22-12-2025, 08:11 PM
राहुल ने अपने लंड की गर्म सुपारी को तारा की गीली चूत के मुहाने पर टिकाया। वहां से रिसता हुआ तारा का काम-रस राहुल के लंड को फिसलन दे रहा था। राहुल ने अपने दाँत भींचे और एक ज़ोरदार धक्का लगाया—"पच्च..." की आवाज़ आई और आधा लंड उस तंग और अनछुई गहराई के अंदर समा गया।
"अह्ह्ह्ह्ह्ह... माँअअअअअ!" तारा की एक दर्द भरी चीख स्टोर रूम के सन्नाटे को चीर गई। उसकी आँखों से आंसू निकल आए, लेकिन उसकी कमर राहुल के प्रहार को झेलने के लिए पीछे की ओर और ज़ोर से दबी।
राहुल ने उसे संभलने का मौका नहीं दिया। उसने अपने हाथों से तारा के बाल पकड़े और उसके सिर को पीछे खींचते हुए पागलों की तरह धक्के (Strokes) मारना शुरू कर दिया। "थप-थप-थप" की गंदी आवाज़ें उस गंदे स्टोर रूम में गूँजने लगीं।
राहुल ने जब देखा कि तारा दीवार के सहारे उसके आधे प्रहार से ही कांप उठी है, तो उसका वहशीपन और बढ़ गया। उसने तारा के बालों को अपनी मुट्ठी में लपेटा और उसे झटके से खींचकर स्टोर रूम के ठंडे फर्श पर ले आया।
फर्श पर वहशीपन: घोड़ी और सील पैक गाँड
"नीचे झुक रण्डी... घुटनों के बल हो!" राहुल ने गरजते हुए कहा।
तारा, जिसका बदन हवस और दर्द के मिले-जुले नशे में चूर था, तुरंत फर्श पर अपने हाथों और घुटनों के बल टिक गई। राहुल ने उसके पीछे झुककर उसकी कमर को नीचे दबाया और उसके नितम्बों (Bums) को ऊपर की ओर उठा दिया। अब तारा उसके सामने एक 'घोड़ी' की शक्ल में थी।
राहुल की नज़रें जैसे ही तारा के पिछले हिस्से पर पड़ीं, उसकी सांसें रुक गईं। तारा की जांघों के बीच उसकी चूत तो गीली थी ही, लेकिन उसके ठीक नीचे उसकी गाँड का छेद किसी बंद कली की तरह था। उस हिस्से की त्वचा शरीर के बाकी रंग से थोड़ी काली (Dusky) थी, जो उस सफेद बदन पर और भी ज्यादा उत्तेजक लग रही थी। वह हिस्सा पूरी तरह से सील पैक था, जिसे देखकर साफ पता चल रहा था कि आज तक वहां किसी ने दस्तक नहीं दी थी।
राहुल ने अपनी उंगली उस काले और तंग छेद पर रखी और उसे हल्का सा सहलाया। तारा का पूरा शरीर सिहर उठा और उसने अपनी गर्दन पीछे मोड़कर राहुल को देखा।
गंदा संवाद और हवस का इकरार
राहुल ने गंदी मुस्कान के साथ कहा, "देख रही है अपनी ये हालत? तेरी ये गाँड... ये तो एकदम सील पैक है। थोड़ी काली है पर इतनी टाइट है कि मेरा अंग इसमें जाते ही फंस जाएगा। तू तो कहती थी कि तू बड़ी हो गई है, पर यहाँ से तो तू अभी भी एकदम बच्ची है बेंचोद!"
तारा ने ललचाई आवाज़ में जवाब दिया, "हाँ भाई... यहाँ आज तक किसी ने हाथ भी नहीं लगाया। ये सिर्फ तेरे लिए बचा कर रखी थी। बहुत तंग है न? तो अपनी इस बहन की सील तोड़ दे आज। इसे भी वैसा ही काला कर दे जैसा तेरा लंड है।"
राहुल ने अपनी थूक (Spit) अपनी हथेली पर ली और उसे तारा के उस तंग और काले छेद पर मलना शुरू किया। तारा दर्द और मज़े के अहसास से अपनी कमर हिलाने लगी।
"बहुत टाइट है तारा... आज जब इसमें मेरा ये गरम सरिया जाएगा, तो तेरी चीखें मम्मी के कमरे तक जाएँगी," राहुल ने उसके नितम्बों पर एक ज़ोरदार चांटा (Slap) मारा, जिससे वहां उसकी उंगलियों के लाल निशान छप गए।
तारा ने अपनी आँखें मींच लीं और फर्श को अपने नाखूनों से खुरचने लगी। "मार भाई... और मार! आज अपनी इस मादरचोद बहन का एक-एक अंग अपनी हवस से नीला कर दे। डाल दे अपना ये लंड मेरी इस सील पैक गाँड में!"
स्टोर रूम का कोना अब एक बूचड़खाने जैसा लग रहा था जहाँ हवस और जिस्म की महक घुली हुई थी। राहुल ने जब तारा की उस काली और सील पैक गाँड को देखा, तो उसके अंदर का शैतान पूरी तरह बेकाबू हो गया।
गाँड का स्वाद और वहशीपन
राहुल ने अपनी जुबान बाहर निकाली और तारा की उन भारी जांघों के बीच अपनी नाक घुसा दी। उसने तारा के उस काले और तंग छेद पर अपनी जुबान का सिरा टिकाया। तारा के मुँह से एक चीख निकल गई, "अह्ह्ह... राहुल... वहाँ नहीं... वो गंदा है... ऊऊउउ!"
लेकिन राहुल कहाँ रुकने वाला था? उसने अपनी जुबान से उस तंग दरार को पागलों की तरह चाटना और चूसना शुरू किया। तारा की गाँड के मांस को उसने अपने दांतों से हल्का काटा। तारा फर्श पर अपने हाथ पटकने लगी, उसकी सिसकारियाँ अब किसी जानवर की आवाज़ जैसी लग रही थीं। "अह्ह्ह... भाई... तू तो पागल हो गया है... क्या स्वाद मिल रहा है तुझे उस काली जगह में? बेंचोद... मार ही डालेगा आज!"
चूत में प्रहार: घोड़ी बनी बहन की तबाही
गाँड चाटने के बाद राहुल ने अपनी मुट्ठियाँ तारा के कूल्हों पर जमा दीं और उसे और नीचे झुकने को कहा। तारा का पिछला हिस्सा अब हवा में पूरी तरह उठा हुआ था। राहुल ने अपना सख्त और काला लंड अपनी मुट्ठी में पकड़ा और उसे तारा की उस गीली और लाल हो चुकी चूत के मुहाने पर सेट किया।
राहुल ने अपने दांत भींचे और पूरी ताक़त से एक ही झटके में अंदर धँस गया—"चपाक्क्क्!"
"अह्ह्ह्ह्ह्ह... माँअअअअअ!" तारा की एक दर्द भरी चीख स्टोर रूम के सन्नाटे को चीर गई। उसकी आँखों से आंसू निकल आए, लेकिन उसकी कमर राहुल के प्रहार को झेलने के लिए पीछे की ओर और ज़ोर से दबी।
राहुल ने उसे संभलने का मौका नहीं दिया। उसने अपने हाथों से तारा के बाल पकड़े और उसके सिर को पीछे खींचते हुए पागलों की तरह धक्के (Strokes) मारना शुरू कर दिया। "थप-थप-थप" की गंदी आवाज़ें उस गंदे स्टोर रूम में गूँजने लगीं।
राहुल ने जब देखा कि तारा दीवार के सहारे उसके आधे प्रहार से ही कांप उठी है, तो उसका वहशीपन और बढ़ गया। उसने तारा के बालों को अपनी मुट्ठी में लपेटा और उसे झटके से खींचकर स्टोर रूम के ठंडे फर्श पर ले आया।
फर्श पर वहशीपन: घोड़ी और सील पैक गाँड
"नीचे झुक रण्डी... घुटनों के बल हो!" राहुल ने गरजते हुए कहा।
तारा, जिसका बदन हवस और दर्द के मिले-जुले नशे में चूर था, तुरंत फर्श पर अपने हाथों और घुटनों के बल टिक गई। राहुल ने उसके पीछे झुककर उसकी कमर को नीचे दबाया और उसके नितम्बों (Bums) को ऊपर की ओर उठा दिया। अब तारा उसके सामने एक 'घोड़ी' की शक्ल में थी।
राहुल की नज़रें जैसे ही तारा के पिछले हिस्से पर पड़ीं, उसकी सांसें रुक गईं। तारा की जांघों के बीच उसकी चूत तो गीली थी ही, लेकिन उसके ठीक नीचे उसकी गाँड का छेद किसी बंद कली की तरह था। उस हिस्से की त्वचा शरीर के बाकी रंग से थोड़ी काली (Dusky) थी, जो उस सफेद बदन पर और भी ज्यादा उत्तेजक लग रही थी। वह हिस्सा पूरी तरह से सील पैक था, जिसे देखकर साफ पता चल रहा था कि आज तक वहां किसी ने दस्तक नहीं दी थी।
राहुल ने अपनी उंगली उस काले और तंग छेद पर रखी और उसे हल्का सा सहलाया। तारा का पूरा शरीर सिहर उठा और उसने अपनी गर्दन पीछे मोड़कर राहुल को देखा।
गंदा संवाद और हवस का इकरार
राहुल ने गंदी मुस्कान के साथ कहा, "देख रही है अपनी ये हालत? तेरी ये गाँड... ये तो एकदम सील पैक है। थोड़ी काली है पर इतनी टाइट है कि मेरा अंग इसमें जाते ही फंस जाएगा। तू तो कहती थी कि तू बड़ी हो गई है, पर यहाँ से तो तू अभी भी एकदम बच्ची है बेंचोद!"
तारा ने ललचाई आवाज़ में जवाब दिया, "हाँ भाई... यहाँ आज तक किसी ने हाथ भी नहीं लगाया। ये सिर्फ तेरे लिए बचा कर रखी थी। बहुत तंग है न? तो अपनी इस बहन की सील तोड़ दे आज। इसे भी वैसा ही काला कर दे जैसा तेरा लंड है।"
राहुल ने अपनी थूक (Spit) अपनी हथेली पर ली और उसे तारा के उस तंग और काले छेद पर मलना शुरू किया। तारा दर्द और मज़े के अहसास से अपनी कमर हिलाने लगी।
"बहुत टाइट है तारा... आज जब इसमें मेरा ये गरम सरिया जाएगा, तो तेरी चीखें मम्मी के कमरे तक जाएँगी," राहुल ने उसके नितम्बों पर एक ज़ोरदार चांटा (Slap) मारा, जिससे वहां उसकी उंगलियों के लाल निशान छप गए।
तारा ने अपनी आँखें मींच लीं और फर्श को अपने नाखूनों से खुरचने लगी। "मार भाई... और मार! आज अपनी इस मादरचोद बहन का एक-एक अंग अपनी हवस से नीला कर दे। डाल दे अपना ये लंड मेरी इस सील पैक गाँड में!"
स्टोर रूम का कोना अब एक बूचड़खाने जैसा लग रहा था जहाँ हवस और जिस्म की महक घुली हुई थी। राहुल ने जब तारा की उस काली और सील पैक गाँड को देखा, तो उसके अंदर का शैतान पूरी तरह बेकाबू हो गया।
गाँड का स्वाद और वहशीपन
राहुल ने अपनी जुबान बाहर निकाली और तारा की उन भारी जांघों के बीच अपनी नाक घुसा दी। उसने तारा के उस काले और तंग छेद पर अपनी जुबान का सिरा टिकाया। तारा के मुँह से एक चीख निकल गई, "अह्ह्ह... राहुल... वहाँ नहीं... वो गंदा है... ऊऊउउ!"
लेकिन राहुल कहाँ रुकने वाला था? उसने अपनी जुबान से उस तंग दरार को पागलों की तरह चाटना और चूसना शुरू किया। तारा की गाँड के मांस को उसने अपने दांतों से हल्का काटा। तारा फर्श पर अपने हाथ पटकने लगी, उसकी सिसकारियाँ अब किसी जानवर की आवाज़ जैसी लग रही थीं। "अह्ह्ह... भाई... तू तो पागल हो गया है... क्या स्वाद मिल रहा है तुझे उस काली जगह में? बेंचोद... मार ही डालेगा आज!"
चूत में प्रहार: घोड़ी बनी बहन की तबाही
गाँड चाटने के बाद राहुल ने अपनी मुट्ठियाँ तारा के कूल्हों पर जमा दीं और उसे और नीचे झुकने को कहा। तारा का पिछला हिस्सा अब हवा में पूरी तरह उठा हुआ था। राहुल ने अपना सख्त और काला लंड अपनी मुट्ठी में पकड़ा और उसे तारा की उस गीली और लाल हो चुकी चूत के मुहाने पर सेट किया।
राहुल ने अपने दांत भींचे और पूरी ताक़त से एक ही झटके में अंदर धँस गया—"चपाक्क्क्!"


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