16-12-2025, 12:58 PM
लाला ने तिमंजले पर एक कमरे का सैट राजू के लिए भी बना रखा था.
राजू तो घर का ही सदस्य था, खाना-नाश्ता भी घर पर ही खाता.
वह सरिता को सेठानी और रिशा को भाभी कहता.
राजू गठीले बदन का बांका नौजवान तो था ही, सलीकेदार और साफ़ सुथरा रहता.
लाला की नस उससे दबती थी क्योंकि लाला के सारे हिसाब किताब और गड़बड़ धंधों की जानकारी राजू के पास ही रहती.
अब तो तकादे पर अक्सर राजू ही जाता.
लाला की तरह अब वह भी पेटीकोट और ब्लाउज के अन्दर के नाप लेने लगा था.
जब लाला को मालूम पड़ा तो उन्होंने उसे कसम दे दी कि वह ये सब न करे.
उसके 25 साल का होने पर लाला उसकी शादी करा देंगे.
इधर राजू रिशा और सरिता से बहुत घुल-मिल गया था.
जब लाला ज्यादा खर्राटे भरते, तो कभी कभी सरिता ऊपर की मंजिल पर बने रिशा के कमरे में सोने चली जाती, जहां दोनों देर रात तक हंसी मजाक करतीं, टीवी देखतीं और सो जातीं.
एक रात बारिश जोर की हो रही थी.
लाला तो ठण्ड का बहाना करके दो पैग लगा कर लुढ़क लिए.
सरिता के मन में न जाने क्या आया.
उसने भी एक बड़ा सा पैग बनाया और गिलास लेकर ऊपर रिशा के कमरे में चली गयी.
रिशा उसे पैग लेकर आते देख कर हंस दी और बोली- दीदी आज क्या मूड है!
सरिता ने झट से कमरा बंद किया और बोली- चल हम भी आज पीकर देखती हैं.
रिशा ने मना भी किया पर सरिता बोली- चल थोड़ी थोड़ी पी लेती हैं.
दोनों ने बुरा सा मुँह बना कर दो चार घूँट ले ही लिए.
बिजली जोर से कड़क रही थी.
ठण्ड भी थी तो दोनों रजाई में घुस गईं.
रिशा बाथरूम में गयी तो सरिता उसका मोबाइल देखने लगी.
सरिता ने देखा कि रिशा कोई सेक्स कहानी पढ़ रही थी.
वह romantic की साईट थी.
सरिता उसे पढ़ने लगी.
उसकी सांस जोर से चलने लगी.
कहानी बहुत गर्म थी … चुदाई से भरपूर!
सरिता को लगा कि उसकी चूत में कुछ हो रहा है.
उसकी उंगली अपनी नाईटी के अन्दर जा घुसी.
वह चूत कुरेदने में मस्त थी.
तभी उसने देखा कि उसके पास रिशा खड़ी है.
दोनों की आंखें मिलीं.
आंखों ही आंखों में वासना ने अपना रस साझा किया.
अब सरिता ने मोबाइल एक ओर रख दिया.
रिशा ने लाईट बंद की और वह रजाई में लेट गयी.
दोनों चुप थीं.
तभी अचानक बिजली कड़की.
रिशा सरिता से चिपट गयी.
दोनों एक दूसरे को चूमने लगीं.
रिशा सरिता को भींचे जा रही थी.
काफी देर की चूमाचाटी के बाद सरिता ने पहल की और अपनी और रिशा की नाइटी उतार दी.
अब वे दोनों एक दूसरे से नंगी ही चिपट गयीं.
दोनों के जिस्म गर्म हो रहे थे.
आज जैसा होंठों का मिलन … शायद उन्होंने कभी ऐसा सुख लिया ही नहीं था.
रिशा ने फिर भी बिस्तर पर अजय के साथ भरपूर चुदाई की थी पर उसमें अपनापन नहीं था.
अजय ने केवल अपनी जिस्म की भूख मिटाई थी उसके साथ.
रिशा ने अपनी एक उंगली सरिता की चूत की ओर की.
सरिता की चूत बालों के झुण्ड से भरी थी.
रिशा बोली- ये क्या दीदी … इतनी झाड़ियां!?
सरिता बोली- किसके लिए साफ़ करूँ!
खैर … आज के लिए शायद इतना ही काफी था.
दोनों एक दूसरे को चूमती चाटती हुई एक दूसरे के आगोश में सो गयीं.
अब तो उनका ये आए दिन का हो गया.
रिशा ने सरिता को भी चिकना कर दिया था.
दोनों अब एक दूसरे के छेद में उंगली और खीरे, केले करतीं.
खूब पोर्न देखतीं.
रिशा से गर्मी पाकर अब सरिता खुद पहल करके लाला का लंड सहला देती या चूस देती.
लाला खुश हो जाते और सरिता को ऊपर बैठाकर उससे चुदते.
सरिता का मन तो नहीं भरता, बल्कि आग और भड़क जाती.
पर फिर भी लाला का लंड उसे कुछ तो सुख दे ही जाता.
अब वह जिस रात लाला के साथ रासलीला कर लेती तो उस रात ऊपर नहीं जाती.
उसने ये इशारा रिशा को भी दे दिया था.
राजू तो घर का ही सदस्य था, खाना-नाश्ता भी घर पर ही खाता.
वह सरिता को सेठानी और रिशा को भाभी कहता.
राजू गठीले बदन का बांका नौजवान तो था ही, सलीकेदार और साफ़ सुथरा रहता.
लाला की नस उससे दबती थी क्योंकि लाला के सारे हिसाब किताब और गड़बड़ धंधों की जानकारी राजू के पास ही रहती.
अब तो तकादे पर अक्सर राजू ही जाता.
लाला की तरह अब वह भी पेटीकोट और ब्लाउज के अन्दर के नाप लेने लगा था.
जब लाला को मालूम पड़ा तो उन्होंने उसे कसम दे दी कि वह ये सब न करे.
उसके 25 साल का होने पर लाला उसकी शादी करा देंगे.
इधर राजू रिशा और सरिता से बहुत घुल-मिल गया था.
जब लाला ज्यादा खर्राटे भरते, तो कभी कभी सरिता ऊपर की मंजिल पर बने रिशा के कमरे में सोने चली जाती, जहां दोनों देर रात तक हंसी मजाक करतीं, टीवी देखतीं और सो जातीं.
एक रात बारिश जोर की हो रही थी.
लाला तो ठण्ड का बहाना करके दो पैग लगा कर लुढ़क लिए.
सरिता के मन में न जाने क्या आया.
उसने भी एक बड़ा सा पैग बनाया और गिलास लेकर ऊपर रिशा के कमरे में चली गयी.
रिशा उसे पैग लेकर आते देख कर हंस दी और बोली- दीदी आज क्या मूड है!
सरिता ने झट से कमरा बंद किया और बोली- चल हम भी आज पीकर देखती हैं.
रिशा ने मना भी किया पर सरिता बोली- चल थोड़ी थोड़ी पी लेती हैं.
दोनों ने बुरा सा मुँह बना कर दो चार घूँट ले ही लिए.
बिजली जोर से कड़क रही थी.
ठण्ड भी थी तो दोनों रजाई में घुस गईं.
रिशा बाथरूम में गयी तो सरिता उसका मोबाइल देखने लगी.
सरिता ने देखा कि रिशा कोई सेक्स कहानी पढ़ रही थी.
वह romantic की साईट थी.
सरिता उसे पढ़ने लगी.
उसकी सांस जोर से चलने लगी.
कहानी बहुत गर्म थी … चुदाई से भरपूर!
सरिता को लगा कि उसकी चूत में कुछ हो रहा है.
उसकी उंगली अपनी नाईटी के अन्दर जा घुसी.
वह चूत कुरेदने में मस्त थी.
तभी उसने देखा कि उसके पास रिशा खड़ी है.
दोनों की आंखें मिलीं.
आंखों ही आंखों में वासना ने अपना रस साझा किया.
अब सरिता ने मोबाइल एक ओर रख दिया.
रिशा ने लाईट बंद की और वह रजाई में लेट गयी.
दोनों चुप थीं.
तभी अचानक बिजली कड़की.
रिशा सरिता से चिपट गयी.
दोनों एक दूसरे को चूमने लगीं.
रिशा सरिता को भींचे जा रही थी.
काफी देर की चूमाचाटी के बाद सरिता ने पहल की और अपनी और रिशा की नाइटी उतार दी.
अब वे दोनों एक दूसरे से नंगी ही चिपट गयीं.
दोनों के जिस्म गर्म हो रहे थे.
आज जैसा होंठों का मिलन … शायद उन्होंने कभी ऐसा सुख लिया ही नहीं था.
रिशा ने फिर भी बिस्तर पर अजय के साथ भरपूर चुदाई की थी पर उसमें अपनापन नहीं था.
अजय ने केवल अपनी जिस्म की भूख मिटाई थी उसके साथ.
रिशा ने अपनी एक उंगली सरिता की चूत की ओर की.
सरिता की चूत बालों के झुण्ड से भरी थी.
रिशा बोली- ये क्या दीदी … इतनी झाड़ियां!?
सरिता बोली- किसके लिए साफ़ करूँ!
खैर … आज के लिए शायद इतना ही काफी था.
दोनों एक दूसरे को चूमती चाटती हुई एक दूसरे के आगोश में सो गयीं.
अब तो उनका ये आए दिन का हो गया.
रिशा ने सरिता को भी चिकना कर दिया था.
दोनों अब एक दूसरे के छेद में उंगली और खीरे, केले करतीं.
खूब पोर्न देखतीं.
रिशा से गर्मी पाकर अब सरिता खुद पहल करके लाला का लंड सहला देती या चूस देती.
लाला खुश हो जाते और सरिता को ऊपर बैठाकर उससे चुदते.
सरिता का मन तो नहीं भरता, बल्कि आग और भड़क जाती.
पर फिर भी लाला का लंड उसे कुछ तो सुख दे ही जाता.
अब वह जिस रात लाला के साथ रासलीला कर लेती तो उस रात ऊपर नहीं जाती.
उसने ये इशारा रिशा को भी दे दिया था.


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