10-12-2025, 01:22 PM
और अब वो भी नीचे से कमर उछाल रही थी। “उफ्फ… असलम जी… हाँ… ऐसे ही… मैं तो… उड़ रही हूँ…”
वो चीख रही थी,
कभी “ओह्ह्ह…” तो कभी “हाँ… और…”।
असलम ने उसके होंठों पर किस किया, “जान… तुम्हारी ये बॉडी… जैसे मेरे लिए बनी हो… हर इंच…” वो धक्के मारते हुए उसके निप्पल्स को चूस रहा था,
और खुशबू मस्ती में बोली, “हा हा… चूसो ना… ये तुम्हारे ही तो हैं… आज रात…”
वो एंजॉय कर रही थी, चिल्लाते हुए भी हँस रही थी, जैसे ये कोई खेल हो।
फिर असलम ने उसे पलटा
अब डॉगी स्टाइल।
खुशबू घुटनों और हाथों के बल थी, पीठ झुकी हुई, गांड ऊपर की तरफ़।
असलम ने पीछे से उसकी कमर पकड़ी, और फिर से अंदर घुसा। “जान… ये गांड… कितनी सॉफ्ट… कितनी रसीली…”
वो धक्के मारते हुए बोला, और खुशबू की चीख और तेज़ हो गई—“आह्ह्ह… असलम जी… फट जाएगी… लेकिन रुको मत… हाँ… ज़ोर से…”
वो चिल्ला रही थी, लेकिन मस्ती में
सिर पीछे घुमाकर असलम को देख रही थी, हँस रही थी।
असलम ने उसके बाल पकड़े, हल्के से खींचे,
“चिल्लाओ… जान… मुझे तुम्हारी ये चीख़ें… और भड़का रही हैं…” वो साथ दे रहा था,
कभी धक्के तेज़ करता,
कभी धीरे, जैसे खेल रहा हो।
खुशबू ने हाँफते हुए बोली, “हाँ… मैं तुम्हारी हूँ… आज रात… चोदो ना… और ज़ोर से…”
वो एंजॉय कर रही थी, चीखते हुए भी मजाक कर रही थी, “तुम्हारा ये… कितना ताकतवर है… मैं तो थक जाऊँगी…
असलम ने स्पीड बढ़ाई, उसके चूतड़ों पर हल्का-सा थप्पड़ मारा, “थकना नहीं… जान… पूरी रात है…”
खुशबू चिल्लाई—“ओह्ह्ह… हाँ… थप्पड़ मारो… मजा आ रहा है…”
वो दोनों जैसे एक-दूसरे की बॉडी को जीत रहे थे—खुशबू की चीखें कमरे में गूँज रही थीं
, लेकिन वो हँस भी रही थी, मस्ती में।
असलम उसके साथ खेल रहा था, कभी धक्के रोककर उसे चूमता, कभी ज़ोर से मारता।
फिर खुशबू ने उसे पलटा—अब काउगर्ल।
वो असलम के ऊपर चढ़ गई,
उसका लंड पकड़कर अंदर लिया, और ऊपर-नीचे होने लगी।
“असलम जी… अब मैं तुम्हें राइड करूँगी…”
वो बोली, और असलम ने हँसकर कहा,
“हाँ जान… राइड करो… जैसे घोड़ी की सवारी…” खुशबू तेज़ हुई,
उसकी छाती उछल रही थी, वो चीख रही थी
“उफ्फ… कितना गहरा… हाँ… ऐसे…”
असलम उसके निप्पल्स को मसल रहा था,
“तुम्हारी ये छाती… दबाने का मन करता है… पूरी रात…”
खुशबू हँस पड़ी, चिल्लाते हुए, “दबाओ ना… ये तुम्हारी हैं… मजा आ रहा है… आह्ह्ह…”
असलम यह बहुत अच्छे से गौर कर रहा था कि जिस तरह से खुशबू अलग-अलग बॉडी पोजीशन में उसके पास से chudva रही थी..... इस तरह से तो असलम जितनी भी हाई प्रोफाइल एस्कॉर्ट के साथ भी हम बिस्तर हुआ था कोई नहीं chudva रहा था....... उसे बड़ा अच्छे से समझ आ रहा था खुशबू के अंदर की वासना और गर्मी जो उसे पूरा एंजॉय करना चाह रहा था.....
साथ ही साथ उसे यह भी बड़े अच्छे से पता था की खुशबू की गर्मी को शांत करना शायद उसके अकेले ke बस की बात नहीं .....जब उसका पूरा ग्रुप साथ में मिलकर ही उसके साथ हम बिस्तर..... होगा तभी सब भी मर्दों का और खुशबू को मजा आएगा.......
फिर स्पूनिंग—दोनों साइड में लेटे,
असलम पीछे से अंदर, खुशबू की टाँग ऊपर उठाकर। असलम ने उसके कान में फुसफुसाया,
“जान… ये पोज़… कितना करीब लगता है…”
खुशबू कराह रही थी, “हाँ… उफ्फ… तुम्हारा हाथ… मेरी छाती पर… और ज़ोर से…”
वो चिल्ला रही थी, लेकिन मस्ती में— “हा हा… मैं तो थक गई… लेकिन रुकना नहीं…”
असलम ने साथ दिया, “रुकूँगा नहीं… जान… तुम्हारी बॉडी… हर जगह छूनी है…”
वे दोनों पूरी तरह से एक-दूसरे में खो चुके थे
अमित का नाम, उसका ख्याल—कुछ नहीं
सिर्फ़ वो दोनों,
उनकी साँसें,
उनकी कराहटें,
उनकी हँसी।
खुशबू चीख रही थी,
चिल्ला रही थी,
लेकिन हर चीख के साथ हँस रही थी,
जैसे ये दुनिया का सबसे बड़ा मज़ा हो।
असलम उसके साथ खेल रहा था,
तारीफ़ कर रहा था,
साथ दे रहा था—
जैसे वो दोनों बस एक-दूसरे की बॉडी को एंजॉय करने के लिए ही बने हों। रात गहराती गई, और वो दोनों रुके नहीं—एक राउंड से दूसरे, हर पोज़ में, हर तरीके से। बस एक-दूसरे में समाए हुए।
असलम हाँफते हुए बेड पर लेटा रहा,
उसका शरीर पसीने से चमक रहा था।
खुशबू उसके बगल में लेटी, उसकी छाती पर उँगलियाँ घुमा रही थी।
रात अभी गहरी नहीं हुई थी, लेकिन दोनों के शरीर में वो आग अभी भी सुलग रही
कोई जल्दबाजी नहीं थी
वे जानते थे कि पूरी रात उनकी है।
खुशबू ने असलम के कान में फुसफुसाया, “असलम जी… थोड़ा रेस्ट कर लें…? मैं भी थक गई हूँ… लेकिन तुम्हारी ये ताकत… उफ्फ… मैं तो बस सोच रही हूँ… आगे क्या होगा…”
असलम ने मुस्कुराकर उसे चूमा, “जान… रेस्ट? तुम्हारे साथ? वो तो सुबह होगा… लेकिन हाँ… थोड़ा साँस ले लें…
तुम जाओ, फ्रेश हो जाओ… मैं इंतज़ार करता हूँ… तुम्हारी अगली सरप्राइज का…”
खुशबू ने हल्के से हँसकर उठी, “सरप्राइज? हाँ… आज तो पूरी रात सरप्राइज है…”
वो वॉशरूम चली गई, शावर लिया,
खुद को तरोताजा किया।
बाहर आकर बैग से एक नई लिंगरी निकाली
नीली, लेस वाली, इतनी ट्रांसपेरेंट कि उसकी गोरी स्किन चमक रही थी।
ब्रा इतनी पतली कि उसके निप्पल्स साफ़ नज़र आ रहे थे, पैंटी इतनी छोटी कि गांड का आधा हिस्सा बाहर।
वो मिरर के सामने खड़ी हुई, सेल्फी ली—एक सामने से, एक पीछे से, एक जहां वो होंठ काट रही थी।
फिर अमित को भेजा।
पहली फोटो: सामने से, कैप्शन—“जान… कैसी लग रही हूँ? ये सब तुम्हारे लिए ही पहनी है… ❤️
इंतज़ार कर रहे हो ना…?”
दूसरी: पीछे से, गांड की तरफ़
“ये देखो… तुम्हारी फेवरेट… मजा आ रहा है ना देखकर…?”
तीसरी: एक छोटा वीडियो क्लिप—खुशबू कैमरे की तरफ़ देखकर मुस्कुराती है,
फिर पीछे मुड़ती है,
और कैमरा नीचे की तरफ़ जाता है जहां वो अपनी जाँघें सहला रही है।
कैप्शन: “ये तुम्हारे लिए स्पेशल… रात में देखकर खुश हो जाना… मैं तुम्हें मिस कर रही हूँ… ?”
नीचे, सर्वेंट क्वार्टर में—मैं गद्दे पर लेटा था, फोन हाथ में।
नोटिफिकेशन आया—“मालकिन”।
दिल धड़का। फोटोज खोलीं।
हे भगवान… खुशबू इतनी सेक्सी लग रही थी… वो नीली लिंगरी… उसकी जाँघें… गांड… मैंने तुरंत कमरे की लाइट बंद की,
हाथ नीचे चला गया।
छोटा-सा लंड निकाला,
और फोटोज देखते हुए हिलाने लगा।
“उफ्फ… खुशबू जी… इतनी हॉट…
ये सब मेरे लिए…”
वीडियो प्ले किया—
उसकी मुस्कान, जाँघें सहलाना…
मैं दो मिनट भी नहीं टिका।
निकल गया।
लेकिन संतुष्ट हो गया।
सोच रहा था—बेचारी… मेरे लिए इतना सोचती है… नीचे होने के बावजूद मुझे खुश करने के लिए फोटोज भेज रही है…।
अपना छोटा सा लैड हिला कर मैं थोड़ा थक गया था और आराम कर रहा था.....
Yaha नौकरों के बीच मेरी उनके साथ अच्छी दोस्ती हो गई थी इसलिए उन लोगों ने अपने व्हाट्सएप ग्रुप में मुझे डाल दिया था.....
और मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि यह मेरे लिए कोई उपलब्धि थी या कोई बेइज्जती वाली बात......
उसे व्हाट्सएप ग्रुप के अंदर हर थोड़ी देर में कुछ ना कुछ मैसेज आते रहते थे......
### नौकरों का ग्रुप चैट
(रात 2:15 से 4:30 तक, WhatsApp ग्रुप “Resort Ke Bhai Log”)
जय ने सबसे पहले चैट शुरू की।
(वह अभी भी हॉल में था, लाइट बंद करके फोन की स्क्रीन पर देख रहा था।)
जय:
अरे भाइयों… ऊपर का कमरा देखा?? ??
मैडम अभी-अभी लाल लाइट में नहाकर निकली…
बाल गीले, नीली लिंगरी… गांड ऐसी कि हाथ अपने आप चल जाए ?
साहब तो अभी शावर में हैं… लेकिन मैंने दरवाज़ा हल्का खुला छोड़ा था…
अंदर से आवाज़ें आ रही हैं… “असलम जी… धीरे… बस…” ??
आज तो कमरा हिलने वाला है भाई…
(जय की बात तो सही ही थी...... खुशबू ने अभी hi मुझे अपने ब्लू रंग की पहनी हुई ब्रा पैंटी में तस्वीर भेजी थी .....इसलिए यह बात तो कंफर्म हो गई लेकिन ....यह शावर वाली बात ....और खुशबू असलम जी से यह कह रही है ....कि .....धीरे करिए. .....यह बात मुझे कुछ समझ में नहीं आ रही थी......)
राजू (किचन वाला):
अरे वाह रे… मैं तो सुबह 5 बजे चाय ले जाऊँगा…
देखूँगा मैडम की हालत…
चादर पर कितने दाग लगे होंगे ?
कंडोम के पैकेट कितने खाली पड़े होंगे…
मैडम की पैंटी फटी हुई होगी ना??
कमल:
हाँ रे… मैंने तो सुना है साहब का लंड बहुत मोटा है…
मैडम तो सुबह तक लंगड़ाकर चलेगी…
अमित भाई नीचे सो रहा है ना??
बेचारा… उसकी मालकिन ऊपर चुद रही है और वो नीचे हमारे साथ…
हा हा हा… साला चूतिया नंबर 1 ??
विजय:
अरे अमित भाई को तो टैग करो…
बताओ उसे…
“भाई, तेरी मैडम अभी साहब के नीचे है…
हम सब सुन रहे हैं… आवाज़ें आ रही हैं…
‘जोर-जोर से…
तू भी सुन ले… हम वॉइस रिकॉर्ड करके भेजें??” ??
जय:
@Amit भाई… सोया नहीं ना??
ऊपर तेरी मैडम की चीखें सुनाई दे रही हैं क्या??
“असलम जी… और… जोर से…”
हा हा हा…
साला तू नीचे हमारे साथ सोएगा…
और तेरी मालकिन ऊपर साहब का लंड लेगी…
परफेक्ट नौकर है तू भाई… ??
राजू:
अरे एक काम करो…
सुबह हम सब साथ में कमरा साफ करने जाएँगे…
अमित भाई को भी ले चलेंगे…
देखेंगे वो अपनी malkin की सुहागरात के निशान कैसे साफ करता है ?
चादर पर वीर्य के धब्बे…
मैडम की ब्रा फटी हुई…
साहब का अंडरवियर फर्श पर…
अमित भाई झाड़ू लगाएगा…
हम फोटो खींच लेंगे ??
कमल:
@Amit भाई…
तू तो बड़ा लकी है रे…
तेरी malkin को साहब जैसा मर्द मिला…
हम तो बस चादरें बदलते हैं…
तू तो लाइव देखेगा सुबह…
मैडम की चूत सूजी हुई होगी…
गांड लाल…
और तू चुपचाप झाड़ू लगाएगा…
“मालिक-मालकिन खुश हैं, बस…”
हा हा हा…
नौकर की औकात यही है भाई… ❤️
विजय:
अरे आज रात हम सब वॉइस रिकॉर्ड करके रखें…
सुबह अमित भाई को सुनाएँगे…
“सुन… तेरी मालकिन कैसे चीख रही थी…”
वो बेचारा फिर मुट्ठ मार लेगा ?
जय:
@Amit भाई…
अब सो जा…
तेरी मैडम आज रात साहब की होकर रहेगी…
तू नीचे हमारे साथ…
हम सब की तरह…
टुकड़ों पर पल…
और उनकी खुशी में खुश रह…
गुड नाइट नौकर भाई… ?
(चैट में 47 laughing emojis, 23 fire emojis, और 12 eggplant emojis आ चुके थे।
मैं फोन देखता रहा।
हाथ काँप रहे थे।
लेकिन लंड फिर से खड़ा हो गया था।
और मैं… चुपचाप…
उनके मैसेज पढ़ता रहा…
और खुद को…
“हाँ… मैं तो बस उनका नौकर हूँ…”
बुदबुदाता रहा।)
मेरी ही पत्नी के बारे में न जाने इतनी अश्लील बातें सुनकर मुझे बहुत मजा आ रहा था
यह किस तरह की भावना थी शायद इस समय शब्दों में बयां नहीं कर पा रहा था
मुझे लगा मैं भी इन लोगों की तरह नौकर hi हूं
और इन लोगों के ग्रुप का ही हिस्सा हूं ना ही वहां ऊपर उसे महंगे कमरे का हिस्सा
वो चीख रही थी,
कभी “ओह्ह्ह…” तो कभी “हाँ… और…”।
असलम ने उसके होंठों पर किस किया, “जान… तुम्हारी ये बॉडी… जैसे मेरे लिए बनी हो… हर इंच…” वो धक्के मारते हुए उसके निप्पल्स को चूस रहा था,
और खुशबू मस्ती में बोली, “हा हा… चूसो ना… ये तुम्हारे ही तो हैं… आज रात…”
वो एंजॉय कर रही थी, चिल्लाते हुए भी हँस रही थी, जैसे ये कोई खेल हो।
फिर असलम ने उसे पलटा
अब डॉगी स्टाइल।
खुशबू घुटनों और हाथों के बल थी, पीठ झुकी हुई, गांड ऊपर की तरफ़।
असलम ने पीछे से उसकी कमर पकड़ी, और फिर से अंदर घुसा। “जान… ये गांड… कितनी सॉफ्ट… कितनी रसीली…”
वो धक्के मारते हुए बोला, और खुशबू की चीख और तेज़ हो गई—“आह्ह्ह… असलम जी… फट जाएगी… लेकिन रुको मत… हाँ… ज़ोर से…”
वो चिल्ला रही थी, लेकिन मस्ती में
सिर पीछे घुमाकर असलम को देख रही थी, हँस रही थी।
असलम ने उसके बाल पकड़े, हल्के से खींचे,
“चिल्लाओ… जान… मुझे तुम्हारी ये चीख़ें… और भड़का रही हैं…” वो साथ दे रहा था,
कभी धक्के तेज़ करता,
कभी धीरे, जैसे खेल रहा हो।
खुशबू ने हाँफते हुए बोली, “हाँ… मैं तुम्हारी हूँ… आज रात… चोदो ना… और ज़ोर से…”
वो एंजॉय कर रही थी, चीखते हुए भी मजाक कर रही थी, “तुम्हारा ये… कितना ताकतवर है… मैं तो थक जाऊँगी…
असलम ने स्पीड बढ़ाई, उसके चूतड़ों पर हल्का-सा थप्पड़ मारा, “थकना नहीं… जान… पूरी रात है…”
खुशबू चिल्लाई—“ओह्ह्ह… हाँ… थप्पड़ मारो… मजा आ रहा है…”
वो दोनों जैसे एक-दूसरे की बॉडी को जीत रहे थे—खुशबू की चीखें कमरे में गूँज रही थीं
, लेकिन वो हँस भी रही थी, मस्ती में।
असलम उसके साथ खेल रहा था, कभी धक्के रोककर उसे चूमता, कभी ज़ोर से मारता।
फिर खुशबू ने उसे पलटा—अब काउगर्ल।
वो असलम के ऊपर चढ़ गई,
उसका लंड पकड़कर अंदर लिया, और ऊपर-नीचे होने लगी।
“असलम जी… अब मैं तुम्हें राइड करूँगी…”
वो बोली, और असलम ने हँसकर कहा,
“हाँ जान… राइड करो… जैसे घोड़ी की सवारी…” खुशबू तेज़ हुई,
उसकी छाती उछल रही थी, वो चीख रही थी
“उफ्फ… कितना गहरा… हाँ… ऐसे…”
असलम उसके निप्पल्स को मसल रहा था,
“तुम्हारी ये छाती… दबाने का मन करता है… पूरी रात…”
खुशबू हँस पड़ी, चिल्लाते हुए, “दबाओ ना… ये तुम्हारी हैं… मजा आ रहा है… आह्ह्ह…”
असलम यह बहुत अच्छे से गौर कर रहा था कि जिस तरह से खुशबू अलग-अलग बॉडी पोजीशन में उसके पास से chudva रही थी..... इस तरह से तो असलम जितनी भी हाई प्रोफाइल एस्कॉर्ट के साथ भी हम बिस्तर हुआ था कोई नहीं chudva रहा था....... उसे बड़ा अच्छे से समझ आ रहा था खुशबू के अंदर की वासना और गर्मी जो उसे पूरा एंजॉय करना चाह रहा था.....
साथ ही साथ उसे यह भी बड़े अच्छे से पता था की खुशबू की गर्मी को शांत करना शायद उसके अकेले ke बस की बात नहीं .....जब उसका पूरा ग्रुप साथ में मिलकर ही उसके साथ हम बिस्तर..... होगा तभी सब भी मर्दों का और खुशबू को मजा आएगा.......
फिर स्पूनिंग—दोनों साइड में लेटे,
असलम पीछे से अंदर, खुशबू की टाँग ऊपर उठाकर। असलम ने उसके कान में फुसफुसाया,
“जान… ये पोज़… कितना करीब लगता है…”
खुशबू कराह रही थी, “हाँ… उफ्फ… तुम्हारा हाथ… मेरी छाती पर… और ज़ोर से…”
वो चिल्ला रही थी, लेकिन मस्ती में— “हा हा… मैं तो थक गई… लेकिन रुकना नहीं…”
असलम ने साथ दिया, “रुकूँगा नहीं… जान… तुम्हारी बॉडी… हर जगह छूनी है…”
वे दोनों पूरी तरह से एक-दूसरे में खो चुके थे
अमित का नाम, उसका ख्याल—कुछ नहीं
सिर्फ़ वो दोनों,
उनकी साँसें,
उनकी कराहटें,
उनकी हँसी।
खुशबू चीख रही थी,
चिल्ला रही थी,
लेकिन हर चीख के साथ हँस रही थी,
जैसे ये दुनिया का सबसे बड़ा मज़ा हो।
असलम उसके साथ खेल रहा था,
तारीफ़ कर रहा था,
साथ दे रहा था—
जैसे वो दोनों बस एक-दूसरे की बॉडी को एंजॉय करने के लिए ही बने हों। रात गहराती गई, और वो दोनों रुके नहीं—एक राउंड से दूसरे, हर पोज़ में, हर तरीके से। बस एक-दूसरे में समाए हुए।
असलम हाँफते हुए बेड पर लेटा रहा,
उसका शरीर पसीने से चमक रहा था।
खुशबू उसके बगल में लेटी, उसकी छाती पर उँगलियाँ घुमा रही थी।
रात अभी गहरी नहीं हुई थी, लेकिन दोनों के शरीर में वो आग अभी भी सुलग रही
कोई जल्दबाजी नहीं थी
वे जानते थे कि पूरी रात उनकी है।
खुशबू ने असलम के कान में फुसफुसाया, “असलम जी… थोड़ा रेस्ट कर लें…? मैं भी थक गई हूँ… लेकिन तुम्हारी ये ताकत… उफ्फ… मैं तो बस सोच रही हूँ… आगे क्या होगा…”
असलम ने मुस्कुराकर उसे चूमा, “जान… रेस्ट? तुम्हारे साथ? वो तो सुबह होगा… लेकिन हाँ… थोड़ा साँस ले लें…
तुम जाओ, फ्रेश हो जाओ… मैं इंतज़ार करता हूँ… तुम्हारी अगली सरप्राइज का…”
खुशबू ने हल्के से हँसकर उठी, “सरप्राइज? हाँ… आज तो पूरी रात सरप्राइज है…”
वो वॉशरूम चली गई, शावर लिया,
खुद को तरोताजा किया।
बाहर आकर बैग से एक नई लिंगरी निकाली
नीली, लेस वाली, इतनी ट्रांसपेरेंट कि उसकी गोरी स्किन चमक रही थी।
ब्रा इतनी पतली कि उसके निप्पल्स साफ़ नज़र आ रहे थे, पैंटी इतनी छोटी कि गांड का आधा हिस्सा बाहर।
वो मिरर के सामने खड़ी हुई, सेल्फी ली—एक सामने से, एक पीछे से, एक जहां वो होंठ काट रही थी।
फिर अमित को भेजा।
पहली फोटो: सामने से, कैप्शन—“जान… कैसी लग रही हूँ? ये सब तुम्हारे लिए ही पहनी है… ❤️
इंतज़ार कर रहे हो ना…?”
दूसरी: पीछे से, गांड की तरफ़
“ये देखो… तुम्हारी फेवरेट… मजा आ रहा है ना देखकर…?”
तीसरी: एक छोटा वीडियो क्लिप—खुशबू कैमरे की तरफ़ देखकर मुस्कुराती है,
फिर पीछे मुड़ती है,
और कैमरा नीचे की तरफ़ जाता है जहां वो अपनी जाँघें सहला रही है।
कैप्शन: “ये तुम्हारे लिए स्पेशल… रात में देखकर खुश हो जाना… मैं तुम्हें मिस कर रही हूँ… ?”
नीचे, सर्वेंट क्वार्टर में—मैं गद्दे पर लेटा था, फोन हाथ में।
नोटिफिकेशन आया—“मालकिन”।
दिल धड़का। फोटोज खोलीं।
हे भगवान… खुशबू इतनी सेक्सी लग रही थी… वो नीली लिंगरी… उसकी जाँघें… गांड… मैंने तुरंत कमरे की लाइट बंद की,
हाथ नीचे चला गया।
छोटा-सा लंड निकाला,
और फोटोज देखते हुए हिलाने लगा।
“उफ्फ… खुशबू जी… इतनी हॉट…
ये सब मेरे लिए…”
वीडियो प्ले किया—
उसकी मुस्कान, जाँघें सहलाना…
मैं दो मिनट भी नहीं टिका।
निकल गया।
लेकिन संतुष्ट हो गया।
सोच रहा था—बेचारी… मेरे लिए इतना सोचती है… नीचे होने के बावजूद मुझे खुश करने के लिए फोटोज भेज रही है…।
अपना छोटा सा लैड हिला कर मैं थोड़ा थक गया था और आराम कर रहा था.....
Yaha नौकरों के बीच मेरी उनके साथ अच्छी दोस्ती हो गई थी इसलिए उन लोगों ने अपने व्हाट्सएप ग्रुप में मुझे डाल दिया था.....
और मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि यह मेरे लिए कोई उपलब्धि थी या कोई बेइज्जती वाली बात......
उसे व्हाट्सएप ग्रुप के अंदर हर थोड़ी देर में कुछ ना कुछ मैसेज आते रहते थे......
### नौकरों का ग्रुप चैट
(रात 2:15 से 4:30 तक, WhatsApp ग्रुप “Resort Ke Bhai Log”)
जय ने सबसे पहले चैट शुरू की।
(वह अभी भी हॉल में था, लाइट बंद करके फोन की स्क्रीन पर देख रहा था।)
जय:
अरे भाइयों… ऊपर का कमरा देखा?? ??
मैडम अभी-अभी लाल लाइट में नहाकर निकली…
बाल गीले, नीली लिंगरी… गांड ऐसी कि हाथ अपने आप चल जाए ?
साहब तो अभी शावर में हैं… लेकिन मैंने दरवाज़ा हल्का खुला छोड़ा था…
अंदर से आवाज़ें आ रही हैं… “असलम जी… धीरे… बस…” ??
आज तो कमरा हिलने वाला है भाई…
(जय की बात तो सही ही थी...... खुशबू ने अभी hi मुझे अपने ब्लू रंग की पहनी हुई ब्रा पैंटी में तस्वीर भेजी थी .....इसलिए यह बात तो कंफर्म हो गई लेकिन ....यह शावर वाली बात ....और खुशबू असलम जी से यह कह रही है ....कि .....धीरे करिए. .....यह बात मुझे कुछ समझ में नहीं आ रही थी......)
राजू (किचन वाला):
अरे वाह रे… मैं तो सुबह 5 बजे चाय ले जाऊँगा…
देखूँगा मैडम की हालत…
चादर पर कितने दाग लगे होंगे ?
कंडोम के पैकेट कितने खाली पड़े होंगे…
मैडम की पैंटी फटी हुई होगी ना??
कमल:
हाँ रे… मैंने तो सुना है साहब का लंड बहुत मोटा है…
मैडम तो सुबह तक लंगड़ाकर चलेगी…
अमित भाई नीचे सो रहा है ना??
बेचारा… उसकी मालकिन ऊपर चुद रही है और वो नीचे हमारे साथ…
हा हा हा… साला चूतिया नंबर 1 ??
विजय:
अरे अमित भाई को तो टैग करो…
बताओ उसे…
“भाई, तेरी मैडम अभी साहब के नीचे है…
हम सब सुन रहे हैं… आवाज़ें आ रही हैं…
‘जोर-जोर से…
तू भी सुन ले… हम वॉइस रिकॉर्ड करके भेजें??” ??
जय:
@Amit भाई… सोया नहीं ना??
ऊपर तेरी मैडम की चीखें सुनाई दे रही हैं क्या??
“असलम जी… और… जोर से…”
हा हा हा…
साला तू नीचे हमारे साथ सोएगा…
और तेरी मालकिन ऊपर साहब का लंड लेगी…
परफेक्ट नौकर है तू भाई… ??
राजू:
अरे एक काम करो…
सुबह हम सब साथ में कमरा साफ करने जाएँगे…
अमित भाई को भी ले चलेंगे…
देखेंगे वो अपनी malkin की सुहागरात के निशान कैसे साफ करता है ?
चादर पर वीर्य के धब्बे…
मैडम की ब्रा फटी हुई…
साहब का अंडरवियर फर्श पर…
अमित भाई झाड़ू लगाएगा…
हम फोटो खींच लेंगे ??
कमल:
@Amit भाई…
तू तो बड़ा लकी है रे…
तेरी malkin को साहब जैसा मर्द मिला…
हम तो बस चादरें बदलते हैं…
तू तो लाइव देखेगा सुबह…
मैडम की चूत सूजी हुई होगी…
गांड लाल…
और तू चुपचाप झाड़ू लगाएगा…
“मालिक-मालकिन खुश हैं, बस…”
हा हा हा…
नौकर की औकात यही है भाई… ❤️
विजय:
अरे आज रात हम सब वॉइस रिकॉर्ड करके रखें…
सुबह अमित भाई को सुनाएँगे…
“सुन… तेरी मालकिन कैसे चीख रही थी…”
वो बेचारा फिर मुट्ठ मार लेगा ?
जय:
@Amit भाई…
अब सो जा…
तेरी मैडम आज रात साहब की होकर रहेगी…
तू नीचे हमारे साथ…
हम सब की तरह…
टुकड़ों पर पल…
और उनकी खुशी में खुश रह…
गुड नाइट नौकर भाई… ?
(चैट में 47 laughing emojis, 23 fire emojis, और 12 eggplant emojis आ चुके थे।
मैं फोन देखता रहा।
हाथ काँप रहे थे।
लेकिन लंड फिर से खड़ा हो गया था।
और मैं… चुपचाप…
उनके मैसेज पढ़ता रहा…
और खुद को…
“हाँ… मैं तो बस उनका नौकर हूँ…”
बुदबुदाता रहा।)
मेरी ही पत्नी के बारे में न जाने इतनी अश्लील बातें सुनकर मुझे बहुत मजा आ रहा था
यह किस तरह की भावना थी शायद इस समय शब्दों में बयां नहीं कर पा रहा था
मुझे लगा मैं भी इन लोगों की तरह नौकर hi हूं
और इन लोगों के ग्रुप का ही हिस्सा हूं ना ही वहां ऊपर उसे महंगे कमरे का हिस्सा


![[+]](https://xossipy.com/themes/sharepoint/collapse_collapsed.png)