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Adultery बदलाव, मजबूरी, सेक्स या जिंदगी.....
#41
हाँ में सिर हिलाकर आरोही चल देती है। 

राहुल के घर से निकलकर आरोही भारी कदमों से अपने फ्लैट में आई। जहाँ इंद्रावती और परिधि एक ओर सिर झुकाएँ बैठी थीं। उन्होंने आहट पर आरोही की ओर देखा तो, लेकिन आरोही ने उनकी आंखों में अपने लिए सहानुभूति ना देखते हुए। और वैसे भी उसका मन भारी था।


इसीलिए पैसे मिलने की बात भी उन दोनों से बता पाने की हिम्मत, वह नहीं जुटा पाई।

वह सीधे अपने कमरे में चली गई। और वहाँ वह बिस्तर पर लेटकर बीते दिनों की घटनाओं को याद करने लगी।

वह सोचती, “काश पहले जैसा सब होता, अब कल क्या होगा।”

साथ ही वह और भी बातें सोचने लगी। और बहुत कुछ उसके दिमाग में कल सुबह को लेकर चलने लगा था कि कैसे होगा, वह कैसे राहुल का सामना करेगा। और राहुल उसके साथ क्या-क्या कर सकता है।

राहुल के फ्लैट में सुबह आठ बजे आरोही ने धड़कते दिल से चाबी लगाई और फ्लैट खोला। आरोही घबरा रही थी कि राहुल ने छह बजे बोला था और अब आठ बज रहे हैं।

वह भीतर पहुँचती है और किसी सकुचाई हिरणी के जैसे राहुल को देखने की कोशिश करती है। राहुल उसे हाल में नहीं दिखता है। दरवाजा बंद करके आरोही आगे बढ़ने का सोच रही थी कि राहुल की आवाज आई,

“कहाँ रह गई थी, सुबह छह बजे बोला था ना?”

राहुल की कड़क आवाज से आरोही सिहर गई और बोली, “वो....वो... मैं... आज पहला दिन था तो थोड़ा डर.......”

 
“अच्छा तो इनको डर लग रहा था। डर काहें रही थी यहाँ कौन सा तुम्हें मारने या खाने वाला हूँ। वही तो करना है जो तुम करती हो। चोदी ही तो जाओगी। और शादी-शुदा हो तो चुदती तो रही ही होगी। या तुम्हारा पति नल्ला था। तुम्हें चोदा नहीं?” राहुल ने सीधा आरोही को तीखे लहजे में बिना उसके ओर देखे बोला।

राहुल के मुँह से चुदाई, और अपने पति के साथ सेक्स संबंधों की बात सुनकर। आरोही सन्न रह गई। उसके दिमाग में चल रहा था, “उफ्फ यह कितना गंदा बोलता है। यह तो हैवान ना बन जाए।” दूसरा उसे बहुत बुरा और डर भी लगा।

आरोही ने एक बार अपने पति के साथ ब्लू फिल्म देखा था। जिसमें बीडीएसएम और और रफ सेक्स था। आरोही को अब राहुल से थोड़ा डर लगने लगा। लेकिन वह कर भी क्या सकती थी। कौन सा वह अपने खुशी से यहाँ आई थी।

“यहाँ आओगी या वहीं खड़ी रहोगी। और तुमने बताया नहीं क्या तुम्हारा पति तुम्हें नहीं चोदता था क्या?” राहुल ने उसे पास बुलाया और उसकी ओर देखते हुए बोला।

राहुल हाल वाले गलियारे में था जहाँ उसके कमरे का दरवाजा था। राहुल ट्रैक पैंट और टी-शर्ट पहने हुए कुछ पी रहा था। पहले वह आरोही की ओर नहीं देख रहा था। लेकिन इस बार देखते हुए बुलाया।

आरोही बिना कुछ बोले धीरे-धीरे कदमों से उसकी ओर बढ़ रही थी। राहुल एकटक उसे देख रहा था। आरोही उसकी आंखों में ना देखते हुए इधर उधर देख रही थी। जैसे उसकी निगाहों से बच रही हो। शर्माई हुई कच्ची कली के जैसे।

आरोही राहुल से लगभग एक फुट की दूरी पर आकर रूक गई। और खड़ी हो गई।

“तुम देर से आई हो, अब इसके लिए तुम्हें सजा तो आज मिलेगी ही। अब इधर यहाँ मेरे पास आओ। वहाँ क्यों खड़ी हो? इतनी दूर से वहाँ खड़े-खड़े थोड़े चोद दूँगा। इधर आ मेरे पास।” राहुल ने आरोही को बोला।

राहुल की बात सुनकर आरोही शर्मा गई, और शर्म से अधिक अपमान और डर से एक सिहरन सी दौड़। वह आंखें झुकाए हुए और पास आ गई। लेकिन वह ऐसे कैसे राहुल से सट जाए। उसकी शर्म के कारण वह थोड़ा सा ही आगे बढ़ी।

अब राहुल ने अपने हाथ में पकड़े सिपर को डाइनिंग टेबल पर रखा और आरोही को हाथ पकड़कर आपनी ओर खींचा और आरोही गिरती हुई सी सीधे राहुल के सीने से आ लगी। और राहुल का एक हाथ आरोही को संभालने में और दूसरे हाथ से उसने आरोही के उभरे हुए नितंब को कसकर दबाया।

“आऽऽऽऽऽहहहहहहह...........उहहहहहहहहऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ…….” आरोही के मुँह से एक कराह निकली।

“बड़ी कड़क माल हो यार, इतने में ही कराहने लगी। गांड़ मरवाने में तो पूरा घर सिर पर उठा लोगी।” राहुल ने आरोही के नितंबों और कसकर मसलते हुए बोला।

“क्या यह मेरी गांड़.........” सोचते ही आरोही का दिमाग भन्ना गया। आरोही जैसी सिंपल लड़की जिसने शादी से पहले किसी का लिंग तक नहीं देखा था। और किस भी केवल फिल्मों में देखा था। सेक्स पहली बार पति के साथ ही किया था।

वह गुदा मैथुन जैसी टैबू चीज को सुनकर हिल गई। लेकिन बोली नहीं। और बोलती भी क्या।

राहुल ने आरोही को पकड़ा और सोफे पर बैठा लेकिन आरोही को खड़ा रखते हुए बोला, “घूम जाओ।” आरोही घूम गई और राहुल ने आरोही के नितंबों को अपने दोनों हाथों से मसलने लगा।

और जोर से मसलते ही एक बार फिर आरोही की हल्की चीख निकली, “आहहहहहहहह....”

“ज्यादा जोर दबा दिया। लगता है पहले किसी ने अच्छे से मसला नहीं है। अच्छा ही है पूरा मजा मुझे मिलेगा। सॉरी हाँ, जोर से दबा दिया। कंट्रोल नहीं हो रहा है बड़ी परफेक्ट कसी हुई गाँड़ है। अब आराम से करूँगा।”

यह बोलने के साथ ही राहुल ने, “पुच्चचचचच.......” करके आरोही के नितंब पर कपड़ों के ऊपर से एक  चुंबन ले लिया।

और यह चूमना वैसे नहीं था। जैसे कोई पुच्ची हो। बल्कि यह वैसा था जैसा कभी चोट लगने पर लोग मुँह से सिकाई करते हैं। तो राहुल के मुँह से भाप की गर्माहट आरोही को अपनी गोलाईयों पर महसूस हुई।


और ऐसा करते ही ना चाहते हुए भी। आरोही, जिसे दर्द तो हो रहा था, लेकिन फिर भी एक गहरी सिसकारी निकल गई, “उँहहहहहहहहह........”

“सूँसूँसूँ..........” करते हुए राहुल ने आरोही के नितंबों को सूँघते हुए कहा, “यार खुशबू तो अच्छी है क्या गांड़ में भी साबुन लगाती है। बस देखना पादना नहीं।”

राहुल के द्वारा पादने  कहने पर आरोही शर्माहट के साथ गनगनाहट में भर गई और अनजाने में एक मुस्कुराहट उसके चेहरे पर आ गई, “यह कितना गंदा बोलता है। मैं क्यों ऐसा करूँगी।

साथ ही आरोही को अपनी योनि में गीलापन भी महसूस होने लगा। अपने आप को कोसती हुई आरोही सोचती है कि यह ऐसा क्यों हो रहा है।

तभी राहुल आरोही को अपनी जाँघों पर बैठा लेता है और उसके गालों को अपने मुँह में भर लेता है और जोर से चूसने लगता है।

आरोही सिसियाने लगती है, “आऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ.....हाहाहा”

राहुल का दूसरा हाथ आरोही के सीने को मसलने लगता है। राहुल आरोही के गालों को काटता है। और कानों के पास जाकर बोलता है, “तेरी चूचियाँ और गांड़ बड़ी मस्त है जानेमन। तू तो पूरी तरह से रस से भरी है। लगता है तेरे नल्ले पति ने तुझे निचोड़ा नहीं।”

ऐसे बोलते हुए राहुल आरोही की कानों की लौ को चूसते हुए काटता है।

यह ऐसा तीसरी बार है की राहुल ने आरोही और उसके पति की सेक्स लाइफ पर कमेंट किया है। लेकिन राहुल की बातों को इस बार आरोही सुन कहाँ रही थी। उसका ध्यान कहीं और था।

वैसे भी कान की लर आरोही के लिए बहुत संवेदनशील जगह थी, आरोही के मुँह से सिसकारी छूटने लगी, “आम्म्हहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहह................नहींहींहींहींहींहींहींहींहींहींहींहींहींहीं...”

फिर राहुल ने आरोही को घुमा लिया यानी अपनी गोद में उल्टा बिठा लिया आरोही का सीना राहुल के सीने पर लग रहा था। और तुंरत ही देर ना करते हुए राहुल ने आरोही के ओठों को चूसना शुरु कर दिया।

आरोही केवल गूँगूँगूँगूँ गूँ...... करती रही।


आज राहुल के दोनों हाथ एकदम बेकाबू होकर आरोही के नितंबों को ऐसे मसल रहे थे मानों वह उसका खिलौना हों। और हो भी क्यों ना इस समय राहुल, इस खूबसूर कली आरोही के नाजुक मखमली बदन का मालिक भी था।

राहुल ने लगभग पाँच मिनट बाद आरोही को ओठों को छोड़ने के बाद बोला, “चल नंगी हो जा, अपने संतरे दिखा। कुर्ती उतार।”

आरोही जो एक घरेलू महिला थी। उसके लिए यूँ ही किसी के लिए कुर्ती उतार देना आसान नहीं था। वह चुपचाप वैसे ही बैठी रही।

“उतार” राहुल ने थोड़ी तेज आवाज में बोला।

बिखरे हुए बाल और ओठों पर लगी थूक के साथ राहुल की गोद में बैठी आरोही जिसके नितंबों पर अभी राहुल का हाथ था। वह बहुत कामुक लग रही थी लेकिन एकदम शर्म और झिझक में सिकुड़ी भी थी, “जी....मैं....नहीं....”

 
राहुल ने इतना सुना और फिर बोला, “यह दूसरी गलती तूने की है। अब तो तेरी सजा पक्की। पहले तो तुझे छोड़ भी देता।”
 
और यह बोलने के साथ राहुल ने जोर लगाकर कुर्ती को आरोही के जिस्म से नोंचकर फेंक दिया। कुर्ती फट भी गई थी। और फिर उसने ब्रा खींचकर तोड़ दिया। आरोही के सुडौल स्तन राहुल के सामने आ गए। राहुल ने दोनों हाथों से स्तनों को भरा और जोर से दबा दिया।

“आऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽह...... मम्मी।” आरोही इतना ही बोली की राहुल ने दोबारा उसके ओंठ अपने मुँह में दबा लिए। और दोनों हाथों से आरोही के नितंबों पर थप्पड़ चलाने लगा।

आरोही जिसकी अपनी पति के साथ सेक्स लाइफ सामान्य थी। वह इस रफ सेक्स को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी। उसकी आंखों से पानी आने लगा। वह रो रही थी। लेकिन एक और बात थी कि इसके साथ ही उसकी योनि भी गीली होती जा रही है।

आरोही का शरीर उसकी बात नहीं मान रहा था। और उधर राहुल का जुल्म बढ़ता जा रहा था।

“तू मेरी बात नहीं ना मानेगी। अब तुझे अच्छे से बताता हूँ।” यह बोलते हुए राहुल ने आरोही के मुँह पर थूका और फिर उसने आरोही के स्तनों को चूसना और काटना शुरु कर दिया। एक को चूसता काटता और दूसरे पर थप्पड़ मारता।

“आह.....आह..... मत करो दर्द होता है.....” आरोही इतना ही बोल पा रही थी। उसके आँखों से आंसू निकल रहे थे।

लेकिन फिर भी आरोही का शरीर हल्का पड़ता जा रहा था। जाने क्यों उसे सिहरन सी हो रही थी।

उधर राहुल ने उसकी बात अनसुनी करके अपना काम जारी रखा। राहुल को महसूस हो रहा था कि आरोही के स्तन के निपल कड़े हो रहे थे।

मन ही मन व्यंग भरी मुस्कुराहट के साथ राहुल ने आरोही के स्तनों से मुँह उठाया और बोला, “साली नखड़ा कर रही है, चूची कड़ी हो रही हैं। और कह रही है दर्द हो रहा है।”

और इसी के साथ उसने कपड़े के उपर से आरोही की योनि को मुट्ठी में पकड़ा तो उसमें गीलापन महसूस हुआ।

इस पर राहुल गुर्राते हुए बोला, “पूरा मजा ले रही है। और बोल रही है। दर्द हो रहा है। अभी तुझे बताता हूँ बात ना मानने का नतीजा।”

और उसने आरोही को उठाया और खड़ा करके के साथ एक झटके में लैंगिग और पैंटी उतार दी। और आरोही अब पुरी तरह से नंगी थी। और इसी के साथ बोला, “तू बहुत कमाल की चीज है। लेकिन आज तुझे सजा देना है। आगे तुझे और अच्छे से चखूँगा अब तो तू मेरी माल है। लेकिन आज तुझे सबक सिखाना है।”

 
“चल झुक जा। और अपनी टांगे चौड़ी कर।” राहुल ने कसकर आरोही के नंगे नितंब पर एक झापड़ मारते हुए बोला। और आरोही इस बार डर के मारे या फिर अनजाने वश झुक जाती है। और वह सोचती है कि राहुल अब क्या करेगा।

अचानक आरोही को अपने पिछवाड़े यानी गुदा द्वार पर कोई मोटी सी चीज महसूस होती है। और वह अचानक उछलना चाहती है, लेकिन राहुल ने उसे जकड़ा था।

“नहीं राहुल यह मत करो। प्लीज मान जाओ। मैंने वहाँ से कभी नहीं किया है। तुम.... आप जो कहेंगे वह मैं करूँगी” आरोही आने वाले दर्द और अपमान के भय से घबराई।

“घबरा मत, और उछल मत। तेरी गाँड़ तो मारनी ही है। तो आज तुझे सजा भी मिल जाएगी तो तुझे याद रहेगा। जितना उछलेगी उतना दिक्कत होगी।” राहुल ने गुर्राते हुए बोला।

आरोही की घबराहट के मारे हालत खराब थी। और जैसे ही राहुल ने अपना लिंग आगे करके तेज धक्का मारा वैसे ही आरोही की तेज चीख गूँजी,

“आऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ.................”


और तैसे ही आरोही की आंख खुल जाती है।

क्योंकि आरोही अपने कमरे में आकर सोचते-सोचते सो गई थी। और यह सारी घटना उसका एक सपना था।

“यह मैं कैसा सपना देख रही थी। और राहुल सीधे मेरी गाँड़.......” सपने के बारे में सोचते हुए भी गांड़ शब्द आते ही आरोही चौंक गई।

और खुद से बोलने लगी, “अरे यह मुझे क्या हो गया है। मैं गांड़ जैसे गंदे शब्द कैसे सोच ले रही हूँ। यह क्या हो रहा है। और यह क्या मेरे नीचे गीलापन कैसे?

छी, यानी मैं सपने राहुल के हाथो इतने गंदे तरीके से भोगी जा रही थी। और उल्टे मेरी योनि गीली हो रही है। जबकि पहले तो कभी मेरे पति के बारे में सोचकर भी इतनी गीली नहीं हुई। यह मुझे क्या हो रहा है।” आरोही खुद से शर्मिंदा थी।

यही सोचते हुए वह उठती है और उसे अपने शरीर से घिन्न सी आने लगती है। इसीलिए वह नहाने जाती है। और नहाते समय अपने नितंब और गुदा को ऐसे साफ करती है मानों राहुल का लिंग वहीं हो। और जाने क्यों ऐसा करते हुए उसे फिर हल्की सी उत्तेजना होने लगती है और उसी योनि गीली होने लगती है।

नहाकर निकलने पर आरोही। सोचती है कि वह अब परिधि दीदी और मम्मी से बात करे। आखिर कल तो वहाँ जाना ही है, बाकी जो होगा उसे भुगतना होगा।

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आगे क्या मोड़ आएगा, और क्या राहुल ऐसे ही रफ तरीके से पेश आएगा? देखते हैं।
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RE: बदलाव, मजबूरी, सेक्स या जिंदगी..... - by ramlal_chalu - 07-12-2025, 07:24 PM



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