04-07-2019, 05:52 AM
मेरा नाम अमनप्रीत कौर है। उम्र 28 साल है, रंग गोरा है, शरीर मांसल है। मेरे 36 के मुम्मे,28कमर, 38 गांड लोगों को लंड हिलाने पर मजबूर कर देते। हमारा गाँव मोगा सिटी के पास है. मेरी शादी लुधियाना में 21वें वर्ष में हुई। लेकिन पति ड्रग्स लेता था। इस वजह से 4 साल बाद हमारा तलाक हो गया। मैंने फिर से अपने गाँव में रहना शुरू कर दिया। अब दिन तो जैसे तैसे गुजर जाता है लेकिन रात को मैं बैड पर करवटें बदलती रहती। मेरी गुलाबी चूत दिन-ब-दिन लंड मांग रही थी लेकिन मैं किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश कर रही थी जो मुझे कस कस के चोदे और बदनामी भी करे।
एक दिन अचानक मैं अपने ननिहाल से अकेली वापस आ रही थी। मैने लुधियाना से मोगा कि बस पकड़ी । बस नें ज्यादा लोग नहीं थे।
हल्की बारिश हो रही थी। बस अभी शहर से बाहर निकली ही थी कि 45-46 साल का एक लंबा-चौड़ा आदमी मेरे साथ वाली सीट पर आकर बैठ गया। उस कि सरीर पहलवानों जैसा था। मीठी मीठी ठंड थी। वह मेरे साथ सट कर बैठ गया। उसने मुझसे मौसम के बारे में बात करना शुरू कर दिया। बातों-बातों में उसने मेरा नाम पूछा। मैं उस के साथ खुल कर बात करने लगी। तो उसने मेरी तारीफ करना शुरू कर दिया। उसने अपने बारे में बताया कि वह एक बैंक मैनेजर है। उनका परिवार दिल्ली है और वह अकेला रहता हैं। मुझे पता भी नहीं चला कि कब उसने मेरा हाथ अपने हाथ में दबा लिया और मैं सुन्न हो गया। अचानक एक हाथ से वह मेरी जांघे सहलाने लगा। जब मैने कोई विरोध नही किया तो उसने दूसरे हाथ से मेरा मुम्मा पकड़ लिया। बस के बाहर बारिश हो रही थी और बस में मेेैं गरम हो रही थी। मोगा पहुंच ने तक उस ने मुझे जी भर कर मिला। मेरी चूत पानी छोड़ रही थी।
जब वे मोगा पहुँचे, तो उन्होंने कहा, "मेरा घर निकट है, मेरी चाय पी कर चली जाना ।" पहले तो मैंने मना कर दिया, लेकिन अधिक जोर देने से मैं मान गई। फिर हम रिक्शा लेकर उसके घर आ गए, मैंने महसूस किया कि अगर मैं इसके के घर पहुँच गयी हूं तो मैं आज मेरी चूत पक्का चुदेगी।
एक दिन अचानक मैं अपने ननिहाल से अकेली वापस आ रही थी। मैने लुधियाना से मोगा कि बस पकड़ी । बस नें ज्यादा लोग नहीं थे।
हल्की बारिश हो रही थी। बस अभी शहर से बाहर निकली ही थी कि 45-46 साल का एक लंबा-चौड़ा आदमी मेरे साथ वाली सीट पर आकर बैठ गया। उस कि सरीर पहलवानों जैसा था। मीठी मीठी ठंड थी। वह मेरे साथ सट कर बैठ गया। उसने मुझसे मौसम के बारे में बात करना शुरू कर दिया। बातों-बातों में उसने मेरा नाम पूछा। मैं उस के साथ खुल कर बात करने लगी। तो उसने मेरी तारीफ करना शुरू कर दिया। उसने अपने बारे में बताया कि वह एक बैंक मैनेजर है। उनका परिवार दिल्ली है और वह अकेला रहता हैं। मुझे पता भी नहीं चला कि कब उसने मेरा हाथ अपने हाथ में दबा लिया और मैं सुन्न हो गया। अचानक एक हाथ से वह मेरी जांघे सहलाने लगा। जब मैने कोई विरोध नही किया तो उसने दूसरे हाथ से मेरा मुम्मा पकड़ लिया। बस के बाहर बारिश हो रही थी और बस में मेेैं गरम हो रही थी। मोगा पहुंच ने तक उस ने मुझे जी भर कर मिला। मेरी चूत पानी छोड़ रही थी।
जब वे मोगा पहुँचे, तो उन्होंने कहा, "मेरा घर निकट है, मेरी चाय पी कर चली जाना ।" पहले तो मैंने मना कर दिया, लेकिन अधिक जोर देने से मैं मान गई। फिर हम रिक्शा लेकर उसके घर आ गए, मैंने महसूस किया कि अगर मैं इसके के घर पहुँच गयी हूं तो मैं आज मेरी चूत पक्का चुदेगी।