18-12-2025, 06:31 PM
खुशबू मन ही मन हँस रही थी,
‘अमित बेचारा… खुद ही पोज़ बनवा रहा है… असलम के साथ…
मुझे नीचा दिखाने में मजा आ रहा है…’
असलम (खुशबू को अपनी तरफ़ खींचते हुए, उसकी कमर पर हाथ रखकर):
“पहली पोज़… आओ जान, मेरे सीने पर सिर रखो… जैसे हनीमून कपल करते हैं…”
खुशबू झट से असलम के सीने पर सिर टिका देती है।
उसकी बिकिनी टॉप इतनी छोटी कि उसकी छाती असलम की छाती से चिपक गई।
असलम का हाथ उसकी कमर से नीचे सरकता है, हल्का-सा गांड पर रुकता है।
![[Image: In-Shot-20251218-175351003.gif]](https://i.ibb.co/mFChmL6K/In-Shot-20251218-175351003.gif)
असलम (मेरी तरफ़ देखकर, मुस्कुराते हुए):
“अमित… ज़ूम कर ना… देख, कितनी टाइट फिटिंग है ये बिकिनी… तेरी khushbu की बॉडी… हर कर्व साफ़ दिख रहा है ना?”
मैं (हकलाते हुए):
“ह… हाँ असलम भाई… बहुत… अच्छी लग रही है…”
खुशबू (असलम के कान में फुसफुसाते हुए, लेकिन मुझे सुनाई दे):
“असलम जी… तुम्हारा हाथ… नीचे… और थोड़ा दबाओ ना… अमित को अच्छी फोटो मिलेगी…”
असलम हँसता है, हाथ और नीचे सरका देता है—खुशबू की गांड को हल्का-सा मसलता है।
क्लिक… क्लिक… मैं फोटो लेता हूँ। लंड टाइट हो रहा है।
असलम (अगली पोज़):
“अब ये वाली… जान, मेरी गोद में बैठो… जैसे हनीमून में बीवी बैठती है…”
![[Image: In-Shot-20251218-175524693.gif]](https://i.ibb.co/cSGt3F8p/In-Shot-20251218-175524693.gif)
खुशबू असलम की गोद में बैठ जाती है, उसकी जाँघें फैलाकर।
असलम का एक हाथ उसकी जाँघ के अंदर, दूसरा उसकी कमर पर।
खुशबू का चेहरा असलम के गले में, होंठ उसके कान को छू रहे हैं।
असलम (मेरी तरफ़):
“अमित… ये देख… तेरी khushnu कितनी आराम से मेरी गोद में बैठी है… फोटो अच्छी आएगी ना? ज़ूम कर… जाँघें पूरी दिखा…”
मैं (गला सूखा हुआ):
“हाँ… बहुत अच्छी आएगी…”
खुशबू (मेरी तरफ़ देखकर, शरारती मुस्कान):
“जान… तुम्हें मजा आ रहा है ना देखकर? मैं तो तुम्हारे लिए ही कर रही हूँ… बोलो ना… और करीब आओ… असलम जी के और करीब…
असलम (मेरे कान में):
“भाई… देख… तेरी बीवी मेरे साथ कितनी खुश है… तू फोटो ले… और बाद में अकेले में देखकर मजा लेना…”
![[Image: In-Shot-20251218-175547986.gif]](https://i.ibb.co/Ngk0BDWC/In-Shot-20251218-175547986.gif)
खुशबू (मीठे लेकिन जहरीले लहजे में):
“हाँ जान… आज तुम्हारे लिए ही तो सब कर रही हूँ… तुम्हें अच्छा लगता है ना मुझे ऐसे देखकर?
बोलो ना…
मैं (शर्म से लाल, लेकिन आवाज़ काँपती हुई):
“हाँ… बहुत अच्छा लग रहा है…”
असलम और खुशबू एक-दूसरे की आँखों में देखकर हल्के से हँसते हैं।
वह दोनों भी एक दूसरे में इतना खो गए थे कि जैसे बिल्कुल ऐसे ही बर्ताव कर रहे थे
जैसे वही दोनों पति-पत्नी है
कभी असलम मस्ती में खुशबू को चिढ़ता था तो
कभी खुशबू असलम से और चिपक जाती थी
कई बार तो असलम अपना डोमिनेंस पावर और अपना हक जताने के लिए खुशबू के बड़े से चूतड़ के ऊपर थप्पड़ भी मरता था
जैसे वह उसकी प्रॉपर्टी हो
न जाने यह सब देखकर मुझे खराब या बुरा लगना चाहिए था
लेकिन इन सारी बातों की परवाह किए बिना मैं तो बड़ा अच्छा
और मजा ले रहा था इन सब बातों का
![[Image: In-Shot-20251218-175647750.gif]](https://i.ibb.co/WWz8t96s/In-Shot-20251218-175647750.gif)
फिर असलम खुशबू को गोद से उठाकर खड़ा करता है, उसे पीठ से पकड़कर अपनी तरफ़ चिपका लेता है।
खुशबू का पिछवाड़ा असलम की कमर से सटा हुआ।
असलम (मेरी तरफ़):
“अब ये वाली… पीछे से… अमित, फोटो ले… देख, कितनी परफेक्ट लग रही है मेरे साथ…”
क्लिक… क्लिक…
मैं फोटो लेता हूँ। मेरे हाथ काँप रहे हैं।
लंड टाइट।
दिल जल रहा है।
लेकिन मजा भी आ रहा है।
खुशबू (कैमरे की तरफ़ देखकर, होंठ काटते हुए):
“जान… आज रात ये सारी फोटोज देखकर… तुम बहुत खुश होने वाले हो…… ❤️”
मैं बस कैमरा पकड़े खड़ा रहा।
फोटो लेता रहा।
और अपने ही स्लिम दोस्त और दू पत्नी की हनीमून फोटोज बनाता रहा।
जलता हुआ।
उत्तेजित होता हुआ।
और खुद को नीचा होते हुए महसूस करता हुआ।
असलम ने आखिरी फोटो क्लिक होने के बाद मेरी तरफ़ बढ़ा दिया।
“भाई अमित… कमाल कर दिया… ये फोटोज देखकर तो तू रात भर जागेगा… तेरी बीवी कितनी हॉट लग रही है… लेकिन अब… थोड़ा रेस्ट ले ले… हम दोनों को थोड़ा अकेला समय चाहिए…”
उसकी आवाज़ में वो मर्दाना कमांड था, जो एक स्लिम मर्द के अहंकार से भरा था
जैसे वो खुशबू को अपना हक जता रहा हो।
मैंने कैमरा लिया, मुस्कुराने की कोशिश की, लेकिन अंदर से जलन और एक्साइटमेंट का मिश्रण था।
‘हाँ… वो तो मेरा दोस्त है… खुशबू मेरी बीवी… लेकिन वो दोनों… फोटोज में कितने परफेक्ट लग रहे थे…’ मन ही मन सोच रहा था, लेकिन कुछ कहा नहीं।
खुशबू ने असलम के बॉडी लैंग्वेज को अच्छे से समझ लिया था
वो असलम की तरफ़ देखकर मुस्कुराई,
फिर मेरी तरफ़ मुड़ी। उसकी आँखों में वो शातिर चमक थी, जैसे वो जानती हो कि मुझे क्या कहना है।
“जान अमित… तुम थक गए होगे… फोटोज ले-लेकर… अब जाओ ना, थोड़ा रेस्ट कर लो…
असलम जी को पानी में मस्ती करने का मन है… लहरें आ रही हैं…
हम थोड़ी देर वहाँ चले जाते हैं…
तुम यहाँ बैठो… बाद में मिलते हैं…”
वो प्यार से मेरे गाल पर हाथ फेरती हुई बोली, लेकिन उसके शब्दों में वो मैनिपुलेशन था
मुझे एक्सक्यूज करते हुए, जैसे मैं खुद ही खुश हूँ। मैंने सिर हिलाया,
“हाँ खुशबू जी… जाओ… मजा करो… मैं यहाँ इंतज़ार करूँगा…”
लेकिन अंदर से कन्फ्यूजन था—‘मजा करो? पानी में… असलम के साथ… लेकिन वो तो मेरी बीवी है…’
खुशबू और असलम हाथ में हाथ डाले पानी की तरफ़ चले गए।
पहली बार ऐसा था कि वो दोनों पब्लिक में, बीच पर, पानी में रोमांटिक मस्ती करने जा रहे थे
जैसे कोई असली हनीमून कपल।
लहरें हल्की-हल्की आ रही थीं, सूरज की रोशनी पानी पर चमक रही थी। सलम ने खुशबू को पानी में उतारा,
और दोनों कमर तक पानी में पहुँच गए।
असलम ने खुशबू को अपनी बाहों में उठा लिया, जैसे कोई शौहर अपनी बीवी को।
“जान… पानी में कितना अच्छा लग रहा है… तुम्हारी ये बिकिनी… गीली हो रही है… उफ्फ…”
वो बोला, और खुशबू हँसकर उसके सीने पर चिपक गई।
“असलम जी… हाँ… तुम्हारा ये होल्ड… मुझे कितना सुरक्षित महसूस कराता है… एक स्लिम मर्द का…”
वो फुसफुसाई, और दोनों एक-दूसरे की बॉडी को एंजॉय करने लगे।
असलम ने खुशबू की कमर पकड़ी, उसे पानी में घुमाया
उसकी जाँघें उसके शरीर से रगड़ रही थीं।
खुशबू ने उसके कंधों पर हाथ रखे, और धीरे-धीरे उसके गले में चिपक गई।
“असलम जी… यहाँ… सब देख रहे हैं… लेकिन मुझे मजा आ रहा है…
तुम्हारा हाथ मेरी गांड पर…”
वो बोली, और असलम ने हल्के से उसकी गांड मसली।
“हाँ जान… ये तो बस शुरूआत है… रात में और मजा लेंगे… …” वो हँसा,
और खुशबू ने उसके होंठों पर हल्का-सा किस किया।
दोनों पानी में लहरों के साथ खेल रहे थे
असलम खुशबू को उठाकर-उठाकर फेंकता, वो चिल्लाकर हँसती, उसके सीने पर चिपक जाती।
असलम का हाथ उसकी जाँघों के बीच सरक जाता, खुशबू की सिसकारी निकल जाती
“उफ्फ… असलम जी… धीरे… लेकिन रुको मत…” वो रोमांटिक थे,
लेकिन कामुक
एक-दूसरे की बॉडी को पूरा होल्ड करके,
सहलाकर, एंजॉय करके।
असलम मन ही मन सोच रहा था, ‘ये माल… मेरे कंट्रोल में… पब्लिक में भी… अमित को नीचा दिखाने का मजा…’
खुशबू सोच रही थी,
‘असलम का ये टच… कितना पावरफुल… अमित बेचारा देख रहा होगा… उसकी जलन में मुझे मजा आ रहा है…’
मैं थोड़ी दूरी पर लाउंज चेयर पर बैठा था, कैमरा हाथ में,
लेकिन अब फोटो लेना बंद।
मैं बस देख रहा था एक्साइटमेंट इतना कि नीचे लंड टाइट हो गया,
जलन इतनी कि दिल जल रहा था,
और कन्फ्यूजन इतना कि मन कह रहा था,
‘ये मेरी बीवी है… असलम मेरा दोस्त… लेकिन वो दोनों… कितने परफेक्ट लग रहे हैं…’
मैं उठा नहीं पाया, बस घूरता रहा—खुशबू की बिकिनी गीली हो रही थी, असलम का हाथ उसकी बॉडी पर…
‘क्या ये गलत है? लेकिन मजा क्यों आ रहा है…?’
उसी समय, जय वहाँ सर्वे करने के लिए आ गया था—रिसोर्ट का स्टाफ, बीच पर चक्कर लगाने का बहाना।
वो मेरे पास आया, चेयर पर बैठ गया, और मुस्कुराते हुए बोला,
“भाई अमित… देख… तेरी मैडम और साहब… पानी में कितने कंपेल्ड लग रहे हैं… जैसे बने हों एक-दूसरे के लिए… साहब का हाथ मैडम की कमर पर… मैडम साहब के सीने पर चिपकी… उफ्फ… क्या केमिस्ट्री है… तू तो लकी है रे… ऐसी मालकिन मिली… साहब जैसा मर्द साथ में… हनीमून तो परफेक्ट हो रहा…”
मैंने हल्के से सिर हिलाया, लेकिन गला सूखा हुआ था। “हाँ… हाँ भाई… अच्छा लग रहा है…”
जय (हँसकर, मेरी तरफ़ देखकर):
“अच्छा लग रहा है? भाई… तेरी मैडम की वो बिकिनी… गीली होकर और चिपक गई… साहब का हाथ… मैडम की चीखें… सुन रहा हूँ…
‘असलम जी… धीरे…’
हा हा… वो दोनों तो एक-दूसरे के लिए ही बने हैं… तू फोटोज ले रहा था ना?
बाद में देखकर मुट्ठ मार लेना… लेकिन सच में… क्या कपल है… … लेकिन कितना सेक्सी… तू तो बस देख… हम नौकरों को यही मजा मिलता है…”
जय की बातें सुनकर मेरी एक्साइटमेंट और बढ़ गई—जलन तो थी, लेकिन वो अपमान में मजा… ‘हाँ… वो दोनों परफेक्ट लग रहे हैं… लेकिन वो मेरी बीवी है…’ मैं बस देखता रहा, कैमरा हाथ में, लेकिन क्लिक नहीं किया। मन में कन्फ्यूजन घूम रहा था—‘ये मेरा हनीमून है… लेकिन मैं क्यों खुश हूँ ये देखकर?’ जय हँसता रहा, और मैं चुपचाप… जलता हुआ, उत्तेजित होता हुआ।
असलम (हँसते हुए, खुशबू को घुमाते हुए):
“जान… पानी में कितना अच्छा लग रहा है… तुम्हारी ये बिकिनी… गीली होकर तो आग लग रही है… देखो, सब घूर रहे हैं… लेकिन तुम मेरी हो… मेरा शौहर बनकर मैं तुम्हें कहीं नहीं छोड़ूँगा…”
खुशबू (चीखते हुए, लेकिन मस्ती में, उसके कंधों पर हाथ रखकर):
“असलम जी… उफ्फ… धीरे… लहरें आ रही हैं… तुम्हारा ये होल्ड… मुझे कितना सुरक्षित महसूस कराता है… एक स्लिम मर्द का… हाँ, घुमाओ मुझे… और ज़ोर से… हा हा… अमित देख रहा होगा… लेकिन वो खुश होगा ना?”
असलम (उसकी कमर पकड़कर, जाँघों पर हाथ फेरते हुए):
“अरे अमित… वो तो नीचे बैठा है… बेचारा फोटोज देखकर ही खुश होता रहेगा… लेकिन असली मजा तो मेरा है… जान, तुम्हारी ये जाँघें… पानी में कितनी स्लिपरी… मैं तो बस सहलाता रहूँ… उफ्फ… और करीब आओ…”
खुशबू (उसके गले में बाँहें डालकर, चिपककर):
“हाँ असलम जी… सहलाओ… ये सब तुम्हारे लिए ही तो… रात भर की थकान मिट गई… लेकिन यहाँ… पब्लिक में… सब देख रहे हैं… मुझे मजा आ रहा है… तुम्हारा हाथ… नीचे… आह्ह… बस थोड़ा और…”
असलम (उसे लहर में झूलाते हुए, उसके होंठों के पास मुंह ले जाकर):
“मजा आ रहा है ना जान? ये लहरें… जैसे हमारी रात की तरह… ऊपर-नीचे… मैं तो बस तुम्हें चूमना चाहता हूँ… लेकिन रुको… अमित देख रहा है… हा हा… बेचारे को थोड़ा जलन तो बनती है…”
खुशबू (हँसकर, लेकिन सिसकारी दबाते हुए):
“हाँ… जलन में ही तो मजा है… अमित बेचारा… सोच रहा होगा हम बस मस्ती कर रहे हैं… लेकिन तुम्हारा ये टच… उफ्फ… असलम जी… जोर से होल्ड करो… जैसे रात में किया था…”
असलम (उसकी गांड पर हाथ रखकर, उसे अपनी तरफ़ दबाते हुए):
“जैसे रात में? जान… रात तो अभी बाकी है… लेकिन यहाँ… पानी में… मैं तुम्हें अपना बना लूँ… देखो, ये लहर… जैसे मेरा लंड… ऊपर-नीचे… हा हा… चिल्लाओ… ज़ोर से…”
खुशबू (चीखकर, लेकिन मस्ती में):
“असलम जी… आह्ह… हाँ… ऐसे ही… मैं तुम्हारी हूँ… पूरी तरह से…
मैं दूर से ये सब देख रहा था
एक्साइटमेंट इतना कि हाथ काँप रहे थे,
लंड टाइट हो गया था,
जलन इतनी कि आँखें नम हो रही थीं,
और कन्फ्यूजन इतना कि मन कह रहा था,
‘ये मेरा दोस्त है… मेरी बीवी… लेकिन वो दोनों… कितने करीब… ये मस्ती है या…’ मैं उठ नहीं पाया, बस घूरता रहा।
खुशबू और असलम पानी में मस्ती कर रहे थे,
लेकिन खुशबू की नज़रें थोड़ी दूरी पर बैठे मुझे पर पड़ीं।
मैं जय और बाकी नौकरों के साथ बातें कर रहा
खुशबू को ये देखकर एक शैतानी लहर दौड़ गई—‘
बेचारा… निचले तबके के लोगों के साथ बैठा है… जैसे खुद भी उनका ही हिस्सा हो…
अमित… तू तो मेरा पति है, लेकिन देख…
मैं तुझे नीचा दिखाने का एक भी मौका नहीं छोड़ूँगी…’
वो असलम के कान में फुसफुसाई,
“असलम जी… अमित नीचे उन नौकरों के साथ बैठा है… बातें कर रहा है… चलो, उसे बुलाते हैं… जूस मंगवाते हैं… और फिर फोटोज… उसे याद दिला दूँ कि वो हमारा सर्वेंट है…”
असलम ने मुस्कुराकर सिर हिलाया,
“हाँ जान… बुला लो… बेचारे को थोड़ा काम मिलेगा… और हमें मजा…”
वो दोनों पानी से बाहर निकले, हाथ में हाथ डाले, जैसे कोई परफेक्ट हनीमून कपल
। खुशबू ने मुझे कॉल किया
मेरा फोन बजा, और मैं तुरंत उठा
। “जान… इधर आओ ना… असलम जी को प्यास लग गई है… जूस मंगवा दो… और हाँ… पानी में हमारी मस्ती की फोटोज ले लो… ताकि यादें बन जाएँ…”
उसकी आवाज़ में वो मीठी कमांड थी, जो मुझे लगा प्यार है।
मैं तुरंत होटल स्टाफ से जूस मंगवाने गया
—कोकोनट वॉटर और ऑरेंज जूस—और ट्रे लेकर बीच पर पहुँचा।
मैं ट्रे लेकर उनके पास पहुँचा।
खुशबू ने जूस लिया,
असलम को थमाया,
और बोली,
“थैंक यू जान… अब कैमरा निकालो… पानी में हमारी फोटोज ले लो… मस्ती वाली… ताकि तुम्हें भी मजा आए…”
मैंने कैमरा ऑन किया
, और वो दोनों फिर से पानी में उतर गए। असलम ने खुशबू को अपनी कमर पर उठा लिया, उसके पैर असलम की कमर से लिपट गए।
“अमित… क्लिक कर… देख, कितनी सिड्यूसिंग लग रही है…” असलम बोला।
खुशबू (हँसकर, असलम के गले में बाँहें डालकर)
“हाँ जान… ये पोज़ अच्छी है ना? असलम जी, मुझे और ऊपर उठाओ… ताकि फोटो में मेरी जाँघें अच्छे से दिखें… अमित, ज़ूम करो… देखो, ये बिकिनी गीली होकर कितनी चिपक गई…”
‘अमित बेचारा… खुद ही पोज़ बनवा रहा है… असलम के साथ…
मुझे नीचा दिखाने में मजा आ रहा है…’
असलम (खुशबू को अपनी तरफ़ खींचते हुए, उसकी कमर पर हाथ रखकर):
“पहली पोज़… आओ जान, मेरे सीने पर सिर रखो… जैसे हनीमून कपल करते हैं…”
खुशबू झट से असलम के सीने पर सिर टिका देती है।
उसकी बिकिनी टॉप इतनी छोटी कि उसकी छाती असलम की छाती से चिपक गई।
असलम का हाथ उसकी कमर से नीचे सरकता है, हल्का-सा गांड पर रुकता है।
![[Image: In-Shot-20251218-175351003.gif]](https://i.ibb.co/mFChmL6K/In-Shot-20251218-175351003.gif)
असलम (मेरी तरफ़ देखकर, मुस्कुराते हुए):
“अमित… ज़ूम कर ना… देख, कितनी टाइट फिटिंग है ये बिकिनी… तेरी khushbu की बॉडी… हर कर्व साफ़ दिख रहा है ना?”
मैं (हकलाते हुए):
“ह… हाँ असलम भाई… बहुत… अच्छी लग रही है…”
खुशबू (असलम के कान में फुसफुसाते हुए, लेकिन मुझे सुनाई दे):
“असलम जी… तुम्हारा हाथ… नीचे… और थोड़ा दबाओ ना… अमित को अच्छी फोटो मिलेगी…”
असलम हँसता है, हाथ और नीचे सरका देता है—खुशबू की गांड को हल्का-सा मसलता है।
क्लिक… क्लिक… मैं फोटो लेता हूँ। लंड टाइट हो रहा है।
असलम (अगली पोज़):
“अब ये वाली… जान, मेरी गोद में बैठो… जैसे हनीमून में बीवी बैठती है…”
![[Image: In-Shot-20251218-175524693.gif]](https://i.ibb.co/cSGt3F8p/In-Shot-20251218-175524693.gif)
खुशबू असलम की गोद में बैठ जाती है, उसकी जाँघें फैलाकर।
असलम का एक हाथ उसकी जाँघ के अंदर, दूसरा उसकी कमर पर।
खुशबू का चेहरा असलम के गले में, होंठ उसके कान को छू रहे हैं।
असलम (मेरी तरफ़):
“अमित… ये देख… तेरी khushnu कितनी आराम से मेरी गोद में बैठी है… फोटो अच्छी आएगी ना? ज़ूम कर… जाँघें पूरी दिखा…”
मैं (गला सूखा हुआ):
“हाँ… बहुत अच्छी आएगी…”
खुशबू (मेरी तरफ़ देखकर, शरारती मुस्कान):
“जान… तुम्हें मजा आ रहा है ना देखकर? मैं तो तुम्हारे लिए ही कर रही हूँ… बोलो ना… और करीब आओ… असलम जी के और करीब…
असलम (मेरे कान में):
“भाई… देख… तेरी बीवी मेरे साथ कितनी खुश है… तू फोटो ले… और बाद में अकेले में देखकर मजा लेना…”
![[Image: In-Shot-20251218-175547986.gif]](https://i.ibb.co/Ngk0BDWC/In-Shot-20251218-175547986.gif)
खुशबू (मीठे लेकिन जहरीले लहजे में):
“हाँ जान… आज तुम्हारे लिए ही तो सब कर रही हूँ… तुम्हें अच्छा लगता है ना मुझे ऐसे देखकर?
बोलो ना…
मैं (शर्म से लाल, लेकिन आवाज़ काँपती हुई):
“हाँ… बहुत अच्छा लग रहा है…”
असलम और खुशबू एक-दूसरे की आँखों में देखकर हल्के से हँसते हैं।
वह दोनों भी एक दूसरे में इतना खो गए थे कि जैसे बिल्कुल ऐसे ही बर्ताव कर रहे थे
जैसे वही दोनों पति-पत्नी है
कभी असलम मस्ती में खुशबू को चिढ़ता था तो
कभी खुशबू असलम से और चिपक जाती थी
कई बार तो असलम अपना डोमिनेंस पावर और अपना हक जताने के लिए खुशबू के बड़े से चूतड़ के ऊपर थप्पड़ भी मरता था
जैसे वह उसकी प्रॉपर्टी हो
न जाने यह सब देखकर मुझे खराब या बुरा लगना चाहिए था
लेकिन इन सारी बातों की परवाह किए बिना मैं तो बड़ा अच्छा
और मजा ले रहा था इन सब बातों का
![[Image: In-Shot-20251218-175647750.gif]](https://i.ibb.co/WWz8t96s/In-Shot-20251218-175647750.gif)
फिर असलम खुशबू को गोद से उठाकर खड़ा करता है, उसे पीठ से पकड़कर अपनी तरफ़ चिपका लेता है।
खुशबू का पिछवाड़ा असलम की कमर से सटा हुआ।
असलम (मेरी तरफ़):
“अब ये वाली… पीछे से… अमित, फोटो ले… देख, कितनी परफेक्ट लग रही है मेरे साथ…”
क्लिक… क्लिक…
मैं फोटो लेता हूँ। मेरे हाथ काँप रहे हैं।
लंड टाइट।
दिल जल रहा है।
लेकिन मजा भी आ रहा है।
खुशबू (कैमरे की तरफ़ देखकर, होंठ काटते हुए):
“जान… आज रात ये सारी फोटोज देखकर… तुम बहुत खुश होने वाले हो…… ❤️”
मैं बस कैमरा पकड़े खड़ा रहा।
फोटो लेता रहा।
और अपने ही स्लिम दोस्त और दू पत्नी की हनीमून फोटोज बनाता रहा।
जलता हुआ।
उत्तेजित होता हुआ।
और खुद को नीचा होते हुए महसूस करता हुआ।
असलम ने आखिरी फोटो क्लिक होने के बाद मेरी तरफ़ बढ़ा दिया।
“भाई अमित… कमाल कर दिया… ये फोटोज देखकर तो तू रात भर जागेगा… तेरी बीवी कितनी हॉट लग रही है… लेकिन अब… थोड़ा रेस्ट ले ले… हम दोनों को थोड़ा अकेला समय चाहिए…”
उसकी आवाज़ में वो मर्दाना कमांड था, जो एक स्लिम मर्द के अहंकार से भरा था
जैसे वो खुशबू को अपना हक जता रहा हो।
मैंने कैमरा लिया, मुस्कुराने की कोशिश की, लेकिन अंदर से जलन और एक्साइटमेंट का मिश्रण था।
‘हाँ… वो तो मेरा दोस्त है… खुशबू मेरी बीवी… लेकिन वो दोनों… फोटोज में कितने परफेक्ट लग रहे थे…’ मन ही मन सोच रहा था, लेकिन कुछ कहा नहीं।
खुशबू ने असलम के बॉडी लैंग्वेज को अच्छे से समझ लिया था
वो असलम की तरफ़ देखकर मुस्कुराई,
फिर मेरी तरफ़ मुड़ी। उसकी आँखों में वो शातिर चमक थी, जैसे वो जानती हो कि मुझे क्या कहना है।
“जान अमित… तुम थक गए होगे… फोटोज ले-लेकर… अब जाओ ना, थोड़ा रेस्ट कर लो…
असलम जी को पानी में मस्ती करने का मन है… लहरें आ रही हैं…
हम थोड़ी देर वहाँ चले जाते हैं…
तुम यहाँ बैठो… बाद में मिलते हैं…”
वो प्यार से मेरे गाल पर हाथ फेरती हुई बोली, लेकिन उसके शब्दों में वो मैनिपुलेशन था
मुझे एक्सक्यूज करते हुए, जैसे मैं खुद ही खुश हूँ। मैंने सिर हिलाया,
“हाँ खुशबू जी… जाओ… मजा करो… मैं यहाँ इंतज़ार करूँगा…”
लेकिन अंदर से कन्फ्यूजन था—‘मजा करो? पानी में… असलम के साथ… लेकिन वो तो मेरी बीवी है…’
खुशबू और असलम हाथ में हाथ डाले पानी की तरफ़ चले गए।
पहली बार ऐसा था कि वो दोनों पब्लिक में, बीच पर, पानी में रोमांटिक मस्ती करने जा रहे थे
जैसे कोई असली हनीमून कपल।
लहरें हल्की-हल्की आ रही थीं, सूरज की रोशनी पानी पर चमक रही थी। सलम ने खुशबू को पानी में उतारा,
और दोनों कमर तक पानी में पहुँच गए।
असलम ने खुशबू को अपनी बाहों में उठा लिया, जैसे कोई शौहर अपनी बीवी को।
“जान… पानी में कितना अच्छा लग रहा है… तुम्हारी ये बिकिनी… गीली हो रही है… उफ्फ…”
वो बोला, और खुशबू हँसकर उसके सीने पर चिपक गई।
“असलम जी… हाँ… तुम्हारा ये होल्ड… मुझे कितना सुरक्षित महसूस कराता है… एक स्लिम मर्द का…”
वो फुसफुसाई, और दोनों एक-दूसरे की बॉडी को एंजॉय करने लगे।
असलम ने खुशबू की कमर पकड़ी, उसे पानी में घुमाया
उसकी जाँघें उसके शरीर से रगड़ रही थीं।
खुशबू ने उसके कंधों पर हाथ रखे, और धीरे-धीरे उसके गले में चिपक गई।
“असलम जी… यहाँ… सब देख रहे हैं… लेकिन मुझे मजा आ रहा है…
तुम्हारा हाथ मेरी गांड पर…”
वो बोली, और असलम ने हल्के से उसकी गांड मसली।
“हाँ जान… ये तो बस शुरूआत है… रात में और मजा लेंगे… …” वो हँसा,
और खुशबू ने उसके होंठों पर हल्का-सा किस किया।
दोनों पानी में लहरों के साथ खेल रहे थे
असलम खुशबू को उठाकर-उठाकर फेंकता, वो चिल्लाकर हँसती, उसके सीने पर चिपक जाती।
असलम का हाथ उसकी जाँघों के बीच सरक जाता, खुशबू की सिसकारी निकल जाती
“उफ्फ… असलम जी… धीरे… लेकिन रुको मत…” वो रोमांटिक थे,
लेकिन कामुक
एक-दूसरे की बॉडी को पूरा होल्ड करके,
सहलाकर, एंजॉय करके।
असलम मन ही मन सोच रहा था, ‘ये माल… मेरे कंट्रोल में… पब्लिक में भी… अमित को नीचा दिखाने का मजा…’
खुशबू सोच रही थी,
‘असलम का ये टच… कितना पावरफुल… अमित बेचारा देख रहा होगा… उसकी जलन में मुझे मजा आ रहा है…’
मैं थोड़ी दूरी पर लाउंज चेयर पर बैठा था, कैमरा हाथ में,
लेकिन अब फोटो लेना बंद।
मैं बस देख रहा था एक्साइटमेंट इतना कि नीचे लंड टाइट हो गया,
जलन इतनी कि दिल जल रहा था,
और कन्फ्यूजन इतना कि मन कह रहा था,
‘ये मेरी बीवी है… असलम मेरा दोस्त… लेकिन वो दोनों… कितने परफेक्ट लग रहे हैं…’
मैं उठा नहीं पाया, बस घूरता रहा—खुशबू की बिकिनी गीली हो रही थी, असलम का हाथ उसकी बॉडी पर…
‘क्या ये गलत है? लेकिन मजा क्यों आ रहा है…?’
उसी समय, जय वहाँ सर्वे करने के लिए आ गया था—रिसोर्ट का स्टाफ, बीच पर चक्कर लगाने का बहाना।
वो मेरे पास आया, चेयर पर बैठ गया, और मुस्कुराते हुए बोला,
“भाई अमित… देख… तेरी मैडम और साहब… पानी में कितने कंपेल्ड लग रहे हैं… जैसे बने हों एक-दूसरे के लिए… साहब का हाथ मैडम की कमर पर… मैडम साहब के सीने पर चिपकी… उफ्फ… क्या केमिस्ट्री है… तू तो लकी है रे… ऐसी मालकिन मिली… साहब जैसा मर्द साथ में… हनीमून तो परफेक्ट हो रहा…”
मैंने हल्के से सिर हिलाया, लेकिन गला सूखा हुआ था। “हाँ… हाँ भाई… अच्छा लग रहा है…”
जय (हँसकर, मेरी तरफ़ देखकर):
“अच्छा लग रहा है? भाई… तेरी मैडम की वो बिकिनी… गीली होकर और चिपक गई… साहब का हाथ… मैडम की चीखें… सुन रहा हूँ…
‘असलम जी… धीरे…’
हा हा… वो दोनों तो एक-दूसरे के लिए ही बने हैं… तू फोटोज ले रहा था ना?
बाद में देखकर मुट्ठ मार लेना… लेकिन सच में… क्या कपल है… … लेकिन कितना सेक्सी… तू तो बस देख… हम नौकरों को यही मजा मिलता है…”
जय की बातें सुनकर मेरी एक्साइटमेंट और बढ़ गई—जलन तो थी, लेकिन वो अपमान में मजा… ‘हाँ… वो दोनों परफेक्ट लग रहे हैं… लेकिन वो मेरी बीवी है…’ मैं बस देखता रहा, कैमरा हाथ में, लेकिन क्लिक नहीं किया। मन में कन्फ्यूजन घूम रहा था—‘ये मेरा हनीमून है… लेकिन मैं क्यों खुश हूँ ये देखकर?’ जय हँसता रहा, और मैं चुपचाप… जलता हुआ, उत्तेजित होता हुआ।
असलम (हँसते हुए, खुशबू को घुमाते हुए):
“जान… पानी में कितना अच्छा लग रहा है… तुम्हारी ये बिकिनी… गीली होकर तो आग लग रही है… देखो, सब घूर रहे हैं… लेकिन तुम मेरी हो… मेरा शौहर बनकर मैं तुम्हें कहीं नहीं छोड़ूँगा…”
खुशबू (चीखते हुए, लेकिन मस्ती में, उसके कंधों पर हाथ रखकर):
“असलम जी… उफ्फ… धीरे… लहरें आ रही हैं… तुम्हारा ये होल्ड… मुझे कितना सुरक्षित महसूस कराता है… एक स्लिम मर्द का… हाँ, घुमाओ मुझे… और ज़ोर से… हा हा… अमित देख रहा होगा… लेकिन वो खुश होगा ना?”
असलम (उसकी कमर पकड़कर, जाँघों पर हाथ फेरते हुए):
“अरे अमित… वो तो नीचे बैठा है… बेचारा फोटोज देखकर ही खुश होता रहेगा… लेकिन असली मजा तो मेरा है… जान, तुम्हारी ये जाँघें… पानी में कितनी स्लिपरी… मैं तो बस सहलाता रहूँ… उफ्फ… और करीब आओ…”
खुशबू (उसके गले में बाँहें डालकर, चिपककर):
“हाँ असलम जी… सहलाओ… ये सब तुम्हारे लिए ही तो… रात भर की थकान मिट गई… लेकिन यहाँ… पब्लिक में… सब देख रहे हैं… मुझे मजा आ रहा है… तुम्हारा हाथ… नीचे… आह्ह… बस थोड़ा और…”
असलम (उसे लहर में झूलाते हुए, उसके होंठों के पास मुंह ले जाकर):
“मजा आ रहा है ना जान? ये लहरें… जैसे हमारी रात की तरह… ऊपर-नीचे… मैं तो बस तुम्हें चूमना चाहता हूँ… लेकिन रुको… अमित देख रहा है… हा हा… बेचारे को थोड़ा जलन तो बनती है…”
खुशबू (हँसकर, लेकिन सिसकारी दबाते हुए):
“हाँ… जलन में ही तो मजा है… अमित बेचारा… सोच रहा होगा हम बस मस्ती कर रहे हैं… लेकिन तुम्हारा ये टच… उफ्फ… असलम जी… जोर से होल्ड करो… जैसे रात में किया था…”
असलम (उसकी गांड पर हाथ रखकर, उसे अपनी तरफ़ दबाते हुए):
“जैसे रात में? जान… रात तो अभी बाकी है… लेकिन यहाँ… पानी में… मैं तुम्हें अपना बना लूँ… देखो, ये लहर… जैसे मेरा लंड… ऊपर-नीचे… हा हा… चिल्लाओ… ज़ोर से…”
खुशबू (चीखकर, लेकिन मस्ती में):
“असलम जी… आह्ह… हाँ… ऐसे ही… मैं तुम्हारी हूँ… पूरी तरह से…
मैं दूर से ये सब देख रहा था
एक्साइटमेंट इतना कि हाथ काँप रहे थे,
लंड टाइट हो गया था,
जलन इतनी कि आँखें नम हो रही थीं,
और कन्फ्यूजन इतना कि मन कह रहा था,
‘ये मेरा दोस्त है… मेरी बीवी… लेकिन वो दोनों… कितने करीब… ये मस्ती है या…’ मैं उठ नहीं पाया, बस घूरता रहा।
खुशबू और असलम पानी में मस्ती कर रहे थे,
लेकिन खुशबू की नज़रें थोड़ी दूरी पर बैठे मुझे पर पड़ीं।
मैं जय और बाकी नौकरों के साथ बातें कर रहा
खुशबू को ये देखकर एक शैतानी लहर दौड़ गई—‘
बेचारा… निचले तबके के लोगों के साथ बैठा है… जैसे खुद भी उनका ही हिस्सा हो…
अमित… तू तो मेरा पति है, लेकिन देख…
मैं तुझे नीचा दिखाने का एक भी मौका नहीं छोड़ूँगी…’
वो असलम के कान में फुसफुसाई,
“असलम जी… अमित नीचे उन नौकरों के साथ बैठा है… बातें कर रहा है… चलो, उसे बुलाते हैं… जूस मंगवाते हैं… और फिर फोटोज… उसे याद दिला दूँ कि वो हमारा सर्वेंट है…”
असलम ने मुस्कुराकर सिर हिलाया,
“हाँ जान… बुला लो… बेचारे को थोड़ा काम मिलेगा… और हमें मजा…”
वो दोनों पानी से बाहर निकले, हाथ में हाथ डाले, जैसे कोई परफेक्ट हनीमून कपल
। खुशबू ने मुझे कॉल किया
मेरा फोन बजा, और मैं तुरंत उठा
। “जान… इधर आओ ना… असलम जी को प्यास लग गई है… जूस मंगवा दो… और हाँ… पानी में हमारी मस्ती की फोटोज ले लो… ताकि यादें बन जाएँ…”
उसकी आवाज़ में वो मीठी कमांड थी, जो मुझे लगा प्यार है।
मैं तुरंत होटल स्टाफ से जूस मंगवाने गया
—कोकोनट वॉटर और ऑरेंज जूस—और ट्रे लेकर बीच पर पहुँचा।
मैं ट्रे लेकर उनके पास पहुँचा।
खुशबू ने जूस लिया,
असलम को थमाया,
और बोली,
“थैंक यू जान… अब कैमरा निकालो… पानी में हमारी फोटोज ले लो… मस्ती वाली… ताकि तुम्हें भी मजा आए…”
मैंने कैमरा ऑन किया
, और वो दोनों फिर से पानी में उतर गए। असलम ने खुशबू को अपनी कमर पर उठा लिया, उसके पैर असलम की कमर से लिपट गए।
“अमित… क्लिक कर… देख, कितनी सिड्यूसिंग लग रही है…” असलम बोला।
खुशबू (हँसकर, असलम के गले में बाँहें डालकर)
“हाँ जान… ये पोज़ अच्छी है ना? असलम जी, मुझे और ऊपर उठाओ… ताकि फोटो में मेरी जाँघें अच्छे से दिखें… अमित, ज़ूम करो… देखो, ये बिकिनी गीली होकर कितनी चिपक गई…”


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