04-12-2025, 04:59 AM
(This post was last modified: 04-12-2025, 12:54 PM by Dhamakaindia108. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
Next update boyfriend......... birthday
सगाई से रांची आए हुए हमें दो महीने से ज्यादा हो गया था और मैं और रोहित अपनी लाइफ में व्यस्त हो गए थे। अगले महीने मेरा जन्मदिन आने वाली थी , तो रोहित ने जन्मदिन के 5 दिन पहले पूछा- इस बार जन्मदिन पे क्या प्लान कर रही हो , मैंने कोई जवाब नहीं दिया, फिर थोड़ी देर रूक कर कहां - रोहित मैं आपको कुछ बताना चाहती हुं।
रोहित - हां बोलो।
मैं - रोहित मैं अगले दो - तीन महीने से किसी लड़के से बात करती रही हुं।
रोहित ( नोर्मल अंदाज में ) - तो इसमें गलती किया है किसी से बात करना कोई गुनाह नहीं है ।
मैं - मुझे लगा कहीं आपको पता चला तो आप मुझपर गुस्सा करोगे।
रोहित ( नोर्मल अंदाज में )- इसमें गुस्सा करने की कोई बात ही नहीं है। अच्छा वह लड़का कौन है ? और मुझे भी उससे बात करनी है? उसका नम्बर है तो दो ।
मैं आचार्य थी अपने पतिदेव की इस बहवार से ( नोर्मल अगर किसी को पता चले उसकी बीवी किसी गैर मर्द से बात करती है तो पत्नी और पति के रिश्ते में दरार आ जाती है मगर मेरे पतिदेव नोर्मल है )
मैंने उन्हें बाद में बात भी करवाई अब रोहित और " प्रफुल्ल " में एक गहरी दिलचस्पी दोस्ती भी हो गई है
मेरा ज़्यादातर वक्त प्रफुल्ल के साथ फोन पे बात करते हुए बीतता थी , हम हमेशा या तो फोन पे या चैट पे लगे रहते थे।
...................
अब मैं आप सबको प्रफुल्ल के बारे में थोड़ा सा बता दूँ।
मैं और प्रफुल्ल मेरी ननंद की सगाई में मिले थे , प्रफुल्ल मेरी ननद का पुराना यार था और पढ़ाई करता था। वह दिखने में बहुत क्यूट और हैंडसम है। मेरी ननंद भी बहुत क्यूट और मासूम सी दिखती है तो मैं उन दोनों को क्यूट कपल ( मजाक से ) कहके बुलाती थी। तभी ही मेरी प्रफुल्ल से मुलाकात हुई थी।
अब प्यार सच्चा था या नहीं ये तो नहीं कह सकते … पर हम दोनों को एक - दूसरे से बात करना बहुत पसंद था, हम लगभग हर बात शेयर करते थे।
मैं उससे अब तक सिर्फ सगाई में ही मिली थी एक बार, और उतने में ही हमारे बीच दोस्ती हो गई थी।
धीरे धीरे वक़्त बीतता गया और इसी तरह दो महीना से ज्यादा बीत गया ।
..............................
मेरा जन्मदिन दो दिन पहले मुझे उसका फोन आया तो उसने कहां - बेबी, हम दोनों को मिले हुए वह दिन हो गया है।
लेकिन मैं उसे ऐसे ही तड़पाने के लिए कहीं - नहीं बाबू, हम नहीं मिल सकते हैं। वह तो मैं तुमसे सिर्फ बातें करती हुं क्योंकि तुमसे बात करना अच्छा लगता है।
उसने कहा- प्लीज यार , मैं तुम्हारा जन्मदिन तुम्हारे साथ मनाना चाहता हूं ।
मैंने कहा- नहीं यार, समझा करो, इस बार जन्मदिन मैं तुम्हारे साथ मनाना चाहती हूँ। मगर मेरे पति परमिशन नहीं देंगे ।
प्रफुल्ल बोला- अच्छा ठीक है।
( फिर उस दिन के बाद प्रफुल्ल का फोन नहीं आया )
..................
जन्मदिन वाले सवेरे का समय
रोहित बोला- हैप्पी बर्थडे में डियर पत्नी जी ।
मैं बोली- थैंक यू वेरी पतिदेव।
फिर रोहित ने बोला- गिफ्ट कैसा लगा?
मैं बोली- कौन सा गिफ्ट?
उन्हें ने बोला- चादर से निकलो और साइड में मेज पे देखो।
मैंने देखा तो वहाँ एक गिफ्ट बॉक्स रखा था, मैं फिर एक बार बोली- अरे !!, थैंक्स यू डियर पतिदेव ।
रोहित बोला- गिफ्ट खोल के तो देखो!
तो मैंने खोला, उसके अंदर एक लाल रंग की बहुत खूबसूरत साड़ी थी. तभी रोहित ने एक बॉक्स और मेरे हाथ में रख दिया और बोला- ये भी तुम्हारे लिए।
मैंने उसे खोला तो उसमें मेरे लिए साड़ी के मैचिंग रंग का ब्लाउज़ और पेटीकोट था।
मैंने एक बार फिर रोहित को शुक्रिया कहां. फिर रोहित ने कहा- अगर शाम को तुम ये पहनोगी तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा ।
मैंने कहा- अच्छा ठीक है पतिदेव , लेकिन अभी तो ब्लाउज़ की फिटिंग भी नहीं हुई होगी.
तो रोहित बोले - तू उसकी चिंता मत करो मैंने तुम्हारी साइज़ के हिसाब से सब फिटिंग करवा दी थी।
मैं खुश हो गयी और बोली- अच्छा गिफ्ट पहले ही प्लान कर लिया था आप ने।
( शायद पहली बार मुझे पतिदेव ने साड़ी गिफ्ट की थी। नहीं तो मैं खुद खरीदती थी । )
फिर रोहित ओफिस चले गए
दोपहर को.....
मैं अकेली बाजार चली गई। ( हम लोगों रांची में तीन साल से है मगर किसी अगल और बगल वालों से ज्यादा सम्पर्क में नहीं है ) बाजार में पार्लर जाकर कुछ मैकअप करवाया और कुछ समान खरीद कर शाम तक वापस आ गई और घर आकर कपड़े बदले.
जब में शाम को घर आई तो रोहित भी ओफिस से घर आ चुके थे फिर मैंने बाथरूम में जाकर एक सेक्सी सी रेड कलर की ही पुश-अप ब्रा और पैंटी पहनी और फिर ब्लाउज़ और पेटीकोट पहन के बाहर आ गयी, रोहित ने ब्लाउज़ भी ऐसा लिया था जो पीछे हुक की बजाए डोरी से बांधता हो।
बाहर आई तो रोहित ने साड़ी पहनने में मेरी मदद की।
रोहित बोले - यार पायल , तेरे पर तो सारे कपड़े जँचते हैं, देख फिटिंग बिल्कुल सही आई है। बहुत खूबसूरत लग रही है,( मैंने पहली बार साड़ी सगाई में ही पहनी थी वह भी सासु मां की साड़ी थी )
मैं उनके कंधे पर हल्का सा मारती हुई मुस्कुरा कर बोली- यह सब आपके लिए है । फिर मैं कमरे के अंदर गई
और हल्का सा सेक्सी सा मेकअप कर बाहर आई । जैसे ही रोहित ने मुझे देखा उसका मुंह खुला रह गया, आँखें फाड़ के मुझे घूरे जा रहे थे। मुझे उसका इस तरह बच्चों की तरह ललचाई नजरों से देखना बहुत प्यारा लग रहा था।
मैंने रोहित की चुप्पी तोड़ते हुए कहा- आप कुछ बोलेंगे या ऐसे ही देखते रहेंगे ?
तभी रोहित हंसने लगे और मेरी तारिफ के फुल से स्वागत किया।
तभी रोहित बोला- यार पायल, तुम इस साड़ी में इतनी खूबसूरत लग रही हो कि मेरी नज़र ही नहीं हट रही तुम पर से, ऐसा लग रहा है जैसे कोई परी उतार आई हो। लाल रंग तुम पर बहुत प्यारा और सेक्सी लगता है।
मैं बोली- आपका गिफ्ट बहुत खूबसूरत है, थैंक यू।
फिर उन्होंने कहा - तुम्हारे लिए एक और गिफ्ट है वह थोड़ी देर में मिलेगा।
मैंने पतिदेव से कहा - अच्छा कैसा गिफ्ट ?
तभी रोहित के मोबाइल पर फोन आया और उन्होंने कहां 30 मिनट में आता हुं और चले गए। तभी तक मैं सोची रात के लिए कुछ खाना बना लेती हुं और मैं किचन में जाकर
खाना बनाने लगी।
जब मैं किचन में खाना बना रही थी तभी मुझे कमरे में किसी की आने का अहसास हुआ मैंने आवाज़ लगाई - रोहित जी आप आ गए । तभी पति ने हां कहां। फिर मैं खाना बनाने लगी तभी पीछे से रोहित ने मेरी आंखों पर हाथ रखकर बंदकर दिया और कहां- चलो कमरे में तुम्हारे लिए गिफ्ट लेकर आया हूं मैं धीरे- धीरे कमरे में पहुंची। तो रोहित ने आंखों पर से हाथ हटाया और मैं देखकर चौंक गई। सामने प्रफुल्ल खड़ा था तकरीबन 2 महीने बाद हम एक दूसरे को आमने सामने देख रहे थे.
उसने मुझे देखकर मुझसे लिपट गया और गले लगा लिया ज़ोर से। हम ऐसे ही 30-40 सेकंड तक गले गले रहे.
तभी रोहित बोले - मैं भी हूँ प्रफुल्ल , तुम लोग तो मुझे भूल ही गए शायद ? मैं शर्मा के मुस्कुराने लगी और नीचे देखने लगी।
प्रफुल्ल भी मुस्कुरा दिया और बोला- बिलकुल रोहित जी,
फिर प्रफुल्ल और रोहित दोनों ने हैंडशेक किया और हम तीनों वहीं बैठकर इधर उधर की बातें करने लगे। प्रफुल्ल सामने बैठा हुआ था और उसकी नज़र बार बार आकर मुझे पर रुके जा रही थी।
मैंने कहा- क्या हुआ, अच्छी नहीं लग रही न मैं इन कपड़ों में?
कहानी जारी रहेगी...
सगाई से रांची आए हुए हमें दो महीने से ज्यादा हो गया था और मैं और रोहित अपनी लाइफ में व्यस्त हो गए थे। अगले महीने मेरा जन्मदिन आने वाली थी , तो रोहित ने जन्मदिन के 5 दिन पहले पूछा- इस बार जन्मदिन पे क्या प्लान कर रही हो , मैंने कोई जवाब नहीं दिया, फिर थोड़ी देर रूक कर कहां - रोहित मैं आपको कुछ बताना चाहती हुं।
रोहित - हां बोलो।
मैं - रोहित मैं अगले दो - तीन महीने से किसी लड़के से बात करती रही हुं।
रोहित ( नोर्मल अंदाज में ) - तो इसमें गलती किया है किसी से बात करना कोई गुनाह नहीं है ।
मैं - मुझे लगा कहीं आपको पता चला तो आप मुझपर गुस्सा करोगे।
रोहित ( नोर्मल अंदाज में )- इसमें गुस्सा करने की कोई बात ही नहीं है। अच्छा वह लड़का कौन है ? और मुझे भी उससे बात करनी है? उसका नम्बर है तो दो ।
मैं आचार्य थी अपने पतिदेव की इस बहवार से ( नोर्मल अगर किसी को पता चले उसकी बीवी किसी गैर मर्द से बात करती है तो पत्नी और पति के रिश्ते में दरार आ जाती है मगर मेरे पतिदेव नोर्मल है )
मैंने उन्हें बाद में बात भी करवाई अब रोहित और " प्रफुल्ल " में एक गहरी दिलचस्पी दोस्ती भी हो गई है
मेरा ज़्यादातर वक्त प्रफुल्ल के साथ फोन पे बात करते हुए बीतता थी , हम हमेशा या तो फोन पे या चैट पे लगे रहते थे।
...................
अब मैं आप सबको प्रफुल्ल के बारे में थोड़ा सा बता दूँ।
मैं और प्रफुल्ल मेरी ननंद की सगाई में मिले थे , प्रफुल्ल मेरी ननद का पुराना यार था और पढ़ाई करता था। वह दिखने में बहुत क्यूट और हैंडसम है। मेरी ननंद भी बहुत क्यूट और मासूम सी दिखती है तो मैं उन दोनों को क्यूट कपल ( मजाक से ) कहके बुलाती थी। तभी ही मेरी प्रफुल्ल से मुलाकात हुई थी।
अब प्यार सच्चा था या नहीं ये तो नहीं कह सकते … पर हम दोनों को एक - दूसरे से बात करना बहुत पसंद था, हम लगभग हर बात शेयर करते थे।
मैं उससे अब तक सिर्फ सगाई में ही मिली थी एक बार, और उतने में ही हमारे बीच दोस्ती हो गई थी।
धीरे धीरे वक़्त बीतता गया और इसी तरह दो महीना से ज्यादा बीत गया ।
..............................
मेरा जन्मदिन दो दिन पहले मुझे उसका फोन आया तो उसने कहां - बेबी, हम दोनों को मिले हुए वह दिन हो गया है।
लेकिन मैं उसे ऐसे ही तड़पाने के लिए कहीं - नहीं बाबू, हम नहीं मिल सकते हैं। वह तो मैं तुमसे सिर्फ बातें करती हुं क्योंकि तुमसे बात करना अच्छा लगता है।
उसने कहा- प्लीज यार , मैं तुम्हारा जन्मदिन तुम्हारे साथ मनाना चाहता हूं ।
मैंने कहा- नहीं यार, समझा करो, इस बार जन्मदिन मैं तुम्हारे साथ मनाना चाहती हूँ। मगर मेरे पति परमिशन नहीं देंगे ।
प्रफुल्ल बोला- अच्छा ठीक है।
( फिर उस दिन के बाद प्रफुल्ल का फोन नहीं आया )
..................
जन्मदिन वाले सवेरे का समय
रोहित बोला- हैप्पी बर्थडे में डियर पत्नी जी ।
मैं बोली- थैंक यू वेरी पतिदेव।
फिर रोहित ने बोला- गिफ्ट कैसा लगा?
मैं बोली- कौन सा गिफ्ट?
उन्हें ने बोला- चादर से निकलो और साइड में मेज पे देखो।
मैंने देखा तो वहाँ एक गिफ्ट बॉक्स रखा था, मैं फिर एक बार बोली- अरे !!, थैंक्स यू डियर पतिदेव ।
रोहित बोला- गिफ्ट खोल के तो देखो!
तो मैंने खोला, उसके अंदर एक लाल रंग की बहुत खूबसूरत साड़ी थी. तभी रोहित ने एक बॉक्स और मेरे हाथ में रख दिया और बोला- ये भी तुम्हारे लिए।
मैंने उसे खोला तो उसमें मेरे लिए साड़ी के मैचिंग रंग का ब्लाउज़ और पेटीकोट था।
मैंने एक बार फिर रोहित को शुक्रिया कहां. फिर रोहित ने कहा- अगर शाम को तुम ये पहनोगी तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा ।
मैंने कहा- अच्छा ठीक है पतिदेव , लेकिन अभी तो ब्लाउज़ की फिटिंग भी नहीं हुई होगी.
तो रोहित बोले - तू उसकी चिंता मत करो मैंने तुम्हारी साइज़ के हिसाब से सब फिटिंग करवा दी थी।
मैं खुश हो गयी और बोली- अच्छा गिफ्ट पहले ही प्लान कर लिया था आप ने।
( शायद पहली बार मुझे पतिदेव ने साड़ी गिफ्ट की थी। नहीं तो मैं खुद खरीदती थी । )
फिर रोहित ओफिस चले गए
दोपहर को.....
मैं अकेली बाजार चली गई। ( हम लोगों रांची में तीन साल से है मगर किसी अगल और बगल वालों से ज्यादा सम्पर्क में नहीं है ) बाजार में पार्लर जाकर कुछ मैकअप करवाया और कुछ समान खरीद कर शाम तक वापस आ गई और घर आकर कपड़े बदले.
जब में शाम को घर आई तो रोहित भी ओफिस से घर आ चुके थे फिर मैंने बाथरूम में जाकर एक सेक्सी सी रेड कलर की ही पुश-अप ब्रा और पैंटी पहनी और फिर ब्लाउज़ और पेटीकोट पहन के बाहर आ गयी, रोहित ने ब्लाउज़ भी ऐसा लिया था जो पीछे हुक की बजाए डोरी से बांधता हो।
बाहर आई तो रोहित ने साड़ी पहनने में मेरी मदद की।
रोहित बोले - यार पायल , तेरे पर तो सारे कपड़े जँचते हैं, देख फिटिंग बिल्कुल सही आई है। बहुत खूबसूरत लग रही है,( मैंने पहली बार साड़ी सगाई में ही पहनी थी वह भी सासु मां की साड़ी थी )
मैं उनके कंधे पर हल्का सा मारती हुई मुस्कुरा कर बोली- यह सब आपके लिए है । फिर मैं कमरे के अंदर गई
और हल्का सा सेक्सी सा मेकअप कर बाहर आई । जैसे ही रोहित ने मुझे देखा उसका मुंह खुला रह गया, आँखें फाड़ के मुझे घूरे जा रहे थे। मुझे उसका इस तरह बच्चों की तरह ललचाई नजरों से देखना बहुत प्यारा लग रहा था।
मैंने रोहित की चुप्पी तोड़ते हुए कहा- आप कुछ बोलेंगे या ऐसे ही देखते रहेंगे ?
तभी रोहित हंसने लगे और मेरी तारिफ के फुल से स्वागत किया।
तभी रोहित बोला- यार पायल, तुम इस साड़ी में इतनी खूबसूरत लग रही हो कि मेरी नज़र ही नहीं हट रही तुम पर से, ऐसा लग रहा है जैसे कोई परी उतार आई हो। लाल रंग तुम पर बहुत प्यारा और सेक्सी लगता है।
मैं बोली- आपका गिफ्ट बहुत खूबसूरत है, थैंक यू।
फिर उन्होंने कहा - तुम्हारे लिए एक और गिफ्ट है वह थोड़ी देर में मिलेगा।
मैंने पतिदेव से कहा - अच्छा कैसा गिफ्ट ?
तभी रोहित के मोबाइल पर फोन आया और उन्होंने कहां 30 मिनट में आता हुं और चले गए। तभी तक मैं सोची रात के लिए कुछ खाना बना लेती हुं और मैं किचन में जाकर
खाना बनाने लगी।
जब मैं किचन में खाना बना रही थी तभी मुझे कमरे में किसी की आने का अहसास हुआ मैंने आवाज़ लगाई - रोहित जी आप आ गए । तभी पति ने हां कहां। फिर मैं खाना बनाने लगी तभी पीछे से रोहित ने मेरी आंखों पर हाथ रखकर बंदकर दिया और कहां- चलो कमरे में तुम्हारे लिए गिफ्ट लेकर आया हूं मैं धीरे- धीरे कमरे में पहुंची। तो रोहित ने आंखों पर से हाथ हटाया और मैं देखकर चौंक गई। सामने प्रफुल्ल खड़ा था तकरीबन 2 महीने बाद हम एक दूसरे को आमने सामने देख रहे थे.
उसने मुझे देखकर मुझसे लिपट गया और गले लगा लिया ज़ोर से। हम ऐसे ही 30-40 सेकंड तक गले गले रहे.
तभी रोहित बोले - मैं भी हूँ प्रफुल्ल , तुम लोग तो मुझे भूल ही गए शायद ? मैं शर्मा के मुस्कुराने लगी और नीचे देखने लगी।
प्रफुल्ल भी मुस्कुरा दिया और बोला- बिलकुल रोहित जी,
फिर प्रफुल्ल और रोहित दोनों ने हैंडशेक किया और हम तीनों वहीं बैठकर इधर उधर की बातें करने लगे। प्रफुल्ल सामने बैठा हुआ था और उसकी नज़र बार बार आकर मुझे पर रुके जा रही थी।
मैंने कहा- क्या हुआ, अच्छी नहीं लग रही न मैं इन कपड़ों में?
कहानी जारी रहेगी...


![[+]](https://xossipy.com/themes/sharepoint/collapse_collapsed.png)