15-12-2025, 06:03 PM
अपडेट -3
अपने जन्मदिन पर अपनी वर्जिनिटी खोने के बाद रघु तो घर आ गया था लेकिन रघु का मन चुदाई में कहीं खो गया था।
आज पुरा एक साल हो गया था रघु को एक हि रांड को पेलते हुए। आयशा हां ये वाही रंडी है जिसने रघु की सील तोड़ी थी लेकिन सच तो ये है की नो पेन नो गेन , आयशा को रघु पसंद था ओ उसके स्टेमिना से बहुत खुश थी लेकिन उसे क्या पटा रघु तो एक बीमारी के चलते खिलाड़ी हुआ बैठा है। करीब दो हफ्ते बाद की बात है की रघु का किसी से झगड़ा हो गया था रघु माँ बहन की गालियां देते हुए आ रहा था जब आयशा को पता चला तो आयशा बिना दर किये रघु से मिलने निकल पड़ी।
रघु: अरे कुछ नही हुआ वो बहन चोद जाकिर नहीं है क्या उसकी बहन को देख रहा था। मादर चौद ज्यादा चौड़ा हो गया और धर दी मुझे। बस फिर मैंने भी गाली दे दी ।
आयशा : क्या ? गाली दी तूने ??
रघु : हां मेरे मुह से निकल गया तेरी बहन चौद दूंगा, इस पर उसने मारा मुझे।
आयशा : (हसने लगी ) अब गाली दोगे तो मारेगा हि ना
रघु: तो क्या करता? (गुस्से में)
आयशा : सच में उसकी बहा चौद देता।
रघु: क्या कुछ भी बोलती हो, उसकी बहन...
आयशा : बात काटते हुए, चौड़ेगा या नही
रघु :आयशा की आँखों में देखते हुए। चाहता तो हूं लेकिन...
आयशा : बात काटे हुए लेकिन वेकिन छोड़ समझ तुझे जाकिर की बहन की मिल गयी।
रघु :अच्छा सिर्फ तुम्हारे कहने से
आयशा: मैंने कब कहा सिर्फ मेरे कहने से वह तो तुमने कहा है कि तुम उसकी बहन की लेना चाहते हो तो बस
रघु :जो संभव नहीं हो ना तुम उसकी सलाह मत दिया करो
आयशा : अच्छा सुनो तुम्हें उसकी बहन में क्या अच्छा लगा
रघु : आप क्या बताऊं तुम्हें उसकी सूरत कितनी मासूम दिखती है उसकी आंखें ऐसे लगता हैं जाने कितनी गहरी हो उसके वह नाजुक से होट (आयशा को अपनी बाहों में पकड़ते हुए ) उसके वह छोटे छोटे से संतरे और उसकी वो गांड। दिल पर छुरिया चल देती है ।
आयशा अच्छा ठीक है बस बस इतनी भी तारीफ मत करो
रघु : क्यों तुम्हें क्या जलन हो रही है
आयशा : जेल मेरी जूती और उसकी फुद्दी
दोनो एक दूसरे की तरफ देख हसने लगते है।
अपने जन्मदिन पर अपनी वर्जिनिटी खोने के बाद रघु तो घर आ गया था लेकिन रघु का मन चुदाई में कहीं खो गया था।
आज पुरा एक साल हो गया था रघु को एक हि रांड को पेलते हुए। आयशा हां ये वाही रंडी है जिसने रघु की सील तोड़ी थी लेकिन सच तो ये है की नो पेन नो गेन , आयशा को रघु पसंद था ओ उसके स्टेमिना से बहुत खुश थी लेकिन उसे क्या पटा रघु तो एक बीमारी के चलते खिलाड़ी हुआ बैठा है। करीब दो हफ्ते बाद की बात है की रघु का किसी से झगड़ा हो गया था रघु माँ बहन की गालियां देते हुए आ रहा था जब आयशा को पता चला तो आयशा बिना दर किये रघु से मिलने निकल पड़ी।
रघु: अरे कुछ नही हुआ वो बहन चोद जाकिर नहीं है क्या उसकी बहन को देख रहा था। मादर चौद ज्यादा चौड़ा हो गया और धर दी मुझे। बस फिर मैंने भी गाली दे दी ।
आयशा : क्या ? गाली दी तूने ??
रघु : हां मेरे मुह से निकल गया तेरी बहन चौद दूंगा, इस पर उसने मारा मुझे।
आयशा : (हसने लगी ) अब गाली दोगे तो मारेगा हि ना
रघु: तो क्या करता? (गुस्से में)
आयशा : सच में उसकी बहा चौद देता।
रघु: क्या कुछ भी बोलती हो, उसकी बहन...
आयशा : बात काटते हुए, चौड़ेगा या नही
रघु :आयशा की आँखों में देखते हुए। चाहता तो हूं लेकिन...
आयशा : बात काटे हुए लेकिन वेकिन छोड़ समझ तुझे जाकिर की बहन की मिल गयी।
रघु :अच्छा सिर्फ तुम्हारे कहने से
आयशा: मैंने कब कहा सिर्फ मेरे कहने से वह तो तुमने कहा है कि तुम उसकी बहन की लेना चाहते हो तो बस
रघु :जो संभव नहीं हो ना तुम उसकी सलाह मत दिया करो
आयशा : अच्छा सुनो तुम्हें उसकी बहन में क्या अच्छा लगा
रघु : आप क्या बताऊं तुम्हें उसकी सूरत कितनी मासूम दिखती है उसकी आंखें ऐसे लगता हैं जाने कितनी गहरी हो उसके वह नाजुक से होट (आयशा को अपनी बाहों में पकड़ते हुए ) उसके वह छोटे छोटे से संतरे और उसकी वो गांड। दिल पर छुरिया चल देती है ।
आयशा अच्छा ठीक है बस बस इतनी भी तारीफ मत करो
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