15-12-2025, 06:02 PM
अपडेट -1
सीधे कहानी के उस भाग पर जाते है जहाँ कहानी के पात्र का चरित्र निर्माण होता है एयर कहानी किसी और हि अगले की और जाने लगती है।
हीरो एक 20 वर्षीय हैंडसम चहरे पर हलकी दाडी, मस्सूम आँखे और और ना स्मोकिंग करता है ना हि कुछ और इसके कॉलेज में सभी इसके मित्रश है चाहे लड़के हो या लड़किया कारण एक हि है की इसका नेचर सबसे दोस्ताना रहा है। लेकिन इसका एक दूसरा चेहरा ओर भी है हीरो के हाथ में एक पुरानी सी घड़ी है जिसके अंदर कई कांटे है जो हीरो को सही समय भी बताती है। अब यहाँ मैंने समय भी बताती है क्यों कहा यही इस कहानी का उद्देश्य है। दरअसल बात ये है की जब अपना हीरो 18 का हुआ तब हीरो के कुछ दोस्त जो की कॉलेज टाइम में हुआ करते थे उसके जन्म दिन पर उसे एक तोहफा दिया वो था वर्जिनिटी खोने का, रघु के लिए उसके दोस्तों ने एक रंडी का इंतजाम किया था उसके लिए वो उसे रात को अपने घर रोकना चाहते थे जिसका इजाजत उन्होंने रघु की मम्मी से ले ली उसके बाद दोस्तों ने मिलकर हीरो को एक रंडी पेश की इस कहानी को ज्यादा लम्बा ना करते हुए सिद्धे मुद्दे पर आता हूं ,
![[Image: 22ac4feebdd7c791ddf118d7159d3d16.jpg]](https://i.ibb.co/JwqbZYvC/22ac4feebdd7c791ddf118d7159d3d16.jpg)
आयशा ना की इस रंडी से इस कहानी की शुरुआत होती है जो ना जाने कहाँ ख़तम होगी।
रघु क्युकी पहली बार चुदाई करने वाला था तो उसे कुछ ज्ञान नहीं था इस लिए उस रंडी ने रघु को सब बताया सब सिखाया लेकिन जब रघु ने उस रंडी की चुदाई करना शुरु किया तो रंडी की हालत खराब हो गयी ये कहानी की नीव यही से शुरु होनी चाहिए शायद। दरअसल् आज की चुदाई के बाद वो रंडी चलने लायक नही रही थी और रघु चल नहीं पा रहा था, रंडी की चूत खुन खच्चर हुयी पड़ी थी इसका कारण ये नही था की रघु के पास बहुत बड़ा लंड है हालाँकि रघु का लड़ 9 इंच का है
![[Image: 16370676.jpg]](https://i.ibb.co/JjhV9Bb1/16370676.jpg)
लेकिन फिर भी एक रांड की हालत खराब बड़ा लंड नही बल्कि रघु का स्टेमिना ने खराब कर दिया था। अब चलते है डॉक्टर की रिपोर्ट की तरफ,
डॉक्टर लिसा दत्ता: मैडम इस लड़के मैं कोई कमी नहीं है भगवान ने इसको सब कुछ ज्यादा हि दिया है।
दीपिका: मतलब?
![[Image: 3a086d304676add0725f49e9e317d24d.jpg]](https://i.ibb.co/mVc7m6MM/3a086d304676add0725f49e9e317d24d.jpg)
डॉक्टर: मैडम आपके बेटे को एक बीमारी है जिसको डी ई (डीलेड इजेकुलेशन कहते है ) मतलब इसका जल्दी से नही छूटता।
दीपिका: शर्मसार हो जाति है।
डॉक्टर: मैडम इसे हलके में मत लीजिये एक तो आपके बेटे का लंड मेरा मतलब लिंग भी बड़ा है ऊपर से डी ई बीमारी ये किसी की भी हालत खराब कर सकता है।
यही कारण था की रघु ने चुदाई शुरु की तो मज़ा आने लगा लेकिन खुद को शान्त करने के लिए उसने रंडी की हालत खराब कर दी ।
तो दूसरे दिन रघु का माल नही छूटने के कारण दोनों आंड सूज गये। अब बहन चौ... रघु क्या करे उसे इतना ज्ञान नहीं तो रोने लगा उसका नतीजा अब दीपिका को पता है की उसका बेटा किस बीमारी से ग्रस्त है। लेकिन डॉक्टर ने दीपिका को पहले हि बता दिया था की इस बीमारी का कोई इलाज नही होता बल्कि उम्र के साथ ये खुद बा खुद सही होती जाति है और नहीं भी होती। जब ये सही नही होती तो पुरुष कभी भी काम से मिलने वाले सुख को नहीं भोग पाता ।
सीधे कहानी के उस भाग पर जाते है जहाँ कहानी के पात्र का चरित्र निर्माण होता है एयर कहानी किसी और हि अगले की और जाने लगती है।
हीरो एक 20 वर्षीय हैंडसम चहरे पर हलकी दाडी, मस्सूम आँखे और और ना स्मोकिंग करता है ना हि कुछ और इसके कॉलेज में सभी इसके मित्रश है चाहे लड़के हो या लड़किया कारण एक हि है की इसका नेचर सबसे दोस्ताना रहा है। लेकिन इसका एक दूसरा चेहरा ओर भी है हीरो के हाथ में एक पुरानी सी घड़ी है जिसके अंदर कई कांटे है जो हीरो को सही समय भी बताती है। अब यहाँ मैंने समय भी बताती है क्यों कहा यही इस कहानी का उद्देश्य है। दरअसल बात ये है की जब अपना हीरो 18 का हुआ तब हीरो के कुछ दोस्त जो की कॉलेज टाइम में हुआ करते थे उसके जन्म दिन पर उसे एक तोहफा दिया वो था वर्जिनिटी खोने का, रघु के लिए उसके दोस्तों ने एक रंडी का इंतजाम किया था उसके लिए वो उसे रात को अपने घर रोकना चाहते थे जिसका इजाजत उन्होंने रघु की मम्मी से ले ली उसके बाद दोस्तों ने मिलकर हीरो को एक रंडी पेश की इस कहानी को ज्यादा लम्बा ना करते हुए सिद्धे मुद्दे पर आता हूं ,
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आयशा ना की इस रंडी से इस कहानी की शुरुआत होती है जो ना जाने कहाँ ख़तम होगी।
रघु क्युकी पहली बार चुदाई करने वाला था तो उसे कुछ ज्ञान नहीं था इस लिए उस रंडी ने रघु को सब बताया सब सिखाया लेकिन जब रघु ने उस रंडी की चुदाई करना शुरु किया तो रंडी की हालत खराब हो गयी ये कहानी की नीव यही से शुरु होनी चाहिए शायद। दरअसल् आज की चुदाई के बाद वो रंडी चलने लायक नही रही थी और रघु चल नहीं पा रहा था, रंडी की चूत खुन खच्चर हुयी पड़ी थी इसका कारण ये नही था की रघु के पास बहुत बड़ा लंड है हालाँकि रघु का लड़ 9 इंच का है
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लेकिन फिर भी एक रांड की हालत खराब बड़ा लंड नही बल्कि रघु का स्टेमिना ने खराब कर दिया था। अब चलते है डॉक्टर की रिपोर्ट की तरफ,
डॉक्टर लिसा दत्ता: मैडम इस लड़के मैं कोई कमी नहीं है भगवान ने इसको सब कुछ ज्यादा हि दिया है।
दीपिका: मतलब?
![[Image: 3a086d304676add0725f49e9e317d24d.jpg]](https://i.ibb.co/mVc7m6MM/3a086d304676add0725f49e9e317d24d.jpg)
डॉक्टर: मैडम आपके बेटे को एक बीमारी है जिसको डी ई (डीलेड इजेकुलेशन कहते है ) मतलब इसका जल्दी से नही छूटता।
दीपिका: शर्मसार हो जाति है।
डॉक्टर: मैडम इसे हलके में मत लीजिये एक तो आपके बेटे का लंड मेरा मतलब लिंग भी बड़ा है ऊपर से डी ई बीमारी ये किसी की भी हालत खराब कर सकता है।
यही कारण था की रघु ने चुदाई शुरु की तो मज़ा आने लगा लेकिन खुद को शान्त करने के लिए उसने रंडी की हालत खराब कर दी ।
तो दूसरे दिन रघु का माल नही छूटने के कारण दोनों आंड सूज गये। अब बहन चौ... रघु क्या करे उसे इतना ज्ञान नहीं तो रोने लगा उसका नतीजा अब दीपिका को पता है की उसका बेटा किस बीमारी से ग्रस्त है। लेकिन डॉक्टर ने दीपिका को पहले हि बता दिया था की इस बीमारी का कोई इलाज नही होता बल्कि उम्र के साथ ये खुद बा खुद सही होती जाति है और नहीं भी होती। जब ये सही नही होती तो पुरुष कभी भी काम से मिलने वाले सुख को नहीं भोग पाता ।
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html
Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) ( Unexpected Desire of Darkness ) PART-II
https://xossipy.com/thread-70677-post-60...pid6048878
https://xossipy.com/thread-1515.html
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द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) ( Unexpected Desire of Darkness ) PART-II
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