उसकी दूध जैसी गोरी चूचियों को देख कर मैं पागल हो गया और उसको वही दीवार के पास सटा जोर जोर से चूमने लगा हमारा पागल पन यही नहीं रुका मैने उसको सूट के ऊपर से ही चोदना शुरू कर दिया ना उसने मना किया न मैं रुका जब तक मैं झड़ नहीं गया। झड़ने के बाद अहसास हुआ कि जोश जोश मैं ये क्या कर दिया मैने उसके साथ। उसी शाम को मैने टेक्स्ट कर उसको आज के लिए माफी मांगी पर उसके कुछ न कहने पर मेरी हिम्मत बढ़ गई अब मैं उसको चोदने के सपने देखने लगा। बातचीत का सिलिसला ऐसे ही चल रहा था कि एक दिन उसके लिए एक रिश्ता आया जैसे ही मैने ये सुना मुझे अंदाज़ा लग गया था कि यदि अब भी इसकी चूत नहीं मारी तो कभी नहीं। मैने इमोशनल होकर मैसेज किया कि अब तो एक बार मुझे अपने जिस्म का दीदार करने दो मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं मुझे पता था कि आग दोनों तरफ लगी है उसने तुरंत मेरी बात मान ली और कहा मुन्ने मैं तुम्हें अपने अंदर समा लेना चाहती हूं । ये सुनते ही मैने तुरंत अपने दोस्त को फोन कर रूम खाली करने के लिए बोल दिया और बाजार जाकर दो किलो गुलाब के फूल ले आया। क्योंकि आज से पहले मैने भी किसी के साथ नहीं किया था तो मैने 2 शक्तिवर्धक दवाईयां भी अपने पास रख ली। ओर जल्दी से अपने दोस्त के कमरे को फूलों से सजा दिया । शाम की नमाज होते ही मैने उसको उसके घर के बाहर से पिक किया और दोस्त के कमरे पर ले गया। 
जाते ही कमरे का दरवाज़ा बंद कर मैं उसको बेतहाशा चूमने लगा और वो भी मेरा साथ उस तरह दे रही थी कि हम आज के बाद नहीं मिलेंगे। उसको होठों को चूमते चूमते मेरे हाथ उसकी चूचियों को दबा रहे थे तभी उसने मुझसे कहा मुझे लग रहा है दरवाजे पर कोई है और हमें देख रहा है मैने उसकी बात को न सुनते हुए उसके सूट के अंदर हाथ डालकर चूचियों को मसल दिया मेरी इस हरकत ने उसको ओर पागल कर दिया और वो भी मुझे पागल होकर चुमने लगी । ये ही मौका था जिसका मैं इंतजार कर रहा था मैने तुरंत उसके सूट को उतार दिया और उसकी चूचियों को मसल मसल कर पीने लगा। उसकी सिसकारिया पूरे कमरे मैं गूंज रही थी और मुझे ओर पागल बना रही थी । मैने तुरंत अपना लण्ङ बाहर निकाला और उसके मुंह में डालने की कोशिश करने लगा लेकिन वो चूसने को मना करने लगीं । वही मुझ पर पागल पन इतना सवार हो चुका था कि मैने उसकी एक न सुनी और जबरदस्ती उसके मुंह मैं अपने लन्ड को घुसा दिया और अन्दर बाहर करने लगा । अब वो भी हवस की आग मैं पागल हो चुकी थी तो मेरे लन्ड को कुल्फी की तरह चूस रही थी, मेरा लन्ड उसी के मुंह मैं झड़ गया। लेकिन आज मैं कहां रुकने वाला था मैने तुरंत उसकी सलवार उतार दी और देखा क्या उसने आज की तैयारी के लिए पैंटी भी नहीं पहनी थी उसकी कोमल मखमली चुत देखकर जिससे पानी रिस रहा था मेरा लन्ड तुरंत खड़ा हो गया। मैने अपनी एक ऊंगली उसकी चूत मैं घुसा दी ऊंगली घुसते ही उसके मुंह से आह की आवाज आई और मुंह खुला का खुला रह गया । पर मुझ पर पता नहीं कौन सा दरिन्दा सवार था मैने उसके दर्द की तरफ ध्यान दिया मेरा बस एक उद्देश्य था कि सदफ की चूत का भोसड़ा बनाना है आज। मैने बिना सोचे उसको कितना दर्द होगा अपना सात इंच का लण्ङ उसकी चूत मैं घुसा दिया अभी लण्ङ थोड़ा सा ही घुसा था कि उसकी चीख निकल गई और आंखों से आंसू बहने लगे। उसने बड़े प्यार से कहा मुन्ने आराम आराम से कर बहुत दर्द हो रहा है लेकिन मैने उसकी एक न सुनी ओर पूरा लण्ङ उसकी चूत मैं घुसा दिया । दर्द के मरे उसकी आवाज भी उसके हलक मैं रह गई , पर मैं रुका नहीं लगातार झटके मारता रहा उसकी सिसकारियां मुझे दीवाना बना रही थी दो मिनट बाद ही उसका दर्द कम हो चुका था और वो लगातार मुझमें समा जा मुन्ना ताकि मुझे तुझसे कोई अलग न कर पाएं और उसके ये शब्द मेरी झटके मारने की रफ्तार ओर बढ़ा रहे थे। करीब पंद्रह मिनट तक उसको चोदने के बाद मैं उसी की चूत में झड़ गया। उसकी आंखों मैं अभी भी आंसू थे पर चेहरे पर चुदने की खुशी भी।
उसकी चूत खून से सनी हुई थी, तो मैं उसको बाथरूम ले जाकर साफ किया। चूत को फूलों हुआ देकर मेरा लन्ड फिर से खड़ा हो गया मैने सोचा फिर मिले न मिले कही इसकी शादी न हो जाए एक बार इसकी चूत ओर मारी जाएं । पर फिर मैने उसको चूमने शुरू कर दिया। उसको चूचियों को मसल मसल कर पीने लगा धीरे धीरे उसने भी साथ देना शुरू कर दिया और मैंने उसको घोड़ी बनने को कहा पहले तो उसने मना किया फिर वो बनने को तैयार हो गई मैंने उसको घोड़ी बनाकर चोदता रहा,उसकी चूचियों को मसल मसल कर लाल कर दिया। मेरे हर झटके पर उसकी निकल रही सिसकारियां मेरे दिमाग को पागल कर रही थी जितनी तेज आवाज आती उतनी ही मेरी स्पीड बढ़ जाती थी। करीब बीस मिनट बाद मैने उसकी चूचियों पर अपना सारा वीर्य निकल दिया । इस बार उसकी आंखों में एक अजीब सी संतुष्टि थी।
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मेरी पहली प्रेमिका - by Cheekusadaf - 25-12-2025, 04:31 PM



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