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Gay/Lesb - LGBT जिम की ट्रेनर और दूध वाली क्लाइंट
#1
Description;
सान्या, 33 साल की अमीर हाउसवाइफ, जिम में वर्कआउट करते हुए अपनी फीमेल ट्रेनर काव्या की हवस भरी नजरों में फंस जाती है। काव्या उसके दूध से भरे बड़े बोब्स को पसीने में चूस-चूस कर पी लेती है और लॉकर रूम में 10 इंच के स्ट्रैप-ऑन से उसकी टाइट चूत को जंगली तरीके से चोदती है – दर्द, कराहट और ऑर्गेज्म से भरी गुप्त कहानी।

Full story:
मेरा नाम सान्या है। उम्र 33 साल। मुंबई के बांद्रा में एक हाई-एंड सोसाइटी में रहती हूँ। पति एक मल्टीनेशनल कंपनी के सीईओ हैं, ज्यादातर विदेशी टूर्स पर रहते हैं। मेरा बेटा चार साल का है, caesarean से पैदा हुआ था, इसलिए मेरी बॉडी जल्दी रिकवर हो गई। फिगर अब भी 36-34-38 का है – गोरी चमड़ी, लम्बे घने बाल, चेहरा जो जिम में भी लोगों की नजरें खींच लेता है। सबसे खास मेरे बोब्स – बड़े, भरे हुए, गोल, और ब्रेस्टफीडिंग के बाद अब भी दूध आता है। कभी-कभी जिम में वर्कआउट करते वक्त प्रेशर बढ़ जाता है और स्पोर्ट्स ब्रा में गीला स्पॉट बन जाता है।
डिलीवरी के बाद मैंने वजन बढ़ने की वजह से एक प्रीमियम जिम जॉइन किया था। वहाँ मेरी पर्सनल ट्रेनर थी काव्या – 25 साल की, बॉडी बिल्डर टाइप, थोड़ी ब्राउनिश स्किन, शार्प फीचर्स, फिगर 34-28-36। मसल्स टोन्ड, एब्स दिखते थे टाइट टॉप में। वो हमेशा ब्लैक स्पोर्ट्स ब्रा और लेगिंग्स पहनती थी। शुरू में लगा वो सिर्फ प्रोफेशनल है, लेकिन धीरे-धीरे मैंने नोटिस किया कि वो मेरे बोब्स को बहुत देर तक घूरती है। स्टretchिंग के टाइम जब मैं आगे झुकती, तो उसकी नजर मेरे क्लिवेज पर अटक जाती।
एक दिन मैंने गलती से उसका जिम बैग खुला देखा – अंदर एक बड़ा सा ब्लैक स्ट्रैप-ऑन था, बेल्ट वाला, करीब 10 इंच का। दिल धक से रह गया। समझ गई – काव्या लेस्बियन है और शायद उसे लैक्टेटिंग औरतें पसंद हैं। उस दिन से मैंने भी उसे थोड़ा नोटिस करना शुरू किया।
सेडक्शन मैंने धीरे-धीरे शुरू किया। पहले टाइट स्पोर्ट्स ब्रा पहनना शुरू किया, जिसमें बोब्स अच्छे से उभरते थे। स्टretchिंग के टाइम जानबूझकर आगे झुकती, क्लिवेज दिखाती। काव्या की सांसें तेज़ हो जातीं। एक दिन कार्डियो के बाद मैं पसीने से तर थी, बोब्स पर पसीना चमक रहा था। मैंने कहा, “काव्या, आज बहुत गर्मी है ना?” और अपनी टी-शर्ट थोड़ी ऊपर की, पेट दिखाया। वो बस देखती रही।
एक शाम जिम में सिर्फ हम दोनों ही बचे थे। लाइट्स डिम थीं, बाकी स्टाफ चला गया था। मैं ट्रेडमिल पर थी, काव्या मेरे पास खड़ी इंस्ट्रक्शन दे रही थी। मैंने जानबूझकर ब्रा नहीं पहनी थी, सिर्फ लूज़ टैंक टॉप। दूध का प्रेशर था, निप्पल्स हार्ड और थोड़े गीले। काव्या की नजर बार-बार वहाँ जा रही थी। मैंने ट्रेडमिल बंद किया और बोला, “काव्या, मेरे बोब्स में आज बहुत दर्द है, शायद दूध भर गया है।”
वो एक पल को रुक गई, फिर मुस्कुराई। “बhabhi… sorry, सान्या मैम, अगर चाहो तो मैं मसाज कर सकती हूँ, दूध निकल जाएगा।” मैंने हँस कर कहा, “यहाँ? लॉकर रूम में चलते हैं।”
लॉकर रूम में कोई नहीं था। मैं बेंच पर बैठ गई। काव्या मेरे सामने खड़ी थी। मैंने टॉप ऊपर किया, बोब्स बाहर। गीले निप्पल्स से दूध की बूँदें टपक रही थीं। काव्या की आँखें चमक उठीं। मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लेफ्ट बोब पर रख दिया। “देखो, कितना भरा हुआ है।”
पहले वो हिचकिचाई, फिर उंगलियाँ दबाने लगी। दूध निकला। उसकी सांसें तेज़। मैंने धीरे से कहा, “पी सकती हो अगर मन हो।”
बस फिर क्या था। काव्या जंगली हो गई। मुझे बेंच पर धकेला, ऊपर चढ़ गई। “साली रंडी bhabhi, इतना टाइम से तड़पा रही थी, अब सारा दूध पी जाऊँगी!” गाली देते हुए मेरे दोनों बोब्स जोर से दबाए। मुँह लगा कर लेफ्ट बोब चूसने लगी – बहुत तेज़, जैसे भूखी हो। “Mmm… कितना स्वीट दूध है तेरा!” पूरा एरिओला मुँह में लिया, दाँतों से निप्पल खींचा। दूध स्क्वर्टिंग होने लगा उसके मुँह में।
मैं दर्द से चीख उठी, “आआह्ह… काव्या… धीरे… ओह गॉड… बहुत तेज़ चूस रही है… म्म्म्म… आआह्ह्ह!” लेकिन मज़ा भी बहुत आ रहा था। वो और वाइल्ड हुई। राइट बोब को हाथ से मसल रही थी, दूध निचोड़ रही थी जैसे गाय को। “चीखती क्यों है हरामिन? खुद बुलाया ना तूने?” दाँतों से निप्पल काटा, खींच कर छोड़ा। बोब्स लाल पड़ने लगे।
वो अल्टरनेट करती रही – एक बोब चूसती, दूसरे को नाखूनों से खरोंचती, पिंच करती। दूध उसके चेहरे पर, गले पर, मेरे पेट पर गिर रहा था। मैं रियल मोअनिंग कर रही थी, “ओह्ह्ह… आआह्ह्ह… काव्या… दर्द हो रहा है… लेकिन मज़ा भी… म्म्म्म… और चूस ना… हाँ… ओह फक… आआह्ह्ह… प्लीज़ धीरे… नहीं और तेज़!”
वो गालियाँ देती जा रही थी, “अमीर की दूध वाली रंडी, इतने बड़े बोब्स, अब मेरे हैं। चूस-चूस कर खाली कर दूँगी!” निप्पल्स सूज गए, लाल निशान पड़ गए। दूध कम होने लगा, लेकिन वो ड्राई सकिंग करने लगी – जोर-जोर से खींचती।
मेरा नीचे पूरा गीला हो चुका था। चूत से पानी बह रहा था। मैं तड़प रही थी।
फिर वो उठी, अपना बैग खोला, वो 10 इंच का ब्लैक स्ट्रैप-ऑन निकाला। बेल्ट पहनी, खड़ा हो गया। मेरी लेगिंग्स और पैंटी नीचे की। मेरी चूत पिंक, टाइट, गीली।
पहले उसने उंगलियाँ डाली – एक, दो, तीन। अंदर स्किसरिंग की। “कितनी टाइट है तेरी चूत bhabhi, जैसे कुंवारी।” मैं मोअन कर रही थी, “म्म्म… आह्ह… हाँ काव्या…”
फिर स्ट्रैप-ऑन का टॉप मेरी क्लिट पर रगड़ने लगी। मैं बेग कर रही थी, “डाल ना प्लीज़… आआह्ह्ह…”
एक जोर का धक्का – आधा अंदर। “आआआआह्ह्ह्ह्ह!” मैं चीखी, दर्द से आँखों में आंसू। बहुत मोटा था। वो रुकी नहीं, दूसरा धक्का – पूरा 10 इंच अंदर।
“आआह्ह्ह… ओह गॉड… मेरी चूत फट गई… बहुत बड़ा है!” लेकिन मज़ा शुरू हुआ। वो पंपिंग शुरू की – पहले स्लो, फिर तेज़। थप-थप-थप की आवाज लॉकर रूम में गूँजने लगी।
मैं इंटेंस मोअनिंग करने लगी, “ओह येस… आआह्ह्ह… चोद मुझे काव्या… म्म्म्म… हाँ जोर से… ओह फक… गहरा जा… आआह्ह्ह… मेरी जान… और तेज़!”
वो झुक कर मेरे बोब्स चूसने लगी धक्के मारते हुए। स्पीड बढ़ाती गई। मेरी चूत से चप-चप आवाजें। पहला ऑर्गेज्म आया – बॉडी अकड़ गई, “आआआह्ह्ह्ह… आ रही हूँ… ओह्ह्ह… म्म्म्म्म!”
लेकिन वो नहीं रुकी। मुझे घुमाया, डॉगी स्टाइल बनाया। पीछे से पकड़ा हिप्स, और जोर से घुसाया। अब और गहरा जा रहा था। “ले रंडी bhabhi, अब तेरी गांड तक पहुँचा रही हूँ!” थप-थप-थप तेज़। मैं बेंच पर मुँह दबा कर चीख रही थी, “आआह्ह… ओह येस… और जोर से चोद… म्म्म… मेरी चूत जला दो… आआह्ह्ह!”
दूसरा, तीसरा, चौथा ऑर्गेज्म। मैं थक गई थी, लेकिन वो मशीन जैसी चल रही थी। पोजीशन बदली – मिशनरी, काउगर्ल (मैं ऊपर, वो नीचे से धक्के), साइड से।
आखिर में वो भी थक गई। स्ट्रैप-ऑन निकाला, मेरी चूत लाल, सूजी, गीली। हम दोनों पसीने से तर, सांसें तेज़। वो मेरे बोब्स पर सर रख कर लेट गई, अब जेंटली बचा हुआ दूध चूसने लगी।
मैंने उसके बाल सहलाए, “काव्या… कभी सोचा नहीं था इतना इंटेंस होगा।” वो मुस्कुरा कर बोली, “अब हर सेशन के बाद तेरा दूध पीया करूँगी bhabhi, और तेरी चूत चोदा करूँगी।”
उस दिन के बाद हमारा सीक्रेट शुरू हो गया। हर प्राइवेट सेशन के बाद लॉकर रूम या शावर में वो पहले मेरा दूध पीती, फिर स्ट्रैप-ऑन से घंटों चोदती। मैं भी उस वाइल्ड मज़े की आदी हो गई। जिम अब सिर्फ वर्कआउट के लिए नहीं, हमारे गुप्त इंटेंस लेस्बियन सेक्स के लिए था।
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जिम की ट्रेनर और दूध वाली क्लाइंट - by Ayesha Singhania - 21-12-2025, 01:56 PM



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