30-11-2025, 03:10 PM
Update....
मेरी मोटी मखमली गोरी गांड हिलते देख वह और जोश में आ गया और मेरी गांड पर तेज़-तेज़ हाथ मारने लगे।
वह बोला: बड़ा कांटा माल हो भाभी आप तो। एक-दम मक्खन माल हो यार। क्या मखमली गांड है आपकी!
आज तो चुदाई का मजा लेना ही पड़ेगा। आपकी मखमली गांड में लंड डालना ही पड़ेगा। आज मैं आपको जमकर ठोकूंगा। आपकी पतली कमर, गोरा बदन, और हिलती हुई बड़ी-बड़ी चूचियों को देखकर किसी का भी पानी निकल जाए भाभी।
मैं बोली: तड़पाओ मत जान, अब डाल दो इसे अपनी भाभी की चूत के अन्दर।
वह बोला : चिंता मत करो भाभी, आज तो आपकी चूत का भोसड़ा बना दूंगा। सारी प्यास मिटा दूंगा मैं इसकी।
मैं बोली: तो डाल दो ना। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा।
इतना कहते ही वह मेरे पीछे आकर लंड को मेरी चूत पर रगड़ने लगे। मैं आहहाह्ह्ह... आआहह... अआहह... आहहहहह.... करने लगी। उन्होंने अपने लंड पर अच्छी तरह से थूक लगाकर अपना गर्म लंड मेरी चूत पर रखा, और पूरे जोर से एक धक्का दे मारा, और एक झटके के साथ उनका आधा लंड मेरी चूत में उतार दिया।
लंड घुसते ही मेरी चीखें निकल गई। मैं एक-दम से चिल्ला उठी, मगर मैं बर्दाश्त कर रही थी। ऐसा लग रहा था कि किसी ने मेरी चूत चीर डाली हो।
मैं चिल्लाई: आई मर गई! आहहहह... निकाल लो इसे। मुझसे सहन नहीं हो रहा। मैं मर जाऊंगी!
तो उन्होंने थोड़ा लंड बाहर करके एक ज़ोरदार धक्का मारा, और अपना पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया। मेरी आंखों से आंसू आ गए। उन्होंने कुछ देर लंड मेरी ही चूत में डाले रखा। शायद नंदोई जी समझ गये थे कि मैं चुदने को तैयार हो गई थी, तो वह अपने लंड को धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगे।
अब मेरी चूत की चुदाई चालू हो चुकी थी। फिर उन्होंने अपना लंड चूत से बाहर निकाला, और फिर से अन्दर घुसा दिया।
जैसे ही उनके लंड ने पूरी तरह से जगह बनाई, तो मैं भी धक्के के मज़े लेने लगी। उन्होंने अपने धक्कों की स्पीड तेज कर दी। वह अपनी कमर हिला-हिला कर मेरी चूत में धक्के लगाने लगे। उनका लंड मेरी चूत में चलना शुरू हुआ, तो मेरी सिसकारियां बढ़ गई आहहहहह.. आहहह... आआहहहह....।
मेरे नंदोई जी मेरे बाल पकड़कर मुझे पीछे से चोद रहे थे। चुदाई के झटकों के कारण मेरी चूचियां हवा में झूल रही थी, और धक्कों की वजह से आगे-पीछे हो रही थी। हहह आआहहह... आहहहह.. आहहहह.. की मेरी कामुक आवाजें और साथ में फच.. फच.. फच.. की आवाज़ बाथरूम में गूंज रही थी।
मेरी कामुक सिसकारियां और बढ़ गई थी। मैं मजे से नंदोई के जोरदार लंड के झटके खा रही थी। उनका लंड मेरी चूत में ठोकर मारता रहा था, और मेरी चूत पूरी शिद्दत से उनके गरमा-गर्म लंड के झटके खा रही थी।
मैं मस्ती से चीख रही थी, और वह मुझे चोदे जा रहे थे। मैं उनका लंड घपा-घप अपने अन्दर ले रही थी, और वह दोनों हाथों से मेरी चूचियां मसलते हुए मेरी चूत में लंड पेले जा रहे थे। अन्दर से मेरी चूत एक-दम गर्म हो गयी थी। मेरी चूत भी पूरी तरह से लंड के झटके खा कर मज़े ले रही थी।
वह मुझे घोड़ी बनाकर बहुत तेज़ और गहराई तक जोरदार झटके मार रहे थे।
मैं उनसे बोल रही थी: आपका लंड बहुत जबरदस्त है। मैं बहुत दिनों से प्यासी हूं। प्लीज आज तो मेरी प्यास को बुझा दो। आपका लंड देखकर मेरे सब्र का बांध टूट गया है।
वह बोलने लगे: भाभी क्या गरम चूत हैं आपकी। मेरा पूरा लंड गर्मी के मारे जोश पर है आहहहहहह! चुद लो आज जी भरकर अपने नंदोई के इस गर्म लंड से। आज मैं आपकी चिकनी रसीली चूत का भोसड़ा बना दूंगा। भाभी आप बहुत प्यासी हो आपकी चूत आहहहह। इसकी सारी प्यास मिटा दूंगा आज मैं भाभी।
मैं भी अपनी मोटी गांड उठा-उठाकर उसका का साथ दे रही थी। मेरी चूचियां हवा में हिल रही थी, और वह तेज़ी से मेरी गांड मार रहे थे, और मैं कामुक आवाज में बोल रही थी-
मैं: आहहह... आहहहह... आहहहह... मेरे नंदोई जी! फाड़ दो भाभी की इस चूत को। भोसड़ा बना दो इसका। और जोर से चोदो आहह आहहहहह, बहुत प्यासी है यह चूत।
में कामुक आवाज में सिसकारियां भर रही थी: आहहह आह और अंदर डालो! थोड़ा और अंदर! और जोर से झटके मारो। फाड़ डालों आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दों आहहह आहहह।
वह अपने भूखे लंड को मेरी चूत में धका-धक पेल रहे थे। अपने गर्म लंड को मेरी चूत में घुसा कर झटके पर झटके मार रहे थे।
अचानक मुझे महसूस हुआ कि वह अपनी एक उंगली मेरी गांड के छेद के उपर रगड़ रहे थे। मैं समझ गई कि अब ये मेरी गांड भी मारेगा और मेरी गांड फाड़ेगा। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, पर डर भी लग रहा था, कि आज तो गांड में लंड लेना पड़ेगा। मैं गांड में लंड खाने के लिए उतावली हो रही थी, क्योंकि मैं चुदाई के नशे में थी।
अब उन्होंने अपने दोनों हाथ से मेरे चूतड़ खोले और गांड के छेद पर थूक दिया।उसके बाद मेरी गांड के छेद में अपनी एक उंगली घुसाने लगे। लेकिन मेरी गांड कसी हुई होने के कारण उनकी उंगली अन्दर नहीं जा पा रही थी।
फिर उन्होंने वहां से शैम्पू का पाउच उठाया और फाड़कर पूरा का पूरा मेरी गांड के छेद पर ढाल दिया, और फिर गांड के छेद में उंगली डालने लगे। अब उनकी ऊंगली मेरी गांड में घुस गयी थी। फिर वह मेरी गांड में ऊंगली अन्दर-बाहर करने लगे। मैं अआहह... आहहह... आहहह... की आवाज़ कर रही थी।
मेरे पूरे जिस्म में आग लग गयी थी। मेरी चूत लंड के झटके खा रहा थी, और ऊंगली मेरी गांड में चल रही थी। उन्होंने मेरी गांड में ऊंगली करके मेरी गांड के छेद को चौड़ा कर दिया।
मेरी मोटी गांड हिलते देख वह और जोश में आ गये, और तेज़-तेज़ चोदते हुए चूतड़ पर हाथ मारने लगे। मैं घोड़ी बनी हुई थी और वह पीछे से मेरी चूत में लंड डाल के चुदाई कर रहे थे। उनके लंड के झटके खा-खा कर मैं फिर से झड़ गई। वह मेरी चूत में घपा-घप लंड घुसा कर ताबड़-तोड़ चोद रहे थे, और मैं घोड़ी बन कर पीछे से अपनी चूत की चुदाई करवा रही थी।
वह बोले: भाभी आज मुझे मत रोकना।
शायद उनका पूरा ध्यान मेरी गोरी मखमली गांड पर ही था।
वह बोले: भाभी मेरी नज़र आपकी फूली हुई गांड पर पड़ गई। क्या मखमली गांड है भाभी आपकी। मुझे आपकी चूत चोदते हुए आपकी गांड मारने का मन हो गया भाभी।
अब उनका लंड पेलना रुक गया, तो मैंने पीछे मुड़कर देखा और पूछा: रुक क्यों गए?
तो नंदोई जी बोले: मेरी जान, मैं आपकी चूत को चोद रहा हूं, और अब आपकी गांड मारने का मन हो रहा है।
फिर उन्होंने मेरे एक चूतड़ को मसलते हुए कहा: भाभी अब मुझे तुम्हारी गांड भी मारनी है।
मैं बोली: आपका इतना बड़ा लंड जब मेरी गांड में जाएगा, तो मेरा क्या होगा नंदोई जी? मेरी गांड फट जायेगी।
तो उन्होंने मेरे चूतड़ को सहलाते हुए कहा: कुछ नहीं होगा मेरी जान। मैं आपकी गांड का पूरा ख्याल रखूंगा। तुम मुझ पर भरोसा रखो।
और फिर उन्होंने अपना लंबा लंड मेरी चूत में से बाहर निकाला, और लंड पर बहुत सारा शैम्पू लगा के लंड मेरी गांड के छेद पर लगाया। इससे मेरी गांड एक-दम फिसल-पट्टी जैसी चिकनी हो गई थी। फिर उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरे कंधे को पकड़ कर ज़ोर लगाया, जिससे उनका आधा लंड मेरी कसी हुई मखमली गांड के अन्दर चला गया।
मैं दर्द के मारे चीख पड़ी। उन्होंने मुझे कंधों से पकड़ लिया, जिससे मैं हिल नहीं पाई। करीब 10 सेकंड तक उन्होंने लंड ऐसे ही रखा, और फिर एक झटके से पूरा लंड गांड के अन्दर घुसा दिया। अब उनका पूरा लंड मेरी गांड में किसी चाकू की तरह अंदर तक उतर गया। उनका पूरा लंड मेरी गांड में समा चुका था। अब उन्होंने मेरी कमर को अपने हाथों से कसकर पकड़ लिया, और मेरी गांड में अपना लंड डालने लगे।
मेरी आंखों से आंसू आने चालू हो गए और मैं दर्द के मारे हिल भी नहीं पा रही थी। थोड़ी देर बाद उन्होंने अपने लंड को बाहर निकाला, और दोबारा से एक जोरदार धक्का दे दिया। मेरे मुंह से आहहहहह... आहहहहह... आहहहहह... की तेज आवाज़ें निकल रही थी। अब वह धीरे-धीरे लंड को मेरी गांड में अन्दर-बाहर करने लगे। थोड़ी देर बाद मुझे मज़ा आने लगा।
अब उनको लगा कि मैं मज़े ले रही थी, तो उन्होंने झटके तेज़ कर दिए, और मेरी मोटी गांड को चोदने लगे। हम दोनों चुदाई में लगे हुए थे। वह मेरी चूचियां मसलते हुए मेरी गांड को जोर-जोर से चोद रहे थे।
मेरे मोटे चूतड़ उसके झटकों से हिल रहे थे। वह मेरी गांड को पीटते हुए चोदने लगे, और मैं मज़े से उनके लंड के झटके खाने लगी। मैं मधमस्त होकर गांड हिला-हिला कर चुदवा रही थी। वह अपने हाथ से मेरी चूत के दाने को सहलाने लगे।
फिर एक उंगली में थूक लिया, और उंगली से मेरी चूत की फांकों को सहलाने लगे। साथ ही मेरी गांड में झटके पर झटके देते जा रहे थे। मुझे अपनी गांड मराने में मज़ा आ रहा था। मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन फिर भी मैं बोल रही थी-
मैं: डालो अपना लंड मेरी गांड में। फाड़ दो इसे आज।
मुझमें लंड को गांड में लेने की भूख बहुत ज्यादा थी। अब मैं खुद ही अपनी गांड को आगे-पीछे करके मधमस्त आवाजें निकालने लगी।
मैं: आहहहह... आहहह... आहहह... चोद दो मेरी गांड को अआाहाहह। फाड़ दो इसे आहहहह... आहहह... आहहह...। और अन्दर तक डालो आाआहह। तेज चोदो अआहहह, और तेज-तेज गांड मारो नंदोई जी, फाड़ डालो आज भाभी की गांड आहहह, यस यस डालो अन्दर तक डालो।
उन्होंने मुझे कमर से कस के पकड़ रखा था। अब वह धीरे-धीरे मेरी कसी हुई गांड में अपना मूसल लंड अन्दर-बाहर करने लगे और जमकर मेरी गांड मारने लगे। मैं आह आह उफफ किए जा रही थी। धीरे-धीरे उन्होंने झटकों की स्पीड बढ़ा दी। मैं घोड़ी बनकर उनके लंड से गांड मरा रही थी।
उन्होंने मेरी गांड पर आठ-दस ज़ोर-ज़ोर से थप्पड़ मारे, जिससे मेरी गांड लाल हो गई। मैं उनके लंड के मज़े ले रही थी। पूरे बाथरूम में आहहहह.. आहहहह.. फच्च्च्च फच्च की आवाज गूंज रही थी। मैं फिर से झड़ चुकी थी।
मैं अपनी मोटी गांड में नंदोई का लंड ले रही थी। और बोल रही थी कि: आह आह और जोर-जोर से चोद दे मेरे नंदोई, मजा आ रहा है। आह चोद जोर से चोद।
उन्होंने मुझे गाली देते हुए कहा: हां ले चुद ले भाभी आह आह चुद लो अपने नंदोई के लंड से आह, ले मेरा लंड। मैं तो कब से तुझे चोदना चाह रहा था। आज जाकर मौका लगा है मेरी जान। आज तुझे मेरे लंड का पूरा मजा दूंगा। तेरा पति तो तुझे ढंग से चोदता नहीं है।
मैं बोली: बड़ा अन्दर तक पेल रहे हो आह। मजा आ रहा है। मैं बहुत दिनों के बाद चुद रही हूं आह।
वह पूरे जोश में कस-कस के धक्के मार रहे थे, जिससे मेरी चीखें निकल रही थी। मुझे सेक्स चढ़ रहा था। मैं मज़ा लेती हुई अपनी कमर हिला-हिला कर नंदोई जी का साथ दे रही थी।
मैं जोर-जोर से सिसकारी भर रही थी। मेरे सिसकारी भरने से वह और जोश में आकर बुरी तरह से मुझे चोद रहे थे। खड़े-खड़े चुदवाते-चुदवाते मैं थक गई। फिर मैं बोली-
मैं: अब अपना लंबा लंड मेरी चूत में डालो।
तो उन्होंने मेरी गांड में से अपना लंड निकाला, और मुझसे बोले कि लेट जाओ। तो मैं सीधी होकर नीचे ही लेट गई। वह मेरे दोनों पैरों के बीच में आये, और फिर उन्होंने अपना लंड मेरी चूत पर रखकर जोर से धक्का दिया। तो उनका लंड मेरी चूत में ना जाकर, वहां से फिसलकर पीछे की और सरक गया।
मैं झट से बोल पड़ी: फिर से गांड नहीं मारो यार।
फिर मैंने अपने हाथ से उनके लंड को पकड़कर अपनी चूत पर लगा दिया, और बोली: अब धक्का दो।
जैसे ही नंदोई जी ने जोर से एक धक्का दिया, उनका पूरा लंड मेरी चूत की गहराई में अंदर तक चला गया। तभी उन्होंने अपने झटकों की स्पीड बढ़ा दी। मेरे नंदोई जी मुझे जोर-जोर से चोद रहे थे, और मेरे बड़े - बड़े चूची भी दबा रहे थे।
मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं सिसकारियां ले रही थी और बोल रही थी-
मैं: और जोर से चोदो, और जोर से चोदो, फाड़ दो मेरी चूत आह। मेरी चूत का भोंसड़ा बना दो आज। बहुत मजा आ रहा है। और जोर से चोदो, अन्दर तक डालो आहहह।
वह मेरी चूत में अपना लंड घपा-घप अन्दर-बाहर करते जा रहे थे। थोड़ी देर में हमने चुदाई की पोजीशन बदल ली। अब वह नीचे लेट गए। मैं उनके उपर आकर बैठ गई, और उनके लंड को अपनी चूत की दरार पर रखा। तभी उन्होंने नीचे से एक ज़ोर का झटका मारा, तो उनकी और मेरी झांटे आपस में मिल गई। मेरी चीख निकल गई।
अब मैं उनके लंड के ऊपर बैठकर उपर-नीचे होने लगी। हम पूरे पसीने-पसीने हो गये थे, तो मैंने शावर चालू कर दिया। शावर से हल्के-हल्के पानी की बूंदे मेरी चूंचियों पर पड़कर, मेरे पेट से रिसती हुई मेरी गहरी नाभी से होकर, मेरी चिकनी चूत से होकर उनके लंड पर पड़ रही थी।
उनका बड़ा और मोटा लंड मेरी चूत में सका-सक फका-फक अन्दर-बाहर हो रहा था। मैं उनके लंड पर उछल-उछल कर चुद रही थी। मेरी चूचियां भी उछल रही थी। फिर उन्होंने मेरी एक चूची को पकड़ा, तो मैं झुक कर उनके मुंह तक ले गई। अब वह मेरी दोनों चूंचियों को बारी-बारी से चूसने लगे। इधर मैं अपनी गांड उठा-उठाकर उनके लंड पर उछल रही थी।
हम दोनों बेकाबू हो रहे थे। हमें बहुत मजा आ रहा था। मैं बहुत उत्तेजित हो गई थी, और मैं झड़ने वाली थी। वह मुझे चोदे जा रहे थे। फिर मैं बोली मैं झड़ने वाली हूं, और मैं झड़ गई।
कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे बोला: भाभी मेरे लंड का पानी निकलने वाला है। चूत में ही निकाल दूं क्या?
तो मैंने कहा: नही लंड को बाहर निकालो, मैं लेट जाती हूं। मेरे पेट पर आपके लंड का खारा पानी निकालना।
नंदोई जी उठ गये, और मैं जल्दी से वहीं बाथरूम में लेट गई। तो उन्होंने अपने लंड को पकड़ा और अपने हाथ से हिलाते हुए मेरी पर नाभी पर अपने लंड का खारा पानी भर दिया।
फिर हम दोनों साथ में नहाने लगे। मैं अपने हाथ से उनके लंड पर रगड़-रगड़ कर साबुन लगाने लगी, और बड़े प्यार से उनकी पीठ सहला कर साबुन लगाने लगी। फिर उन्होंने मेरी पीठ पर पानी की बूंदे डाली, तो मैं कसमसा गई।
वह साबुन लगाने लगे। मैंने आंखे बंद कर ली, और वह मेरी पीठ सहलाने लगे। वह साबुन लगाते हुए मेरे पेट पर हाथ घुमाने लगे, और मेरी नाभि को सहलाते हुए मेरी चूंचियों की तरफ अपना हाथ ले गये।
फिर बोले: भाभी आप नहाते हुए बहुत सेक्सी लग रही हो।
फिर हम नहा लिये, तो उन्होंने तौलिये से मेरा पूरे भीगे बदन को पौंछा, और मेरी चिकनी छाती, चिकने पेट और बड़ी-बड़ी चूंचियों को देखकर मुस्कुरा कर बोले-
नंदोई: भाभी आज तो मजा आ गया यार। फिर कब दे रही हो मौका?
मैं सेक्सी स्माईल के साथ बोली: अब नहीं।
उसके बाद उन्होंने अपने हाथों से मुझे ब्रा , पैन्टी और साड़ी , ब्लाउज पहनाई, और खुद ने भी कपड़े पहने। फिर हम बाथरूम से निकलकर मेरे कमरे में चले गये।
मेरी मोटी मखमली गोरी गांड हिलते देख वह और जोश में आ गया और मेरी गांड पर तेज़-तेज़ हाथ मारने लगे।
वह बोला: बड़ा कांटा माल हो भाभी आप तो। एक-दम मक्खन माल हो यार। क्या मखमली गांड है आपकी!
आज तो चुदाई का मजा लेना ही पड़ेगा। आपकी मखमली गांड में लंड डालना ही पड़ेगा। आज मैं आपको जमकर ठोकूंगा। आपकी पतली कमर, गोरा बदन, और हिलती हुई बड़ी-बड़ी चूचियों को देखकर किसी का भी पानी निकल जाए भाभी।
मैं बोली: तड़पाओ मत जान, अब डाल दो इसे अपनी भाभी की चूत के अन्दर।
वह बोला : चिंता मत करो भाभी, आज तो आपकी चूत का भोसड़ा बना दूंगा। सारी प्यास मिटा दूंगा मैं इसकी।
मैं बोली: तो डाल दो ना। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा।
इतना कहते ही वह मेरे पीछे आकर लंड को मेरी चूत पर रगड़ने लगे। मैं आहहाह्ह्ह... आआहह... अआहह... आहहहहह.... करने लगी। उन्होंने अपने लंड पर अच्छी तरह से थूक लगाकर अपना गर्म लंड मेरी चूत पर रखा, और पूरे जोर से एक धक्का दे मारा, और एक झटके के साथ उनका आधा लंड मेरी चूत में उतार दिया।
लंड घुसते ही मेरी चीखें निकल गई। मैं एक-दम से चिल्ला उठी, मगर मैं बर्दाश्त कर रही थी। ऐसा लग रहा था कि किसी ने मेरी चूत चीर डाली हो।
मैं चिल्लाई: आई मर गई! आहहहह... निकाल लो इसे। मुझसे सहन नहीं हो रहा। मैं मर जाऊंगी!
तो उन्होंने थोड़ा लंड बाहर करके एक ज़ोरदार धक्का मारा, और अपना पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया। मेरी आंखों से आंसू आ गए। उन्होंने कुछ देर लंड मेरी ही चूत में डाले रखा। शायद नंदोई जी समझ गये थे कि मैं चुदने को तैयार हो गई थी, तो वह अपने लंड को धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगे।
अब मेरी चूत की चुदाई चालू हो चुकी थी। फिर उन्होंने अपना लंड चूत से बाहर निकाला, और फिर से अन्दर घुसा दिया।
जैसे ही उनके लंड ने पूरी तरह से जगह बनाई, तो मैं भी धक्के के मज़े लेने लगी। उन्होंने अपने धक्कों की स्पीड तेज कर दी। वह अपनी कमर हिला-हिला कर मेरी चूत में धक्के लगाने लगे। उनका लंड मेरी चूत में चलना शुरू हुआ, तो मेरी सिसकारियां बढ़ गई आहहहहह.. आहहह... आआहहहह....।
मेरे नंदोई जी मेरे बाल पकड़कर मुझे पीछे से चोद रहे थे। चुदाई के झटकों के कारण मेरी चूचियां हवा में झूल रही थी, और धक्कों की वजह से आगे-पीछे हो रही थी। हहह आआहहह... आहहहह.. आहहहह.. की मेरी कामुक आवाजें और साथ में फच.. फच.. फच.. की आवाज़ बाथरूम में गूंज रही थी।
मेरी कामुक सिसकारियां और बढ़ गई थी। मैं मजे से नंदोई के जोरदार लंड के झटके खा रही थी। उनका लंड मेरी चूत में ठोकर मारता रहा था, और मेरी चूत पूरी शिद्दत से उनके गरमा-गर्म लंड के झटके खा रही थी।
मैं मस्ती से चीख रही थी, और वह मुझे चोदे जा रहे थे। मैं उनका लंड घपा-घप अपने अन्दर ले रही थी, और वह दोनों हाथों से मेरी चूचियां मसलते हुए मेरी चूत में लंड पेले जा रहे थे। अन्दर से मेरी चूत एक-दम गर्म हो गयी थी। मेरी चूत भी पूरी तरह से लंड के झटके खा कर मज़े ले रही थी।
वह मुझे घोड़ी बनाकर बहुत तेज़ और गहराई तक जोरदार झटके मार रहे थे।
मैं उनसे बोल रही थी: आपका लंड बहुत जबरदस्त है। मैं बहुत दिनों से प्यासी हूं। प्लीज आज तो मेरी प्यास को बुझा दो। आपका लंड देखकर मेरे सब्र का बांध टूट गया है।
वह बोलने लगे: भाभी क्या गरम चूत हैं आपकी। मेरा पूरा लंड गर्मी के मारे जोश पर है आहहहहहह! चुद लो आज जी भरकर अपने नंदोई के इस गर्म लंड से। आज मैं आपकी चिकनी रसीली चूत का भोसड़ा बना दूंगा। भाभी आप बहुत प्यासी हो आपकी चूत आहहहह। इसकी सारी प्यास मिटा दूंगा आज मैं भाभी।
मैं भी अपनी मोटी गांड उठा-उठाकर उसका का साथ दे रही थी। मेरी चूचियां हवा में हिल रही थी, और वह तेज़ी से मेरी गांड मार रहे थे, और मैं कामुक आवाज में बोल रही थी-
मैं: आहहह... आहहहह... आहहहह... मेरे नंदोई जी! फाड़ दो भाभी की इस चूत को। भोसड़ा बना दो इसका। और जोर से चोदो आहह आहहहहह, बहुत प्यासी है यह चूत।
में कामुक आवाज में सिसकारियां भर रही थी: आहहह आह और अंदर डालो! थोड़ा और अंदर! और जोर से झटके मारो। फाड़ डालों आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दों आहहह आहहह।
वह अपने भूखे लंड को मेरी चूत में धका-धक पेल रहे थे। अपने गर्म लंड को मेरी चूत में घुसा कर झटके पर झटके मार रहे थे।
अचानक मुझे महसूस हुआ कि वह अपनी एक उंगली मेरी गांड के छेद के उपर रगड़ रहे थे। मैं समझ गई कि अब ये मेरी गांड भी मारेगा और मेरी गांड फाड़ेगा। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, पर डर भी लग रहा था, कि आज तो गांड में लंड लेना पड़ेगा। मैं गांड में लंड खाने के लिए उतावली हो रही थी, क्योंकि मैं चुदाई के नशे में थी।
अब उन्होंने अपने दोनों हाथ से मेरे चूतड़ खोले और गांड के छेद पर थूक दिया।उसके बाद मेरी गांड के छेद में अपनी एक उंगली घुसाने लगे। लेकिन मेरी गांड कसी हुई होने के कारण उनकी उंगली अन्दर नहीं जा पा रही थी।
फिर उन्होंने वहां से शैम्पू का पाउच उठाया और फाड़कर पूरा का पूरा मेरी गांड के छेद पर ढाल दिया, और फिर गांड के छेद में उंगली डालने लगे। अब उनकी ऊंगली मेरी गांड में घुस गयी थी। फिर वह मेरी गांड में ऊंगली अन्दर-बाहर करने लगे। मैं अआहह... आहहह... आहहह... की आवाज़ कर रही थी।
मेरे पूरे जिस्म में आग लग गयी थी। मेरी चूत लंड के झटके खा रहा थी, और ऊंगली मेरी गांड में चल रही थी। उन्होंने मेरी गांड में ऊंगली करके मेरी गांड के छेद को चौड़ा कर दिया।
मेरी मोटी गांड हिलते देख वह और जोश में आ गये, और तेज़-तेज़ चोदते हुए चूतड़ पर हाथ मारने लगे। मैं घोड़ी बनी हुई थी और वह पीछे से मेरी चूत में लंड डाल के चुदाई कर रहे थे। उनके लंड के झटके खा-खा कर मैं फिर से झड़ गई। वह मेरी चूत में घपा-घप लंड घुसा कर ताबड़-तोड़ चोद रहे थे, और मैं घोड़ी बन कर पीछे से अपनी चूत की चुदाई करवा रही थी।
वह बोले: भाभी आज मुझे मत रोकना।
शायद उनका पूरा ध्यान मेरी गोरी मखमली गांड पर ही था।
वह बोले: भाभी मेरी नज़र आपकी फूली हुई गांड पर पड़ गई। क्या मखमली गांड है भाभी आपकी। मुझे आपकी चूत चोदते हुए आपकी गांड मारने का मन हो गया भाभी।
अब उनका लंड पेलना रुक गया, तो मैंने पीछे मुड़कर देखा और पूछा: रुक क्यों गए?
तो नंदोई जी बोले: मेरी जान, मैं आपकी चूत को चोद रहा हूं, और अब आपकी गांड मारने का मन हो रहा है।
फिर उन्होंने मेरे एक चूतड़ को मसलते हुए कहा: भाभी अब मुझे तुम्हारी गांड भी मारनी है।
मैं बोली: आपका इतना बड़ा लंड जब मेरी गांड में जाएगा, तो मेरा क्या होगा नंदोई जी? मेरी गांड फट जायेगी।
तो उन्होंने मेरे चूतड़ को सहलाते हुए कहा: कुछ नहीं होगा मेरी जान। मैं आपकी गांड का पूरा ख्याल रखूंगा। तुम मुझ पर भरोसा रखो।
और फिर उन्होंने अपना लंबा लंड मेरी चूत में से बाहर निकाला, और लंड पर बहुत सारा शैम्पू लगा के लंड मेरी गांड के छेद पर लगाया। इससे मेरी गांड एक-दम फिसल-पट्टी जैसी चिकनी हो गई थी। फिर उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरे कंधे को पकड़ कर ज़ोर लगाया, जिससे उनका आधा लंड मेरी कसी हुई मखमली गांड के अन्दर चला गया।
मैं दर्द के मारे चीख पड़ी। उन्होंने मुझे कंधों से पकड़ लिया, जिससे मैं हिल नहीं पाई। करीब 10 सेकंड तक उन्होंने लंड ऐसे ही रखा, और फिर एक झटके से पूरा लंड गांड के अन्दर घुसा दिया। अब उनका पूरा लंड मेरी गांड में किसी चाकू की तरह अंदर तक उतर गया। उनका पूरा लंड मेरी गांड में समा चुका था। अब उन्होंने मेरी कमर को अपने हाथों से कसकर पकड़ लिया, और मेरी गांड में अपना लंड डालने लगे।
मेरी आंखों से आंसू आने चालू हो गए और मैं दर्द के मारे हिल भी नहीं पा रही थी। थोड़ी देर बाद उन्होंने अपने लंड को बाहर निकाला, और दोबारा से एक जोरदार धक्का दे दिया। मेरे मुंह से आहहहहह... आहहहहह... आहहहहह... की तेज आवाज़ें निकल रही थी। अब वह धीरे-धीरे लंड को मेरी गांड में अन्दर-बाहर करने लगे। थोड़ी देर बाद मुझे मज़ा आने लगा।
अब उनको लगा कि मैं मज़े ले रही थी, तो उन्होंने झटके तेज़ कर दिए, और मेरी मोटी गांड को चोदने लगे। हम दोनों चुदाई में लगे हुए थे। वह मेरी चूचियां मसलते हुए मेरी गांड को जोर-जोर से चोद रहे थे।
मेरे मोटे चूतड़ उसके झटकों से हिल रहे थे। वह मेरी गांड को पीटते हुए चोदने लगे, और मैं मज़े से उनके लंड के झटके खाने लगी। मैं मधमस्त होकर गांड हिला-हिला कर चुदवा रही थी। वह अपने हाथ से मेरी चूत के दाने को सहलाने लगे।
फिर एक उंगली में थूक लिया, और उंगली से मेरी चूत की फांकों को सहलाने लगे। साथ ही मेरी गांड में झटके पर झटके देते जा रहे थे। मुझे अपनी गांड मराने में मज़ा आ रहा था। मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन फिर भी मैं बोल रही थी-
मैं: डालो अपना लंड मेरी गांड में। फाड़ दो इसे आज।
मुझमें लंड को गांड में लेने की भूख बहुत ज्यादा थी। अब मैं खुद ही अपनी गांड को आगे-पीछे करके मधमस्त आवाजें निकालने लगी।
मैं: आहहहह... आहहह... आहहह... चोद दो मेरी गांड को अआाहाहह। फाड़ दो इसे आहहहह... आहहह... आहहह...। और अन्दर तक डालो आाआहह। तेज चोदो अआहहह, और तेज-तेज गांड मारो नंदोई जी, फाड़ डालो आज भाभी की गांड आहहह, यस यस डालो अन्दर तक डालो।
उन्होंने मुझे कमर से कस के पकड़ रखा था। अब वह धीरे-धीरे मेरी कसी हुई गांड में अपना मूसल लंड अन्दर-बाहर करने लगे और जमकर मेरी गांड मारने लगे। मैं आह आह उफफ किए जा रही थी। धीरे-धीरे उन्होंने झटकों की स्पीड बढ़ा दी। मैं घोड़ी बनकर उनके लंड से गांड मरा रही थी।
उन्होंने मेरी गांड पर आठ-दस ज़ोर-ज़ोर से थप्पड़ मारे, जिससे मेरी गांड लाल हो गई। मैं उनके लंड के मज़े ले रही थी। पूरे बाथरूम में आहहहह.. आहहहह.. फच्च्च्च फच्च की आवाज गूंज रही थी। मैं फिर से झड़ चुकी थी।
मैं अपनी मोटी गांड में नंदोई का लंड ले रही थी। और बोल रही थी कि: आह आह और जोर-जोर से चोद दे मेरे नंदोई, मजा आ रहा है। आह चोद जोर से चोद।
उन्होंने मुझे गाली देते हुए कहा: हां ले चुद ले भाभी आह आह चुद लो अपने नंदोई के लंड से आह, ले मेरा लंड। मैं तो कब से तुझे चोदना चाह रहा था। आज जाकर मौका लगा है मेरी जान। आज तुझे मेरे लंड का पूरा मजा दूंगा। तेरा पति तो तुझे ढंग से चोदता नहीं है।
मैं बोली: बड़ा अन्दर तक पेल रहे हो आह। मजा आ रहा है। मैं बहुत दिनों के बाद चुद रही हूं आह।
वह पूरे जोश में कस-कस के धक्के मार रहे थे, जिससे मेरी चीखें निकल रही थी। मुझे सेक्स चढ़ रहा था। मैं मज़ा लेती हुई अपनी कमर हिला-हिला कर नंदोई जी का साथ दे रही थी।
मैं जोर-जोर से सिसकारी भर रही थी। मेरे सिसकारी भरने से वह और जोश में आकर बुरी तरह से मुझे चोद रहे थे। खड़े-खड़े चुदवाते-चुदवाते मैं थक गई। फिर मैं बोली-
मैं: अब अपना लंबा लंड मेरी चूत में डालो।
तो उन्होंने मेरी गांड में से अपना लंड निकाला, और मुझसे बोले कि लेट जाओ। तो मैं सीधी होकर नीचे ही लेट गई। वह मेरे दोनों पैरों के बीच में आये, और फिर उन्होंने अपना लंड मेरी चूत पर रखकर जोर से धक्का दिया। तो उनका लंड मेरी चूत में ना जाकर, वहां से फिसलकर पीछे की और सरक गया।
मैं झट से बोल पड़ी: फिर से गांड नहीं मारो यार।
फिर मैंने अपने हाथ से उनके लंड को पकड़कर अपनी चूत पर लगा दिया, और बोली: अब धक्का दो।
जैसे ही नंदोई जी ने जोर से एक धक्का दिया, उनका पूरा लंड मेरी चूत की गहराई में अंदर तक चला गया। तभी उन्होंने अपने झटकों की स्पीड बढ़ा दी। मेरे नंदोई जी मुझे जोर-जोर से चोद रहे थे, और मेरे बड़े - बड़े चूची भी दबा रहे थे।
मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं सिसकारियां ले रही थी और बोल रही थी-
मैं: और जोर से चोदो, और जोर से चोदो, फाड़ दो मेरी चूत आह। मेरी चूत का भोंसड़ा बना दो आज। बहुत मजा आ रहा है। और जोर से चोदो, अन्दर तक डालो आहहह।
वह मेरी चूत में अपना लंड घपा-घप अन्दर-बाहर करते जा रहे थे। थोड़ी देर में हमने चुदाई की पोजीशन बदल ली। अब वह नीचे लेट गए। मैं उनके उपर आकर बैठ गई, और उनके लंड को अपनी चूत की दरार पर रखा। तभी उन्होंने नीचे से एक ज़ोर का झटका मारा, तो उनकी और मेरी झांटे आपस में मिल गई। मेरी चीख निकल गई।
अब मैं उनके लंड के ऊपर बैठकर उपर-नीचे होने लगी। हम पूरे पसीने-पसीने हो गये थे, तो मैंने शावर चालू कर दिया। शावर से हल्के-हल्के पानी की बूंदे मेरी चूंचियों पर पड़कर, मेरे पेट से रिसती हुई मेरी गहरी नाभी से होकर, मेरी चिकनी चूत से होकर उनके लंड पर पड़ रही थी।
उनका बड़ा और मोटा लंड मेरी चूत में सका-सक फका-फक अन्दर-बाहर हो रहा था। मैं उनके लंड पर उछल-उछल कर चुद रही थी। मेरी चूचियां भी उछल रही थी। फिर उन्होंने मेरी एक चूची को पकड़ा, तो मैं झुक कर उनके मुंह तक ले गई। अब वह मेरी दोनों चूंचियों को बारी-बारी से चूसने लगे। इधर मैं अपनी गांड उठा-उठाकर उनके लंड पर उछल रही थी।
हम दोनों बेकाबू हो रहे थे। हमें बहुत मजा आ रहा था। मैं बहुत उत्तेजित हो गई थी, और मैं झड़ने वाली थी। वह मुझे चोदे जा रहे थे। फिर मैं बोली मैं झड़ने वाली हूं, और मैं झड़ गई।
कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे बोला: भाभी मेरे लंड का पानी निकलने वाला है। चूत में ही निकाल दूं क्या?
तो मैंने कहा: नही लंड को बाहर निकालो, मैं लेट जाती हूं। मेरे पेट पर आपके लंड का खारा पानी निकालना।
नंदोई जी उठ गये, और मैं जल्दी से वहीं बाथरूम में लेट गई। तो उन्होंने अपने लंड को पकड़ा और अपने हाथ से हिलाते हुए मेरी पर नाभी पर अपने लंड का खारा पानी भर दिया।
फिर हम दोनों साथ में नहाने लगे। मैं अपने हाथ से उनके लंड पर रगड़-रगड़ कर साबुन लगाने लगी, और बड़े प्यार से उनकी पीठ सहला कर साबुन लगाने लगी। फिर उन्होंने मेरी पीठ पर पानी की बूंदे डाली, तो मैं कसमसा गई।
वह साबुन लगाने लगे। मैंने आंखे बंद कर ली, और वह मेरी पीठ सहलाने लगे। वह साबुन लगाते हुए मेरे पेट पर हाथ घुमाने लगे, और मेरी नाभि को सहलाते हुए मेरी चूंचियों की तरफ अपना हाथ ले गये।
फिर बोले: भाभी आप नहाते हुए बहुत सेक्सी लग रही हो।
फिर हम नहा लिये, तो उन्होंने तौलिये से मेरा पूरे भीगे बदन को पौंछा, और मेरी चिकनी छाती, चिकने पेट और बड़ी-बड़ी चूंचियों को देखकर मुस्कुरा कर बोले-
नंदोई: भाभी आज तो मजा आ गया यार। फिर कब दे रही हो मौका?
मैं सेक्सी स्माईल के साथ बोली: अब नहीं।
उसके बाद उन्होंने अपने हाथों से मुझे ब्रा , पैन्टी और साड़ी , ब्लाउज पहनाई, और खुद ने भी कपड़े पहने। फिर हम बाथरूम से निकलकर मेरे कमरे में चले गये।


![[+]](https://xossipy.com/themes/sharepoint/collapse_collapsed.png)