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Adultery Payal Ghosh - innocent wife
#46
Update...

मेरे जन्मदिन के तीन दिन बाद आया—करवा चौथ का दिन। उस दिन मेरी तड़प इतनी बढ़ गई कि मैं अपनी वासना की आंधी में बहकर अपने पति और प्रेम से एक ही कमरे में वासना की चुदाई में विलीन हो गई। उस रात मुझे पहली बार पता चला कि असली चुदाई क्या होती है, और मर्द का लंड क्या कर सकता है।

करवा चौथ का दिन था। सुबह से मैंने व्रत रखी थी। तो मैं अपने आपको सजाने संवारने में लग गई, घर में कोई नहीं था और में हॉल में बैठकर अपनी साड़ी और पेटीकोट को उतार नंगी हो गई फिर आइने लाकर अपने चूत का हाल देखी जिसपर थोड़े छोटे छोटे बाल उग आए थे, कांख में भी बाल उग आए थे और मैं उठी फिर वाशरूम चली गई। पायल नंगे ही वाशरूम में गई और वहां अपने चूत और कांख को पहले पानी से भिंगोई, अब हेयर रिमूवर क्रीम चुत पर लगाई और फिर दोनों कांखों में फिर उसको हल्के हाथ से रगड़ते हुए चूत को साफ करने लगी

थोड़ी देर में चूत और कांख से बाल गायब थे फिर मैं झरना के नीचे खड़ी होकर स्नान करने लगी, मेरी ३६-२६-३६ की साईज सबको अच्छी लगती थी वैसे भी शादी के बाद मेरे फिगर में बदलाव आया था। पायल पूरे बदन पर बॉडी वाश लगाई फिर रगड़ रगड़कर जिस्म साफ की और स्नान करके बाहर निकली, अपने जिस्म को टॉवेल से पोंछ ली फिर सोचने लगी कि कौन सा ड्रेस पहन लिया जाए तो अलमारी से निकालकर लाल साड़ी पहनी, कसी हुई चोली जो मेरे चूची को और उभार रही थी। फिर आइने के सामने खड़ी होकर बाल संवारी और अब हॉल आकर टी वी देखने लगी, मेरे गुलाबी होंठ, काजल से सजे नैन, और लंबे खुले बाल मेरे कंधों पर लहरा रहे थे। मेरा गोरा जिस्म ऐसा लग रहा था, मानो कोई अप्सरा हो। शाम को चाँद देखकर मैंने जल लिया, फिर खाना खाया। लेकिन मेरे मन में एक अजीब सी बेचैनी थी। मुझे पता था कि रात को फिर वही होगा—रोहित मुझे तड़पाकर छोड़ देंगे।

खाना खाने के बाद में कमरे में गई । मैं अभी भी साड़ी में थी। रोहित ने मुझे बाहों में लिया और छेड़ना शुरू किया। उनकी उंगलियाँ मेरे ब्लाउज के हुक खोलने लगीं। धीरे-धीरे मेरी साड़ी, पेटीकोट, और ब्लाउज उतर गए। मैं लाल ब्रा और पैंटी में थी। रोहित ने मेरे बाल खोल दिए, और मैं बिस्तर पर किसी हूर की तरह लेटी थी। वह मेरे चूची को ब्रा के ऊपर से दबाने लगे, मेरे निप्पल्स को चूमा। “आह्ह… रोहित… धीरे…” मेरी साँसें तेज हो गईं। लेकिन फिर वही हुआ—उन्होंने मेरी पैंटी में उंगली डाली और मेरी चूत में सटासट चलाने लगे।

मेरी चूत गीली हो चुकी थी। मेरे निप्पल्स तन गए थे। “आआह्ह… उह्ह…” मेरी सिसकियाँ निकल रही थीं, लेकिन मेरे जिस्म की भूख बढ़ती जा रही थी। मैं तड़प रही थी। अचानक मेरा गुस्सा फूट पड़ा। मैंने रोहित को धक्का दिया और चिल्लाई, “बस करो! इसके लिए मैंने व्रत रखा था? तुम हर बार मुझे तड़पाकर सो जाते हो!” वह बेड से नीचे गिर गए। मैंने गुस्से में कहा, “शादी क्यों की, जब तुम मुझे चोद नहीं सकते? मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी।”

रोहित डर गए। उन्हें अपनी गलती का एहसास था। वह माफी माँगने लगे। “पायल, मैं घर का इकलौता बेटा हूँ। मेरे पास धन-दौलत है, उसे भोगो। मैंने कहा, “मैं ऐसी सम्पत्ती का क्या करूंगी जो मेरे जिस्म की आग को बुझा ना सके अगर बाहर जाकर संबंध बनाऊँ, तो लोग क्या कहेंगे? बदनामी होगी। आप बताऊं घर के बाहर ये करना ठीक होगा ।” तभी मेरे घर के दरवाजे का बेल बजा और मैं शांत हो गई। फिर मैं उठकर जाकर दरवाजा खोली तो सामने में प्रफुल्ल था मैं उसको देखकर बहुत खुश हुई और उसको तुरंत दरवाजे से अंदर खींचकर मैंने बहुत टाईट हग किया और उसके गले में अपनी कोमल गोरी गोरी बाहें डालकर मैंने उसको चूमा और बहुत देर तक चूमा और वह भी मुझे जमकर चूम रहा था, फिर कुछ देर बाद हम दोनों ने अपना अपना होश संभाला और मैंने उसको अंदर आने को कहां जब वह अंदर आया तो उसके हाथ में एक थैला था और अंदर आते उसने कहा " आज तो करवा चौथ है तुम दोनों पति-पत्नी को खुश रहना चाहिए "
तभी मेरे मुंह से निकल गया" मेरी जिंदगी में कभी खुशी नहीं आ सकती है फिर मैं बाथरूम में जाकर जल्दी से एक पतली सी मैक्सी पहनी और उसके अंदर ब्रा-पैंटी कुछ नहीं था, सिर्फ वो मैक्सी, जो मेरे जिस्म से चिपक रही थी।
प्रफुल्ल ने थैला से एक गिफ्ट निकलकर मुझे दिया और फिर मुझे देख बोला ” इसमें एक व्हिस्की की बोतल है, कोल्ड ड्रिंक्स और सोडा भी ।
( मैं मुस्कुराई ) बोली ग्लास लेकर आती हूं ” फिर मैं कमर बलखाते हुए किचन चली गई, वापस तीन ग्लास लिए आईं तो टेबल पर व्हिस्की, सोडा और कोल्ड ड्रिंक्स था, मैं सामने के सोफ़ा पर बैठकर बोली फिर मैं व्हिस्की की बोतल खोली और खड़े में थोड़ा झुककर ग्लास में व्हिस्की डालने लगी मेरे मैक्सी के डीप गले की वजह से मेरे चूची थोड़े बहुत दिख रहे थे प्रफुल्ल उसे तिरछी नजरों से देखता हुआ मस्त था फिर मैं एक ग्लास ली और सोफ़ा पर बैठी फिर ड्रिंक्स करने लगी तो रोहित बोला ” पायल तुम हम दोनों से इतनी दूर क्यों बैठी हो ” मैं समझ गई और अपने आपको रोक नहीं पाई फिर दोनों ने मुझे बीचोबीच बिठाया, प्रफुल्ल सिगरेट जलाकर फूंकने लगा और मैं ड्रिंक्स ले रही थी कि प्रफुल्ल का हाथ मेरे कंधे पर आ गया साथ ही रोहित खाली ग्लास रखकर नशे में बड़बड़ाने लगा और मैं प्रफुल्ल के हाथ का स्पर्श अपने कंधे से बाहों तक महसूस करने लगी अब वह मेरे चूची को मैक्सी के उपर से हाथ लगाए पुचकारने लगा

पायल प्रफुल्ल की ओर देखकर उसका हाथ पकड़ ली लेकिन प्रफुल्ल ने अपने दूसरे हाथ मेरे दुसरे चूची पर लगा दी, वह साला मेरे चूची दबाने पर लगा था मैं पलभर में दो दो लंड की मालकिन बनने वाली थी जिसे जमकर चूसना और चुदना था प्रफुल्ल मेरी चूची दबाते हुए मेरे गर्दन से चेहरा को चूमने लगा रोहित शराब के नशे में बड़बड़ा रहा था

प्रफुल्ल मेरे जांघ सहलाते हुए मैक्सी के अंदर दूसरा हाथ डाले चूची पकड़ दबाने लगा और मैं अब एंजॉय करने लगी तभी प्रफुल्ल मेरे मैक्सी को नीचे से ऊपर करने लगा । पायल थोड़ी देर में अर्द्घ नग्न अवस्था में सोफ़ा पर किसी रण्डी की तरह बैठी हुई थी तो प्रफुल्ल ने जल्दी में अपने जींस और टीशर्ट उतार सिर्फ चढ्ढी और बनियान में हो गए और पायल दूसरा पैक बनाने लगी तो प्रफुल्ल मेरे पीठ सहलाते हुए अपना दूसरा हाथ चूची पर लगा दिया और मैं दो ग्लास में ड्रिंक्स तैयार कर प्रफुल्ल को बोली ” तुम्हें कुछ पल इंतजार नहीं कर सकते। फिर हम दोनों ने एक एक राउंड पीने के दौरान मेरी नजर रोहित पर पड़ी उसे देखकर मैं बोली , “लगता है यह सो गए।”

प्रफुल्ल ने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा। मेरी मैक्सी मेरे जिस्म से चिपकी थी, और मेरे निप्पल्स साफ दिख रहे थे। मेरे दिल की धड़कनें तेज थीं। मैंने थोड़ा हिलसटाते हुए कहा, “आज रात… मैं तुम्हारी हूँ।” और मैंने उनके होंठों पर एक गहरा, गीला किस दे दिया। प्रफुल्ल ने मेरी कमर पकड़कर मुझे बिस्तर पर लिटाया। उनकी उंगलियाँ मेरी मैक्सी के नीचे गईं, और एक झटके में उन्होंने उसे उतार फें। मैं पूरी नंगी थी। मेरे चूची आजाद होकर उछलने लगे। वह मेरे निप्पल्स को दाँतों से काटने लगे। “आह्ह… प्रफुल्ल… धीरे… उफ्फ…” मेरी सिसकियाँ निकलने लगीं। मैं थोड़ा डर भी रही थी, पर मेरी चूत पहले से गीली थी।

प्रफुल्ल ने मेरी चूत को चाटना शुरू किया। उनकी जीभ मेरे क्लिट को चूम रही थी। “आआय… प्रफुल्ल … और चाटो…!” मैं उनके बाल पकड़कर उनकी जीभ को और गहरे दबा रही थी। मेरी चूत से रस टपक रहा था। मैंने तड़पकर कहा, “बस करो, अब लंड डाल दो! मेरी आग बुझा दो!” मैंने उनका लंड पकड़ा। 9 इंच का मोटा लौड़ा मेरे हाथ में फड़फड़ा रहा था। मैंने उसे चूसना शुरू किया। “मम्म… कितना टेस्टी… उम्फ…” लंड मेरे मुँह में पूरा नहीं जा रहा था। प्रफुल्ल बोले, “चूस, पायल… मेरा लौड़ा तेरा है…!”

प्रफुल्ल ने पूछा, “पायल, तुम्हारा और रोहित का संबंध ठीक है ना?” मैंने सच बता दिया, “नहीं। रोहित शादी के कुछ सालों तक ठीक चुदाई करते थे मगर अब नामर्द हो गए हैं। प्रफुल्ल ने अब मेरे होंठ चूमे और कहा, “आज से तेरी चूत की प्यास मैं बुझाऊँगा। ले, ये लंड!” उन्होंने मेरा मुँह पकड़ा और लंड मेरे गले तक ठूँस दिया। लंड थोड़ी देर मुंह में रखकर बाहर निकला और फिर मेरी चूत पर लंड सेट किया और एक ज़ोरदार धक्का मारा। “आआआय… मर गई…!” मैं चीख पड़ी। दर्द से मेरी आँखों में आँसू आ गए। “ प्रफुल्ल … धीरे…!” लेकिन कुछ देर बाद दर्द मजे में बदल गया।

प्रफुल्ल ने अब धक्के तेज किए। “पच्छ… पछ…!” लंड मेरी चूत की गहराइयों में जा रहा था। मेरे चूची हर धक्के के साथ उछल रहे थे। “आह्ह… चोद… और जोर से…!” मैं चिल्ला रही थी। प्रफुल्ल बोला , “ले, रानी… तेरा चूत फाड़ डालूँगा!” उसने नीचे से कूल्हे उछालकर धक्के दिए। “हाँ… फाड़ दे… मेरी चूत तेरी है… उह्ह…!” हम दोनों पसीने से तर थे। कमरे में चुदाई की आवाजें गूँज रही थीं।

फिर हम 69 में आ गए। प्रफुल्ल मेरी चूत चाट रहा था, और मैं उनका लंड चूस रही थी। उनकी जीभ मेरे क्लिट को चूम रही थी। “मम्म…प्रफुल्ल… कितना मजा…” मैं मचल रही थी। फिर मैं उनके ऊपर चढ़ गई। मैंने उनका लंड अपनी चूत में डाला और ऊपर-नीचे होने लगी। “आआह्ह… कितना गहरा… उफ!” लंड मेरी बच्चेदानी से टकरा रहा था। प्रफुल्ल मेरे चूची दबा रहे थे। मैं बोली जा रही थी “ले, प्रफुल्ल… चोद मुझे… और जोर से…!”

अचानक रोहित आंखे खुली । मैंने अपने आपको मैक्सी से ढक लिया । तभी रोहित हँसते हुए बोले, “पायल, डरो मत चुदाई करवा । चूची दबाना, किस करना, मैं कर लूँगा।” कमरे में हँसी छा गई। फिर जो हुआ, वह अनोखा था। प्रफुल्ल मेरी चूत में धक्के मार रहे थे, और रोहित मेरे बूब्स चूस रहे थे। “आह्ह… प्रफुल्ल… चोद… रोहित… और चूसो…!” मैं चिल्ला रही थी। प्रफुल्ल बोला, “ले, रानी… तेरा चूत तो जन्नत है…!” रोहित मेरी गाँड में उंगली डालने लगे। “उह्ह… दोनों मिलकर… मार डालो…!”

प्रफुल्ल ने मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से लंड डाला। “प… डप…!” उनकी जाँघें मेरी गाँड से टकरा रही थीं। “आआह्ह… और जोर से… फा डाल…!” मैं चीख रही थी। रोहित मेरे सामने थे और मेरा मुँह चूम रहे थे। फिर प्रफुल्ल ने मेरी गाँड में लंड लगाया। मैं डर गई। “नहीं… वहाँ नहीं…!” लेकिन वह नहीं माना और धीरे से डाला। “आआय… मर गई…!” दर्द के बाद मजा आने लगा। “हाँ… चोद… मेरी गाँड… उह्ह…!”

रात भर चुदाई चली। प्रफुल्ल ने मेरी चूत और गाँड को बारी-बारी चोदा। रोहित मेरे बूब्स और गाँड से खेलते रहे। “आह्ह… उह्ह… और…!” मेरी सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं। सुबह मैं चल नहीं पा रही थी। मेरी चूत में सूजन आ गई थी, और मैं पैर फैलाकर चल रही थी।। प्रफुल्ल ने हँसते हुए कहा, “क्या माल है तू, पायल!” रोहित ने गले लगाया और बोला, “अब तू खुश तो है ना?”
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Payal Ghosh - innocent wife - by Dhamakaindia108 - 04-11-2025, 11:34 AM
RE: - by Dhamakaindia108 - 05-11-2025, 10:19 PM
RE: Payal Ghosh - innocent wife - by Aasthajun - 20-11-2025, 08:07 PM
RE: Payal Ghosh - innocent wife - by sushilt20 - 21-11-2025, 05:19 PM
RE: Payal Ghosh - innocent wife - by dragonslair - 30-11-2025, 08:11 AM
RE: Payal Ghosh - innocent wife - by Puja3567853 - 30-11-2025, 02:54 PM
RE: Payal Ghosh - innocent wife - by Puja3567853 - 30-11-2025, 02:55 PM
RE: Payal Ghosh - innocent wife - by exbiixossip2 - 01-12-2025, 04:08 AM
RE: Payal Ghosh - innocent wife - by dragonslair - 01-12-2025, 07:08 AM
RE: Payal Ghosh - innocent wife - by sushilt20 - 05-12-2025, 04:48 PM
RE: Payal Ghosh - innocent wife - by Dhamakaindia108 - 11-12-2025, 06:36 PM
RE: Payal Ghosh - innocent wife - by dragonslair - 12-12-2025, 08:20 AM
RE: Payal Ghosh - innocent wife - by Puja3567853 - 16-12-2025, 01:52 PM
RE: Payal Ghosh - innocent wife - by blackdesk - 16-12-2025, 04:24 PM
RE: Payal Ghosh - innocent wife - by Jetstream - 16-12-2025, 04:51 PM



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